Thursday, June 4, 2020

easysaran.wordpress.com

दुनिया की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं की रिसर्च से जाहिर हुआ है कि जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है, वहां कोरोना ज्यादा जानलेवा रहा है। भारत में भी यही ट्रेंड देखा गया है। यहां मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे उन बड़े शहरों में है जहां वायु प्रदूषण सबसे अधिक है। यहां देश के करीब 40% संक्रमण के मामले मिले। यहां कोरोना से मृत्यु दर 3.85% है, जो देश के औसत 2.8% से अधिक है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र की स्टडी में यही नतीजे सामने आए हैं।

अमेरिकाः जो इलाके ज्यादा प्रदूषित वहां 15% मृत्यु दर रही
हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चलता है कि अमेरिका में जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां कोरोना से मृत्यु दर 15% रही। यानी जो व्यक्ति 2.5 पीएम के उच्च स्तर के प्रदूषित इलाके में कई दशक से रह रहा है, उसे कोरोना होने पर मौत की आशंका 15% बढ़ जाती है। स्टडी के अनुसार, कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 1 क्यूबिक मीटर में 13 माइक्रोग्राम रहा। यह अमेरिकी औसत 8.4 से बहुत अधिक है। अगर मैनहट्‌टन में एक माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कम प्रदूषण कण होते, तो शायद 248 मौतें कम होतीं।

चीनः 120 शहरों में संक्रमण के मामले क्योंकि प्रदूषण ज्यादा
कोरोना के जन्मस्थल माने जाने वाले चीन की बात करें, तो यहां के 120 शहरों के प्रदूषण स्तर को शोधकर्ताओं ने कोविड महामारी फैलने से जोड़ा है। यहां 1 क्यूबिक मीटर में 10 माइक्रोग्राम कणों की बढ़त देखने को मिली, जिसके चलते संक्रमण के पॉजिटिव मामलों में वृद्धि हुई। यह कोई पहली बार नहीं है कि जब वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों को प्रदूषण से जोड़कर देखा जा रहा है। 2003 में चीन के सार्स के मरीजों पर हुए एक शोध में यही कहा गया था। उसके मुताबिक, यदि मरीज उच्च स्तर के प्रदूषण वाले इलाकों में रहते, तो मरने वालों की संख्या में 84% की बढ़ोतरी होती।

इटली: उत्तरी इटली सबसे ज्यादा प्रदूषित, यहां मृत्युदर 12%
उत्तरी इटली के लोम्बार्डी और एमिलिया रोमाग्ना इलाके में मृत्यु दर बाकी इटली (4.5%) की तुलना में 12% थी। इसकी प्रमुख वजहों में एक प्रदूषण भी है। रिसर्च के अनुसार, हवा से फैले छोटे कणों ने वायरस फैलाया। इटली के अन्य स्थानों की तुलना में पीओ घाटी में प्रदूषण अधिक है। शोधकर्ताओं ने एक अन्य रिसर्च का हवाला देते हुए कहा है कि इंफ्लूएंजा, सांस नली को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस और चेचक वायु कणों के सहारे फैले हैं। लिहाजा, मानव संपर्क के अलावा प्रदूषण में कमी भी वायरस के फैलाव को रोकने का एक रास्ता हो सकता है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे उन बड़े शहरों में है जहां वायु प्रदूषण सबसे अधिक है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eVHGTp
via

No comments:

Post a Comment

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via