Saturday, February 1, 2020

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नई दिल्ली.केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा निर्भया के दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस पर रविवार को (अवकाश के लिए) विशेष सुनवाई होगी। शनिवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में चारों दोषियों के साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन और डीजी जेल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था- दोषी कानूनी प्रकिया का फायदा उठा रहे हैं। वे एक-एक कर कानूनी बचाव के रास्ते अपना रहे हैं, ताकि इस जघन्य अपराध की सजा से बच सकें।

मेहता ने कहा- दोषियों ने फांसी टालने को लेकर शुक्रवार को ट्रायल कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इसमें कोई भी वजह ऐसी नहीं थी, जिसकी न्यायिक जांच की जा सके। यह केस इतिहास में ऐसे जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा, जिसमें दोषियों ने लगातार कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भी दोषी फांसी टालने के लिए बार-बार कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं। अगर ऐसे ही प्रक्रिया का पालन होता रहा तो केस कभी खत्म ही नहीं होगा।

तिहाड़ जेल ने कहा था- अलग-अलग फांसी दे सकते हैं
दरअसल, शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी कि गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं। इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय, पवन और विनय की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।

वकील ने कहा- दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था- एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी देना गैर-कानूनी होगा। अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था- 7 साल पहले उनकी बेटी के साथ अपराध हुआ और सरकार बार-बार दोषियों के सामने झुक रही है।

दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी, मुकेश-विनय की खारिज हुईं
शनिवार को दोषी अक्षय ठाकुर ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेज दी। इसी दिन दोषी विनय शर्मा की दया याचिका भी खारिज हो गई। राष्ट्रपति दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका 17 जनवरी को ठुकरा चुके हैं। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुई। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं है। सिर्फ दोषी पवन गुप्ता के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प हैं। शुक्रवार को उसने गैंगरेप के वक्त नाबालिग होने का दावा खारिज होने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पवन की रिव्यू पिटीशन ठुकराई।

चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति

  • मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
  • अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन।
  • पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।


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Special hearing in delhi high court on nirbhaya case news and updates


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नई दिल्ली.केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा निर्भया के दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस पर रविवार को (अवकाश के लिए) विशेष सुनवाई होगी। शनिवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में चारों दोषियों के साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन और डीजी जेल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था- दोषी कानूनी प्रकिया का फायदा उठा रहे हैं। वे एक-एक कर कानूनी बचाव के रास्ते अपना रहे हैं, ताकि इस जघन्य अपराध की सजा से बच सकें।

मेहता ने कहा- दोषियों ने फांसी टालने को लेकर शुक्रवार को ट्रायल कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इसमें कोई भी वजह ऐसी नहीं थी, जिसकी न्यायिक जांच की जा सके। यह केस इतिहास में ऐसे जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा, जिसमें दोषियों ने लगातार कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद भी दोषी फांसी टालने के लिए बार-बार कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं। अगर ऐसे ही प्रक्रिया का पालन होता रहा तो केस कभी खत्म ही नहीं होगा।

तिहाड़ जेल ने कहा था- अलग-अलग फांसी दे सकते हैं
दरअसल, शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी कि गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं। इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय, पवन और विनय की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।

वकील ने कहा- दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था- एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी देना गैर-कानूनी होगा। अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था- 7 साल पहले उनकी बेटी के साथ अपराध हुआ और सरकार बार-बार दोषियों के सामने झुक रही है।

दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी, मुकेश-विनय की खारिज हुईं
शनिवार को दोषी अक्षय ठाकुर ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेज दी। इसी दिन दोषी विनय शर्मा की दया याचिका भी खारिज हो गई। राष्ट्रपति दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका 17 जनवरी को ठुकरा चुके हैं। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुई। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं है। सिर्फ दोषी पवन गुप्ता के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प हैं। शुक्रवार को उसने गैंगरेप के वक्त नाबालिग होने का दावा खारिज होने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पवन की रिव्यू पिटीशन ठुकराई।

चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति

  • मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
  • अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास विचाराधीन।
  • पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।


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नई दिल्ली. सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स (एसपीजी) के लिए 600 करोड़ रु. का आवंटन किया है। पहले एसपीजी का बजट 540 करोड़ रुपए था। पिछले साल के बजट में इसे 420 करोड़ रुपए से बढ़ाकर लगभग 540 करोड़ रुपए किया गया था। वर्तमान में केवल प्रधानमंत्री के पास 300 जवानों वाली एसपीजी सुरक्षा है।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पिछले साल नवंबर तक एसपीजी सुरक्षा दी जाती थी। एसपीजी अधिनियम की समीक्षा के बाद उनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई। सरकार के सूत्रों ने कहा कि गांधी परिवार द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है। राहुल गांधी प्रत्येक दिन सुरक्षा नियम का उल्लंघन कर रहे थे।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी अगस्त में एसपीजी सुरक्षा वापस ले लिया गया था। इससे पहले दो अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह से भी सुरक्षा वापस लिया गया। एसपीजी की स्थापना 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक साल बाद की गई थी। सुरक्षा एजेंसी को प्रधानमंत्रियों की रक्षा करने का काम सौंपा गया था।

राजीव गांधी की हत्या के बाद गांधी परिवार को एसपीजी मिली

1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी सुरक्षा पूरे गांधी परिवार के लिए बढ़ा दी गई थी। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एसपीजी के संचालन की समीक्षा करने का फैसला किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, एचडी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल से सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

2003 में भी एसपीजी अधिनियम की समीक्षा की गई थी

वायपेयी सरकार ने एक बार फिर से 2003 में एसपीजी अधिनियम की समीक्षा की और उसमें संशोधन किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों को 10 साल के लिए मिलने वाली सुरक्षा को घटाकर एक साल कर दिया गया था। साथ ही सालाना समीक्षा के आधार पर सुरक्षा कवर बढ़ाने का प्रावधान किया गया।

वाजपेयी को उनके निधन तक एसपीजी सुरक्षा मिलती रही

अटल बिहारी वाजपेयी को 2018 में उनके निधन तक एसपीजी सुरक्षा मिलती रही थी। पिछले साल भी एसपीजी अधिनियम को संशोधित किया गया। इसके तहत अबप्रधानमंत्री और उनके साथ रहने वालों को पद छोड़ने के पांच साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।



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1985 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक साल बाद एसपीजी की स्थापना हुई।


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राजकोट.गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को राजकोट कलेक्टर कार्यालय से ही पलीता लगा दिया। दरअसल, राजकोट में पत्रकारों को 50-50 हजार रुपए के चेक कलेक्टर कार्यालय की ओर से दिए गए। 8 अखबारों के पत्रकारों को दिए गए इन चेक पर कलेक्टर और रेसिडेंट एडिशनल कलेक्टर के हस्ताक्षर हैं। गणतंत्र दिवस समारोह-2020 के राज्य स्तरीय समारोह की मेजबानी के बाद कलेक्टर कार्यालय की ओर से ये चेक बांटे गए।

  • पत्रकारों को बताया गया कि गणतंत्र दिवस समारोह के अच्छे कवरेज के एवज में ये चेक दिए जा रहे हैं। लेकिन दैनिक भास्कर समूह के दिव्य भास्कर के पत्रकारों ने इसे लेने से इनकार कर दिया। साथ ही कलेक्टर से कहा- ‘भास्कर की स्पष्ट पॉलिसी है- नो पेड न्यूज। यह रिश्वत है, जिसे हम नहीं ले सकते। यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है। आगे से ऐसी भूल नहीं करना।’
  • भास्कर के पत्रकार ने सिर्फ सबूत जुटाने के लिए यह चेक लिया था। फिर शनिवार को भास्कर की टीम एडिशनल कलेक्टर परिमल पंड्या के दफ्तर पहुंची। सवाल कर जानना चाहा- ‘हमने विज्ञापन नहीं छापा है, तब भी हमारा चेक क्यों बना?’ इस पर एडिशनल कलेक्टर बोले- ‘हमने यह जांच नहीं की। 26 जनवरी का कार्यक्रम अच्छा रहा। विज्ञापन नहीं छापा हो तो भी आपसे लगाव है। इसलिए चेक स्वीकार कर लीजिए।’

कलेक्टर बोले- चेक देना गलत नहीं, सीएस ने कार्रवाई का भरोसा दिया
इस मसले पर राजकोट कलेक्टर रेम्या मोहन ने कहा कि सब नियमानुसार हुआ है। चेक देना कोई गलत काम नहीं है। वहीं, मुख्य सचिव अनिल मुकीस से जब भास्कर ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई करूंगा।



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Collector gave 50-50 thousand checks to journalists, Divya Bhaskar said - against our values


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खेल डेस्क. साल के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन में आज सर्बिया के नोवाक जोकोविच और ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम के बीच फाइनल खेला जाएगा। दोनों टेनिस खिलाड़ी अब तक 10 बार आमने-सामने आए हैं। इनमें 6 बार जोकोविच को जीत मिली। वहीं, इन दोनों के बीच हुए पिछले 5 मुकाबलों में 4 बार थिएम को सफलता मिली। हालांकि, वे अब तक कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत सके, जबकि जोकोविच के खाते में 16 खिताब हैं।

वर्ल्ड नंबर-2 जोकोविच अब तक टूर्नामेंट में 7 बार फाइनल खेले और हर बार जीत दर्ज की। इसके अलावा उन्होंने 1 फ्रेंच ओपन, 5 विंबलडन और 3 यूएस ओपन जीते। सर्बियाई खिलाड़ी ने सिंगल्स में 77 खिताब अपने नाम किए हैं। उन्होंने 2019 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के अलावा विंबलडन भी जीता था। दूसरी सीड जोकोविच ने 2011, 12 और 13 में लगातार 3 ऑस्ट्रेलियन ओपन जीते थे।

