Saturday, January 18, 2020

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मुंबई.यहां रविवार को 17वीं टाटा मुंबई मैराथन हुई। रेस में शामिल 7 लोगों को दिल का दौरा पड़नेके कारण बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 64 साल के गजानन मलजलकर की मौतहो गई। बाकी लोगों का इलाज जारी है। यह जानकारी बॉम्बे हॉस्पिटल के पीआरओ ने दी है। लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए डॉक्टरों ने भी मैराथन में हिस्सा लिया।

42 किमी की मैराथन सुबह पांच बजे शुरू हुई। मुख्यमंत्रीउद्धव ठाकरे ने फायर कर इसकीशुरुआत की। 45से ज्यादा लोगों ने रेस में हिस्सा लिया। पुरुष वर्ग में तीनों विजेता इथियोपिया से रहे। पहले नंबर पर डेरारा हुरिसा, दूसरे स्थान पर ऐले अबशेरो और तीसरे स्थान पर बिरहानू ताशोम रहे।



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टाटा मैराथन के पुरुष वर्ग में इथियोपिया रेसर टॉप थ्री में रहे।


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खेल डेस्क. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे की सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला आज बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में लगातार तीसरी बार टॉस जीता। उसने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कंगारू टीम में केन रिचर्डसन की जगह जोश हेजलवुड को शामिल किया गया। टीम इंडिया ने प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया। पिछले मैच में चोटिल होने वाले रोहित शर्मा और शिखर धवन टीम में हैं।

फिलहाल, सीरीज 1-1 से बराबर है। भारत के पास ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छठी सीरीज जीतने का मौका है। दोनों के बीच अब तक 11 द्विपक्षीय सीरीज खेली गई। इसमें भारत ने 5 में जीत हासिल की और6 में उसे हार मिली। दोनों के बीच पिछली सीरीज मार्च 2019 में भारत मेंहुई थी, तब ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया पर 3-2 से जीत दर्ज की थी।सीरीज के पहला मैच मुंबई में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। राजकोट में खेले गए दूसरेवनडे में भारतीय टीम ने वापसी की। उसने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हराते हुए सीरीज बराबर की।

चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत 7 में से 4 मैच जीता
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक 7 वनडे खेले। इनमें भारत ने 4 मैच जीते, जबकि 2 में उसे हार मिली। एक मैच बेनतीजा रहा। पिछली बार 28 सितंबर 2017 को ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 21 रन से हराया था।

हेड-टू-हेड
दोनों टीमों के बीच अब तक हुए 139 वनडे में भारतीय टीम 51 में ही जीत सकी। ऑस्ट्रेलिया की टीम 78 में जीती। 10 मुकाबले बेनतीजा रहे। वहीं, भारत में दोनों के बीच अब तक 63 मैच हुए। इस दौरान टीम इंडिया 28 में जीती। 30 में हार का मिली। 5 मुकाबले बेनतीजा रहे।

दोनों टीमें
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप कप्तान), जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, शिखर धवन, शिवम दुबे, श्रेयस अय्यर, रविंद्र जडेजा, केदार जाधव, मनीष पांडेय, केएस भरत (विकेटकीपर), लोकेश राहुल, नवदीप सैनी, मोहम्मद शमी, शार्दुल ठाकुर और कुलदीप यादव।

ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिंस, एश्टन एगर, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जोश हेजलवुड, मॉर्नस लबुशाने, केन रिचर्डसन, डी आर्सी शॉर्ट, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, एश्टन टर्नर, डेविड वॉर्नर और एडम जम्पा।



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भारत ने राजकोट में खेले गए पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया था।


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मुंबई.यहां रविवार को 17वीं टाटा मुंबई मैराथन हुई। रेस में शामिल 7 लोगों को दिल का दौरा पड़नेके कारण बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 64 साल के गजानन मलजलकर की मौतहो गई। बाकी लोगों का इलाज जारी है। यह जानकारी बॉम्बे हॉस्पिटल के पीआरओ ने दी है। लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए डॉक्टरों ने भी मैराथन में हिस्सा लिया।

42 किमी की मैराथन सुबह पांच बजे शुरू हुई। मुख्यमंत्रीउद्धव ठाकरे ने फायर कर इसकीशुरुआत की। 45से ज्यादा लोगों ने रेस में हिस्सा लिया। पुरुष वर्ग में तीनों विजेता इथियोपिया से रहे। पहले नंबर पर डेरारा हुरिसा, दूसरे स्थान पर ऐले अबशेरो और तीसरे स्थान पर बिरहानू ताशोम रहे।



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टाटा मैराथन के पुरुष वर्ग में इथियोपिया रेसर टॉप थ्री में रहे।


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नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी रविवार को ‘केजरीवाल का गारंटी कार्ड’ जारी करेगी। बताया जा रहा है कि यह गारंटी कार्ड आप के घोषणा पत्र से अलग होगा। इसमें उन बिंदुओं को शामिल किया जाएगा, जो पार्टी सत्ता में आने के बाद अगले पांच साल में पूरे करेगी। आप दिल्ली की सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर चुकी है। मुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन की आखिरी तारीख 21 जनवरी है। 8 फरवरी को मतदान के बाद 11 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे।

