Saturday, April 4, 2020

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देश में कोरोनावायरस के संक्रमण का आंकड़ा 3 हजार के पार पहुंच चुका है। अब तक 100 से ज्यादा मरीजों हो चुकी है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें एकजुट होकर लोगों से महामारी के खिलाफ लड़ाई की अपील कर रही हैं। दिल्ली में तब्लीगी जमात के मरकज से 17 राज्यों में संक्रमण फैलने के बाद लोग जमातियों की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसबीच, आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने संकट के दौर में जाति-धर्म को किनारे रखने की अपील की है। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी कोरना को हल्के में न ले, यह वायरस किसी का धर्म नहीं देखता।

महाराष्ट्र में कोरोना के 600 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा, ''हम नहीं चाहते थे कि जैसा दिल्ली में हुआ वह महाराष्ट्र में भी हो। इसके लिए (तब्लीगी जमात के कार्यक्रम) पहले अनुमति दी गई थी, लेकिन हालात के मद्देनजर बाद में परमिशन कैसिंल कर दी गई थी। दिल्ली की मरकज में शामिल हुए सभी लोगों को महाराष्ट्र में ट्रेस कर लिया गया है। कोरोना की तरह ही हमारे यहां कम्युनल वायरस भी मौजूद है। झूठे मैसेज फैलाने वालों और मौज-मस्ती के लिए तब्लीगी जैसे आयोजनों के वीडियो अपलोड करने वाले कोरोना को हल्के में न लें। यह वायरस किसी का धर्म नहीं देखता है।''

संक्रमण फैलाने और भेदभाव की कोई वजह नहीं: जगन
आंध प्रदेश में कोरोना के 180 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इनमें से जमातियों से जुड़े 87% केस मिले हैं। मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, ''प्रदेश के कई लोग तब्लीगी जमात के आयोजन में शामिल होकर लौटे हैं, इनमें से कुछ संक्रमित भी मिले हैं। लेकिन यह कहना ठीक नहीं है कि संक्रमण किसी समुदाय विशेष से फैला। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी हो सकती है। जो वहां (दिल्ली) हुई। संक्रमण को जानबूझकर फैलाने और लोगों से भेदभाव की कोई वजह नहीं है। इसीलिए मेरी सभी लोगों से अपील है कि जाति और धर्म को किनारे रखकर कोविड-19 से एकजुट होकर लड़ाई लड़ें। रविवार रात 9 बजे प्रधानमंत्री मोदी मुहिम में शामिल होकर एकता दिखाएं।''

देश में 30% संक्रमण जमातियों के वजह से फैला: केंद्र
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना की चेतावनी के बाद भी निजामुद्दीन की मस्जिद में तब्लीगी जमात ने आयोजन किया। अब दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश समेत देश के 17 राज्यों में कोरोना के 30% केस जमातियों की वजह से फैले हैं। इन्हीं में से 12 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं।



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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और जगन मोहन रेड्डी। (फाइल)


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देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण चलते 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर लोगों में दशहत और निराशा का माहौल है। ऐसे में डर और निराशा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने भी रविवार को देश में लोगों को आशा का दीया जलाकर कोरोना वॉरियर्स का हौलसा बढ़ाने के साथ ही लोगों से एकजुट होने की अपील की है। कोरोना के कारण फैले अंधकार और निराशा के बीच जरूर पढ़े रोशनी से जुड़ी ये नौ प्रेरणादायक कहानियां…

1.अंधा और लालटेन

एक गांव में एक अंधा व्यक्ति रहता था। वह रात में जब भी बाहर जाता, एक जली हुई लालटेन हमेशा अपने साथ रखता। एक रात वह अपने दोस्त के घर से भोजन कर वापस अपने घर लौट रहा था। इस बार भी उसके साथ हमेशा की तरह एक जली हुई लालटेन थी। वापस लौटते समय रास्ते में कुछ शरारती लड़कों ने उसके हाथ में लालटेन देखी तो उस पर हंसने लगे और उसका मजाक उड़ाते हुए कहा- अरे! देखो- देखो अंधा लालटेन लेकर जा रहा है। अंधे को लालटेन का क्या काम?