थिएम पहली बार टूर्नामेंट में फाइनल तक पहुंचे
5वीं सीड थिएम ने 16 सिंगल्स खिताब अपने नाम किए हैं। वे पिछले दो बार (2018-2019) फ्रेंच ओपन के फाइनल और 2016-2017 में सेमीफाइनल तक पहुंचे थे। लेकिन हर बार उन्हें हार मिली। ऑस्ट्रेलियन ओपन में भी यह उनका पहला फाइनल है। उन्होंने सेमीफाइनल में जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव को 3-6, 6-4, 7-6(3), 7-6(4) से हराया था। वहीं, जोकोविच ने स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर को 7-6, 6-4, 6-3 से हराया था।



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सर्बिया के नोवाक जोकोविच (बाएं) और ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम।


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नई दिल्ली. भारतीय नागरिकों को चीन से एयरलिफ्ट करने वाले ऑपरेशन का एयर इंडिया के कैप्टन अमिताभ सिंह नेनेतृत्व किया। अमिताभ नेशनिवार को कहा कि कोरोनावायरस से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारतीयों के पहले जत्थे को निकालने में करीब सात घंटे लगे। प्रत्येक यात्री को चिकित्सीय जांच और आव्रजन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।

अमिताभ सिंह ने कहा- लोगों को सीधे यूनिवर्सिटी से वाणिज्य दूतावास लाया गया।हमारे विमान के वुहान में उतरने के बाद हवाई अड्डे पर भेजा गया। हमें सूचित किया गया था कि लोगों को हवाई अड्डे के आसपास या शहर में कहीं भी बाहर घूमने की अनुमति नहीं है।

‘ऑपरेशन के दौरान चालक दल की भी जांच हुई’

उन्होंने कहा- पूरा दल पहली बार कोरोनावायरस से प्रभावित इलाके में जा रहा था। चालक दल और कर्मचारियों के वुहान जाने से हमारे मन में डर था कि कोई कोरोनावायरस से प्रभावित न हो जाए। हमारे साथ आरएमएल के डॉक्टरों की अच्छी टीम भी थी। वे चालक दल और कर्मचारियों की जांच कर रहे थे और हमारे डर को शांत कर रहे थे। डॉक्टर हमें इसकी जानकारी दे रहे थे कि हम बीमारी से बचने के लिए कैसे कपड़े पहने और सुरक्षा के क्या उपाय करें।

वुहान में हमें हर जगह प्राथमिकता मिली: सिंह

दिल्ली से वुहान तक हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात की स्थिति के बारे में कैप्टन सिंह ने बताया- एक बार उड़ान भरने के बाद यात्रा पूरी तरह से सुचारु हो गई थी। हवाई क्षेत्र खाली था। मुश्किल से एक या दो विमान थे। वुहान में हवाई अड्डा भी बिल्कुल खाली था। हमें हर जगह प्राथमिकता मिली। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने भी बहुत सहयोग किया।

कैप्टनसिंह पहले भी ऐसेऑपरेशन का नेतृत्व कर चुके हैं

यह पहली बार नहीं था जब कैप्टन अमिताभ ने इस तरह के ऑपरेशन का नेतृत्व किया है। उन्होंने पहले भी इस तरह के कई ऑपरेशन्स किए हैं। अगस्त 1990 में वे उन पायलटों में से एक थे, जिन्होंने इराक और कुवैत में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद की थी। मध्य पूर्व और कश्मीर में भी युद्ध की स्थिति के दौरान जब घाटी में बाढ़ आई थी, तो वे पहले थे जिन्होंने लोगों को वहां से निकाला था।



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एयर इंडिया के कैप्टन अमिताभ सिंह। -फाइल फोटो


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नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रिकॉर्ड समय 2 घंटे 41 मिनट में बजट पेश किया। बजट आम लोगों को कैसा लगा, इस पर दैनिक भास्कर ने ऑनलाइन लोगों से राय पूछी। अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग बजट को लेकर अपना मत रख चुके हैं। 71.2% लोगों ने बजट को खराब बताया है। 13.4% लोगों ने इसे बहुत अच्छा और महज 7% ने अच्छा बताया। 8.4% लोगों ने बजट को न तो अच्छा कहा, न तो बुरा।

लोगों की टिप्पणी



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71% people described the budget as bad, only 7% people called it good.


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नई दिल्ली/बीजिंग.चीन के वुहान में फंसे 330 लोगों को शनिवार देर रात एयरलिफ्ट कर लिया गया। इनमें 323 भारतीय और 7 मालदीव के नागरिक हैं। इन लोगों को लेकर एयर इंडिया का विमान रविवार को दिल्ली पहुंचेगा। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि हमारे नागरिक भी कुछ दिनों के लिए दिल्ली के कैंप में निगरानी में रखे जाएंगे। उधर, केरल में आज कोरोनावायरस के दूसरे मामले की पुष्टि हुई। अधिकारियों के मुताबिक, युवक कुछ दिनों पहले चीन से लौटा था। उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।

इससे पहले शनिवार को 324 भारतीय एयर इंडिया की पहली फ्लाइट से दिल्ली लाए गए थे। अधिकारियों के मुताबिक, चीन में शनिवार तक कोरोनावायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 304 हो गई। अब तक 14,380 मामले सामने आ चुके हैं। चीन के 31 प्रांत कोरोना की चपेट में हैं। हुबेई में 24 घंटे में 45 लोगों की मौत हुई। शनिवार को 4,562 नए मामले सामने आए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 31 जनवरी को कोरोनावायरस को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकालघोषित किया।

दिल्ली पहुंचेयात्री14 दिनों तक निगरानी में रहेंगे

शनिवार को दिल्ली पहुंचे 324 यात्रियों में से 104 को दिल्ली के छावला स्थित आईटीबीपी सेंटर और 220 को सेना द्वारा मानेसर में तैयार शिविर ले जाया गया। वहां सभी को करीब 14 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे रोकथाम के लिए चीन की सरकार और जनता का समर्थन किया है। उन्होंने शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की और उन्हें वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने में चीन के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।



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बीजिंग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच करती महिला अधिकारी।


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फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश).अंधेरे तहखाने में 23 बच्चों के साथ 11 घंटे कैद रही 15 साल की अंजली अब भी सुभाष का खूंखार चेहरा याद करके सहम जाती है। वह अपने भाई-बहन को बुलाने सुभाष के घर गई थी, जहां उसने अन्य बच्चों के साथ उसे कैद कर लिया था। दहशत के माहौल में अंजली ने हिम्मत नहीं हारी। जैसे ही सुभाष ग्रामीणों को धमकाने के लिए छत पर गया, उसने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए, जो बाद में पुलिस के आने पर ही खोले गए। गुरुवार को फर्रुखाबाद के करथिया गांव में सिरफिरे सुभाष की दहशत की कहानी, हिम्मती अंजली की जुबानी...

सुबह से स्पीकर पर गाना लगाकर डांस कर रहा था आरोपी
'सुबह हम भाई-बहन स्कूल गए थे। करीब डेढ़ बजे जब हम लौटे तो सुभाष के घर के बरामदे में लगा स्पीकर बहुत तेज बज रहा था। वह मस्त होकर डांस कर रहा था। बरामदे में ही टॉफी-बिस्किट आदि रखे थे, जो वह बच्चों को बांट रहा था। हमारे भाई-बहन भी वहां पहुंच गए। पीछे से मैं भी पहुंची। वह अपने बेटी का जन्मदिन बताकर सब बच्चों को घर में बुला रहा था। सुभाष बोला नीचे तहखाने में चलो वहीं जन्मदिन मनाया जाएगा। सब बच्चे नीचे चले गए, मैं ऊपर ही रही तभी उसने घर का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया। जब मैंने पूछा दरवाजा क्यों बंद किया तो उसने धमकाया और नीचे जाने को कहा। मैं और एक-दो बच्चे और जो ऊपर थे, वह भी नीचे चले गए।'

'तहखाने में ही टॉयलेटबना था, जिसमें कोई ओट नहीं थी, छोटा सा बल्ब लगा था। उसने कहा सब यहीं चुपचाप बैठो और बंदूक तानकर बोला कि शोर मचाया तो गोली मार दूंगा। सुभाष और उसकी पत्नी दोनों वहीं बैठे रहे। सुभाष के पास एक रायफल थी और एक कट्टा था। सब बच्चे रो रहे थे। मैं उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मुझे भी डर लग रहा था। वह बोल रहा था कि बम से घर को उड़ा दूंगा। उसने वहीं तार से कोई बम भी जोड़ रखा था।'

'उसने बाहर से तहखाने का दरवाजा लॉक कर रखा था। हर 15-20 मिनट पर आकर वह हम लोगों को धमकाता था। इसी बीच गोली चलने की आवाज सुनाई दी, उसके बाद गांव वालों का शोर सुनकर हम लोग बहुत डर गए थे और बच्चे भी रोने लगते। हमने सुभाष की पत्नी रूबी से भी बचाने को कहा, लेकिन उसने उलटे हम लोगों को चुपचाप बैठने के लिए कह दिया।'