गारंटी कार्ड में महिला सुरक्षा, यमुना की सफाई, स्वच्छ जल की आपूर्ति से जुड़े मुद्दे शामिल किए जाने की संभावना है। पार्टी नेता गोपाल राय ने कहा कि गारंटी कार्ड को डोर टू डोर कैंपेन के जरिए दिल्ली के 35 लाख लोगों तक पहुंचाया जाएगा। 26 जनवरी के आसपास हम अपना घोषणा पत्र भी जारी करेंगे।



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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। -फाइल फोटो


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मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वे किसी भी नेता के असीमित समय तक के लिए राष्ट्रपति रहने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम सोवियत यूनियन में हुआ करता था। पुतिन का यह बयान विश्व युद्ध-2 के सैनिकों के साथ मुलाकात के दौरान आया। पुतिन खुद 16 साल से देश के राष्ट्रपति हैं। वे पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे। आठ साल तक यह पद संभालने के बाद वे 2008 से 2012 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रपति पद संभाला। उनका कार्यकाल अभी 2024 तक चलेगा। यानी 21वीं सदी के शुरुआती 24 सालों में ही वे 20 साल राष्ट्रपति रहेंगे।

पुतिन ने बुधवार को ही रूस के संविधान में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि देश में राजनीतिक ताकतों का बंटवारा ज्यादा बेहतर तरीके से किया जाएगा। यह शक्तियां राष्ट्रपति से लेकर संसद, राज्य परिषद और अन्य सरकारी संस्थानों को भी दी जाएंगी। इसके बाद से ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुतिन राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहते हैं।

पूर्व सैनिक ने कहा- राष्ट्रपति बनने की सीमा नहीं होनी चाहिए, पुतिन बोले- यह गलत
पुतिन शनिवार को ही ‌‌‌दूसरे विश्व युद्ध का हिस्सा रहे पूर्व सैनिकों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां एक वेटरन ने कहा कि रूस में राष्ट्रपति पद पर रहने की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। हालांकि, इस पर पुतिन ने कहा, “यह ठीक नहीं। 1980 जैसी स्थिति में पहुंचना काफी परेशानी बढ़ाने वाला होगा। क्योंकि तब लोग अपने जीवन के अंतिम दिनों तक राज करते थे।”

संविधान में बदलाव कर कैसे फायदा पा सकते हैं पुतिन?
व्लादिमीर पुतिन के संविधान में बदलाव के ऐलान के साथ ही रूस में प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव के नेतृत्व वाले कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पुतिन ने अपने करीबी और राजनीति में नए नाम मिखाइल वी. मिशुस्तिन को देश का प्रधानमंत्री बनाया। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन राष्ट्रपति की ताकतें संसद और कैबिनेट को देना चाहते हैं। यानी वे सरकार को ज्यादा मजबूत बनाएंगे। इसके जरिए वे अगले कार्यकाल में राष्ट्रपति न रह कर प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

दरअसल, रूस में कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार ही राष्ट्रपति रह सकता है। पुतिन 2000 से 2008 तक राष्ट्रपति रहे थे। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद लिया। 2012 में वे एक बार फिर राष्ट्रपति बने। पहले उन्होंने राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि 4 साल से बढ़ाकर 6 साल की। 2018 में हुए चुनाव में दोबारा जीत हासिल करने के बाद उनका कार्यकाल 2024 तक तय हो गया। हालांकि, 2024 में उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा। माना जा रहा है कि पुतिन सीधे तौर पर राष्ट्रपति पद का कार्यकाल असीमित नहीं करना चाहते, बल्कि सरकार को मजबूत कर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।



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पुतिन विश्व युद्ध-2 के 75वें साल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
1942 में जर्मनी के सैनिक पहले रूस के लेनिनग्राद में ही घुसे थे।
यहां वे विश्व युद्ध-2 में लड़ने वाले पूर्व सैनिकों से भी मिले।
जर्मन सैनिक हार से पहले करीब 2.5 साल तक रूस में रहे थे।
पुतिन लेनिनग्राद में विश्व युद्ध-2 में मारे गए सैनिकों के परिजनों से भी मिले।
पुतिन ने प्रदर्शनी में मौजूद लोगों से बातचीत की।
कलाकारों ने विश्व युद्ध-2 के समय की जर्मनी की एक गली हूबहू बनाई।
आयोजनकर्ताओं ने पुतिन को बर्लिन स्ट्रीट का दौरा कराया।
पुतिन पूर्व राष्ट्रपति येल्तसिन की बेटी को जन्मदिन की बधाई देने उनके घर पहुंचे।


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शिर्डी.मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताने से नाराज शिर्डी के लोगों ने आज से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। बंद के बीच साईं बाबा के समाधि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रोज की तरह उमड़ी है।साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि बंद में मंदिर ट्रस्ट शामिल नहीं है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं, प्रशासन नेनासिक से काफी पुलिस बल शिर्डीमें तैनात किया गया है।