उनकी बात सुनकर अंधा विनम्रता से बोला- ‘सही कहते हो भैया, मैं तो अंधा हूं, देख नहीं सकता। मेरी दुनिया में तो हमेशा अंधेरा ही रहा है। मुझे लालटेन का क्या काम। मेरी आदत तो अंधेरे में जीने की ही है, लेकिन आप जैसे आंखों वाले लोगों को तो अंधेरे में जीने की आदत नहीं होती। आप लोगों को अंधेरे में देखने में समस्या हो सकती है। कहीं आप जैसे लोग मुझे अंधेरे में ना देख पाए और धक्का दे दिया तो मुझ बेचारे का क्या होगा। इसलिए यह लालटेन लेकर चलता हूं ताकि आप अंधेरे में अंधे को देख सकें। अंधे व्यक्ति की बात सुनकर वह लड़के शर्मिंदा हो गए और उस से माफी मांगने लगे उन्होंने तय किया कि अब भविष्य में कभी सोचे-समझेकुछ नहीं कहेंगे।

सीख- कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और कुछ भी कहने से पहले अच्छी तरह सोच विचार करना चाहिए।

2. रोशनी की बचत

एक बार प्रसिद्ध लेखक जॉन मुरे अपने लेखनमें व्यस्त थे। तभी दो महिलाएं जन-कल्याण से संस्था के लिए उनसे चंदा माँगने आईं। अपना लेखन कार्य बीच में छोड़ने के बाद जॉन मुरे ने वहाँ जल रही दो मोमबत्तियों में से एक को बुझा दिया। यह देखकर उनमें से एक महिला बुदबुदाई, “यहाँ कुछ मिलने वाला नहीं है।”

जॉन मुरे को जब उन महिलाओं के आने के उद्देश्य का पता चला, तो उन्होंने खुशी-खुशी से 100 डॉलर उन्हें दे दिये।महिलाओं के आश्चर्य का ठिकाना न रहा, उनमें से एक बोली-“हमें तो आपसे एक सेंट भी पाने की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि आपने हमारे आते ही एक मोमबत्ती बुझा दी थी।”जॉन मुरे ने उत्तर दिया, “अपनी इसी बचत की आदत के कारण ही मैं आपको 100 डॉलर देने में समर्थ हुआ हूँ। मेरे विचार से आपसे बातचीत करने के लिए एक मोमबत्ती का प्रकाश ही काफी है।” महिलाएं बचत के महत्व को समझ चुकी थीं।

सीख- महिलाएँ तो बचत के महत्व को समझ गयीं, लेकिन आप कब समझेंगे? जल्दी समझिए वरना देर हो जाएगी और फिर पछताने से कुछ नहीं होता जब चिड़िया खेत चुग जाती है।

3. उम्मीद की रोशनी

एक बार की बात है, एक घर मे जल रहे पांच दीये आपस में बात कर रहे थे। पहले दीये ने कहा – ‘इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगों को कोई कद्र नहीं है, तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं ‘ और वह दीया निराश हो बुझ गया| वह दीया उत्साह का प्रतीक था। कुछ देर बाद शांति का प्रतीक दूसरा दीया भी शांति की रोशनी देने के बावजूद भी लोगों की फैलाई जा रही अशांति के बारे में सोच कर बुझ गया। अब बारी थी हिम्मत के तीसरे दीये की, उसकी हिम्मत भी यह देख जवाब दें गई और वह भी बुझ गया।

