Saturday, April 11, 2020

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झारखंड में कोरोना से रविवार को दूसरी मौत हो गई। 60 वर्षीय मृतक रांची के हिंदपीढ़ी से छह अप्रैल को मिली दूसरी संक्रमित महिला का पति है। पिछले तीन दिनों से मरीज को सांस लेने में तकलीफ थी, जिसके बाद उसे ट्रामा सेंटर के आईसीयू आइसोलेशन वार्ड में वेंटिलेटर पर रखा गया था। शनिवार को डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की स्थिति स्थिर बताई जा रही थी। रात को फिर से मरीज को सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। रिम्स निदेशक डॉक्टर डीके सिंह ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले आठ अप्रैल को बोकारो के गोमिया निवासीएक कोराना पॉजिटिव मरीज की मौत हुई थी।


हिंदपीढ़ी से अबतक मिले हैं सबसे ज्यादा आठ संक्रमित
राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में अबतक कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा आठ मामले सामने आ चुके हैं। यहां पहली महिला मरीज 31 मार्च को मिली। महिला धर्मप्रचार के लिए रांची आई थी और राजधानी के हिंदपीढ़ी इलाके में ठहरी थी। छह अप्रैल को हिंदपीढ़ी में दूसरी महिला संक्रमित मिली। आठ अप्रैल को हिंदपीढ़ी के पांच अन्य मरीजों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। सभी पांच मरीज दूसरी पॉजिटिव महिला के परिवार के सदस्य हैं। 11 अप्रैल को हिंदपीढ़ी में संक्रमित आठवें मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री का पता नहीं चल सका है।

देश में कोरोना से अब तक 295 से ज्यादा की जान गई
देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। 30 जनवरी को पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से 29 फरवरी तक सिर्फ 3 संक्रमित थे। मार्च के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी। अब 26 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 470 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अभी तक देश में 8 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिले और 295 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि देश में कोरोना के 45% मरीज केवल 10 शहरों में हैं। संक्रमितों में मुंबई टॉप पर हैं। अब तक हुई मौतों में 65% मृतक इन्हीं 10 शहरों के थे।


देश में अबतक 8 हजार 453 केस
शनिवार को देश में 854 नए केस मिले। यह लगातार तीसरा दिन है जब संक्रमितों की संख्या 800 के पार गई है। इससे पहले 9 अप्रैल को 813 और 10 अप्रैल को 871 मरीज बढ़े थे। कुल संक्रमितों की संख्या 8 हजार 453 हो गई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1 हजार 761 मरीज हैं, तो वहीं दिल्ली में 1 हजार 69 रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी हैं। राहत की खबर ये है देश में अब तब 972 मरीज ठीक हो चुके हैं। बीते दो दिन में ही 337 संक्रमितों की इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। 10 अप्रैल को 151 और 11 अप्रैल को 186 मरीज ठीक हुए।

ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट और राज्य सरकारों के आंकड़ों के अनुसार हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, रविवार सुबह 8 बजे तक देश में 8 हजार 356 लोग संक्रमित हैं। इनमें से 7 हजार 367 का इलाज चल रहा है। 715 ठीक हुए हैं और 242 की मौत हो चुकी है।

दुमका मेंकुछ लोग लॉकडाउन के दौरान बाइक से सड़कों पर निकले थे। इस दौरान सड़क पर लगाए गए बैरिकेडिंग पर एक बाइक सवार को पुलिसकर्मी ने रोका और हाथ जोड़कर बाइक सवार से अपील की कि कल के लिए आज को मत खोना। मेरे लिए तुम घर पर रहना।

झारखंड के डीजीपी ने आम लोगों से घरों में रहने की अपील की
झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने आम लोगों से अपील की है कि लोग किसी तरह की अफवाह न फैलाएं और न ही अफवाहों में आएं। इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही किसी भी तरह के अफवाह पर बिलकुल ध्यान देने की जरुरत नहीं है। आपसभी लॉकडाउन के दौरान घरों में सुरक्षित रहे और लॉकडाउन का पालन करें। वहीं शुक्रवार को दुमका पुलिस के एक कर्मी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दरअसल, कुछ लोग लॉकडाउन के दौरान बाइक से सड़कों पर निकले थे। इस दौरान सड़क पर लगाए गए बैरिकेडिंग पर एक बाइक सवार को पुलिसकर्मी ने रोका और हाथ जोड़कर बाइक सवार से अपील की कि कल के लिए आज को मत खोना। मेरे लिए तुम घर पर रहना।



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झारखंड में अबतक 1912 संदिग्धों की जांच की जा चुकी है जिसमें से 1529 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव जबकि 17 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से दो कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है जबकि 366 की रिपोर्ट का इंतजार है।


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राजस्थान मे कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच रविवार सुबह कुल 51 नए पॉजिटिव केस सामने आए। जिसमें जयपुर में 15, बांसवाड़ा में 15, जोधपुर में 8, बीकानेर में 8, हनुमानगढ़ में 2, जैसलमेर, चूरू और सीकर में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिले। जिसके बाद राज्य में कुल पॉजिटिव लोगों की संख्या 751 पर पहुंच गई।


जयपुर में हजार लोग क्वारेंटाइन किए जा सकें,जगह तलाशने के लिए 50 टीमें बनेंगी

जयपुर में कोरोना से मुकाबले के लिए जेडीए तैयार है। इसके लिए 200 अधिकारी-कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाकर रविवार-सोमवार से उपस्थिति देने को कहा है। इसमें जेईएन से लेकर एक्सईएन, आरएएस और दूसरी विंग के कर्मचारी शामिल हैं। तय हुआ है कुछ दिन से बंद अब जेडीए का दफ्तर सातों दिन खुलेगा। कोई 40-50 टीम तैयार होंगी, यानी क्वारेंटाइन में प्रति 100 लोगों पर 5 कर्मचारी रहेंगे। इन सभी को वाहन सहित ड्यूटी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। क्वारेंटाइन लोगों की सुविधाओं के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। जेडीसी टी. रविकांत दो दिन से फील्ड में ऐसी जगहों को चिह्नित करने के लिए घूम रहे हैं। एक-दो दिन में कंट्रोल रूम स्थापित होगा। जेडीए की प्लानिंग के मुताबिक करीब 5-6 हजार लोगों को क्वारेंटाइन करने की एडवांस तैयारी है। इसके राज्य सरकार के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।

बांसवाड़ा में महिला नर्सिंगकर्मियों पर फब्तियां कसी पुलिस ने माफी मंगवाई, सात गिरफ्तार

बांसवाड़ा पुलिस ने महिला नर्सिंग कर्मियों से अभद्रता करने पर 7 जनों को गिरफ्तार किया। कोतवाल भैयालाल आंजना ने बताया कि क्यूआरटी जाब्ते ने सूचना मिली कि कुशलबाग मैदान के पास व्यास बेकरी की छत के ऊपर मौजूद कुछ युवक आने-जाने वाली महिला नर्सिंग कर्मियों से अभद्रता कर रहे हैं। इस पर एएसआई भंवरसिंह को जाब्ते के साथ मौके पर भेजा। जहां कुछ लड़के मिले, जिन्हें नाम पता पूछा तो खुद को बिहार का बताया। सभी को गिरफ्तार किया। कोतवाल भैयालाल ने बताया कि वर्तमान में जहां मेडीकल और नर्सिंग कर्मी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की हरकतें बर्दाश्त योग्य नहीं है।

सीकर मेंक्वारेंटाइन सेंटर में था बेटा, पिता का इंतकाल, पीपीई किट पहन सुपुर्द-ए-खाक किया

सीकर के पालवास रोड स्थित प्रिंस डिफेंस एकेडमी में क्वारेंटाइन किए गए युवक के पिता का शनिवार काे इंतकाल हाे गया। प्रशासन ने युवक काे कब्रिस्तान पहुंचने की इजाजत दी। युवक पीपीई किट पहनकर कब्रिस्तान पहुंचा और पिता काे सुपुर्द-ए-खाक किया। कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव को शनिवार सुबह सूचना मिली कि पालवास राेड स्थित डिफेंस एकेडमी के छात्रावास में क्वारेंटाइन किए गए फतेहपुर रोड निवासी मोहम्मद सबीर के पिता मो. यासीन का इंतकाल हो गया। वे बीपी और शुगर के पेशेंट थे। कलेक्टर ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग काे दी। स्वास्थ्य विभाग ने 108 एंबुलेंस और स्टाफ काे क्वारेंटाइन सेंटर भेजा। मेडिकल टीम ने सबीर की स्क्रीनिंग और उसे पहनने के लिए पीपीई किट दी। 108 एंबुलेंस से सबीर को कब्रिस्तान ले जाया गया। सबीर ने पिता को सुपुर्द-ए-खाक किया। इसके बाद युवक को वापस क्वारेंटाइन सेंटर ले आए। कब्रिस्तान में विधायक राजेंद्र पारीक, सभापति जीवण खां सहित कई लाेग माैजूद रहे।