'तहखाने में कैद हुए करीब 4-5 घंटे हो गए थे। शायद शाम हो चुकी थी। पुलिस ने शायद लाइट काट दी थी, इससे तहखाने में लगा बल्ब भी बुझ गया था। कमरे में बहुत अंधेरा हो गया, जिसकी वजह से हमें कुछ सूझ नहीं रहा था। अंधेरे की वजह से हम लोगों को भी डर लग रहा था। साथ ही छोटे बच्चे ज्यादा डर रहे थे। कमरा बंद होने की वजह से हम बच्चों की सांस भी फूल रही थी। वहां कुछ खिलौने रखे थे, जिसमें छोटी लाइट लगी थी। फिर वही जलाकर उजाला किया था। हमें न समय का पता चल रहा था। बाहर क्या हो रहा है वह भी पता नहीं चल रहा था।'

'सुभाष के पड़ोस मेंरहने वाली एक साल की शबनम भी हमारे साथ कैद थी, वह खूब रो रही थी। उसे जोरों की भूख लग रही थी। बाहर से सुभाष और उसकी पत्नी को शायद उसे बाहर देने के लिए कहा गया, हमने भी उससे कहा चाचा इसे बाहर निकाल दीजिए, चाहे हमारी जान ले लो। तब रूबी नीचे तहखाने में आई और बच्चीको लेकर चली गई, लेकिन हड़बड़ी में वह दरवाजा बंद करना भूल गई। मैंने तुरंत अंदर से दरवाजा बंद कर कुंडी लगा दी।'

'शबनम कोबाहर देने के बाद जब दोनों लौटे तो दरवाजा बंद था। उन्होंने हमें धमकाया कि दरवाजा खोलो नहीं तो बम से उड़ा देंगे, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया। कुछ बच्चे रोने लगे और दरवाजा खोलने के लिए कहने लगे। मैंने उन्हें समझाया- सब चुप रहो कुछ नहीं होगा, पुलिस वाले हमें बचा लेंगे। मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि दरवाजा खोल दिया तो सुभाषहमें मार देगा। हम इतना डरे हुए थे कि पुलिस के आने पर भी हमने दरवाजा नहीं खोला था। शोरगुल में उनकी आवाज भी नहीं सुनाई दे रही थी। पुलिस वालों ने दरवाजा तोड़कर हम लोगों को बाहर निकाला।'

मां के साथ मजदूरी करपरिवार चलाने में मदद करती है अंजली
अंजली के पिता नरेंद्र की मौत 3 साल पहले लीवर डैमेज होने से हो गई थी। परिवार में मां, दादा-दादी और 13 साल का भाई अरुण और 10 साल की बहन लवी है। 15 साल की अंजली खुद 9वीं कक्षा में पढ़ती है और मां के साथ खाली समय में मजदूरी कर परिवार चलाने में मदद करती हैं। दादा-दादी भी मजदूरी करते हैं। अंजली का मकान सुभाष के घर के पीछे है। अंजली कहती हैं- 'अभी कुछ सोचा नहीं है कि आगे चलकर क्या करना है। अभी तो ये सोचना है कि मेरी मां मुझे आगे पढ़ा पाएंगी या नहीं।'

'सुभाष की मां भी उसे छोड़कर दूसरे गांव चली गई थी'
सुभाष के घर के पास रहने वाले देवेंद्र बताते हैं- 'सुभाष चोर उच्चका था। अपनी सब जायदाद बेचकर खा गया था। मां भी इसे छोड़कर दूसरे गांव अपनी बहन के घर चली गई थी। दो साल पहले उसने छोटी जाति की रूबी से शादी कर ली, उसके चाल चलन को देखते हुएगांववालों ने उसको बहिष्कृत कर दिया था। वह भी लोगों से कम ही बात करता था। उसके जैसे चोरों से वैसे भी कोई बात नहीं करता।'



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Farrukhabad Children Hostage; Anjali, Meet 15-Year-Old Girl, Who Saves All Kids After Some Children Hostage at UP Farrukhabad


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नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 में इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए नई व्यवस्थाका ऐलानकिया। इसमें 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। अलग-अलग तरह के70 एग्जेम्पशन (छूट) और डिडक्शन (कटौती)खत्म कर दिएगए। बजट भाषण के मुताबिक, नए टैक्स विकल्प में जिन 30 डिडक्शन और एग्जम्प्शन को छोड़ा गया है, उन पर भी सरकार रिव्यू करेगी।

सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए नई व्यवस्था को वैकल्पिक रखा है।करदाता चाहें तो पुरानी टैक्स दरोंका विकल्प जारी रख सकते हैं।लेकिन, ऐसे लोग जिनकी सैलरी के अलावा बिजनेस से भी आय है और नया विकल्प चुनते हैं तो फिर बदल नहीं पाएंगे।सीए आशीष गोयल के मुताबिक, इसका फायदा उन लोगों को होगा जो टैक्स सेविंग के लिए निवेश नहीं करते हैं। लेकिन, आप टैक्स सेविंग के लिए निवेश करते हैं, तो पुराना विकल्प ही फायदेमंद है।

नया टैक्स विकल्प : किन डिडक्शन और एग्जम्प्शन का फायदानहीं मिलेगा

1

सेक्शन 10(13A)

हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए)

2

सेक्शन 10(14)

एनी अलाउंस फॉर ऑफिशियल परपज

3

सेक्शन 10(17)

विधायकों और सांसदों को मिलने वाला अलाउंस

4

सेक्शन 10(32)

अलाउंस फॉर माइनर इनकम

5

सेक्शन 10AA

एस.ई.जेड यूनिट के लिए एग्जेम्पशन

6

सेक्शन 16

50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन

7

सेक्शन 16

प्रोफेशनल टैक्स डिडक्शन

8

सेक्शन 16

एंटरटेनमेंट अलाउंस

9

सेक्शन 24(b)

हाउसिंग लोन इंटरेस्ट फॉर सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउसेज

10

सेक्शन 32(1)(iia)

एडीशनल डेप्रीसिएशन

11

सेक्शन 32AD

इनवेस्टमेंट इन न्यू प्लांट एंड मशीनरी इन नोटिफाइड बैकवार्ड एरियाज

12

सेक्शन 33AB

चाय, कॉफी, रबर डेवलपमेंट से संबंधित डिडक्शन

13

सेक्शन 33ABA

डिडक्शन ऑन अकाउंट ऑफ साइट रेस्टोरेशन फंड

14

सेक्शन 35(1)(ii)

साइंटिफिक रिसर्च एक्सपेंडिचर पेड टू साइंटिफिक रिसर्च एसोसिएशन

15

सेक्शन 35(1)(iia)

साइंटिफिक रिसर्च एक्सपेंडिचर पेड टू प्रीस्क्राइब्ड कंपनी

16

सेक्शन 35(1)(iii)

साइंटिफिक रिसर्च एक्सपेंडिचर पेड टू सोशल साइंस/ स्टेटिस्टिकल रिसर्च एसोसिएशन

17

सेक्शन 35(2AA)

साइंटिफिक रिसर्च एक्सपेंडिचर पेड टू आईआईटी/ नेशनल लैबोरेट्री

18

सेक्शन 35(AD)

डिडक्शन इन रिस्पेक्ट ऑफ एक्सपेंडिचर ऑन स्पेसिफाइड बिजनेस

19

सेक्शन 35CCC

एक्सपेंडिचर ऑन एग्रीकल्चर एक्टेंशन प्रोजेक्ट

20

सेक्शन 57(iia)

डिडक्शन ऑफ 33% ऑन फैमिली पेंशन

21

सेक्शन 80C

पीपीएफ, एलआईसी, म्यूचुअल फंड्स, टैक्स सेविंग्स एफ डी आदि

22

सेक्शन 80CCA

डिपोजिट अंडर नेशनल सेविंग स्कीम

23

सेक्शन 80CCB

इनवेस्टमेंट मेड अंडर इक्विटी लिंक्ड स्कीम

24

सेक्शन 80CCC

कॉन्ट्रीब्यूशन टू सर्टेन पेंशन फंड्स

25

80CCD(1)

अटल पेंशन योजना और नेशनल पेंशन स्कीम कंट्रीब्यूशन

26

80CCD(1B)

एम्प्लॉय कंट्रीब्यूशन टू एनपीएस (50 हजार रुपए तक)

27

80CCF

डिडक्शन ऑफ सब्सक्रिप्शन टू लॉन्ग टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड

28

80CCG

इन्वेस्टमेंट इन इक्विटी सेविंग स्कीम

29

80D

मेडिकल इंश्योरेंस एंड मेडिकल एक्सपेंसेस

30

80DD

मेडिकल एक्सपेंसेस ऑफ स्पेशली एबल्ड डिपेंडेंट्स

31

80DDB

मेडिकल एक्सपेंसेस ऑफ सर्टेन स्पेसिफाइड इलनेस

32

80E

डिडक्शन ऑन एजुकेशन लोन इंटरेस्ट

33

80EE

इंटरेस्ट पेड ऑन हाउसिंग लोन (50 हजार रुपए तक)

34

80EEA

इंटरेस्ट पेड ऑन हाउसिंग लोन (1.50 लाख रुपए तक)

35

80EEB

1.50 लाख रुपए तक के इलेक्ट्रिक व्हीकल लोन पर लिए ब्याज में छूट

36

सेक्शन 80G

डोनेशन्स मेड टू चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन्स

37

सेक्शन 80GG

इनकम टैक्स डिडक्शन फॉर हाउस रेंट पेड

38

सेक्शन 80GGA

डोनेशन टू साइंटिफिक रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट

39

सेक्शन 80GGC

इंडिविजुअल्स ऑन कॉन्ट्रीब्यूशन टू पॉलिटिकल पार्टीज

40

सेक्शन 80IA

प्रॉफिट्स एंड गेन्स फ्रॉम इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग्स एंगेज्ड इन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट आदि