उत्साह, शांति और हिम्मत का हाल देख समृद्धि का प्रतीक चौथा दीया भी बुझ गया। अब केवल पांचवां दीया जो सबसे छोटा था, अकेला जल कर रोशनी फैला रहा था। तभी घर में एक लड़के आता है। जलता दीया देख वह खुशी नाचने लगा और फिर एक दीये से बाकी के चार दीये फिर से जला दिए| पांचवां दीया उम्मीद का दीया था। उत्साह, शांति, हिम्मत और समृद्धि के जाने के बाद भी उम्मीद जिन्दा रखे। कहते है न उम्मीद पर दुनिया कायम है| दुनिया में तमाम दुखों और तकलीफों में भी उम्मीद कायम रखे,उम्मीद न छोड़े।

सीख- अगर उम्मीद का दीया रोशन है तो सब कुछ खत्म होने के बाद भी शुरुआत की जा सकती है।

4. ईमानदारी ही महानता है

आचार्य चाणक्य मगध साम्राज्य के स्थापक और सबकुछ थे। उनकी बुद्धि और सूझबूझ से मगध सम्राट चंद्रगुप्त भी संतुष्ट थे। इतने बड़े राज्य का संचालक होने के बाद भी चाणक्य साधारण -सा जीवन जीते हुए घास -फूस की बनी एक झोपड़ी में रहते थे। एक बार फहियान ने मगध देश में आचार्य चाणक्य की प्रशंसा सुनी , तो वह उनसे मिलने राजधानी में आ पहुँचा। उस समय रात हो चुकी थी और चाणक्य अपना काम कर रहे थे। वहां तेल का एक दीपक जल रहा था। चाणक्य ने आगंतुक को जमीन पर बिछे आसान पर बैठने का अनुरोध किया।

फिर वहाँ जल रहे दीपक को बुझा कर अन्दर गए और दूसरे दीपक को जला कर ले आए। इस पर विदेशी व्यक्ति समझ नहीं सका कि जलते दीपक को बुझाकर , बुझे हुए दूसरे दीपक को जलाना ,कैसी बुद्धिमानी हो सकती है ? उसने संकोच करते हुए चाणक्य से पूछा - यह क्या खेल है ? जलते दीपक को बुझाना और बुझे दीपक को जलाना ! जला था तो बुझाया ही क्यों और बुझाया तो जलाया ही क्यों ? रहस्य क्या है ? चाणक्य ने मुस्कुराते हुए कहा इतने देर से अपना निजी कार्य कर रहा था, इसलिए मेरा दीपक जल रहा था, अब आप आए है तो मुझे राज्य के कार्य में लगाना होगा, इसलिए यह सरकारी दीपक जलाया है। आगंतुक चाणक्य की इस ईमानदारी और सच्चाई को देख बड़ा प्रभावित हुआ।

सीख - व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी का एक गुण पूरी तरह से व्यक्ति को निखार देता है, इसलिए ईमानदारी के गुण को जीवन में अपनाकर अपना व्यक्तित्व निखारे।

5. अपना दीपक बनो

एक बार दो यात्री धर्मशाला में ठहरे हुए थे। इसी बीच एक दीपक बेचने वाला आया। एक यात्री ने दीप खरीद लिया। वहीं, दूसरे ने सोचा कि, मैं भी इसके साथ ही चल पडूंगा, तो मुझे दीप खरीदने की क्या जरूरत है।

दीप लेकर पहला यात्री रात में चल पड़ा, दूसरा भी उसके साथ निकल गया। थोड़ी दूर चलने पर पहला यात्री एक ओर मुड़ गया। लेकिन, दूसरे यात्री को विपरीत दिशा में जाना था। इसलिए वह वहीं रह गया और बिना उजाले के लौट भी नहीं पाया।

सीख- महात्मा बुद्ध ने कहा कि- भिक्षुओं! अपना दीपक खुद बनो। आपके कार्य ही आपका दीपक हैं, वही आपको मार्ग दिखाएंगे।

6. बुढ़िया की सुई
एक बार गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपड़ीके बहार कुछ ढूंढ़ रही थी। तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी तो उसने पूछा , “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” इस पर बुढ़िया ने जवाब दिया कि ” कुछ नहीं मेरी सुई गुम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ।” फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला के साथ में सुई खोजने लगा। कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकट्‌ठाहो गया।

सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?” इस पर बूढ़ी महिला ने कहा” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी।” ये सुनते ही सभी क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं, जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी , आखिर सुई अंदर खोजने की बजाए बाहर क्यों खोज रही हो ?” बुढ़िया बोली” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”,.