शिर्डी और आसपास के 25 गांव आंदोलन में शामिल

मुख्यमंत्री के बयान के बाद शिर्डी समेत आसपास के 25 गांव के लोग आंदोलित हैं। उनका कहना है-पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है, लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी- जब तक सीएम अपने बयान को वापस नहीं लेते तब तक वह आंदोलित रहेंगे।

उद्धव ने पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपएदेने की घोषणा की

साईं बाबा के जन्‍म स्‍थान को लेकर विवाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद पैदा हुआ है। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपएका ऐलान कर दिया। यूं तो साईं के जन्म को लेकर साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिर्डीआकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिर्डीकी पहचान भी साईं से हो गई।

राकांपा नेता ने भी पाथरी को बता चुके हैं बाबा का जन्मस्थान

राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया थाकि उनके पास पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां शिर्डी साईं बाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है। देश-विदेश से पर्यटक पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां बुनियादी ढांचा नहीं है।’’खान ने कहा- ‘‘शिर्डी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए। शिर्डी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।’’



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मंदिर ट्रस्ट ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि बंद का मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बंद की घोषणा के दौरान शिर्डी में साईं बाबा के समाधि मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी।
श्रद्धालु भी यहां रोज की तरह आ रहे हैं। उनके उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।


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शिर्डी.मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताने से नाराज शिर्डी के लोगों ने आज से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। बंद के बीच साईं बाबा के समाधि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रोज की तरह उमड़ी है।साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि बंद में मंदिर ट्रस्ट शामिल नहीं है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं, प्रशासन नेनासिक से काफी पुलिस बल शिर्डीमें तैनात किया गया है।

शिर्डी और आसपास के 25 गांव आंदोलन में शामिल

मुख्यमंत्री के बयान के बाद शिर्डी समेत आसपास के 25 गांव के लोग आंदोलित हैं। उनका कहना है-पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है, लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी- जब तक सीएम अपने बयान को वापस नहीं लेते तब तक वह आंदोलित रहेंगे।

उद्धव ने पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपएदेने की घोषणा की

साईं बाबा के जन्‍म स्‍थान को लेकर विवाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद पैदा हुआ है। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपएका ऐलान कर दिया। यूं तो साईं के जन्म को लेकर साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिर्डीआकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिर्डीकी पहचान भी साईं से हो गई।

राकांपा नेता ने भी पाथरी को बता चुके हैं बाबा का जन्मस्थान

राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया थाकि उनके पास पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां शिर्डी साईं बाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है। देश-विदेश से पर्यटक पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां बुनियादी ढांचा नहीं है।’’खान ने कहा- ‘‘शिर्डी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए। शिर्डी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।’’



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मंदिर ट्रस्ट ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि बंद का मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बंद की घोषणा के दौरान शिर्डी में साईं बाबा के समाधि मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ी।
श्रद्धालु भी यहां रोज की तरह आ रहे हैं। उनके उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।


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इंदौर. जम्मू-कश्मीर में 30 साल पहले आज ही के दिन 19 जनवरी 1990 को हुए अत्याचार की दुखद घटना अब भी कश्मीरी पंडितों के जेहन में है। इंदौर में रह रहे 90 कश्मीरी पंडितों के परिवारों का कहना है कश्मीर के लोग धारा 370 हटने के बाद इंटरनेट बंद होने से पांच माह में ही परेशान हो रहे हैं, लेकिन हमने तो पांच साल तक जुल्म सहे हैं। अपने ही देश में हमें परायों की तरह रहना पड़ा था। कश्मीरी समाज के अध्यक्ष अनिल कौल कहते हैं उस समय मैं 12वीं में पढ़ता था। मेरे सामने क्रिकेट मैच के दौरान जावेद मियादाद के सिक्सर पर वे लोग ताली बजाते थे।

1990 से 1995 के दौरान महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए। राजीव शालिया कहते हैं दहशत के बीच सभी लोग मुश्किल से जान बचाकर भागे। ठंडे स्थान पर रहने के कारण कई कश्मीरी हिंदू दिल्ली की मई-जून की गर्मी सह नहीं सके और मारे गए। इंदौर में ही रह रहे कई परिवारों के मुखिया उस समय कैंप में सांप-बिच्छू के काटने के कारण जान गंवा बैठे।

बच्चे कहते हैं वहीं घूमने चलेंगे, जहां रहते थे
सभी के मन में एक ही बात होती थी कि वह दिन कब जाएगा, जब धारा 370 हटेगी। धारा 370 हटने के बाद ऐसा लगा कि न्याय मिल गया। बच्चे कहते हैं छुटि्टयों में वहीं घूमने चलेंगे, ताकि बुरी यादें हमेशा के लिए खत्म हो जाए।