सीकर में मेडिकल की टीम व्यक्ति को लेने पहुंची।


33 में से 25 जिलों में पहुंचा कोरोना
राजस्थान के 33 में से 25 जिलों में कोरोना के केस मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा जयपुर में 318 (2 इटली के नागरिक) पॉजिटिव मिल चुके हैं। जोधपुर 89 (इसमें 38 ईरान से आए), जैसलमेर में 41 (इसमें 12 ईरान से आए), भीलवाड़ा में 28, झुंझुनूं में 31, टोंक में 47, चूरू में 12, प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 5, अजमेर में 5, अलवर में 7, बीकानेर में 34, उदयपुर में 4, भरतपुर में 9, दौसा में 8, बांसवाड़ा में 52, पाली में 2, कोटा में 33, झालावाड़ में 14, करौली में 3, हनुमानगढ़ 2, सीकर 2, बाड़मेर, नागौर और धौलपुर में एक-एक संक्रमित मिला है।

अब तक 9 लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना से अब तक 9 लोगों की मौत हुई है। इनमें दो भीलवाड़ा, चार जयपुर, एक बीकानेर, एक जोधपुर और एक कोटा में हो चुकी है। भीलवाड़ा में पहली मौत 73 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। उसे कई अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। डायलिसिस पर था। दूसरी मौत भी भीलवाड़ा में एक 60 साल के व्यक्ति की हुई। उसकी भी तबीयत ठीक नहीं थी। तीसरी मौत अलवर के रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग की जयपुर में हुई। उन्हें ब्रेनहैमरेज हुआ था। चौथी मौत बीकानेर में 60 साल की महिला की हुई। वहीं पांचवी मौत जयपुर में 82 साल के बुजुर्ग की हुई। छठी मौत कोटा में एक 60 साल के बुजुर्ग की हुई। उन्हें निमोनिया की शिकायत थी। वहीं सातवीं मौत जोधपुर में 77 साल के बुजुर्ग की हुई। जिसके बाद आठवीं मौत जयपुर के रामगंज में रहने वाली 65 साल की महिला की हुई। वहीं नौंवी मौत जयपुर के रामगंज इलाके में 62 साल के बुजुर्ग की हुई।


जयपुर में लॉकडाउन के उल्लंघन पर 19 लोग गिरफ्तार

परकोटा के अलावा भट्टा बस्ती, आदर्शनगर, लालकोठी और खोह नागोरिया इलाके में कर्फ्यू लगा है। लेकिन आमजन कर्फ्यू और लॉकडाउन का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे। शनिवार को पुलिस ने 262 नाकाबंदी स्थानों पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 360 वाहनों को जब्त किया है। इसी तरह धारा 144 का उल्लंघन का करने पर 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं आपदा प्रबंधन एक्ट और राजस्थान एपिडेमिक एक्ट के तहत अब तक 50 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा कोरोना के संबंध में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के संबंध में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

लोगों को लगातार घर में रहने के लिए कहा जा रहा।

शनिवार को सबसे ज्यादा 139 मामले सामने आए
इससे पहले शनिवार को 139 नए पॉजिटिव मिले। यह एक दिन में संक्रमितों का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इससे पहले शुक्रवार (10 अप्रैल) को 98 मामले सामने आए थे। आज आए मामलों में से 80 जयपुर से हैं। इसमें 79 जयपुर के रामगंज इलाके के हैं। इनका सैंपल घर-घर हुए सर्वे के दौरान लिया गया था। इसके अलावा टोंक में 20 और कोटा में 14 मरीजों का पता चला। वहीं, बांसवाड़ा में 13 संक्रमित मिले। बीकानेर में भी 6 और झालावाड़ में दो नए केस सामने आए। दौसा, जैसलमेर, करौली में एक-एक पॉजिटिव मिला। बीकानेर में संक्रमितों में एक 11 माह का बच्चा भी शामिल है। जो पहले पॉजिटिव मिल चुकी महिला के परिवार से हैं। इसके अलावा जयपुर में संक्रमण से एक 62 साल के बुजुर्ग की मौत हुई है। वह जयपुर के रामगंज इलाके के रहने वाले थे। रामगंज इलाका जयपुर में कोरोना संक्रमण का एपिसेंटर बना हुआ है। बुजुर्ग की मौत शुक्रवार को हुई थी। उन्हें हाइपरटेंशन की शिकायत थी। शनिवार को आई रिपोर्ट में उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई है। यह राज्य में संक्रमण से 9वीं मौत है।



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तस्वीर उदयपुर की है। जहां अब तक 4 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। जिसके बाद शह को पूरी तरह सील कर दिया गय है।


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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या 452 तक पहुंच गई है। इसमें 254 लोग तब्लीगी समाज से जुड़े हुए हैं। सरकार ने तब्लीगी जमातियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। शनिवार को बहराइच में 21 जमातियों का क्वारैंटाइन का समय समाप्त होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। इमें इंडोनेशिया और थाईलैंड मूल के जमाती भी शामिल हैं। इस बीच सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रामपुर में सपा सांसद आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय को टेकओवर कर लिया है। अब वहां प्रशासन की ओर से क्वारैंटाइन सेंटर बनाया जाएगा,जिसमें सारी सुविधाएं मौजूद होंगी।

41 जिलों से अब तक 452 मामले सामने आए
राज्य में अब तक आगरा में 92, लखनऊ में 32, गाजियाबाद में 27, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 64, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर नगर में 9, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 1, वाराणसी में 9, शामली में 17, जौनपुर में 4, बागपत में 5, मेरठ में 48, बरेली में 6, बुलन्दशहर में 11, बस्ती में 9, हापुड़ में 6, गाजीपुर में 5, आज़मगढ़ में 4, फिरोजाबाद में 11, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 21 व शाहजहांपुर में 1, बाँदा में 2, महराजगंज में 6 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।इसके अलावा हाथरस में 4, मिर्जापुर में 2, रायबरेली में 2, औरैय्या में 3, बाराबंकी में 1, कौशाम्बी में 2, बिजनौर में 1, सीतापुर में 10, प्रयागराज में 1, मथुरा में 2 व बदायूँ में 2, रामपुर में 6, मुजफ्फरनगर में 4, अमरोहा में 7 व भदोहीं में 1 पेशेंट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिवमिले हैं।

अब तक 45 लोग ठीक होकर हुए डिस्चार्ज
अब तक प्रदेश के 9 जनपदों से 45 लोग डिस्चार्ज किए गएहैं। जिनमें आगरा से 10, गाजियाबाद से 5, नोएडा से 12 एवं लखनऊ से 5, कानपुर से 1, शामली से 1, पीलीभीत से 1 व लखीमपुर खीरी से 1 व मेरठ से 9 कोरोना पेशेंट्स को स्वस्थ करवाकर डिस्चार्ज किया गया है।प्रदेश में अब तक कोरोना से कुल 5 मौतें हुईंहैं, जिनमें मेरठ, बस्ती, वाराणसी, आगरा और बुलन्दशहर जिले में अब तक 1-1 मौत शामिल है।

लखनऊ; 5 दिनों में डाइट के दम परठीक हुआ ढ़ाई साल का बच्चा
यूपी की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती ढाई साल के बच्चे ने कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली है। सिर्फ पांच दिनों में बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। खास बात यह है कि बच्चे ने बिना किसी दवा के ही कोरोना को मात दी है। बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. डी. हिमांशु ने बताया कि दवाओं से बच्चे को साइड इफेक्ट्स हो सकते थे। ऐसे में महज डाइट के दम पर बच्चे को ठीक किया गया। तीन दिन तक बच्चे को कोई दवा नहीं दी गई। उसे दलिया, खिचड़ी और दूध की खीर जैसी डाइट दी और कुछ फल व जूस भी दिए।

मिर्जापुर; साउथ अफ्रीका से आये इंजीनियर को पुलिस ने ससुराल से उठाया

दक्षिण अफ्रीका से लौटे इंजीनियर को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में ले लिया। फतेहपुर निवासी राजेन्द्र कुमार को उसके ससुराल से उस वक्त उठाया गया, जब वह आराम फरमा रहे थे।

दक्षिण अफ्रीका से लौटे इंजीनियर को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में ले लिया। फतेहपुर निवासी राजेन्द्र कुमार को उसके ससुराल से उस वक्त उठाया गया, जब वह आराम फरमा रहा था।
दक्षिण अफ्रीका से लौटे इंजीनियर को पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत हिरासत में ले लिया। फतेहपुर निवासी राजेन्द्र कुमार को उसके ससुराल से उस वक्त उठाया गया, जब वह आराम फरमा रहा था।

फतेहपुर जिला खागा थाना क्षेत्र निवासी राजेन्द्र साउथ अफ्रीका के प्राइवेट कंपनी में इन्जीनियर हैं। साउथ अफ्रीका से 21 मार्च 2020 को दिल्ली एयरपोर्ट पर आये थे। जहां दिल्ली में इनको 21 मार्च से 11 दिवस आइसोलेशन में रखा गया था। इसके पश्चात एक अप्रैल को दिल्ली से अपने घर फतेहपुर गए। लाकडाउन के दौरान वह फतेहपुर से 10 अप्रैल को मीरजापुर कटरा कोतवाली क्षेत्र के गणेशगंज स्थित अपने ससुराल अमरनाथ सेठ के यहां आ गये थे।