सीख- ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है। हमें ये जानने की कोशिश करना चाहिए कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करियर बनाएं।

7. रोशनी की किरण

रोहित आठवीं कक्षा का छात्र था। वह बहुत आज्ञाकारी था, और हमेशा दूसरोंकी मदद के लिए तैयार रहता था। वह शहर के एक साधारण मोहल्ले में रहता था, जहाँ बिजली के खम्भे तो लगे थे पर उन पर लगी लाइट सालों से खराब थी और बार-बार कंप्लेंट करने पर भी कोई उन्हें ठीक नहीं करता था। रोहित अक्सर सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को अँधेरे के कारण परेशान होते देखता , उसके दिल में आता कि वो कैसे इस समस्या को दूर करे। इसके लिए वो जब अपने माता-पिता या पड़ोसियों से कहता तो सब इसे सरकार और प्रशासन की लापरवाही कह कर टाल देते। एक दिन रोहित कहीं से एक लम्बा सा बांस और बिजली का तार लेकर अपने कुछ दोस्तों की मदद से उसे अपने घर के सामने लगाकर उस पर एक बल्ब लगाने लगा।

आस-पड़ोस के लोगों ने देखा तो पूछा, ” अरे तुम ये क्या कर रहे हो ?” “मैं अपने घर के सामने एक बल्ब जलाने का प्रयास कर रहा हूँ ?” , रोहित बोला। इस पर पड़ोसियों ने कहा “अरे इससे क्या होगा , अगर तुम एक बल्ब लगा भी लोगे तो पूरे मोहल्ले में प्रकाश थोड़े ही फैल जाएगा, आने जाने वालों को तब भीपरेशानी उठानी ही पड़ेगी !” रोहित बोला , कि इससे कम से कम मेरे घर के सामने से जाने वाले लोगों को परेशानी नहीं होगी” और ऐसा कहते हुए उसने एक बल्ब वहां टांग दिया। एक-दो दिन बाद कुछ और घरों के सामने भी लोगों ने बल्ब टांग दिए। धीरे- धीरे पूरा मोहल्ला प्रकाश से जगमग हो उठा। एक छोटे से लड़के के एक कदम ने इतना बड़ा बदलाव ला दिया था कि धीरे-धीरे पूराशहर ही जगमगा गया।

सीख- कई बार हम सिर्फ इसलिए किसी अच्छे काम को करने में संकोच कर जाते हैं क्योंकि हमें उससे होने वाला बदलाव बहुत छोटा लगता है। पर हकीकत में हमारा एक छोटा सा कदम एक बड़ी क्रांति का रूप लेने की ताकत रखता है। जैसा की गांधी जी ने कहा है , हमें खुद वो बदलाव बनना चाहिए जो हम दुनिया में देखना चाहते हैं, तभी हम अँधेरे में रोशनी की किरण फैला सकते हैं।

8.बल्ब का आविष्कार

दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थॉमस अल्वा एडिसन बहुत ही मेहनती इंसान थे। बचपन में उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया था कि वह मंद बुद्धि बालक है। लेकिन उन्होंने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए, जिसमें से बिजली का बल्ब प्रमुख है। उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किए थे। तब जाकर उन्हें सफलता मिली थी। एक बार जब वह बल्ब बनाने के लिए कोई प्रयोग कर रहे थे। तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा आपने करीब एक हजार प्रयोग किए, लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे। साथ ही, आपकी मेहनत बेकार हो गई। क्या आपको दुःख नहीं होता है।