हम घर छोड़कर आए, हमें पत्थरबाजी आज भी याद है
डीएन कौल कहते हैं लोगों के साथ हुई ज्यादती आज भी याद है। घर से कमाने निकलते थे तो ऐसा लगता था कि कोई घटना न हो जाए। सैकड़ों परिवार ऐसे थे, जिन्होंने अपनों को खोया था। महिलाओं का कहना है घरों की कांच की खिड़की तोड़कर पत्र फेंके गए थे। उसमें लिखा था कि 24 घंटे में घर खाली कर दो, अन्यथा जिंदगी खत्म समझो। पुलवामा में रहने वाले एक परिवार की महिलाओं का कहना है तब पत्र मिलने वाली रात ही 15 से ज्यादा कश्मीरी पंडित परिवार ट्रक में बैठकर जम्मू आ गए।



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अनिल कौल का परिवार 25 साल पहले इंदौर आकर बस गया था।


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निजामाबाद (तेलंगाना). राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में दो बच्चों की नीति लागू करने की मांग पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि देश की असली समस्या आबादी नहीं, बल्कि बेरोजगारी है। ओवैसी ने शनिवार को निजामाबाद में आरोप लगाया कि आरएसएस का एजेंडा मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करना है।

ओवैसी ने कहा, “मुझे आपके बयान पर शर्म आ रही है। मेरे दो से ज्यादा बच्चे हैं। कई भाजपा नेताओं के भी दो से ज्यादा बच्चे हैं। आरएसएस हमेशा मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करने की बात कहता है। इस देश की असली समस्या बेरोजगारी है, न कि आबादी।” उन्होंने मोहन भागवत से देश में नौकरी पाने वाले युवाओं की संख्या पूछी। देश में रोजगार की कमी को लेकर उन्होंने दावा किया- बेरोजगारी की वजह से 2018 में हर दिन 36 युवाओं ने आत्महत्या की।

5 साल में किसी को नौकरी नहीं दे सकी सरकार: ओवैसी
एआएमआईएम प्रमुख ने कहा- आज भारत जैसा जनसांख्यिकीय अनुपात किसी देश में मौजूद नहीं है। भारत की 60% आबादी 40 साल से कम उम्र की है। लेकिन मोदी सरकार 5 साल के कार्यकाल में किसी को भी नौकरी नहीं दे सकी। यही वजह है कि अब आरएसएस दो बच्चों की नीति लाने पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा, “एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में हर दिन 36 बेरोजगारों ने आत्महत्या की और 35 नियोजित लोगों ने आत्महत्या की। क्या भागवत इन आंकड़ों पर जवाब देंगे?”

गुरुवार को भागवत ने दो बच्चों की नीति की बात कही
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार शाम को मुरादाबाद में कहा था कि संघ का अगला एजेंडा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर देशभर में आंदोलन करना है। हम हमेशा से दो बच्चों के समर्थन में रहे हैं। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।



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ओवैसी ने दावा किया- बेरोजगारी की वजह से 2018 में हर दिन 36 युवाओं ने आत्महत्या की।


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लंदन. ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने शाही उपाधि का इस्तेमाल न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही दोनों को अब राजपरिवार के लिए मिलने वाले पब्लिक फंड्स में हिस्सा नहीं मिलेगा। इसके अलावा वे किसी भी देश में महारानी एलिजाबेथ के प्रतिनिधि नहीं होंगे। महारानी के आधिकारिक महल बकिंघम पैलेस की ओर से शनिवार को यह ऐलान किया गया। इसमें बताया गया कि प्रिंस हैरी और मेगन ने अपने फ्रॉगमोर कॉटेज को रेनोवेट करने के लिए जो 24 लाख पाउंड (22 करोड़ रुपए) खर्च किए थे, वे उसे भी लौटाएंगे। यह सभी बदलाव इस साल फरवरी-मार्च से लागू होंगे।

महारानी की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया- “महीनों तक चली बातचीत और चर्चा के बाद मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने मेरे पोते (प्रिंस हैरी) और उनके परिवार के लिए रचनात्मक और सहयोग देने का रास्ता चुन लिया है। हैरी, मेगन और आर्ची हमारे परिवार के सबसे प्यारे सदस्य रहेंगे। मैं दोनों की उन चुनौतियों को भी समझती हूं, जिनकी वजह से उन्हें पिछले दो साल से लगातार मीडिया की जांच से गुजरना पड़ रहा था। हम उनके स्वतंत्र जिंदगी जीने के फैसले का समर्थन करते हैं।”

महारानी ने आगे कहा, “ड्यूक ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी और डचेज ऑफ ससेक्स मेगन अब अपने नाम के साथ ‘हिज/हररॉयल हाइनेस’ की उपाधि इस्तेमाल नहीं करेंगे।” हालांकि, महारानी के बयान में यह नहीं बताया गया कि आगे दोनों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे।”