रामपुर; आजम के जौहर विश्वविद्यालय को सरकार ने किया टेकओवर, बनेगा क्वरैंटाइन सेंटर
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और उपचार को लेकर प्रशासन ने सांसद आजम खां के जौहर विश्वविद्यालय का अधिग्रहण कर लिया है। जौहर विवि के अस्पताल में चार सौ बेड में सौ सौ बेड प्रयोग अवस्था में हैं।वहीं मरीजों के उपचार से लेकर ओपीडी, दवाओं के स्टॉक करने, डाक्टर और अन्य स्टाफ के रहने, खाने आदि की भी व्यवस्था है। अब यहां कोरोना आशंकितों और संक्रमितों को क्वारैंटाइन और आइसोलेट किया जाएगा। जिले में कोरोना वायरस की रोकथाम और इससे संक्रमितों को तलाश कर उपचाराधीन करने के लिए प्रशासन बड़ी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। कोरोना से निपटने के लिए शुक्रवार को ही प्रशासन ने जिले के 9 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को टेकओवर कर लिया था।

बहराइच; मस्जिदों में रुके 21 जमातियों को जेल भेजा गया

शनिवार को सभी 21 जमातियों को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। यहां से उनको जेल भेज दिया गया। इससे पहले सभी को क्वारंटीन में रखा गया था. उनका क्वारैंटाइन पूरा हो गया है और उन सभी की कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है।
शनिवार को सभी 21 जमातियों को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। यहां से उनको जेल भेज दिया गया। इससे पहले सभी को क्वारंटीन में रखा गया था. उनका क्वारैंटाइन पूरा हो गया है और उन सभी की कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच की मस्जिदों में रुके 21 जमातियों को क्वारैंटाइन पूरा होने के बाद आज जेल भेज दिया गया। इनमें चार भारतीय, सात थाईलैंड के और 10 इंडोनेशिया मूल के जमाती शामिल हैं। इन सभी की कोरोना वायरस जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन सभी पर महामारी अधिनियम सहित विभिन्न धराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। शनिवार को सभी 21 जमातियों को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। यहां से उनको जेल भेज दिया गया। इससे पहले सभी को क्वारंटीन में रखा गया था. उनका क्वारैंटाइन पूरा हो गया है और उन सभी की कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है।

झांसी के एक गांव में महिलाएं दे रही हैं पहरा

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के लहर गिर्द गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके लिए महिलाओं ने 5 समूह बनाए हैं। ये अपने हाथों में डंडा लेकर 3-3 घंटे की पहरेदारी करती हैं। सिर्फ गांव वाले ही प्रवेश कर पाते हैं बाकी लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं।
सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के लहर गिर्द गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके लिए महिलाओं ने 5 समूह बनाए हैं। ये अपने हाथों में डंडा लेकर 3-3 घंटे की पहरेदारी करती हैं।सिर्फ गांव वाले ही प्रवेश कर पाते हैं बाकी लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं।

झांसी में14 अप्रैल को 21 दिन का लॉकडाउन का समय पूरा हो रहा है। सरकार लॉकडाउन की समयसीमा को और बढ़ा सकती है। इस बीचअलग-अलग पक्ष सामने आ रहे हैं, लेकिन झांसी में लॉक डाउन का शानदार नमूना देखने को मिल। यहां के एक गांव में डंडा लेकर महिलाएं पहरेदारी कर रही हैं। उन्होंने बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी।वहीं, खाना बांटने से पहले डीएम ने खुद लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग में बैठाया।सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के लहर गिर्द गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके लिए महिलाओं ने 5 समूह बनाए हैं। ये अपने हाथों में डंडा लेकर 3-3 घंटे की पहरेदारी करती हैं।सिर्फ गांव वाले ही प्रवेश कर पाते हैं बाकी लोगों को बाहर का रास्ता दिखा देती हैं।



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उत्तर प्रदेश के बहराइच की मस्जिदों में रुके 21 जमातियों को क्वारैंटाइन पूरा होने के बाद आज जेल भेज दिया गया। इनमें चार भारतीय, सात थाईलैंड के और 10 इंडोनेशिया मूल के जमाती शामिल हैं। इन सभी की कोरोना वायरस जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है।


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देशमें कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। 30 जनवरी को पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से 29 फरवरी तक सिर्फ3 संक्रमित थे। मार्च के पहले हफ्ते मेंकोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी। अब 26 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के470 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अभी तक देश में8 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिले और 295 से ज्यादा की मौतहो चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि देश में कोरोना के 45% मरीज केवल 10 शहरों मेंहैं। संक्रमितों में मुंबई टॉप पर हैं।अब तक हुई मौतों में65% मृतक इन्हीं 10 शहरों के थे।

टॉप-10 शहर जहां संक्रमण के सबसे ज्यादा केस

शहर संक्रमितों की संख्या
मुंबई (महाराष्ट्र) 1218
साउथ दिल्ली 701
जयपुर 281
पुणे 258
इंदौर 235
अहमदाबाद 228
चेन्नई (तमिलनाडु) 201
कासरगोड (केरल) 164
ठाणे (महाराष्ट्र) 149
भोपाल (मध्य प्रदेश) 116
कुल संक्रमित 3551*
देश में कुल संक्रमित 8000*

इन 11शहरों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं

शहर मृतकों की संख्या
मुंबई 75
इंदौर 30
पुणे 29
नई दिल्ली 12
हैदराबाद 09
ठाणे 08
अहमदाबाद 07
चेन्नई 07

उज्जैन

05

जयपुर और सूरत

04-04

कुल मौतें

190*

देश में कुल मौतें

296*

(नोट : संक्रमितों वमृतकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है।)

11 मार्च को देश में पहली मौत हुई थी। तब से लेकर 10 अप्रैल तक के आंकड़े।


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Over 280 deaths so far; 65% of these deaths occurred in only ten cities, 45% of infected patients are also from here


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देशमें कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। 30 जनवरी को पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से 29 फरवरी तक सिर्फ3 संक्रमित थे। मार्च के पहले हफ्ते मेंकोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी। अब 26 राज्य और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के470 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अभी तक देश में8 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिले और 295 से ज्यादा की मौतहो चुकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि देश में कोरोना के 45% मरीज केवल 10 शहरों मेंहैं। संक्रमितों में मुंबई टॉप पर हैं।अब तक हुई मौतों में65% मृतक इन्हीं 10 शहरों के थे।

टॉप-10 शहर जहां संक्रमण के सबसे ज्यादा केस

शहर संक्रमितों की संख्या
मुंबई (महाराष्ट्र) 1218
साउथ दिल्ली 701
जयपुर 281
पुणे 258
इंदौर 235
अहमदाबाद 228
चेन्नई (तमिलनाडु) 201
कासरगोड (केरल) 164
ठाणे (महाराष्ट्र) 149
भोपाल (मध्य प्रदेश) 116
कुल संक्रमित 3551*
देश में कुल संक्रमित 8000*

इन 11शहरों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं

शहर मृतकों की संख्या
मुंबई 75
इंदौर 30
पुणे 29
नई दिल्ली 12
हैदराबाद 09
ठाणे 08
अहमदाबाद 07
चेन्नई 07

उज्जैन

05

जयपुर और सूरत

04-04

कुल मौतें

190*

देश में कुल मौतें

296*

(नोट : संक्रमितों वमृतकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है।)

11 मार्च को देश में पहली मौत हुई थी। तब से लेकर 10 अप्रैल तक के आंकड़े।


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Over 280 deaths so far; 65% of these deaths occurred in only ten cities, 45% of infected patients are also from here


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कोरोनावायरस से दुनियभर में 17 लाख 79 हजार लोग संक्रमित हैं। एक लाख आठ हजार 770 की मौत हो चुकी है। वहीं, चार लाख दो हजार 709 ठीक हो चुके हैं। महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में 24 घंटे में 1,920 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में मौतों का आंकड़ा 20 हजार 577 हो गया है। यह आंकड़ा इटली (19 हजार 468) से ज्यादाहै। यहां शुक्रवार को 30 हजार से ज्यादा नए मामले भी मिले हैं। देश में अब तक कुल पांच लाख 32 हजार 879 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 5 लाख 32 हजार 879 20 हजार 577 30 हजार 453
स्पेन 1 लाख 63 हजार 027 16 हजार 606 59 हजार 109
इटली 1 लाख 52 हजार 271 19 हजार 468 32 हजार 534
फ्रांस 1 लाख 29 हजार 654 13 हजार 832 26 हजार 391
जर्मनी 1 लाख 25 हजार 452 2,871 57 हजार 400
चीन 82 हजार 052 3,339 77हजार 575
ब्रिटेन 78 हजार 991 9,875 344
ईरान 70 हजार 029 4,357 41 हजार 947
तुर्की 52 हजार 167 1,101 2,965
बेल्जियम 28 हजार 018 3,346 5,986