एडिसन ने कहा मैं सोचता हूं कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है। मेरी मेहनत बेकार नहीं गई, क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपनी हर कोशिश के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूं। आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया। यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया और पूरी दुनिया को बल्ब देकर रोशन कर दिया।

सीख- इस छोटे से किस्से से हमें यही सीख मिलती है कि किसी भी लक्ष्य की ओर बढ़ाया गया पहला कदम ही इंसान को सफलता तक ले जाता है। असफलता से न डरने वाले को ही सफलता मिलती है।

9. लालटेन की रोशनी

एक बार एक शिष्य ने अपने गुरुसे कहा कि मैं अपने कठिनतम लक्ष्यों को कैसे प्राप्त कर सकता हूँ ? गुरुजी थोड़ा मुस्कुराए और कहा कि वह उसे आज रात उसके सवाल का जवाब देंगे। शिष्य हर रोज शाम को नदी से पानी लाता था, ताकि रात को उसका इस्तेमाल हो सके। लेकिन, गुरुजी ने उसे उस दिन शाम को पानी लाने से मना कर दिया। रात होने पर शिष्य ने गुरुदेव को अपना सवाल याद दिलाया तो गुरुजी ने उसे एक लालटेन दी और नदी से पानी लाने को कहा। उस दिन अमावस्या थी और शिष्य भी कभी इतनी अंधेरी रात में बाहर नहीं गया था। अतः उसने कहा कि नदी तो यहां से बहुत दूर है और इस लालटेन के प्रकाश में इतना लम्बा सफर इस अंधेरे में कैसे तय करूँगा ? आप सुबह तक प्रतीक्षा कीजिए, मैं गागर सुबह भर लाऊंगा, गुरुजी ने कहा कि हमें पानी की जरूरत अभी है तो जाओ और गागर को भरकर लाओ।

गुरुजी ने कहा कि रोशनी तेरे हाथों में है और तू अंधेरे से डर रहा है। बस फिर क्या था शिष्य लालटेन लेकर आगे बढ़ता रहा और नदी तक पहुँच गया और गागर भरकर लौट आया। शिष्य ने कहा कि मैं गागर भरकर ले आया हूँ, अब आप मेरे सवाल का जवाब दीजिए। तब गुरुजी ने कहा कि मैंने तो सवाल का जवाब दे दिया है, लेकिन शायद तुम्हें समझ में नहीं आया।

सीख- गुरुजी ने उसे समझाया कि यह दुनिया एक अंधेरी नगरी है, जिसमें हर एक क्षण एक लालटेन की रोशनी की तरह मिला हुआ है। अगर हम उस हर एक क्षण का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ेंगे तो आनंदपूर्वक अपनी मंजिल तक पहुँच जाएंगे। लेकिन अगर भविष्य के अंधकार को देखते रहेंगे तो कोशिश करने से पहले ही हम विफल हो जायेंगे।



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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। सेना ने रविवार को बताया कि बीते 24 घंटे में 9 आतंकी मार गिराए गए। इनसे से 4 दक्षिण कश्मीर के बटपोरा और 5 नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास केरन सेक्टर में मारे गए। ये सभी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। ऑपरेशन में एक जवान शहीद भी हो गया, जबकि दो जवान गंभीर रूप से घायल हैं। जख्मी जवानों को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी है। भारी बर्फबारी और पहाड़ी इलाका होने के कारण बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही हैं।

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Army said- 9 terrorists killed in different areas in 24 hours; One young martyr, two seriously injured