41

सेक्शन 80IAB

प्रॉफिट्स एंड गेन्स टू एस.ई.जेड डेवलपर्स

42

सेक्शन 80IB

प्रॉफिट्स एंड गेन्स फ्रॉम सर्टेन इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग्स अदर देन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अंडरटेकिंग्स

43

सेक्शन 80IBA

प्रॉफिट्स फ्रॉम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स

44

सेक्शन 80IC

सर्टेन अंडरटेकिंग्स इन स्पेशल कैटेगरी स्टेट्स

45

सेक्शन 80ID

प्रॉफिट्स एंड गेन्स ऑफ होटल्स/कन्वेंशन सेंटर्स इन स्पेसिफाइड एरिया

46

सेक्शन 80IE

सर्टेन अंडरटेकिंग्स इन नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट्स

47

सेक्शन 80RRB

रॉयल्टी ऑन पेटेंट्स

48

सेक्शन 80QQB

लेखकों की रॉयल्टी इनकम

49

सेक्शन 80TTA

सेविंग अकाउंट से प्राप्त ब्याज

50

सेक्शन 80TTB

डिपोजिट(सेविंग/एफडी) से प्राप्त ब्याज

51

सेक्शन 80U

डिसेबल्ड इंडिविजुअल्स

52

सेटऑफ ऑफ लॉसेज ऑन अकाउंट ऑफ एबवएग्जेम्पशन/डिडक्शन्स

53

सेटऑफ ऑफ लॉसेज अंडर द हेड इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी

54

किसी अन्य कानून के तहत मिलने वालेभत्ते या रियायत के लिए कटौती या छूट



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Budget 2020| new tax slab| Income tax rates|deductions and exemptions in news Income tax regime


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नई दिल्ली. इस दशक के पहले बजट को एक्सपर्ट्स मिलाजुला बता रहे हैं, लेकिन उनकी राय है कि इसमें अर्थव्यवस्था और खासकर प्राइवेट सेक्टर की मरती हुई स्पिरिट को जिंदा रखने की कोशिश की गई है। छूट छोड़कर जो निम्न कर दर अपनाने का कॉर्पोरेट्स को विकल्प मिला था, ठीक वैसा ही विकल्प 15 लाख रुपए तक हर साल कमाने वालों को दिया गया है। पढ़ें उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, कृषि विशेषज्ञ अजय काकरा, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर राम सिंह और निवेश सलाहकार हर्ष रूंगटा का एनालिसिस।

एक्सपर्ट- कुमार मंगलम बिड़ला, उद्योगपति

कम समय में विकास दर बढ़ाने की चुनौती, हर मुद्दे को छूने की कोशिश

वर्ष 2020 के बजट प्रस्ताव विकास को दिशा दिखाते हैें। आगे बढ़ते नए भारत का ध्यान रखते हैं। अर्थव्यवस्था की छोटी और लंबी अवधि की जरूरतों को पूरा करते हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में व्यावहारिक और विश्वसनीय बजट पेश किया है। इसमें सभी लोगों के लिए कुछ न कुछ है। बजट की तीन खास थीम हैं- महत्वाकांक्षी भारत, सबका आर्थिक विकास और लोगों का ख्याल रखने वाला समाज। इन तीन स्तंभों के आधार पर बजट में तेज आर्थिक विकास की बुनियाद रखी गई है। टैक्स चुकाने वाले मध्यम वर्ग को जरूरी राहत मिली है। व्यक्तिगत इनकम टैक्स के ढांचे में परिवर्तन से नीचे बैठे करदाताओं को राहत मिलेगी। सितंबर में जिस तरह कारपोरेट्स को छूट छोड़कर निम्न कर दर अपनाने का विकल्प मिला था। वैसा ही विकल्प 15 लाख रुपए हर साल कमाने वालों को दिया है। लाभांश वितरण टैक्स हटाने और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, बिजली कंपनियों के लिए 15% कॉरपोरेट टैक्स से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।वित्तमंत्री ने किसानों की समृद्धि पर फोकस किया है। 16 सूत्री एक्शन प्लान से खेती को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने इस वर्ष भी स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र पर जोर दिया है। इन क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाने के साथ प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी का भी जिक्र किया गया है। इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास को महत्व दिया है। बजट का एक अन्य पहलू प्रशंसनीय है। कम अवधि में विकास दर बढ़ाने की चुनौती के साथ लंबी अवधि के उभरते ट्रेंड पर भी गौर किया है। उदाहरण के लिए सौ जिलों में पानी की कमी से निपटने का प्रावधान। एक अन्य ज्वलंत मुद्दे वायु प्रदूषण से निपटने की कोशिश की गई है। शहरों में हवा की क्वालिटी सुधारने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहन दिया है। कुल मिलाकर बजट में इस मोड़ पर अर्थव्यवस्था की सभी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया गया है।

एक्सपर्ट- प्रो. राम सिंह, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स

कॉर्पोरेट सेंटीमेंट के लिए ठीक, पर खपत बढ़ाने का खाका नहीं

बजट 2020 ऐसे समय में पेश किया गया है, जब वृद्धि दर और निजी क्षेत्र का सेंटीमेंट छह साल में सबसे निचले स्तर पर हैं। साथ ही आधिकारिक ताैर पर बेराेजगारी की दर भी 45 साल में सबसे ऊपर है। ऐसे में बजट काे इस नजरिये से देखना चाहिए कि प्राइवेट सेक्टर के सेंटीमेंट, मांग और बुनियादी ढांचे में आधिकारिक निवेश पर इसका क्या असर पड़ेगा। पहले पैरामीटर पर ताे यह बजट अच्छा दिख रहा है, लेकिन बाकी मुद्दाें पर काफी कुछ करने लायक छूट गया। यह बजट प्राइवेट सेक्टर की मरती हुई स्प्रिट काे जिंदा करने की काेशिश है। वित्त मंत्री ने भराेसा दिया है कि कंपनीज एक्ट के तहत फर्म्स के दीवानी उल्लंघनाें को अापराधिक नहीं माना जाएगा। इसी तरह, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स खत्म करना, टैक्स से जुड़े विवादाें पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का आश्वासन और टैक्सपेयर्स चार्टर लागू करने का आश्वासन भी प्राइवेट सेक्टर और सरकार के बीच भराेसा बढ़ाएगा। वित्त मंत्री ने भले ही यह स्वीकार कर लिया कि देश में शिक्षकाें, पैरामेडिकल स्टाफ और केयर गिवर्स की भारी मांग पूरी नहीं हाे रही है अाैर भारतीय युवाअाें का काैशल कमजाेर है। फिर भी उन्हाेंने काैशल विकास के लिए सिर्फ तीन हजार कराेड़ रुपए का ही अावंटन किया। दुनिया की सबसे बड़ी वर्कफाेर्स काे बेकार करना यह देश वहन नहीं कर सकता। बेराेजगार युवाअाें काे इंटर्नशिप अाैर अाॅन साइट वाेकेशनल ट्रेनिंग का माैका देने वाली कंपनियाें के लिए भी टैक्स छूट की बजट में घाेषणा की जानी चाहिए थी। जब मांग या खपत बढ़ाने की बात अाती है ताे यह बजट उम्मीदाें पर खरा नहीं उतरता। पीएम-किसान अाैर मनरेगा के बजट अावंटन निराशाजनक हैं। मनरेगा काे 61500 कराेड़ रुपए दिए गए हैं, जबकि माैजूदा वित्त वर्ष में यह अावंटन 71 हजार कराेड़ रुपए का था। पीएम-किसान का अावंटन भी घटा है। यह दाेनाें ही याेजनाएं छाेटे किसानाें अाैर भूमिहीन श्रमिकाें तक अामदनी पहुंचाने का अच्छा जरिया हैं। यह वर्ग अपनी अामदनी का अधिकतर हिस्सा खर्च कर देता है अाैर वस्तु एवं सेवाअाें के लिए बड़ी मांग पैदा करता है।

इन याेजनाओंके तहत ज्यादा पैसा देने से अर्थव्यवस्था के ज्यादातर सेक्टर्स काे फायदा हाेता।
श्रम से जुड़े छाेटे और मझाेले उद्याेग भी राेजगार पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 11 कराेड़ से ज्यादा लाेगाें काे इनमें राेजगार मिला है। छाेटे रिटेलर, ट्रेडर, दुकानरदार जैसे एसएमई सेक्टर पर कानूनाें का बाेझ कम करते हुए उन कंपनियाें के लिए खाताें के ऑडिट की सीमा 1 कराेड़ से बढ़ाकर 5 कराेड़ रुपए कर दी गई है, जिनका 5 फीसदी से कम लेनदेन कैश में हाेता है। कर्ज रिस्ट्रक्चर करने की विंडाे 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाना भी सराहनीय है। हालांकि, कई मुद्दाें पर ध्यान नहीं दिया गया है। इस सेक्टर की ओर से उत्पादित कई वस्तुओं पर इनपुट टैक्स की दरें तैयार वस्तु से ज्यादा हैं। इस विसंगति के चलते इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में सरकार के पास सालाना करीब 20 हजार कराेड़ रुपए अटके रहते हैं।