स्रोत:https://ift.tt/37Fny4L

दुनियाभर में 22 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 52 देशों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे 22 हजार 73 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हैं। वे काम करने के दौरान या समुदाय में संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से इसकी चपेट में आए। स्वास्थ्यकर्मियों के बचाव के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) जैसे मास्क, गॉगल्स, ग्लव्स और गाउनपर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्हें काम करने के लिए बेहतर माहौल मुहैया कराया जाना चाहिए।

ब्रिटेन: पीएमजॉनसन ने एनएचएस कर्मियों का आभार जताया
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इंटेसिव केयर से निकलने के बाद पहली बार बयान जारी किया। यूके प्रेस एसोसिएशन के मुताबिक, जॉनसन ने सेंट थॉमस अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं जितना भी धन्यवाद करूं कम है। जीवनभर उनक मुझपर एहसान रहेगा। 27 मार्च को उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी। सोमवार रात उन्हें आईसीयू मे भर्ती कराया गया था। गुरुवार को उन्हें आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
इटली: कुल मौतें 19 हजार 468
इटली में 24 घंटे में 619 जान गई है। पिछले पांच दिनों में शुक्रवार को मरने वालों की संख्या बढ़ी है। इससे पहले सात अप्रैल को 604 और 10 अप्रैल को 570 लोगों की जान गई थी। यहां अब तक कुल 19 हजार 468 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमण के एक लाख 52 हजार 271 मामले हैं

इटली: दुनियाभर में 12 अप्रैल को ईस्टर मनाया जाएगा। एक दिन पहले एक सुपरमार्केट में जाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लाइन में लगे लोग।

सऊदी अरब: किंग ने कर्फ्यू विस्तार की मंजूरी दी
सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद ने देशभर में लगाए गए कर्फ्यू के विस्तार को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने लोगों से उनकी सुरक्षा के लिए कर्फ्यू का पालन करने के लिए कहा है। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए यहां मार्च में कर्फ्यू लगाई गई थी। देश में अब तक 10 हजार 512 संक्रमित हैं, जबकि 52 लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्राजील: संक्रमितों की संख्या 20 हजार के पार

ब्राजील में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहा अब तक 20 हजार 727 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 घंटे में कोरोना के 1,089 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, यहां एक दिन में कोरोना से 67 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 1,124 हो गया है।
ब्राजील में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 5.4% है।



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अमेरिका: यह तस्वीर न्यूयॉर्क के एक कब्रिस्तान की है। यहां शुक्रवार को 783 लोगों की मौत हुई थी।


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हेल्थ डेस्क. दुनियाभर में कोरोना के खौफ के बीच संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेसिंग सबसे ज्यादा अमल में लाया गया तरीका है। कोरोना से बचने के लिए दो इंसानों के बीच कम से कम 6 फीट दूरी रखना जरूरी बताया गया है। पर, अब चीन के वैज्ञानिकों ने वुहान के एक अस्पताल से मिली जांच रिपोर्ट के बाद 6 की बजाय 13 फीट दूरी बनाए रखने पर जोर दिया है। इसके साथ ही कोरोना पर काबू पाने वाले इन विशेषज्ञों ने मरीजों को होम क्वारैंटाइन करने की रणनीति को गलत करार देते हुए इससे क्लस्टर संक्रमण फैलने का खतरा बताया है।

चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान के सबसे बड़े अस्थायी रूप से तैयार किए गएहुओशेंजेन अस्पताल में एक इंटेसिव केयर यूनिट और जनरल कोविड-19 वार्ड के फर्श और हवा के नमूनों की जांच के बाद ये निष्कर्ष निकाला है। वुहान ही कोरोनस वैश्विक महामारी का केंद्र माना जा रहा है। इस अस्पताल के दोनों वार्डों में 19 फरवरी और 2 मार्च के बीच कुल 24 मरीजों को रखा गया था, जब वुहान घातक वायरस की चपेट में था।

बीजिंग में एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस की एक टीम ने फर्श समेत विभिन्न सतहों पर पर भी इस महामारी के संक्रामक वायरस के जमाव का परीक्षण किया है, जिसकी रिपोर्ट साइंटिफिक जर्नल इमर्जिंग इंफेक्शियस डिसीज में छपी है।

चीन के वुहान स्थित हॉस्पिटल का दृश्य जिसमें डॉक्टर हर एक मरीज से जुड़ी जानकारियों को दर्ज कर रहे हैं।

इसी रिपोर्ट की 10 बड़ी और चौंकाने वाली बातें

1. टीम ने यहां पर एयरोसोल ट्रांसमिशन से अपनी जांच की और पाया कि जब वायरस से भरी छींक या खांसी से निकली ड्रॉपलेट्स (बूंदें) इतनी बारीक होती हैं कि वे हवा का हिस्सा बन जाती है और कई घंटों तक उसी हवा में बनी रहती है।
2. संक्रमित करने वाली ये कोरोना ड्रॉपलेट्स सामान्य खांसी या छींक की ड्रॉपलेट्स से अलग है, जो कुछ सेकंड के भीतर जमीन पर गिर जाती हैं और फर्श पर घूमती रहती हैं।
3. उन्होंने पाया कि वायरस से भरे एरोसोल को एक मरीज से दूसरे स्वस्थ व्यक्त की ओर फेंका जाए तो उसका कंसन्ट्रेशन यानी सांद्रता 13 फीट तक जाते – जाते कमजोर पड़ती है, इसे डाउनस्ट्रीम कहते है। वहीं, 8 फीट दूरी तक तो यह बड़ी प्रभावी होती है, जिसे अपस्ट्रीम कहा जाता है।
4. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि दुनियाभर में सरकार और प्रशासन जिस 6 फीट का सोशल डिस्टेंस गाइडेंस की बात कर रहे हैं वह पर्याप्त नहीं है। इसे कम से कम 13 फीट होना चाहिए।

25 मार्च को पीएम मोदीकीकैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्रीसोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और अपनी कुर्सियों के बीच अंतर रखा था।

5. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये अल्ट्राफाइन कण संक्रामक हैं क्योंकि कहा जा रहा है किविश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक इसके जोखिम को कम आंका है।
6. टीम ने फर्श समेत विभिन्न सतहों पर पर भी इस महामारी के संक्रामक वायरस के जमाव का परीक्षण कर अपनेनिष्कर्षों में कहा है कि वायरस वार्डों के फर्श पर सबसे अधिक सांद्रतामें जमा था, संभवत: इसलिए कि गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव और हवा के बहाव के कारण अधिकांश वायरस ड्रॉपलेट्स जमीन पर तैरने लगते हैं।
7. टीम ने लिखा किहमें कंप्यूटर मॉउस, खाली बोतलों, पलंग की रैलिंग और दरवाजे के नॉब्स जैसे अक्सर छुई जाने वाली सतहों पर वायरस की उच्च मात्रा मिली और इसके अलावा आईसीयू के मेडिकल स्टाफ के जूते के आधे सैंपल पॉजिटिव मिले हैं और इसलिए कहा जा सकता है कि स्टाफ के जूते के वायरस के कैरियर यानी वाहक हो सकते हैं।
8. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा किअच्छी बात रही कि इस अस्पताल के स्टाफ में कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया, और इससे पता चलता है ठीक ढंग से सावधानी से संक्रमण को रोका जा सकता है।'

9. चौंकाने वाली बात यह है कि इस टीम के वैज्ञानिकों की सलाह लॉकडाउन के दौरान क्वारैंटाइन के दिशा निर्देशों को भी खारिज करती है। टीम ने अपने निष्कर्षों से कहा है कि कोविड-19 के संदिग्ध को उसके घर में आइसोलेट करना पर्यावरण नियंत्रण के स्तर को देखते हुए एक अच्छी रणनीति नहीं हो सकती है।
10. अधिकांश लोगों के पास पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) नहीं हैऔर ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस से संक्रमितों को घरों में आइसोलेट करने से केवल क्लस्टर लेवल के मामले बढ़ सकते हैं।



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It is not necessary to have a distance of not less than 13 feet for social distancing, quarantine of infected people in the house is also wrong.