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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर के मूलनिवासियों के लिए नए कानून की वकालत की है। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे आंतरिक मामले में लगातार हस्तक्षेप की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इमरान से कहा कि अगर आप जम्मू-कश्मीर की बेहतरी को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो सबसे पहले पाकिस्तान को सीमा पर आतंकवाद और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा पर रोक लगानी चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का जम्मू-कश्मीर को लेकर दिया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के केंद्रशासित प्रदेश को लेकर कोई मांग उठाने का पाकिस्तान के पास कोई हक नहीं है। कश्मीर मुद्दे पर लगातार हस्तक्षेप की कोशिश बर्दाश्त के बाहर है।’’दरअसल, इमरान का यह बयान भारत सरकार के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें नौकरियों में आरक्षण को लेकर जम्मू-कश्मीर के मूलनिवासियों को परिभाषित किया गया है।

सभी नौकरियां जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आरक्षित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों सभी नौकरियां जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आरक्षित करने का आदेश जारी किया था। इसमें मूलनिवासियों को परिभाषित करते हुए लिखा- अगर कोई जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या 7 साल तक पढ़ाई करते हुए 10वीं/12वीं की परीक्षा में शामिल हुआ हो या राहत और पुनर्वास कमिश्वर के पास जिसका बतौर शरणार्थी रजिस्ट्रेशन हो। इन्हें मूलनिवासियों की श्रेणी में रखा जाएगा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ भी मिलेगा।



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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पहले भी अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को लेकर यूएन तक में बयान दे चुके हैं। (फाइल)


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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर के मूलनिवासियों के लिए नए कानून की वकालत की है। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे आंतरिक मामले में लगातार हस्तक्षेप की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इमरान से कहा कि अगर आप जम्मू-कश्मीर की बेहतरी को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो सबसे पहले पाकिस्तान को सीमा पर आतंकवाद और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा पर रोक लगानी चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का जम्मू-कश्मीर को लेकर दिया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के केंद्रशासित प्रदेश को लेकर कोई मांग उठाने का पाकिस्तान के पास कोई हक नहीं है। कश्मीर मुद्दे पर लगातार हस्तक्षेप की कोशिश बर्दाश्त के बाहर है।’’दरअसल, इमरान का यह बयान भारत सरकार के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें नौकरियों में आरक्षण को लेकर जम्मू-कश्मीर के मूलनिवासियों को परिभाषित किया गया है।

सभी नौकरियां जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आरक्षित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों सभी नौकरियां जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए आरक्षित करने का आदेश जारी किया था। इसमें मूलनिवासियों को परिभाषित करते हुए लिखा- अगर कोई जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या 7 साल तक पढ़ाई करते हुए 10वीं/12वीं की परीक्षा में शामिल हुआ हो या राहत और पुनर्वास कमिश्वर के पास जिसका बतौर शरणार्थी रजिस्ट्रेशन हो। इन्हें मूलनिवासियों की श्रेणी में रखा जाएगा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ भी मिलेगा।



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कोरोनावायरस से लड़ने में अमेरिका ने भारत की तरफ रुख किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘‘मैंने फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात की है। उनसे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा की खेप भेजने गुजारिश की है, ताकि हम कोविड-19 संक्रमितों का बेहतर इलाज कर सकें।’’ वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन सबसे बेहतर है।

ट्रम्प ने बिना हिचकिचाए यह भी कहा, ‘‘मैं भी दवा खाऊंगा और इसके लिए अपने डॉक्टर से भी बात करूंगा। भारत काफी मात्रा में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन बनाता है। उन्हें अपने अरबों लोगों के लिए काफी भंडार की जरूरत होगी। मलेरिया के इलाज में आने वाली यह दवा कोविड-19 को ठीक करने में भी कारगर साबित होगी। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि अगर भारत हमें दवा की खेप भेजेगा तो हम उन्हें धन्यवाद देंगे।’’ भारत सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा के निर्यात और उसके फॉर्मूले को किसी अन्य देश को दिए जाने को फिलहाल रोक रखा है।

मोदी ने भी दी ट्रम्प से बातचीत की जानकारी
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर बातचीत हुई। चर्चा काफी सकारात्मक रही। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत और अमेरिका मिलकर पूरी ताकत से लड़ेंगे।’’