10 दिन पहले किया था शाही पद की वरिष्ठता छोड़ने का ऐलान
हैरी और मेगन ने 10 दिन पहले ही राजपरिवार की ओर से मिली वरिष्ठता छोड़ने का ऐलान किया था। हैरी और मेगन ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई 2018 में हुई थी। तब इनकी शादी में जनता के 3.2 करोड़ पाउंड करीब (297 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे। इसके अलावा हाल ही में दोनों ने विंडसर पैलेस स्थित अपने घर के रेनोवेशन में ही 24 लाख पाउंड (करीब 22 करोड़ रु.) लगा दिए थे।

यूके और उत्तरी अमेरिका में बड़ा होगा बेटा
हैरी और मेगन ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि कई महीनों तक विचार करने और आपसी बातचीत के बाद हमने यह फैसला किया। उन्होंने लिखा, “यह फैसला शाही परिवार में नई परंपरा की शुरुआत होगी। हम अपना आगे का समय महारानी की सेवा में रहते हुए यूके और उत्तरी अमेरिका में बिताएंगे। हमें अपने शाही परिवार की परंपराओं की कद्र करते हुए बेटे को बड़ा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमें अपने परिवार के अगले अध्याय और नए चैरिटी शुरू करने के बारे में सोचने का मौका मिलेगा।”



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Britain's Prince Harry and Meghan to give up royal titles will repay public funds used to renovate house


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पटना. जल-जीवन-हरियाली और शराबबंदी के पक्ष में और दहेजप्रथा व बाल विवाह के खिलाफ रविवार कोराज्यभर में 16,443 किमी लंबी मानव शृंखला बनाई जाएगी। मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में होगा। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई मंत्री औरअफसर मौजूद रहेंगे।15 हेलिकॉप्टरों पर सवार फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर मानव शृंखला को अपने कैमरे में कैद करेंगे।इसके साथ ही बाइक सवार वीडियोग्राफर भी वीडियो बनाएंगे। गांव से लेकर शहर तक हर एक किलोमीटर पर एक वीडियोग्राफर को तैनात किया गया है।

जिलों से मिली रिपोर्ट ने बढ़ाई लंबाई

मानव शृंखला की लंबाई पहले 16,128 किलोमीटर करने लक्ष्य था, जो जिलों की रिपोर्ट के आधार पर बढ़कर 16370 हो गई थी। शनिवार को फिर मिली रिपोर्ट के आधार पर लंबाई 16,443 हो गई। प्रत्येक किलोमीटर पर शृंखला के लिए एक नायक होंगे। 5 किलोमीटर पर एक सेक्टर ऑफिसर और 10 किलोमीटर पर सुपर सेंटर होगा। कला जत्था के कलाकार मानव शृंखला में शामिल लोगों का उत्साह बढ़ाएंगे। शृंखला में शामिल होकर लोग पर्यावरण और जल बचाने का संकल्प लेंगे। शराबबंदी की सफलता के साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करके लिए एक-दूसरे को जागरूकता का संदेश देंगे।

सभी जिले जुड़े रहेंगे कंट्रोल रूम से

मानव शृंखला की राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा सभागार में रविवार को कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसके प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह बनाए गए हैं। कंट्रोल रूम से सभी जिले जुड़े रहेंगे। 2 बजे तक जिलों से रिपोर्ट ली जाएगी। माध्यमिक शिक्षा उप निदेशक शिवनाथ प्रसाद, सहायक निदेशक अमित कुमार, जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चंद्र और योगेश कुमार को जिलों से रिपोर्ट लेने की जिम्मेदारी दी गई है।



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पटना. जल-जीवन-हरियाली और शराबबंदी के पक्ष में और दहेजप्रथा व बाल विवाह के खिलाफ रविवार कोराज्यभर में 16,443 किमी लंबी मानव शृंखला बनाई जाएगी। मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में होगा। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई मंत्री औरअफसर मौजूद रहेंगे।15 हेलिकॉप्टरों पर सवार फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर मानव शृंखला को अपने कैमरे में कैद करेंगे।इसके साथ ही बाइक सवार वीडियोग्राफर भी वीडियो बनाएंगे। गांव से लेकर शहर तक हर एक किलोमीटर पर एक वीडियोग्राफर को तैनात किया गया है।

जिलों से मिली रिपोर्ट ने बढ़ाई लंबाई

मानव शृंखला की लंबाई पहले 16,128 किलोमीटर करने लक्ष्य था, जो जिलों की रिपोर्ट के आधार पर बढ़कर 16370 हो गई थी। शनिवार को फिर मिली रिपोर्ट के आधार पर लंबाई 16,443 हो गई। प्रत्येक किलोमीटर पर शृंखला के लिए एक नायक होंगे। 5 किलोमीटर पर एक सेक्टर ऑफिसर और 10 किलोमीटर पर सुपर सेंटर होगा। कला जत्था के कलाकार मानव शृंखला में शामिल लोगों का उत्साह बढ़ाएंगे। शृंखला में शामिल होकर लोग पर्यावरण और जल बचाने का संकल्प लेंगे। शराबबंदी की सफलता के साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करके लिए एक-दूसरे को जागरूकता का संदेश देंगे।