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4 साल की अनाहिता हशमज़ादेह को दुनिया की सबसे प्यारी बच्ची कहा जाता है। उनकी मां मरियम ने 2018 में इंस्टाग्राम पर उनका पहला फोटो शेयर किया था। इसके बाद से ही अनाहिता के फोटोज वायरल होना शुरू हो गए। इंस्टाग्राम पर उनके नाम से कई अकाउंट्स हैं। उनके ऑफिशियल अकाउंट में 9 लाख 84 हजार से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी दावे करने वाले लोगों ने इस बच्ची को भी नहीं छोड़ा और अनाहिता के कोरोनावायरस की चपेट में आने का मैसेज वायरल कर दिया। इस मैसेज के वायरल होते ही अनाहिता के इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनके फैंस चिंतित हो गए और पूछने लगे किवे ठीक हैं या नहीं। एक फैन द्वारा पूछे गए सवाल पर ही उनकी मां मरियम ने जवाब देते हुए लिखा किवह स्वस्थहै। इसके बाद उन्होंने बच्ची की एक फोटो शेयर करते हुए भी लिखा किवो स्वस्थऔर सुरक्षित है।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट।
फैन द्वारा पूछे गए सवाल पर अनाहिता की मां ने जवाब दिया।

इंटरनेट सेंसेशन कैसे बनीं

इंस्टाग्राम अकाउंट पर अनाहिता की तमाम फोटोज शेयर की गई हैं।
  • अनाहिता ईरान के सफहान में रहती हैं। बेहद आकर्षक मुस्कान, नीली आंखें और खूबसूरत चेहरे के चलते उन्हें फैंस दुनिया की सबसे क्यूट बच्ची कहते हैं। 10 जनवरी 2016 को उनका जन्म हुआ। 2018 में उनकी मां मरियम ने पहली बार उनका फोटो इंटरनेट पर डाला। इसके बाद से वे रेग्युलर बेटी की के फोटो-वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं। फोटो पर आने वाले लाइक्स और कमेंट्स ने ही उन्हें इंटरनेट सेंसेशन बना दिया। पिछले साल लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अपने आधिकारिक अकाउंट से अनाहिता का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, ‘यह सबसे प्यारी चीज है, जिसे मैंने आज इंटरनेट पर देखा।’ कई भारतीय यूजर्स अनाहिता की तुलना प्रीति जिंटा से करते हैं। वे अनाहिता की मुस्कान को प्रीति जिंटा जैसी मुस्कान बताते हैं।

निष्कर्ष : पड़ताल में अनाहिता को कोरोनावायरस होने का दावा झूठा निकला।



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Iran Coronavirus | Novel Coronavirus (COVID-19) Iran Social Media Fake News On Cutest Baby Annahiita Hashemzadeh


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कोरोनाका कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार कोदेश में 854नए केस मिले। वहीं, कुल संक्रमितों की संख्या 8हजार 453हो गई। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1761 मरीज हैं, तो वहीं दिल्ली में 1069 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। कश्मीर के कुपवाड़ा में निजामुद्दीन की यात्रा करने की बात छिपाने वाले एक व्यक्ति पर केस दर्ज किया गया है।इधर,शनिवार को महाराष्ट्र में 187,दिल्ली में 166, राजस्थान में 139,गुजरात में 90 औरमध्यप्रदेश में 78नए केस मिले। वहीं,कर्नाटक में 8, झारखंड औरहरियाणा में 3-3 और बिहार में 4मामले सामने आए। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट और राज्य सरकारों के आंकड़ों के अनुसार हैं।वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार शाम 5 बजे तक देश में7 हजार 529 लोग संक्रमित हैं। इनमें से 6 हजार 634 का इलाज चल रहा है। 652 ठीक हुए हैं और242 की मौत हो चुकी है।

25 राज्योंऔर 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण
कोरोनावायरस अब तक देश के 25 राज्यों में पैर पसार चुका है। वहीं,देश के सात केंद्र शासित प्रदेश(यूटी) में भी कोरोना का संक्रमण पहुंच चुका है। इनमेंदिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा एवं नगर हवेली,जम्मू-कश्मीर, लद्दाख औरपुडुचेरी शामिल हैं।

6 राज्यऔर 2केंद्र शासित प्रदेशोंकेहाल

  • महाराष्ट्र, संक्रमित 1761:राज्य में शनिवार 187मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि ये मरीज किन जिलों या शहरों में बढ़े हैं। शनिवार को 17 मरीजों की जान गई।उधर, अकोला में तब्लीगी जमात से जुड़े 30 साल के युवक जहरुल इस्लाम ने गला रेतकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
मुंबई में यह आर्टिस्ट सड़क पर कोरोना वायरस की पेंटिंग बना रहा है, ताकि लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके।
  • मध्यप्रदेश, संक्रमित- 529: शनिवार को संक्रमण के 78 नए मामले आए। सबसे ज्यादा इंदौर में 46 नए संक्रमित सामने आए। वहीं, भोपाल में 15 नए संक्रमित मिले। राजधानी मेंशनिवार को एक औरआईएएस अफसर और उनकाबेटासंक्रमित पाया गया। इससे पहले राज्य के दो और आईएएस अफसर की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। राज्य में कोरोना के सबसे ज्यादा 249 मरीज इंदौर में हैं। इसके बाद 121 संक्रमित भोपाल में हैं
  • उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 452:शनिवार को 19 नए केस सामने आए।आगरा में3 और संक्रमित मिले। इस बीच,इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने राज्य के 5 और मेडिकल कॉलेजों को कोरोनावायरस की जांच करने की अनुमतिदे दी है। अब राज्य में 14 सरकारी लैब में रोजाना2 हजार नमूनों की जांच की जा सकेगी। राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के23 मामले आए थे।
लखनऊ में जरूरतमंदों को मास्क बांटने के लिए बाइक पर जाते दो युवक। बाजार में मास्क की कमी है, ऐसे में कई सामाजिक संस्थाएं इन्हें बनाने में जुट गई हैं।
  • राजस्थान, संक्रमित- 700:शनिवार कोएक दिन में सबसे ज्यादा 139 नए लोग पॉजिटिव मिले।सबसे ज्यादा 80 जयपुर में सामने आए।कोटा में 14 और बीकानेर में 4 मरीज मिले। ये सभी पहले पॉजिटिव मिले मरीजों के संपर्क में आए थे।राज्य मेंशुक्रवार को 99 संक्रमित मिले थे।
  • बिहार, संक्रमित- 64: शनिवार को चारमरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।राज्यमें संक्रमण रोकने के लिएबेगूसराय, सीवान और नवादा में 6 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। इन इलाकों कोपूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां बिहार मिलिट्री पुलिस और पुलिस का पहरा है। ड्रोन कैमरोंसे नजर रखी जा रही है। लॉकडाउन तोड़ने पर एक हजार रुपए जुर्माना और एक साल की जेल का प्रावधान किया गया है। यहां राजधानी पटना की मंडी में भी लोगों की भीड़ नजर आई। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रहे थे।
पटना पुलिस मंडी और बाजारों में भले ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन नहीं करवा पा रही हो, लेकिन कोविड-19 कॉल सेंटर पर खुद इसका पालन कर रहे हैं।
  • दिल्ली,संक्रमित- 1069:कोरोना के शनिवार को 166 नए मामले मिले। वहीं,शुक्रवार को 183 नए केस सामने आए थे। इसमें से 154 निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात के मरकज से जुड़े हैं।इस बीच, दमकल विभाग ने बताया कि कश्मीरी गेट स्थित रैन बसेरा में आग लगने और पत्थरबाजी होने की सूचना मिली थी। मौके पर 5 दमकल वाहन रवाना किए, जिन्होंने आग पर काबू पाया।
दिल्ली में यह व्यक्ति कबूतरों को दाना चुगा रहा है। दरअसल, लॉकडाउन के कारण लोग घरों में हैं। ऐसे में पशु-पक्षियों के लिए भी दाना-पानी मिलना मुश्किल हो गया है।
  • गुजरात, संक्रमित- 468: शनिवार को 90नए संक्रमित मिले। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 24 घंटे में 1 हजार 593 टेस्ट किए गए। इनमें से 1 हजार 187 रिपोर्ट निगेटिव आईं। 124 मरीज पॉजिटिव मिले। 282 रिपोर्ट का इंतजार है। सबसे ज्यादा 228 संक्रिमित अहमदाबाद में और इसके बाद 77 वडोदरा में हैं।
अहमदाबाद में सड़कों और कॉलोनियों को सैनिटाइज करने के लिए दमकल की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि ज्यादा हिस्से को कवर किया जा सके।
  • जम्मू-कश्मीर, कुल संक्रमित- 224:शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में 17 नए मामले सामने आए।कुपवाड़ा में निजामुद्दीन की यात्रा करने की बात छिपाने वाले एक व्यक्ति पर केस दर्ज किया गया है। यह व्यक्ति 22 मार्च को अपने घर लौटा था और 15 दिन तक पड़ोस में घूमता रहा। उसके घर के आसपास के इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। वहीं,जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने शनिवार कोस्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिएकि स्वास्थ्यकर्मियों औरकोविड-19 से बचाव के काम जुटे सभी कर्मचारियों कोबचाव के लिए पर्याप्त उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन बढ़ाया गया
कोरोनावायरस के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट को कारगर माना जा रहा है। अमेरिका समेत कई देशों ने भी भारत से यह टेबलेट मांगी है। जायडस कैडिला कंपनी, अहमदाबाद के सीईओ पंकज पटेल का कहना है कि फार्मोस्युटिकल कंपनियों ने इस टेबलेट का उत्पादन बढ़ा दिया है। इस महीने 20 करोड़ टेबलेट तैयार हो जाएंगी। कैडिला कंपनी ही 30 टन एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंट (एपीआई) बना रही है। इससे 15 करोड़ टेबलेट बनाई जा सकती हैं।

महाराष्ट्र, बंगाल, तेलंगाना, पंजाब और ओडिशा में लॉकडाउन बढ़ा
इधर, देश में पांचराज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल और तेलंगाना सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने की घोषणा की। वहीं, पंजाब और ओडिशा पहले ही यह फैसला ले चुके हैं। इधर, कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रसरकार देशभर में लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार कोमुख्यमंत्रियों के साथ करीब 4 घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।बैठक के तुरंत बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का सही फैसला लिया है।’’