अमेरिका में हालात बिगड़े
अमेरिका में अब तक आठ हजार 400 लोग मारे जा चुके हैं। यहां संक्रमण के मामले तीन लाख से ज्यादा हो गए हैं। उधर, देश में कोरोना का एपिसेंटर माने जा रहे न्यूयॉर्क में 24 घंटे में 630 लोगों की मौत हो चुकी है। ट्रम्प ने कहा, ‘‘अगले दो हफ्तों में कोरोना से सैकड़ों जान जा सकती हैं। मुश्किल घड़ी में वे बड़ी संख्या में सेना और चिकित्साकर्मियों को तैनात कर रहे हैं। साथ ही कहा कि ईस्टर त्योहार को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग में वे थोड़ी ढील देना चाहते हैं।’’



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फोटो 24 फरवरी की है। डोनाल्ड ट्रम्प दो दिन के दौरे पर भारत आए थे। पहले दिन उन्होंने अहमदाबाद के मोटेरो स्टेडियम में मोदी के साथ एक लाख लोगों को संबोधित किया था।


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देश में कोरोनावायरस की वजह से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुजरात के सूरत में रविवार में 62 साल की महिला की जान चली गई। उसे दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस मौत के साथ राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 11 पर पहुंच गया है। इसके साथ देश में मरने वालों की संख्या 106 हो गई है।

शनिवार को वायरस की चपेट में आने से14लोग दम तोड़ चुके हैं।इनमें महाराष्ट्र से 6, मध्यप्रदेश से 3,तमिलनाडु से 2 हैं, जबकि गुजरात, राजस्थान और कनार्टकसे एक-एक हैं।

संक्रमण से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें

राज्य मौतें
महाराष्ट्र 32
तेलंगाना 12
मध्यप्रदेश 11
गुजरात

11

दिल्ली 07
पश्चिम बंगाल 06
राजस्थान 04
कर्नाटक 04
पंजाब 04
तमिलनाडु 03
हिमाचल 02
जम्मू-कश्मीर 02
उत्तर प्रदेश 02
केरल 02
बिहार 01
हरियाणा 01
चंडीगढ़ 01
आंध्र प्रदेश 01
कुल 106

किस राज्य में कब हुई संक्रमण से मौत

तारीख

मौतें राज्य उम्र
11 मार्च

पहली मौत

कर्नाटक

76 साल

13मार्च दूसरी मौत दिल्ली 68साल (महिला)
17मार्च

तीसरी मौत

महाराष्ट्र 63साल(महिला)
18मार्च चौथी मौत

पंजाब

70साल
21मार्च 5वीं मौत

महाराष्ट्र

63साल
21मार्च

6वीं मौत

बिहार 38साल
22मार्च 7वीं मौत गुजरात 67साल
23मार्च

8वीं मौत

पश्चिम बंगाल

57साल

23मार्च

9वीं मौत

हिमाचल 68साल
24मार्च 10वीं मौत महाराष्ट्र 65साल
25मार्च 11वीं मौत तमिलनाडु 54साल
25मार्च 12वीं मौत मध्यप्रदेश 65साल(महिला)
25मार्च 13वीं मौत गुजरात 85साल(महिला)
26मार्च 14वीं मौत

जम्मू-कश्मीर

65साल
26मार्च 15वीं मौत महाराष्ट्र

65साल

26मार्च 16वीं मौत

कर्नाटक

75साल(महिला)
26मार्च 17वीं मौत राजस्थान

73साल

26मार्च 18वीं मौत

गुजरात

70साल
26मार्च 19वीं मौत राजस्थान 60साल
26मार्च 20वीं मौत मध्यप्रदेश

65साल

27मार्च 21वीं मौत

कर्नाटक

65साल
27मार्च 22वीं मौत महाराष्ट्र 65साल(महिला)
28मार्च 23वीं मौत

केरल

69 साल
28 मार्च 24वीं मौत गुजरात 46 साल
28 मार्च 25वीं मौत महाराष्ट्र 85 साल
28 मार्च 26वीं मौत तेलंगाना 75 साल
29 मार्च