सभी जिले जुड़े रहेंगे कंट्रोल रूम से

मानव शृंखला की राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा सभागार में रविवार को कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसके प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह बनाए गए हैं। कंट्रोल रूम से सभी जिले जुड़े रहेंगे। 2 बजे तक जिलों से रिपोर्ट ली जाएगी। माध्यमिक शिक्षा उप निदेशक शिवनाथ प्रसाद, सहायक निदेशक अमित कुमार, जन शिक्षा के सहायक निदेशक रमेश चंद्र और योगेश कुमार को जिलों से रिपोर्ट लेने की जिम्मेदारी दी गई है।



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शिर्डी.मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताने से नाराज शिर्डी के लोगों ने आज से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। हालांकि, बंद के कारण साईं भक्तों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। साईं बाबा का मंदिर और मंदिर ट्रस्ट से जुड़े साईं आश्रम खुले रहेंगे। साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि इस बंद में मंदिर ट्रस्ट शामिल नहीं है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं, प्रशासन नेनासिक से काफीसंख्या में पुलिस बल शिर्डीमें तैनात किया गया है।

शिर्डी और आसपास के 25 गांव आंदोलन में शामिल

मुख्यमंत्री के बयान के बाद शिर्डी समेत आसपास के 25 गांव के लोग आंदोलित हैं। उनका कहना है- ‘‘पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है, लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं।’’ उन्होंने चेतावनी दी- जब तक सीएम अपने बयान को वापस नहीं लेते, तब तक वह आंदोलित रहेंगे।

उद्धव ने पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपएदेने की घोषणा की

साईं बाबा के जन्‍म स्‍थान को लेकर विवाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद पैदा हुआ है। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपएका ऐलान कर दिया। यूं तो साईं के जन्म को लेकर साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिर्डीआकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिर्डीकी पहचान भी साईं से हो गई।

राकांपा नेता ने भी पाथरी को बता चुके हैं बाबा का जन्मस्थान

राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया थाकि उनके पास पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां शिर्डी साईं बाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है। देश-विदेश से पर्यटक पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां बुनियादी ढांचा नहीं है।’’खान ने यह भीकहा कि शिर्डी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए। शिर्डी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।



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शिर्डी का बाजार।


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खेल डेस्क. साल का पहला ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन सोमवार से मेलबर्न में खेला जाएगा। टूर्नामेंट 20 जनवरी से 2 फरवरी तक होगा। पहली बार यह टूर्नामेंट 1905 में खेला गया था। इस टूर्नामेंट को शुरू में ऑस्ट्रेलेसियन चैम्पियनशिप कहा जाता था। इसके बाद 1927 में इसका नाम बदलकर ऑस्ट्रेलियन चैम्पियनशिप कर दिया गया। 1969 में फिर से नाम बदला और यह ऑस्ट्रेलियन ओपन हो गया। 115 साल पुराने इस टूर्नामेंट में अब तक तीन भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 8 खिताब जीते।

भारत की ओर से पहली बार लिएंडर पेस इस टूर्नामेंट को जीते थे। उन्होंने साल 2003 में मिक्स्ड डबल्स स्पर्धा में अमेरिका की मार्टिना नवरातिलोवा के साथ खिताब जीता। इसके बाद महेश भूपति 2006 में मिक्स्ड डबल्स में स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ खेलते हुए चैम्पियन बने थे। भारत के लिए तीसरी चैम्पियन सानिया मिर्जा थीं। वे 2009 में मिक्स्ड डबल्स में हमवतन महेश भूपति के साथ फाइनल जीती थीं। भारत के लिए पिछली बार 2016 में सानिया चैम्पियन बनी थीं। उन्होंने हिंगिस के साथ यह खिताब अपने नाम किया था।

इंडोर स्टेडियम में होने वाला यह पहला ग्रैंड स्लैम
चारों ग्रैंड स्लैम में यह पहला है जो इंडोर स्टेडियम में खेला गया था। ‘द रॉड लेवर एरेना’ में बारिश या बहुत ज्यादा गर्मी के दौरान स्टेडियम को ऊपर से ढंक दिया जाता है। 1987 तक यहां ग्रास कोर्ट पर मुकाबले होते थे। उसके बाद से हार्ड कोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है। पिछले साल 7 लाख 96 हजार 435 दर्शकों ने स्टेडियम में मैच देखा था।

सेरेना विलियम्स 2017 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीती थीं।

सेरेना खिताब जीतने पर मार्गरेटकोर्ट की बराबरी कर लेंगी
अमेरिका की सेरेना विलियम्स ने अब तक 23 ग्रैड स्लैम खिताब जीते हैं। वे सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। ऑस्ट्रेलिया की मार्गेट कोर्ट ने सबसे ज्यादा 24 ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए थे। सेरेना के पास उनके रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका है। वे सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा 7 बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीत चुकी हैं।