सरकार ने कहा- लॉकडाउन नहीं किया होता तो 45 हजार केस होते
केंद्रीय मंत्रालयों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार दोपहरको कहा गया कि अभी देश में संक्रमण के 7 हजार 447 केस हैं। अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो यह संख्या 45 हजार के करीब होती। अगर सरकार की तरफ से गंभीर कोशिश न की गई होती, तो अब तक 8.2लाख केस सामने आते। इसलिए लॉकडाउन काफी जरूरी है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराएं। वह चाहे अस्पताल में हों या क्वारैंटाइन सेंटर पर, हर जगह जरूरी उपाय किए जाएं।

सोमवार से केंद्रीय मंत्री और आला अफसर कामकाज शुरू कर सकते हैं
इस बीच, सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने सभी मंत्रियों से सोमवार से कामकाज संभालने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की योजना बनाने को कहा है।सरकार ने सभी मंत्रालयों ने अपने विभागों के संयुक्त सचिव और उससे वरिष्ठ पदों वाले अफसरों से भी कामकाज संभालने और विभाग में एक तिहाई जरूरी स्टाफ को बुलाने को कहा है।



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मुंबई के धारावी इलाके में संंक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में पुलिस यहां लगातार लोगों से घरों में ही रहने की अपील कर रही है।


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कोरोनावायरस महामारी के दौरान 15 दिनों में 100 से ज्यादा उड़ान भरकरदुनियाभर से भारतीयों को सुरक्षित निकालकर स्वदेश लाने वाली एयर इंडिया(महाराजा) अब किसानों की भी मदद करेगी। सरकार की कृषि उड़ान कार्यक्रम के तहत एयर इंडिया की दो फ्लाइट 13 और 15 अप्रैल से लंदन और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के लिए उड़ान भरेंगी। इनमें किसानों की मौसमी सब्जियां और फल होंगे। लौटते में ये विमान वहां से चिकित्सीय सामग्री जिनमें दवाइयां, मास्क और दूसरी जरूरी उपकरणों को लेकर आएंगी।

योजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, सरकार की कृषि उड़ान योजना से किसानों के लिए बाजार के नए अवसर मिलेंगे। इससे आयात और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। जिसका लाभ राज्यों के किसानों को होगा। सरकार ने 4 अप्रैल से चाइना के साथ हवाई संपर्क बढ़ाया है। वहां चिकित्सीय सामग्री का आयात किया गया है। ये सामान कोरोनावायरस से लड़ाई में काम आ रहा है। पिछले शनिवार 4 अप्रैल को एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-349 चीन के शंघाई से उड़कर सुबह मुंबई पहुंची थी। इस चिकित्सीय सामग्री को विभिन्न राज्यों में बांटा जा चुका है।



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एयर इंडिया ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान 15 दिनों में 100 से अधिक उड़ानों को संचालन किया था।


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कोरोना से प्रभावित दुनिया के तमाम देशों की तुलना में भारत में अब तक इस महामारी के प्रभाव काफी हद तक नियंत्रित है। एक तरफ जहां वे विकसित देश भी इस महामारी से हांफते नजर आ रहे हैं जिनकी स्वास्थ्य सेवाएं पूरी दुनिया में अव्वल हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत ने अपनी सीमित संसाधनों वाली स्वास्थ्य व्यवस्था के बावजूद भी महामारी को विकराल होने से रोके रखा है। हमारे डॉक्टर ‘कोरोना वॉरियर्स’ बनकर पूरी ताकत झोंके हुए हैं। लेकिन हमारी पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना से निपटने में इस कदर खप रही है कि अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिनके लिए उनके मौजूदा रोग ही कोरोना से ज्यादा जानलेवा हैं। इससे होने वाला नुकसान कोरोना से होने वाले संभावित नुकसान से भी बड़ा हो सकता है। आपबीती ऐसे ही कुछ लोगों की -

मृत्युंजय तिवारी की उम्र 71 साल है। वे पूर्व सैनिक हैं और बिहार के भभुआ में रहते हैं। सेना में रहते हुए वे 1971 का भारत-पाक युद्ध भी लड़ चुके हैं और सालों तक कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा भी लेते रहे हैं। लेकिन उनके जीवन पर ऐसा संकट कभी सेना में रहते हुए भी नहीं आया था जैसा इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था के चरमराने से आ खड़ा हुआ है।

बीती आठ तारीख को मृत्युंजय अपने घर के बाहर टहल रहे थे, तभी एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। परिजन तुरंत ही उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों और संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए उन्हें बनारस के ट्रॉमा सेंटर जाने को कहा। बीएचयू का यह ट्रॉमा सेंटर बिहार-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के इस इलाके के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है।

मृत्युंजय के बेटे प्रमोद तिवारी बताते हैं, ‘ट्रॉमा सेंटर वालों ने पिता जी का प्राथमिक उपचार और एक्स-रे जैसी कुछ जांच तो की लेकिन फिर भर्ती करने और इलाज करने में असमर्थता जता दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते इस वक्त यहां इनका इलाज होना मुमकिन नहीं है।’

फिर मृत्युंजय के परिजन उन्हें लेकर हैरिटेज हॉस्पिटल पहुंचे। ये बनारस का एक बड़ा प्राइवेट हॉस्पिटल है। प्रमोद कहते हैं, ‘पिता जी के साथ मेरी माता जी और चाचा हॉस्पिटल गए थे। वहा उनसे पूछा गया कि क्या उनमें से कोई हाल-फिलहाल में विदेश से तो नहीं लौटा है? चाचा पिछले महीने विदेश से लौटे थे।’

दिल्ली में एक डॉक्टर के घर के बाहर हमें यह पोस्टर मिला। डॉक्टर ने मरीजों की मदद करने की बजाय खुद को 14 अप्रैल तक क्वारैंटाइन करना ज्यादा बेहतर समझा।

प्रमोद आगे कहते हैं, ‘चाचा ने अस्पताल प्रशासन को बताया कि वे विदेश से लौटे हैं लेकिन इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी है और वे 20 दिनों तक क्वारैंटाइन भी रह चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस पूरे दौरान उन्हें कोरोना के कोई लक्षण नहीं रहे हैं। लेकिन विदेश की बात सुनते ही अस्पताल प्रशासन ने पिता जी को एडमिट करने से साफ इंकार कर दिया। वे लोग चाचा से उनका पासपोर्ट मांगने लगे।

वहां पिताजी स्ट्रेचर पर थे, पैर की हड्डी कई जगह से टूट चुकी थी लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें ऐसा ही छोड़कर चाचा के पासपोर्ट पर बहस कर रहा था। चाचा ने कहा भी कि वे पासपोर्ट ले आएंगे लेकिन 90 किलोमीटर दूर से पासपोर्ट लाने या मंगाने में समय लगेगा लेकिन अस्पताल नहीं माना।’

आखिरकार एक अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल मृत्युंजय तिवारी को भर्ती करने को तैयार हुआ, जहां वे अब भी आईसीयू में संघर्ष कर रहे हैं। इस हॉस्पिटल में दाखिल करने के कुछ घंटों के भीतर ही करीब 25 हजार रुपए की दवाएं और सात हजार रुपए आईसीयू चार्ज वो चुका चुके हैं।

इसके अलावा आम दिनों में डॉक्टर विजिट की जो फीस एक हजार रुपए तक होती है, वो इन दिनों पांच से दस हजार रुपए ली जा रही है और इसके बाद भी पक्का नहीं है कि डॉक्टर आए ही। प्रमोद बताते हैं, 'पिताजी का स्वास्थ्य बीमा है लेकिन वो भी अब किसी काम का नहीं क्योंकि ये अस्पताल बीमा कंपनी के पैनल में नहीं है। हैरिटेज हॉस्पिटल पैनल में था तो उसने पिताजी को भर्ती ही नहीं किया।'

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में ही आम दिनों में करीब सात-आठ हजार मरीज रोज आते हैं। ये सभी वो लोग होते हैं, जो अलग-अलग जिलों से हताश होकर यहां सही ईलाज मिल पाने की उम्मीद में पहुंचते हैं। यानी लगभग सभी गम्भीर मामले आते हैं।

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश में स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। लेकिन बावजूद इसके महामारी के चलते वे लोग परेशानी में आ गए हैं जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। प्राइवेट क्लिनिक बंद पड़े हैं, दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है और हृदय रोग से लेकर कैन्सर जैसी गम्भीर बीमारियों तक पर इस वक्त ध्यान देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।'

21 दिनों का लॉकडाउन डॉक्टरों के लिए नहीं है, लेकिन देशभर से प्राइवेट हॉस्पिटल के बंद होने की कई खबरें सामने आ रही है। ऐसी ही एक तस्वीर दिल्ली के सीआर पार्क में नजर आई।

इलाहाबाद में रहने वाले सुनीत मिश्र के पिता को ब्लड कैंसर है और पिछले तीन साल से उनका इलाज चल रहा है। सुनीत बताते हैं, ‘डॉक्टर ने पिता जी को जो दवा नियमित खाने को कहा है वो आम दिनों में भी बाजार में नहीं मिलती। अस्पताल ने ही हमें एक एजेंट का नम्बर दिया था, जिससे वो दवा हमें मिलती है। करीब आठ हजार रुपए में सिर्फ 21 दिनों की दवा आती है।'