ट्रांसपाेर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.7 लाख कराेड़ रुपए का आवंटन स्वागत याेग्य
स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और ग्रामीण विकास की याेजनाओं का आवंटन भी बेहद कम बढ़ाया गया है। पानी की कमी वाले 100 जिलाें के लिए माइक्राे इरिगेशन स्कीम, ग्रामीण सड़कें, काेल्ड स्टाेरेज और लाॅजिस्टिक चेन जैसी याेजनाएं ग्रामीण भारत में आमदनी और राेजगार बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं। ट्रांसपाेर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.7 लाख कराेड़ रुपए का आवंटन स्वागत याेग्य कदम है लेकिन काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि इस रकम में से कितनी सही मायनाें में निवेश की जाती है। अर्थव्यस्था में तेजी लाने के लिए निवेश फ्रंट लाेडेड हाेना जरूरी है। नए प्राेजेक्ट लाने के बजाय अभी शुरू हाे चुके प्राेजेक्टाें के लिए पैसे का इंतजाम करना जरूरी है, ताकि वह समय से पूरे हाे पाएं।

एक्सपर्ट-हर्ष रूंगटा, निवेश सलाहकार

सरकार के विनिवेश लक्ष्य को दोगुना करने से नए निवेश का मौका मिलेगा
मोदी सरकार के पहले पूर्ण बजट को अगर ध्यान से देखें तो मोटे तौर पर कह सकते हैं कि आप निवेशक को निराश ही किया है। भारत में रहने के नियम, रेसीडेंसी का प्रोविजन छह माह से बढ़ाकर 240 दिन कर दिया है। इससे मर्चेंट नेवी वाले अधिकतर लोग कर दायरे में आ जाएंगे। सरकार ने अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है कि दुबई आदि में रहने वालों पर क्या असर होगा। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स, डीडीटी कंपनी के बजाए छोटे निवेशक का देना सही कदम है। पहले लाभांश पर कंपनी प्रमोटर्स पर 20.56 फीसदी का भार आता था। कंपनी प्रोमेटर्स कई बार लाभांश घोषित नहीं करते थे लेकिन अब कर भार न होने से वे निवेशक को देंगे। सरकार को इस कदम से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। एनआरआई या विदेशी निवेशकों के लिए कई प्रावधान किए हैं। जैसे बॉन्ड में एनआरआई नौ से पंद्रह परसेंट हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। सरकार ने चुनिंदा सरकारी प्रतिभूतियों में एनआरआई को खरीदने की अनुमति दी है। गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में रिस्क नहीं है लेकिन ब्याज पर कर तो लगता है। एनआरआई के लिए सरकार ने नए निवेश के प्रावधान किए हैं देखना होगा कि वो भारतीय बाजारों के प्रति कितना रुझान दिखाते हैं। सरकार ने विनिवेश लक्ष्य को 1.05 लाख करोड़ से बढ़ाकर 2.10 लाख करोड़ रुपए किया है। ऐसे में सरकार अपनी हिस्सेदारी पब्लिक फंड के जरिए बेंचे तो निवेशकों को मौका मिलेगा। एलाआईसी के लिए सरकार ने आईपीओ लाने की बात की है, मैं समझता हूं कि यह देरी से उठाया गया कदम है। निवेशक जरूर एलआईसी में निवेश की ओर आकर्षित होंगे। सरकार के पास निवेशकों को गिनाने के लिए कई प्रावधान होंगे लेकिन प्रभावी कदमों का अभाव ही लगता है। घरेलू निवेशक के लिए सरकार ने विशेष कुछ भी प्रावधान नहीं किए हैं। सोना, कमोडिटी आदि को तो करीब-करीब छोड़ ही दिया है।

एक्सपर्ट- अजय काकरा, कृषि विशेषज्ञ

नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देगा विकास को रफ्तार

बजट में आर्थिक विकास में तेजी के लिए कृषि क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण माना गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है। 16-एक्शन पॉइंट्स में नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने, कृत्रिम गर्भाधान के जरिये पशु उत्पादन बढ़ाने और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में विकास के लिए व्यापक उपाय सुझाए हैं।
नीली अर्थव्यवस्था की संभावनाओं का अधिक लाभ उठाना अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका के लिए अहम है। भारत में 7,516.6 किमी की तटीय सीमा है। मछली उत्पादन में हम दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं। इसके बावजूद हमारी उत्पादन क्षमता चीन के मुकाबले दसवां हिस्सा ही है। इसकी वजह सैटेलाइट गाइडेड फिशिंग और रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल न होना है। नीली अर्थव्यवस्था को वित्त मंत्री ने 16 एक्शन-पॉइंट के दूसरे स्थान पर रखा है। सबसे ज्यादा महत्व विकास, प्रबंधन और समुद्री मछली संसाधनों पर है। दूसरा, तटीय इलाकों में फिश प्रोसेसिंग से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। इसके लिए ग्रामीण युवाओं को 3,477 सागर मित्र और 500 फिश प्रोड्यूसर संगठनों से जोड़ा जाएगा। यह हमें 2022-23 तक 200 लाख टन मछली उत्पादन में मदद करेगा।
भारत में दूध उत्पादन प्रति गाय 10 लीटर प्रतिदिन से कम है। कृत्रिम गर्भाधान से साइंटिफिक ब्रीडिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है। मौजूदा संसाधनों में हमारे यहां कृत्रिम गर्भाधान महज 30 प्रतिशत हो रहा है। इस साल के बजट में 2025 तक इसका लक्ष्य 70 प्रतिशत रखा है। इसे हासिल करने के लिए निजी निवेश की आवश्यकता होगी। सरकार ने कम पानी वाले 100 जिलों का उल्लेख विशेष तौर पर किया है। जल जीवन मिशन की अम्ब्रेला योजना से भविष्य में पानी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।



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खेल डेस्क. भारत-न्यूजीलैंड के बीच 5 टी-20 की सीरीज का आखिरी मैच आज माउंट माउनगुई में खेला जाएगा। भारत यह मैच जीतता है, तो वह पांच मैच की सीरीज में क्लीन स्वीप करने वाला पहला देश होगा। टीम भी पहली बार इतनी बड़ी टी-20 सीरीज खेल रही है। इससे पहले 5 मैच की दो सीरीज हुईं, जिनमें इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड और वनुअतु टीम ने मलेशिया को हराया है। एक बार 7 टी-20 की सीरीज खेली गई, जिसमें मलावी ने मोजाम्बिक को शिकस्त दी।

भारतीय कप्तान विराट कोहली भी सीरीज क्लीन स्वीप करने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। उन्होंनेतीसरा मैच जीतने के बाद कहा था कि टीम अब 5-0 से सीरीज जीतने की कोशिश करेगी।टीम इंडिया ने इस साल खेले अपने सभी 7 मैचों में जीत हासिल की है, जबकि न्यूजीलैंड को पिछले 5 मैच में हार मिली है।

हेड-टू-हेड

भारत और न्यूजीलैंड के बीच अब तक 15 टी-20 हुए। टीम इंडिया ने 7 में जीत दर्ज की, जबकि 8 मैच हारे। न्यूजीलैंड में टीम इंडिया ने अब तक 9 टी-20 खेले हैं, लेकिन जीत सिर्फ 5 में ही मिली। वहीं, भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 4 में से 1 टी-20 सीरीज जीती। पिछली बार कीवी टीम ने फरवरी 2019 में भारत को 2-1 से हराया था।

न्यूजीलैंड दोनों5 मैच की सीरीज हारा

विजेता किसके खिलाफ सीरीज में टी-20 अंतर कब
मलावी मोजाम्बिक 7 5-1 नवंबर 2019
वनुअतु मलेशिया 5 3-2 सितंबर 2019
इंग्लैंड न्यूजीलैंड 5 3-2 नवंबर 2019

भारत को सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त
सीरीज का पहला मैच ऑकलैंड में हुआ, जहां भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराया था। दूसरा मुकाबला भी इसी मैदान पर हुआ, जिसमें भारत ने 15 गेंद शेष रहते 7 विकेट से जीत हासिल की थी। तीसरा और चौथा मैच टाई रहा, जिनका नतीजा सुपर ओवर में निकला। हैमिल्टन टी-20 में रोहित शर्मा ने लगातार दो छक्के लगाकर टीम को न्यूजीलैंड में पहली बार सीरीज जिताई थी। जबकि चौथे वेलिंगटन मैच में राहुल और कोहली ने जीत दिलाई थी।

पिच और मौसम रिपोर्ट: रविवार को माउंट माउनगुई का तापमान 19 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। मैच के दौरान बादल छाए रहेंगे। बारिश की आशंका नहीं है। पिच से बल्लेबाजों को मदद मिलेगी।

  • मैदान पर हुए कुल टी-20 : 8
  • पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती : 7
  • पहली पारी में औसत स्कोर : 181
  • दूसरी पारी में औसत स्कोर : 145

चोटिल विलियम्सन मैच नहीं खेलेंगे
माउंट माउनगुई कीवी टीम के कप्तान केन विलियम्सन का घरेलू मैदान है। हालांकि विलियम्सन कंधे की चोट के कारण इस मैच से बाहर हो गए हैं। उन्हें तीसरे मैच में चोट लगी थी, जिससे वे चौथा मैच भी नहीं खेल सके थे। उनकी गैरमौजूदगी में पिछले मैच की तरह तेज गेंदबाज टिम साउदी ही टीम की कमान संभालेंगे। न्यूजीलैंड टीम यह मैच जीतकर अपना सम्मान बचाना चाहेगी।

टीम इंडिया में बड़े बदलाव हो सकते हैं
भारतीय टीम में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लोकेश राहुल की जगह ऋषभ पंत को मौका दिया जा सकता है। यदि कोहली आराम का फैसला करते हैं तो रोहित शर्मा वापस लौटकर कप्तानी संभाल सकते हैं। यदि कुलदीप यादव को लाया जाता है, तो युजवेंद्र चहल को बेंच पर बैठना पड़ सकता है।

दोनों टीमें:


भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), संजू सैमसन, लोकेश राहुल (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिवम दुबे, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर।

न्यूजीलैंड : केन विलियम्सन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, रॉस टेलर, स्कॉट कुगलिन, कॉलिन मुनरो, कॉलिन डी ग्रैंडहोम, टॉम ब्रूस, डेरिल मिशेल, मिशेल सेंटनर, टिम शिफर्ट (विकेटकीपर), हामिश बेनेट, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, ब्लेयर टिकनेर।



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दिल्ली. देश के कई बड़े अर्थशास्त्रियों ने निवेश, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर की मंदी पर चिंता जताई थी। इनमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, डी. सुब्बाराव, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन, आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ, नोबेल से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और एसबीआई की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य शामिल थे। इन अर्थशास्त्रियों ने क्या चिंता जताई थी और उनपर बजट में क्या हुआ पढ़े...