फेडरर इस टूर्नामेंट में छह बार चैम्पियन बने।

फेडरर के पास जोकोविच के 7 खिताब की बराबरी करने का मौका
सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने सबसे ज्यादा 7 बार इस खिताब को अपने नाम किया। वे ओपन एरा और उससे पहले (1968 से पहले) दोनों को मिलाकर ऑलटाइम नंबर-1 हैं। इस मामले में स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और ऑस्ट्रेलिया के रॉय इमर्सन 6-6 खिताब के साथ दूसरे स्थान पर हैं। इमर्सन ने सभी खिताब ओपन एरा से पहले जीते थे। फेडरर पिछली बार 2018 में चैम्पियन बने थे।

नडाल और बार्टी को टॉप सीड, सेरेना को आठवीं वरीयता
वर्ल्ड नंबर-1 और 2009 के चैम्पियन स्पेन के राफेल नडाल और ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी को टॉप सीड मिली है। नडाल 20वें ग्रैंड स्लैम की तलाश में उतरेंगे। अगर वे चैम्पियन बन जाते हैं तो वे सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतने वाले रोजर फेडरर की बराबरी कर लेंगे। जोकोविच को दूसरी, फेडरर को तीसरी और रूस के दानिल मेदवेदेव को चौथी वरीयता दी गई है। वहीं, महिलाओं में चेक गणराज्य की कैरोलिना प्लिस्कोवा को दूसरी, जापान की नाओमी ओसाका को तीसरी और रोमानिया की सिमोना हालेप को चौथी वरीयता मिली है। सेरेना को आठवीं वरीयता दी गई।

प्रजनेश गुणेश्वरण सिंगल्स में भारत के इकलौते खिलाड़ी।

इस बार सिंगल्स में सिर्फ एक ही भारतीय खिलाड़ी मुख्य दौर में
इस बार भारत के चार खिलाड़ी सिंगल्स स्पर्धा में उतरे। इनमें से एक ही प्रजनेश गुणेश्वरण मुख्य दौर में पहुंच सके। वे क्वालिफायर्स में हार गए थे, लेकिन मुख्य दौर में पहले शामिल खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद उन्हें मौका दिया गया। सुमित नागल, रामकुमार रामनाथन और अंकिता रैना क्वालिफाइंग राउंड में बाहर हो गईं।



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Australian Open 2020 Preview | Australian Open 2020 Tournament Stats Preview News Statistics On Serena Williams, Sania Mirza, Novak Djokovic
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शिर्डी.मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान बताने से नाराज शिर्डी के लोगों ने आज से अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। हालांकि, बंद के कारण साईं भक्तों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। साईं बाबा का मंदिर और मंदिर ट्रस्ट से जुड़े साईं आश्रम खुले रहेंगे। साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि इस बंद में मंदिर ट्रस्ट शामिल नहीं है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं, प्रशासन नेनासिक से काफीसंख्या में पुलिस बल शिर्डीमें तैनात किया गया है।

शिर्डी और आसपास के 25 गांव आंदोलन में शामिल

मुख्यमंत्री के बयान के बाद शिर्डी समेत आसपास के 25 गांव के लोग आंदोलित हैं। उनका कहना है- ‘‘पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है, लेकिन उसे साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं।’’ उन्होंने चेतावनी दी- जब तक सीएम अपने बयान को वापस नहीं लेते, तब तक वह आंदोलित रहेंगे।

उद्धव ने पाथरी के लिए 100 करोड़ रुपएदेने की घोषणा की

साईं बाबा के जन्‍म स्‍थान को लेकर विवाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की घोषणा के बाद पैदा हुआ है। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपएका ऐलान कर दिया। यूं तो साईं के जन्म को लेकर साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिर्डीआकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिर्डीकी पहचान भी साईं से हो गई।

राकांपा नेता ने भी पाथरी को बता चुके हैं बाबा का जन्मस्थान

राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने दावा किया थाकि उनके पास पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां शिर्डी साईं बाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है। देश-विदेश से पर्यटक पाथरी पहुंचते हैं, लेकिन वहां बुनियादी ढांचा नहीं है।’’खान ने यह भीकहा कि शिर्डी के लोगों के लिए कोष कोई मुद्दा नहीं है, वे बस यही चाहते हैं कि पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान नहीं कहा जाए। शिर्डी के निवासियों को डर है कि यदि पाथरी मशहूर हो गया तो उनके कस्बे में श्रद्धालुओं का आना कम हो जाएगा।



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सूरत (गुजरात). केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा है कि जिसे वंदे मातरम स्वीकार नहीं है, उसे देश में रहने का अधिकार नहीं है। शनिवार को सूरत पहुंचे सारंगी ने कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। सारंगी ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद भी सारंगी ने इसी तरह का बयान दिया था।

सारंगी ने कहा, “देश भर में आग भड़काने वाले देशभक्त नहीं हैं। जो लोग भारत की स्वतंत्रता, एकता, वंदे मातरम को स्वीकार नहीं करते, उन्हें इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा- लोगों को सीएए लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानना चाहिए। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले ऐसे हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाइयों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं।