सुनीत आगे कहते हैं, ‘इस बार एजेंट ने हमें कहा कि दवा इलाहबाद में नहीं है लखनऊ से लेनी होगी। मेरा भाई बाइक से लखनऊ गया, लेकिन वहां जाकर पता चला कि दवा वहां भी खत्म हो चुकी है। ये भी नहीं पता कि दवा कब आएगी।'

दिल्ली के लाजपत नगर में रहने वाले लोकेश बहल का 6 साल का बेटा आरव बीती 1 तारीख को घर पर खेलते हुए गिर पड़ा जिसके चलते उसके सिर में चोट आई। आस-पास के तमाम क्लिनिक और डिस्पेंसरी बंद थे। एक क्लिनिक खुली थी, वहां मौजूद डॉक्टर ने लोकेश से सात सौ रुपए फीस के लिए और दवा लिखने के साथ उन्हें किसी अन्य हॉस्पिटल जाकर बच्चे को टांके लगवाने को कह दिया। फिर लोकेश अपने बेटे को लेकर मूलचंद हॉस्पिटल गए। यहां सिर्फ दो टांके लगवाने के लिए उन्हें 4,150 रुपए चुकाने पड़े।



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ये दिल्ली का एक मोहल्ला क्लिनिक है। आमतौर पर सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक खुला रहता है, लेकिन लॉकडाउन के बीच हम जब शनिवार को दोपहर 12.30 बजे पहुंचे तो ये बंद मिला।


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दुनिया के 20 सबसे अमीर स्पोर्ट्स टीम मालिकों की फोर्ब्स की लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी पहले से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। अंबानी आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस के मालिक हैं। इस लिस्ट में अब माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ और बास्केटबॉल टीम लॉस एंजिलिस क्लिपर्स के मालिक स्टीव बॉलमर पहले स्थान पर आ गए हैं। उनकी नेटवर्थ 52.7 अरब डॉलर यानी 3.95 लाख करोड़ रुपए है।
पिछले साल बॉलमर की नेटवर्थ 41.2 अरब डॉलर थी, जो इस साल बढ़कर 52.7 अरब डॉलर हो गई है। यानी उनकी कमाई में करीब 11.5 अरब डॉलर यानी 86 हजार 250 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
बॉलमर की संपत्ति में 28 फीसदी का इजाफा
फोर्ब्स के मुताबिक पिछले साल की तुलना में बॉलमर की संपत्ति में 28 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके दम पर वे दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में भी 11वें स्थान पर हैं। पिछले साल मुकेश अंबानी 50 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ फोर्ब्स की लिस्ट में सबसे अमीर स्पोर्ट्स टीम ओनर थे। दुनियाभर में आई मंदी की वजह से इस साल तेल और गैस से जुड़ी उनकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट हुई है। इसी वजह से उनकी नेटवर्थ 13 अरब डॉलर घटकर 36.8 अरब डॉलर यानी 2.76 लाख करोड़ रुपए रह गई है और वे लिस्ट में दूसरे नंबर पर चले गए हैं।

बॉलमरऐसे बने दुनिया की सबसे अमीर टीम के मालिक
पिछले एक साल में दुनिया के कई शेयर बाजारों में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में 30 फीसदी का इजाफा हुआ। क्लाउड कम्प्यूटिंग से जुड़े बिजनेस में कंपनी को काफी मुनाफा हुआ। इसी वजह से कंपनी के पू्र्व सीईओ बॉलमर की संपत्ति 11 अरब डॉलर यानी 82 हजार 500 करोड़ रुपए बढ़ गई। 2014 में उन्होंने डोनाल्ड स्टर्लिंग से 2 अरब डॉलर यानी 15 हजार करोड़ रुपए में बास्केटबॉल टीम क्लिपर्स खरीदी थी। स्पोर्ट्स बिजनेस में यहीं से उनकी शुरुआत हुई। इसके बाद से वे इस टीम में काफी पैसा लगा रहे हैं।बॉलमर ने हाल में दो खिलाड़ियों कावी लियोनार्ड और पॉल जॉर्ज को मोटा पैसा देकर टीम से जोड़ा है।

इतना ही नहीं, अपनी टीम क्लिपर्स के लिए अलग से स्टेडियम और एंटरटेनमेंट सेंटर बनाने के लिए उन्होंने एक कंपनी से 40 करोड़ डॉलर यानी 3 हजार करोड़ रुपए में जगह खरीदी है। यह स्टेडियम बनाने पर करीब 1 अरब डॉलर खर्च होंगे।

कोरोनावायरस की वैक्सीन की शोध में जुटी टीम को 75 करोड़ रुपए दान किए

बॉलमर सिर्फ कमाई के मामले में ही आगे नहीं हैं, बल्कि कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में भी वे दिल खोलकर दान कर रहे हैं। उन्हें कोरोना के वैक्सीन पर काम कर रही यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन को रिसर्च के लिए 10 मिलियन डॉलर (75 करोड़ रुपए) दान किए हैं।

दुनिया के 20 सबसे अमीर स्पोर्ट्स टीम चलाने वालों में ज्यादातर बास्केटबॉल से जुड़े
स्पोर्ट्स टीमें चलाने वाले दुनिया के टॉप-20 अमीरों की फोर्ब्स की लिस्ट में बॉलमर के अलावा 6 और ऐसे व्यक्ति हैं, जो अमेरिकी बास्केटबॉल लीग एनबीए की टीमों के मालिक हैं। इसमें डेनवर नगेट्स के स्टेनली क्रोएनके (10 अरब डॉलर), ब्रूकलिन नेट्स के जोसेफ साई (10 अरब डॉलर), मेम्फिस ग्रिजलिज के रॉबर्ट पेरा (7 अरब डॉलर), क्लीवलैंड कैवेलियर्स के डेनिएल गिल्बर्ट (6.5 अरब डॉलर), डेट्रॉयट पिस्टन्स के टोम गोरेस (5.7 अरब डॉलर), मियामीहीट के मिकीएरिसन (5.1 अरब डॉलर) शामिल हैं।

फोर्ब्स कीसबसे अमीर स्पोर्ट्स टीम ओनर्स की लिस्ट

नाम टीम नेटवर्थ(रुपए में)
स्टीव बॉलमर लॉस एंजिलिस क्लिपर्स 3.95 लाख करोड़
मुकेश अंबानी मुंबई इंडियंस 2.76 लाख करोड़
फ्रैंकोइस पिनॉल्ट एंड फैमिली स्टेड रेनेस एफसी 2.02 लाख करोड़
डिएट्रिच माटेशिट्ज रेड बुल रेसिंग 1.23 लाख करोड़
हासो प्लैटनर एंड फैमिली सैन जोन्स सार्क 93 हजार करोड़
डेविड टेपर कैरोलीना पैंथर्स 90 हजार करोड़
रोमन अब्रमोविच चेल्सी एफसी 84 हजार 750 करोड़
फिलिप एनशूट्ज लॉस एंजिलिस किंग्स 82 हजार 500 करोड़
स्टेनली क्रोएन्के डेनवर नगेट्स 75 हजार करोड़
जोसेफ साई ब्रूकलिन नेट्स 75 हजार करोड़
जेरी जोन्स डलास कॉउबॉयज 60 हजार करोड़ रुपए
शाहिद खान जैक्सनविले जैगुआर्स 58 हजार 500 करोड़
स्टीफन रॉस मायमी डॉलफिन्स 57 हजार करोड़
रॉबर्ट पेरा मेम्फिस ग्रिजलिज 52 हजार 500 करोड़
रॉबर्ट क्राफ्ट न्यूलैंड पेट्रियट्स 51 हजार 750 करोड़

60 अरबपतियों के पास 80 स्पोर्ट्स टीमें
फोर्ब्स के मुताबिक, अभी 60 अरबपति ऐसे हैं, जिनका दुनिया की बड़ी स्पोर्ट्स लीग की 80 टीमों पर मालिकाना हक है। हालांकि, कोरोनावायरस की वजह से इनकी नेटवर्थ में गिरावट दर्ज की गई है। बीते 5 हफ्तों में इनकी नेटवर्थ 455 अरब डॉलर से घटकर 383 अरब डॉलर हो गई है।



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Los Angeles Clippers Steve Ballmer unseats India’s Mukesh Ambani as the world’s richest sports team owner in forbes list


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कोरोनावायरस (कोविड-19) के नए स्ट्रेन्स के साथनई जानकारियां भीसामने आ रही है और इनसे पता चला है के मरीजों में इस रोग केलक्षण तेजी से बदल रहे हैं। गला, फेफड़ा और दिमाग के बाद इसका असर पेट पर दिख रहा है। चीन से मिलेआंकड़ों के अनुसार50 फीसदीकोरोनामरीजों में पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसेलक्षण देखे गएहैं।