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Economists had expressed concern over the slowdown in investment, real estate and auto sector, but not a big announcement on this


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नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने समय के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था, जिन्होंने 2003 में बजट पेश करने के लिए 2 घंटे 13 मिनट का समय लिया था। साथ ही सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद लगातार दूसरी बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री हैं।

शब्द के हिसाब से सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड मनमोहन सिंह के नाम है। उनके 1991 के बजट भाषण में 18,177 शब्द थे। इस मामले में अरुण जेटली दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। उनका 2017 में बजट भाषण 18,604 शब्दों का था। 2015 में जेटली का बजट भाषण 18,122 शब्दों, 2018 में 17,991 और 2014 में 16,528 शब्दों का था।

हिरूभाई ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था
1977 में हिरूभाई एम पटेल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था। मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। उनके बाद पी चिदंबरम हैं, जिन्होंने 9 बार बजट पेश किए हैं।



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सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद लगातार दूसरी बार बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री हैं।
मनमोहन सिंह ने 1991 में शब्द के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण दिया था।


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Friday, January 31, 2020

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नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को निर्भया के गुनहगारों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी।विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति को याचिका भेजी थी।उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। अब दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प बाकी हैं। इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी किनिर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं।

इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है।हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।

वकील ने कहा- दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था- एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी देना गैर-कानूनी होगा। अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था- 7 साल पहले उनकी बेटी के साथ अपराध हुआ और सरकार बार-बार दोषियों के सामने झुक रही है।

मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी पवन की रिव्यू पिटीशन ठुकराई। इसमें उसने गैंगरेप के वक्त नाबालिग होने का दावा खारिज होने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुकी है। उसने जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ठुकरा चुका है। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं है।

चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति

  • मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
  • अक्षय सिंह ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसने दया याचिका दायर नहीं की है।
  • पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।


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President rejects mercy plea of convict Vinay Sharma,


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नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2020-21 का आम बजट पेश कर रही हैं।कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी शनिवार कोकहा कि अर्थव्यवस्था में थेगड़े (टैटर्स/पैबंद) लग चुकेहैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही हैं जो कॉस्मेटिक सर्जरी कर सकती हैं। क्योंकि भाजपा सरकार तो इमरान खान या पाकिस्तान के मुसलमानों की बात करने में ही लगी रहती है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि 2020 के बजट मेंबढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती किसान आत्महत्याएं,गरीबी से हो रही आत्महत्याएं, ईंधन की बढ़ती कीमतें, बढ़ती महंगाई, बढ़तीलागतें, बढ़ती बैंक धोखाधड़ी को गोली मारी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था के लिए भी वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश करने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस बार के बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए योजनाएं लाई जानी चाहिए। मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल के बजट पर गौर करें तो बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आय में गिरावट आई है। निवेश में कमी आई है। जीडीपी भी घट गई है।



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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।


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खेल डेस्क. कोरोनावायरस के कारण चीन में होने वाला पहला बैडमिंटन मास्टर्स टूर्नामेंट टाल दिया गया है। यह जानकारी बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) ने शनिवार को दी। यह 6 दिवसीय टूर्नामेंट 25 फरवरी से दक्षिणी हैनान आईसलैंड के लिंगशुई में होना था। अगले 3 महीने के अंदर चीन में होने वाले 8 से ज्यादा बड़े खेलों पर कोरोनावायरस का असर पड़ा है।चीन में कोरोनावायरस से अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 6 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है।

टोक्यो ओलिंपिक के लिए होने वाले महिला एशियन फुटबॉल, बॉक्सिंग और बास्केटबॉल क्वालिफायर मुकाबलों को दूसरे देशों में शिफ्ट किया गया। वहीं, नानजिंग में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप को भी एक साल के लिए टाल दिया गया। यह टूर्नामेंट अब मार्च 2021 में होगा।

कई खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से नाम वापस लिया
बीडब्ल्यूएफ ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ था। कई खिलाड़ियों ने अपना नाम पहले ही वापस ले लिया था। इसी कारण टूर्नामेंट को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। इवेंट को लेकर ज्यादा जानकारी जल्दी शेयर की जाएगी।’’

फॉर्मूला वन ग्रांड प्रिक्स टल सकता है
शंघाई में सबसे बड़ा इवेंट फॉर्मूला वन ग्रांड प्रिक्स 19 अप्रैल को होगा। इससे पहले प्रैक्टिस और क्वालिफायर मुकाबले भी होने हैं। इस इवेंट को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस इवेंट की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है।

अन्य खेलों पर असर

  • टोक्यो ओलिंपिक के लिए चीन में होने वाले महिला एशियन फुटबॉल के ग्रुप बी के क्वालिफायर मुकाबले अब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में होंगे। यह टूर्नामेंट 3 से 9 फरवरी के बीच होगा
  • ओलिंपिक गेम्सके लिए बॉक्सिंग क्वालियर को जॉर्डन में कराया जाएगा। यह मुकाबले 3 से 11 मार्च तक होंगे
  • टोक्यो ओलिंपिक के लिए महिला बास्केटबॉल क्वालिफायर अब सर्बिया में होंगे। यह मुकाबले 6 से 9 फरवरी के बीच होंगे
  • नानजिंग में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप को भी एक साल के लिए टाल दिया गया। यह टूर्नामेंट अब मार्च 2021 में होगा
  • 2022 बीजिंग ओलिंपिक में अल्पाइन स्कीइंग के लिए 15 फरवरी से परीक्षण के तौर पर रेस होनी थी, जिसे रद्द कर दिया गया
  • इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (एफआईएच) ने चीन में इसी महीने होने वाली प्रो हॉकी लीग गेम्स को टाल दिया


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चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग (बाएं) ने कोरोनावायरस के प्रति जागरुकता के लिए लोगों से बात की।


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नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को निर्भया के गुनहगारों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर दी।विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति को याचिका भेजी थी।उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। अब दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प बाकी हैं। इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगाई थी। अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी किनिर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं।

इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है।हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।

वकील ने कहा- दोषियों के पास कानूनी विकल्प हैं

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था- एक दोषी की याचिका लंबित होने से बाकी दोषियों को फांसी देना गैर-कानूनी होगा। अभी दोषियों के पास दया याचिका समेत कानूनी विकल्प हैं। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था- 7 साल पहले उनकी बेटी के साथ अपराध हुआ और सरकार बार-बार दोषियों के सामने झुक रही है।

मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी पवन की रिव्यू पिटीशन ठुकराई। इसमें उसने गैंगरेप के वक्त नाबालिग होने का दावा खारिज होने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुकी है। उसने जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ठुकरा चुका है। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई रास्ता नहीं है।

चारों दोषियों की अभी क्या स्थिति

  • मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।
  • अक्षय सिंह ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसने दया याचिका दायर नहीं की है।
  • पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।


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President rejects mercy plea of convict Vinay Sharma,


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नई दिल्ली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2020-21 का आम बजट पेश कर रही हैं।कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी शनिवार कोकहा कि अर्थव्यवस्था में थेगड़े (टैटर्स/पैबंद) लग चुकेहैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही हैं जो कॉस्मेटिक सर्जरी कर सकती हैं। क्योंकि भाजपा सरकार तो इमरान खान या पाकिस्तान के मुसलमानों की बात करने में ही लगी रहती है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि 2020 के बजट मेंबढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती किसान आत्महत्याएं,गरीबी से हो रही आत्महत्याएं, ईंधन की बढ़ती कीमतें, बढ़ती महंगाई, बढ़तीलागतें, बढ़ती बैंक धोखाधड़ी को गोली मारी जानी चाहिए। साथ ही कहा कि देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था के लिए भी वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- वित्त मंत्री को बजट पेश करने से पहले अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस बार के बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए योजनाएं लाई जानी चाहिए। मध्यम वर्ग को बचत केलिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल के बजट पर गौर करें तो बेरोजगारी काफी बढ़ी है। आय में गिरावट आई है। निवेश में कमी आई है। जीडीपी भी घट गई है।



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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।