सीएए कांग्रेस के पाप का प्रायश्चित: सारंगी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएए लाना कांग्रेस द्वारा किए गए विभाजन के पाप का प्रायश्चित करने का एक तरीका था। उन्होंने कहा, “सीएए को 70 साल पहले ही लाया जाना चाहिए था। दरअसल यह कानून हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए पाप का प्रायश्चित करने का एक तरीका है। कांग्रेस ने पाप किया और हम प्रायश्चित कर रहे हैं।”

सितंबर में इसी तरह का बयान दिया था
सिंतबर के महीने में भी सारंगी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के विरोध पर इसी तरह की टिप्पणी की थी। ओडिशा की एक सभा में सारंगी ने कहा था- जब भाजपा के विरोधी दलों ने भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन किया, तो कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई। अमित शाह ने कांग्रेस को स्पष्ट कह दिया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का हिस्सा हैं। जो वंदे मातरम नहीं मानते, उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है।



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केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा- सीएए को 70 साल पहले ही लाया जाना चाहिए था।


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खेल डेस्क. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे की सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला आज बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा। फिलहाल, सीरीज 1-1 से बराबर है। भारत के पास ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छठी सीरीज जीतने का मौका है। दोनों के बीच अब तक 11 द्विपक्षीय सीरीज खेली गई। इसमें भारत ने 5 में जीत हासिल की और6 में उसे हार मिली। दोनों के बीच पिछली सीरीज मार्च 2019 में भारत मेंहुई थी, तब ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया पर 3-2 से जीत दर्ज की थी।

सीरीज के पहला मैच मुंबई में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। राजकोट में खेले गए दूसरेवनडे में भारतीय टीम ने वापसी की। उसने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हराते हुए सीरीज बराबर की।

भारतीय टीम में बदलाव की संभावना

तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया टीम कोई बदलाव करने के मूड में नहीं है, लेकिन भारतीय प्लेइंग इलेवन में कुछ बदलाव हो सकते हैं। शिखर धवन और रोहित शर्मा दूसरे वनडे में चोटिल हो गए थे। धवन की पसलियों में पैट कमिंस की गेंद लगी थी, जबकि रोहित शर्मा ने बाएं कंधे में चोट की शिकायत की थी। फिलहाल, दोनों की फिटनेस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में इनमें से कोई एक बाहर होता है, तो फिर लोकेश राहुल ओपनिंग करेंगे और केदार जाधव को प्लेइंग इलेवन में मौका मिल सकता है।

भारत का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में 45% सक्सेस रेट

कब सीरीज में मैच नतीजा
2019 5 2-3 से हारे
2019 3 2-1 से जीते
2017 5 4-1 से जीते
2016 5 1-4 से हारे
2013 6 3-2 से जीते
2010 1 1-0 से जीते
2009 6

2-4 से हारे

2007 7 2-4 से हारे
2001 5 2-3 से हारे
1986 6

3-2 से जीते

1984 5 0-3 से हारे

पिच और मौसम रिपोर्ट: बेंगलुरु में मैच के दौरान बादल छाए रहने का अनुमान है। तापमान 17 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। इस मैदान का हाइएस्ट स्कोर 383 रन है, जो भारत ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही बनाया था। तब रोहित शर्मा ने 209 रन की पारी खेली थी।

चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत 7 में से 4 मैच जीता
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक 7 वनडे खेले। इनमें भारत ने 4 मैच जीते, जबकि 2 में उसे हार मिली। एक मैच बेनतीजा रहा। पिछली बार 28 सितंबर 2017 को ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 21 रन से हराया था।

कब नतीजा
28 सितंबर 2017 21 रन से हारे
2 नवंबर 2013 57 रन से जीते
29 सितंबर 2007 बेनतीजा
12 नवंबर 2003 61 रन से हारे
25 मार्च 2001 60 रन से जीते
21 अक्टूबर 1996 2 विकेट से जीते
27 अक्टूबर 1989 3 विकेट से जीते

हेड-टू-हेड
दोनों टीमों के बीच अब तक हुए 139 वनडे में भारतीय टीम 51 में ही जीत सकी। ऑस्ट्रेलिया की टीम 78 में जीती। 10 मुकाबले बेनतीजा रहे। वहीं, भारत में दोनों के बीच अब तक 63 मैच हुए। इस दौरान टीम इंडिया 28 में जीती। 30 में हार का मिली। 5 मुकाबले बेनतीजा रहे।

दोनों टीमें
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप कप्तान), जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, शिखर धवन, शिवम दुबे, श्रेयस अय्यर, रविंद्र जडेजा, केदार जाधव, मनीष पांडेय, केएस भरत (विकेटकीपर), लोकेश राहुल, नवदीप सैनी, मोहम्मद शमी, शार्दुल ठाकुर और कुलदीप यादव।

ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), पैट कमिंस, एश्टन एगर, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जोश हेजलवुड, मॉर्नस लबुशाने, केन रिचर्डसन, डी आर्सी शॉर्ट, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, एश्टन टर्नर, डेविड वॉर्नर और एडम जम्पा।



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