अमेरिका के कईन्यूरोलॉजिस्ट्स का कहना है अब कोरोना दिमाग तक भी पहुंच गया है। बुखार के बाद अब दिमागी सूजन और सिरदर्द के मामले बढ़ रहे हैं।

अमेरिकन जर्नल ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना के 204 मरीजों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि हुई है। आमतौर पर कोरोना के मरीजों में बुखार, सांस लेने में दिक्कत, सूखी खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं। हालिया रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि गंध न सूंघ पाना और खाने का स्वाद न महसूस कर पाना भी इसका एक लक्षण है।

पहला लक्षण फूड पॉइजनिंग का दिखा

द सन की एक रिपोर्ट में लंदन के बलहम शहर निवासी इस्ला हसलम ने अपना अनुभव शेयर किया। इस्ला ने कहा, जब वह कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रही थींतो पेट में अजीब किस्म का दर्द महसूस हुआ, यह संक्रमण का पहला लक्षण था। एक दिन सुबह उठी तो लगा कि फूड पॉइजनिंग हुई है। कुछ घंटों बाद गले मेंसूजन और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखे। रात तक नाक पूरी बंद हो चुकी थी, वह बेहद डरावना अनुभव था। शरीर में अकड़न हो रही थी और काफी भारीपन महसूस होने के साथ बुखार चढ़ रहा था।

कोरोना सूंघने-स्वाद की क्षमता प्रभावित करता है
गंध या खुशबू को सूंघ न पाना और स्वाद महसूस न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का शुरुआती लक्षण है। ब्रिटिश रायनोलॉजिकल सोसायटी के प्रेसिडेंट निर्मल कुमार के मुताबिक, साउथ कोरिया, चीन और इटली में कोरोना पीड़ितों में इसकी पुष्टि हुई है।

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया में कोरोना से पीड़ित30 फीसदी लोगों ने गंध को न सूंघ पाना सबसे प्रमुख लक्षण था। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के अलावा यह भी एक अहम लक्षण है, जो संक्रमण पहचानने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसी ही रिपोर्ट अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलैरेंगोलॉजी ने भी हाल ही में जारी की है।

अमेरिकन एकेडमी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

संक्रमित मरीजों के दिमाग में सूजन से सिरदर्द बढ़ रहा
कोरोनावायरस गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ रहा है। दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना से पीड़ित मरीजों में से एक तबका ऐसा भी है जिसमें संक्रमण का असर उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। एक्सपर्ट ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है।

संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं। इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचाने की क्षमता भी घट रही है।

दो मामलों से समझें दिमाग में कितना बदलाव हुआ

  • 1.अपना नाम तक नहीं बता पाई मरीज: अमेरिका के मिशिगन में करीब 50 साल की एक महिला एयरलाइनकर्मी को कोरोना का संक्रमण हुआ। उसे कुछ नहीं समझ नहीं आ रहा था, उसने डॉक्टर को सिरदर्द होने की समस्या बताई। बमुश्किल वह डॉक्टर को अपना नाम बता पाई। जब ब्रेन स्कैनिंग की गई तो सामने आया कि दिमाग के कई हिस्सों अलग तरह की सूजन है। दिमाग के एक हिस्से की कुछ कोशिकाएं डैमेज होकर खत्म हो गई थीं।
  • 2.दिमाग में खून के थक्के जमे: इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से डॉक्टरों ने भी नोटिस किया। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एनसेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सुन्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं। कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है।


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First fever, then headache, now stomachache, vomiting and diarrhea are also signs of infection, 50% of such cases were found in research


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लॉकडाउन के बीच 'रामायण' और 'महाभारत' जैसे पुराने सीरियल्स के पुनः प्रसारण से दूरदर्शन की व्यूअरशिप में जबर्दस्त उछाल देखने को मिल रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, दूरदर्शन सभी एंटरटेनमेंट चैनल्स को पछाड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गया है। बीएआरसी की इस साल के 13वें सप्ताह की रिपोर्ट देखें तो सभी जॉनर्स में दूरदर्शन 15,96, 923 इम्प्रेशंस के साथ टॉप पर है। वहीं, हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल्स की लिस्ट में भी यह 15,64,867 के साथ प्रथम स्थान पर है।

सभी जॉनर्स में दूरदर्शन को करीब 16 लाख इम्प्रेेशंस मिले हैं।
हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट की कैटेगरी में दूरदर्शन 15.6 लाख इम्प्रेशंस के साथ टॉप पर है।

और यह है प्रसार भारती का दावा

प्रसार भारती ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से दावा किया है कि एक सप्ताह के अंदर दूरदर्शन की व्यूअरशिप में 650 फीसदी बढ़ी है। 12वें सप्ताह में जहां चैनल की व्यूअरशिप 267 मिलियन से ज्यादा थी, वहीं 13वें सप्ताह में यह 2109 मिलियन से ज्यादा हो गई है।

ग्रामीण से ज्यादा शहरी क्षेत्रों में व्यूअरशिप

खास बात यह है कि दूरदर्शन की व्यूअरशिप ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा अरबन यानी शहरी क्षेत्रों में है। अरबन इलाकों में जहां 9,10,973 के इम्प्रेशंस के साथ यह पहले स्थान पर हैं तो वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में इसे 6,53.894 इम्प्रेशंस मिले हैं। यह यहां दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान दंगल चैनल का है, जिसे 8,82,111 इम्प्रेशंस मिले हैं।

ग्रामीण इलाके में दंगल 8.8 लाख इम्प्रेशंस के साथ टॉप पर है, जबकि दूरदर्शन 6.5 लाख इम्प्रेशंस के साथ दूसरे स्थान पर है।
शहरी क्षेत्रों में दूरदर्शन को ग्रामीण इलाकों से ज्यादा देखा जा रहा है। यहां इसे 9.1 लाख इम्प्रेशंस मिले हैं और यह इस लिस्ट में टॉप पर है।

40 हजार फीसदी बढ़ी व्यूअरशिप

बीएआरसी इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो लॉकडाउन में पुराने शोज के पुनः प्रसारण का फैसला दूरदर्शन के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ। इनकी वजह से सुबह और शाम के बैंड में इसकी व्यूअरशिप में 40 हजार फीसदी का उछाल आया है। सिर्फ 'रामायण' और 'महाभारत' ही नहीं दूरदर्शन ने अपने दो चैनल्स (डीडी नेशनल और डीडी भारती) पर 80 और 90 के दशक के कई सीरियल्स का पुनः प्रसारण शुरू किया है। इनमें 'चाणक्य', 'बुनियाद', 'उपनिषद गंगा', 'अलिफ लैला' और 'शक्तिमान' जैसे पॉपुलर शो शामिल हैं।

दूरदर्शन ने अपने दो चैनल्स पर कई पुराने शो फिर से टेलीकास्ट करना शुरू किया है।

'रामायण' 5 साल में सबसे ज्यादा देखा गया शो

रामानंद सागर की 'रामायण' का पहली बार प्रसारण 1987 में हुआ था। उस वक्त लोगों के बीच इसकी पॉपुलैरिटी ऐसी थी कि सड़के सूनी हो जाती थीं और ट्रेनें तक एक घंटे के लिए रोक दी जाती थीं। और आज जब इसका पुनः प्रसारण हुआ, तब भी इसकी लोकप्रियता साफतौर पर देखी जा रही है। यही वजह है कि यह पौराणिक धारावाहिक पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा देखा गया शो बन गया है। 13वें सप्ताह में इसकी व्यूअरशिप 556 मिलियनरही, जो पिछले पांच साल में किसी भी शो के लिए सबसे ज्यादा है। 'महाभारत' की व्यूअरशिप 150 मिलियन है।

बाकी सीरियल्स की व्यूअरशिप

शो इम्प्रेशंस
शक्तिमान 20.8 मिलियन
ब्योमकेश बक्शी 0.8 मिलियन
बुनियाद 0.16 मिलियन
देख भाई देख 0.24 मिलियन
सर्कस 0.8 मिलियन


प्राइवेट चैनल्स को भी फायदा

दूरदर्शन की तरह कई प्राइवेट चैनल्स ने भी पुराने शो री-टेलीकास्ट करने का का फैसला लिया और इसका फायदा उन्हें मिल रहा है। मसलन स्टार प्लस ने अपने 'महाभारत' का प्रसारण फिर से शुरू किया है और बीएआरसी की 13वें सप्ताह की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे 1.4 मिलियन व्यूअरशिप मिल रही है। कलर्स ने अपने शो 'राम सिया के लव कुश' और एंड टीवी ने अपने सीरियल 'रामायण' का भी पुनः प्रसारण शुरू किया है, जिन्हें क्रमशः 2.1 मिलियन और 0.25 मिलियन व्यूअरशिप मिल रही है।

पुराने शोज को फिर से टेलीकास्ट करने की वजह से साउथ इंडियन चैनल सन टीवी दूरदर्शन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल है। इसे 13,06,360 इम्प्रेशंस मिल रहे हैं। तीसरे स्थान पर दंगल है, जिसने 11,51,414 इम्प्रेशन बटोरे।



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Doordarshan Getting Highest Viewership Because Of Re-Telecasting Old Shows Like Ramayana And Mahabharat


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