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जीवन मंत्र डेस्क.कौटिल्य के लिखे अर्थशास्त्र में आयकर का जिक्र मिलता है। यह ग्रंथ करीब 2300 साल पहले लिखा गया है। इसमें कौटिल्य ने लिखा है कि सरकार (राजा) की सत्ता उसके राजकोष की मजबूती पर निर्भर करती है। राजस्व और कर सरकार के लिए आमदनी है, जो उसे अपनी जनता (प्रजा) की सेवा, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिलती है।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कौशल किशोर मिश्रा के अनुसार कौटिल्य ने अर्थशास्त्रमें बताया है कि राजा की सबसे बड़ी ताकत उसका खजाना होता है। यानी अपने राज्य और जनता की तरक्की के लिए सबसे पहले खजाना कैसे बढ़ाया जाए, इस बात पर ध्यान देना चाहिए। कौटिल्य के अनुसार राजकोष बढ़ाना और उसे जनता के कल्याण में कैसे लगाया, इस व्यवस्था को ही बजट कहा जाता है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कर की व्यवस्था का खासतौर से ध्यान रखा गया है। इसके मुताबिक राजा यानी देश पर शासन करने वाले को नैतिकता को ध्यान में रखते हुए अपना बजट बनाना चाहिए। नैतिकता के आधार पर ही किसी राज्य या देश की उन्नति हो सकती है।

कौटिल्य के अनुसार कैसा हो बजट
1. पहला काम टैक्सेशन ठीक करना

कौटिल्य के मुताबिक जनता पर टैक्स का बोझ कम होना चाहिए। इसलिए मधु सिद्धांत के अनुसार टैक्स लेना चाहिए। यानी मधुमक्खी जिस तरह फूलों से रस लेकर शहद बनाती है, जिससे फूलों को नुकसान नहीं होता और शहद से लोगों को फायदा मिलता है।

2. सबसे हाशिए पर मौजूद तबके को बढ़ावा देना
अर्थशास्त्र के मुताबिक राजा का काम समाज के सबसे 'न्यून वर्ग' या सबसे हाशिए पर खड़े वर्ग को बढ़ावा देना होता है। इस तरह सरकार के बजट में दूसरी महत्वपूर्ण बात 'न्यून वर्ग' वालों को ऊपर उठाना है। सरकार को ऐसी योजनाएं, सुविधाएं या छुट देनी चाहिए, जिससे गरीब लोगों का स्तर बढ़े।

3.पर्यावरण
कौटिल्य ने देश के समग्र विकास के लिए अपने अर्थशास्त्र में पर्यावरण को महत्व दिया है। पर्यावरण ठीक करने के लिए किसी टैक्स का प्रावधान होना चाहिए। अगर पर्यावरण को कोई नुकसान पहुंचाए तो उसके लिए दंड भी होना चाहिए। कौटिल्य ने कृषि और जल संसाधन को पर्यावरण का प्रमुख अंग माना है। अर्थशास्त्र के अनुसार राजा कोइनके लिए ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए जिससे जनता को सुविधा मिले और उसके बदले कर के रूप में राजकोष बढ़े।

4.पशुपालन

कौटिल्य ने पशु को राजकोष का अंग मानते हुए पशु को राजा की संपत्ति बताया है। अर्थशास्त्र के अनुसार खेती के लिए पशु जरूरी है ताकि दूध, खाद और अन्य जरूरी चीजें मिलती रहें। वहीं, राजा की सेना में हाथी और घोड़े जरूरी अंग माने गए थे।

5.निर्माणकार्य
कौटिल्य के अनुसार राजा को अपने राज्य यानी देश के विकास के लिए जरूरी चीजों का निर्माण करवाना चाहिए। इनमें कुएं, बावड़ियां, तालाब और अन्य चीजें शामिल थीं। आज के दौर में उसी तरह सरकार को भी देश की उन्नति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए खर्चा करना चाहिए।

अर्थशास्त्र के अनुसार समानता के आधार पर विकास
अलब्धलाभार्था लब्धपरिरक्षणी रक्षितविवर्धनी वृद्धस्य तीर्थे प्रतिपादनी च

अर्थ -कौटिल्य के अनुसार जो प्राप्त न हो वो प्राप्त करना, जो प्राप्त हो गया हो उसे संरक्षित करना, जो संरक्षित हो गया उसे समानता के आधार पर बांटना।

श्रेणियों के अनुसार कर निर्धारण
कौटिल्य के समय शराब पर सबसे ज्यादा कर वसूला जाता था। इसके अनुसार पूरे देश में शराब पर टैक्स सबसे ज्यादा होना चाहिए। टैक्स का फैसला नैतिकता के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में होना चाहिए। कौटिल्य के समयसबसे कम टैक्स भोजन और कृषि पर लिया जाता था।

प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है इनकम टैक्स का जिक्र
हजारों साल पहले लिखी गई मनुस्मृति में आयकर के बारे में लिखा है कि शास्त्रों के अनुसार राजा कर लगा सकता है। करों का संबंध प्रजा की आय और व्यय से होना चाहिए। इसमें ये भी कहा गया था कि राजा को हद से ज्यादा कर लगाने से बचना चाहिए। करों की वसूली की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि प्रजा अदायगी करते समय मुश्किल महसूस न करें। इसके अलावा शुक्रनीति, बृहस्पति संहिता और महाभारत के शांतिपर्व के 58 और 59वें अध्याय में भी इस बारे में जानकारी दी गई है। वहीं तुलसीदास जी ने भी अपनी दोहावली में अप्रत्यक्ष रूप से कर का जिक्र किया है। उनके अनुसार सूर्य की तरह कर लिया जाना चाहिए।

दोहा
बरषत हरषत लोग सब करषत लखै न कोइ। तुलसी प्रजा सुभाग ते भूप भानु सो होइ ॥

गोस्वामी तुलसीदास ने अप्रत्यक्ष कर संग्रह की बात कही है। उन्होंने इसके लिए सूर्य का उदाहरण लिया है। सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी से अनजाने में ही जल खींच लेता है और किसी को पता नहीं चलता, किन्तु उसी जल को बादल के रूप में इकट्‌ठा कर वर्षा में बरसते देखकर सभी लोग प्रसन्न होते हैं। इसी रीति से कर संग्रह करके राजा द्वारा जनता के हित में कार्य करना चाहिए।



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According to Kautilya, the budget should be based on ethics, not technical and professional.


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खेल डेस्क. जापान में इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोरोनावायरस कोई खतरा साबित नहीं होगा। सबकुछ शेड्यूल के मुताबिक ही होगा। यह जानकारी जापान के ओलिंपिक मंत्री सीको हाशीमोटो ने शुक्रवार को दी। ओलिंपिक गेम्स24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे। दरअसल, चीन में कोरोनावायरस से अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। 6 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं, जापान में कोरोनावायरस से प्रभावित 17 लोगों की पहचान हुई। शुक्रवार को भी एक नया मामला सामने आया है।

कैबिनेट बैठक के बाद हाशीमोटो ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं लोग काफी चिंतित हैं, लेकिन यह टोक्यो गेम्स हैं। लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) समेत अन्य संबंधित संस्थानों के टच में हैं। ओलिंपिक गेम्स को सफल बनाने के लिए बेहतर काम किए जा रहे हैं।’’

ओलिंपिक में जरूरी सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं रहेंगी
आईओसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जल्द ही कोरोनावायरस के प्रकोप को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और इससे संबंधित अन्य संगठनों से बात की जाएगी। ओलिंपिक के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी।’’



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जापान में शुक्रवार को कोरोनावायरस से प्रभावित एक नए मरीज की पहचान हुई।


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लंदन. ब्रिटेन आधिकारिक तौर पर शनिवार कोयूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया। 47 साल के बाद ईयू से अलग होने वाला ब्रिटेन पहला देश बन गया। ईयू संसद ने ब्रेग्जिट समझौते को गुरुवार को मंजूरी दे दी थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेग्जिट से ठीक पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ब्रिटेन के लिए एक नए युग की शुरुआत के रूप में इस क्षण कोऐतिहासिक बताया।

भारतीय समय के अनुसार ब्रिटेन शनिवार सुबह 4.30 बजे ईयू से अलग हुआ। ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय से ब्रिटेन का झंडा हटा दिया गया है।

‘यह मेरी जिम्मेदारी कि सभी लोगों को साथ लेकर चलूं’

इस मौके पर जॉनसन ने कहा- 2016 में जिन लोगों ने इस अभियान का नेतृत्व किया, उनके लिए आज नई सुबह है। बहुत सारे लोगों के लिए यह उम्मीद का एक आश्चर्यजनक क्षण है, जिन्होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा था। बहुत सारे ऐसे समूह थे, जिन्हें लगता था कि यह राजनीतिक गतिरोध कभी खत्म नहीं होगा। बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो नुकसान जैसा महसूस कर रहे हैं। मैं उन सभी की भावनाओं को समझता हूं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं देश के सभी लोगों को साथ लेकर चलूं।

ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईयू से अलग होने के बाद अब ब्रिटेन के लिएअब ट्रांजीशन अवधि शुरू हो गई है,जो इस साल के अंत तक चलेगी। इस दौरान बदलाव के बाद भी कई पुराने कानून पहले की तरह ही रहेंगे। जैसे दिसंबर तक लोगों की आवाजाही बनी रहेगी। इस दौरान ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार व्यवस्था बनाने की कोशिश की जाएगी।ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा, लेकिन उसका नीतिगत मामलों में कोई दखल नहीं होगा।

क्या है ब्रेग्जिट?

ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने को ही ब्रेग्जिट कहा गया। ईयू में 28 यूरोपीय देशों की आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए ईयू बना था। सोच यह थी कि जो देश साथ में व्यापार करेंगे, वो आपस में युद्ध से बचेंगे। ईयू की अपनी मुद्रा यूरो है, 19 सदस्य देश इसका इस्तेमाल करते हैं। ब्रिटेन 1973 में ईयू से जुड़ा था।

जरूरत क्यों?

ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन में कभी चली ही नहीं। इसके उलट ब्रिटेन के लोगों की जिंदगियों पर ईयू का नियंत्रण ज्यादा है। वह व्यापार के लिए ब्रिटेन पर कई शर्तें लगाता है। ब्रिटेन के राजनीतिक दलों को लगता है कि अरबों पाउंड सालाना सदस्यता फीस देने के बाद भी ब्रिटेन को इससे बहुत फायदा नहीं होता। इसलिए ब्रेग्जिट की मांग उठी थी।

पारंपरिक गीत के साथ विदाई

ईयू की संसद में ब्रेग्जिट के लिए मतदान के दौरान भावुक करने वाला माहौल रहा। मतदान के बाद सांसदों ने ब्रिटेन के लिए पारंपरिक गीत गाया। ईयू प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन ने ब्रिटेन के चर्चित लेखक जॉर्ज इलियट की पंक्तियां दोहराते हुए कहा- ‘‘अलग होने के दुख में ही हम अपने प्रेम की गहराई को देखते हैं।’’ ब्रिटिश सांसदों ने कहा कि हम इस टीम में वापस आएंगे, लॉन्ग लिव यूरोप। वहीं कहीं-कहीं पर ब्रेग्जिट पूरा होने की खुशी भी दिखी।

असर

ब्रिटेन पर: प्रति व्यक्ति बोझ 68 हजार रुपए
ब्रेग्जिट से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को हर साल 53 हजार करोड़ रु. का नुकसान होगा। थिंक टैंक रैंड यूरोप और जर्मनी के बैर्टेल्समन फाउंडेशन के ताजा शोध में बताया गया है कि ईयू से बाहर होने पर ब्रिटेन में वस्तु और सेवाओं पर टैक्स लगेगा। इससे ये महंगी होंगी। लोगों के खर्च बढ़ेंगे। उनकी आय में कमी होगी। इससे लोगों को 45 हजार करोड़ का नुकसान होगा। ब्रिटेन में इसका प्रति व्यक्ति बोझ 68 हजार रु. आएगा। कुछ दिन पहले ही ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में 2016 से 2020 तक 18.9 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान जताया है। फिलहाल यह 12 लाख करोड़ रु. तक पहुंचा है।

दुनिया पर: जर्मनी-फ्रांस की जीडीपी बढ़ेगी
ब्रिटेन के अलह होने से यूरोपियन यूनियन की अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा। फिलहाल वैश्विक अर्थव्यवस्था में ईयू की हिस्सेदारी 22% है। ब्रिटेन के हटने पर 18% रह जाएगी। ईयू की आबादी में भी 13% की गिरावट आएगी। वहीं ईयू में जर्मनी की जीडीपी 20% से बढ़कर 25% वहीं फ्रांस की 15 से बढ़कर 18% हो जाएगी। अमेरिका भी फायदे में रहेगा। ब्रिटेन ईयू की अर्थव्यवस्था में 1.50 लाख करोड़ रुपए का योगदान देता है। ईयू अब ब्रिटेन को रियायतें भी नहीं देगा।

भारत पर: एफटीए होने से बड़ा बाजार मिलेगा

  • ब्रिटेन में निवेश करने वाला भारत तीसरा बड़ा देश है। ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो 1.10 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। ब्रिटिश मुद्रा पाउंड की कीमत घटने से इनके मुनाफे पर असर होगा।
  • यूरोप ने नए नियम बनाए तो भारतीय कंपनियों को नए करार करने होंगे। इससे खर्च बढ़ेगा और अलग-अलग देशों के नियम-कानूनों से जूझना होगा।
  • ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौता हो सकता है। इससे भारत का निर्यात बढ़ने का अनुमान है। ईयू से इस मामले में सहमति नहीं बनी थी।
  • ब्रिटेन सेंट्रल मार्केट है। पुर्तगाल, ग्रीस जैसे कई देश वहां से सामान ले जाते हैं। ब्रिटेन के साथ एफटीए होने से भारत को विशाल बाजार मिलेगा।


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यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ग्लासगो में जॉर्ज स्क्वायर में जश्न मनाते ब्रेग्जिट समर्थक।
स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में खुशियां मनाते ब्रेग्जिट समर्थक।


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नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को सीएए को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ बातचीत का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने ट्वीट किया कि वह तय रूपरेखा के तहत शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत की जाएगी। इस दौरान उनकी सीएए को लेकर शंकाएं भी दूर की जाएगी। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से प्रदर्शन चल रहा है।

इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक चुनावी रैली के दौरान सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बाबरपुर में ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। वहीं, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा था- सत्ता में आए तो सरकारी जमीन पर बनी मस्जिदें हटा देंगे, एक घंटे में शाहीन बाग भी साफ हो जाएगा।

दिल्ली में 20 से ज्यादा जगहों पर सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहा है

दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की जगहें लगातार बढ़ रही हैं। शाहीन बाग और जामिया यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ विरोध दिल्ली में 20 जगहों तक पहुंच चुका है।दक्षिण पूर्व जिला में गेट-7 जामिया यूनिवर्सिटी, शाहीन बाग रोड नंबर 13, लाला लाजपत राय मार्ग निजामुद्दीन, दक्षिण जिला में दांडी पार्क हौज रानी मालवीय नगर, मध्य जिला में तुर्कमान गेट, उत्तर जिला में इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास, डेयरी वाला पार्क आजाद मार्केट जंगल वाली मस्जिद, शाही ईदगाह के ईस्ट गेट पर विरोध प्रदर्शन लगातार चल रहे हैं।



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रविशंकर प्रसाद ने कहा- प्रदर्शनकारियों के साथ तय रूपरेखा के तहत ही बातचीत होगी।


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नई दिल्ली. शाहीन बाग की तरह दिल्ली की जामिया मिल्लियाइस्लामिया यूनिवर्सिटी के सामने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। 47 दिन से जामिया के मौजूदा और पूर्व छात्र आंदोलन कर रहे हैं। अब इसमें जामिया नगर का मुस्लिम समुदाय भी शामिल है। शुरुआत में प्रोटेस्ट चंद घंटे होता था। करीब 10 दिन से यह चौबीस घंटे होने लगा। संचालन के लिए 90 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी है। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान भी होना है। दैनिक भास्कर टीम ने जामिया के विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वहां से ये ग्राउंड रिपोर्ट।

विरोध के विभिन्न तरीके
कोऑर्डिनेशन कमेटी हर दिन का शेड्यूल बनाती है। वो ही यह भी तय करती है कि कब किसको भाषण के लिए बुलाना है। हालांकि, विरोध का तरीका सिर्फ भाषण नहीं हैं। पेंटिंग, शायरी और चरखा चलाकर भी असहमति व्यक्त की जाती है। कुछ बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया है। वो अलग-अलग हावभाव से सीएए-एनआरसी का विरोध करते हैं।

महिलाओं की भूमिका अहम
जामिया मिलिया में करीब 17 हजार छात्र हैं, जिसमें35 फीसदी छात्राएं हैं। पास ही जामिया नगर बस्ती है। यहां की मुस्लिम महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हैं। वे शिफ्ट में आती हैं। दोपहर 12 से 1.30 और शाम 4 से 7 बजे के बीच प्रदर्शनकारियों की तादाद सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, रात होते-होते चंद लोग ही रह जाते हैं। कुछ टेंट हैं। रात में यहां कोऑर्डिनेशन कमेटी के लोग सोते हैं।

रोज करीब दो हजार लोग जुटते हैं
कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक सदस्य बताते हैं- जामिया के सामने चल रहे प्रदर्शन में प्रतिदिन करीब 2 हजार लोग शामिल होते हैं। नामी हस्तियां जैसे जोया हसन, अरुंधति रॉय, मेधा पाटकर और संदीप पांडे यहां आंदोलनकारियों को संबोधित कर चुके हैं। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद कुछ छात्रों के मुताबिक, वेपढ़ाई के साथ आंदोलन भी कर रहे हैं। सीएए-एनआरसी के विरोध में करीब एक हजार पोस्टकार्ड राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस को भेजे जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस उन्हें शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी नहीं देती। वे यह भी कहते हैं कि जब तक सीएए कानून वापस नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

30 जनवरी को अफरा-तफरी मची
जामिया के सामने चल रहा यह प्रदर्शन 30 जनवरी को अचानक सुर्खियों में आ गया। दोपहर करीब एक बजे प्रदर्शनकारी राजघाट तक मार्च निकाल रहे थे। मार्च गेट नंबर 1 के सामने पहुंचा। इसी दौरान एक युवक ने फायर कर दिया। एक छात्र घायल हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। मार्च भी रोक दिया गया। कुछ लोगों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की। इन्हें हिरासत में लिया गया। बाद में ये रिहा कर दिए गए। देर रात तक पुलिस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही।

पुलिस के लाइब्रेरी में घुसने के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
आरोप है कि 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पुलिस गई। तब परीक्षाएं भी चल रहीं थीं। छात्र इससे नाराज हो गए। बवाल बढ़ा तो परीक्षाओं की तारीख बढ़ाकर सर्दी की छुट्टियोंका ऐलान कर दिया गया। 6 जनवरी को यूनिवर्सिटी खुली। 9 से परीक्षाएं भी शुरू हो गईं। दो दिन बाद वीसी ऑफिस का घेराव हुआ। हालात बिगड़े तो परीक्षाएं फिर आगे बढ़ा दी गईं। 27 जनवरी को ये फिर शुरू हुईं।



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