27वीं मौत

जम्मू-कश्मीर 62 साल
29 मार्च 28वीं मौत गुजरात 45 साल
29 मार्च 29वीं मौत

महाराष्ट्र

40 साल (महिला)
29 मार्च 30वीं मौत महाराष्ट्र

45 साल

29 मार्च 31वीं मौत

पंजाब

62 साल
30 मार्च 32वीं मौत पश्चिम बंगाल 54 साल (महिला)
30 मार्च 33वीं मौत गुजरात 45 साल (महिला)
30 मार्च 34वीं मौत महाराष्ट्र 52 साल
30 मार्च 35वीं मौत मध्यप्रदेश 41 साल
30 मार्च 36वीं मौत महाराष्ट्र 80 साल
30 मार्च 37वीं मौत पंजाब 55 साल (महिला)
30 मार्च 38-43वीं मौत (6 मौतें‌) तेलंगाना -
31 मार्च 44वीं मौत मध्यप्रदेश 49 साल (महिला)
31 मार्च 45वीं मौत केरल 68 साल
31 मार्च 46वीं मौत चंडीगढ़ 65 साल
31 मार्च 47वीं मौत पश्चिम बंगाल 48 साल (महिला)
31 मार्च 48वीं मौत महाराष्ट्र 50 साल
31 मार्च 49वीं मौत महाराष्ट्र 75 साल
31 मार्च 50वीं मौत मध्यप्रदेश -
1 अप्रैल 51वीं मौत मध्यप्रदेश 65 साल
1 अप्रैल 52वीं मौत उत्तरप्रदेश 25 साल
1 अप्रैल 53वीं मौत उत्तरप्रदेश 72 साल
1 अप्रैल 54- 57वीं मौत (4 मौतें) महाराष्ट्र 56 साल
1 अप्रैल 58 से 60वीं मौत (3 मौतें) तेलंगाना -
1 अप्रैल 63-63वीं मौत (3 मौतें) पश्चिम बंगाल -
2 अप्रैल 64वींमौत पंजाब 62 साल
2 अप्रैल 65वीं मौत हरियाणा 67 साल
2 अप्रैल 66वीं मौत राजस्थान 85 साल
2 अप्रैल 67वीं मौत गुजरात 52 साल
2अप्रैल 68वीं मौत मध्यप्रदेश 65 साल (महिला)
2अप्रैल 69वीं मौत मध्यप्रदेश

56 साल

2 अप्रैल 70 वीं मौत महाराष्ट्र 61 साल
2 अप्रैल 71वीं मौत महाराष्ट्र 58 साल
2 अप्रैल 72वीं मौत महाराष्ट्र 63 साल
2 अप्रैल 73वीं मौत महाराष्ट्र 50 साल (महिला)
2 अप्रैल 74वीं- 77वीं (4मौतें) दिल्ली -
3 अप्रैल 78वीं मौत गुजरात 78 साल
3 अप्रैल 79वीं मौत आंध्र प्रदेश 55 साल
3 अप्रैल 80-85वीं मौत (6 मौतें) महाराष्ट्र -
3 अप्रैल 86वीं मौत गुजरात -
3 अप्रैल 87-88वीं मौत (2 मौतें) तेलंगाना -
3 अप्रैल 89वीं मौत हिमाचल 70 साल (महिला)
3 अप्रैल 90-91वीं मौत (2 मौतें) दिल्ली -
4 अप्रैल 92वीं मौत कर्नाटक 75 साल
4 अप्रैल 93वीं मौत राजस्थान 60 साल
4 अप्रैल 94वीं मौत मध्यप्रदेश 36 साल
4 अप्रैल 95वीं मौत महाराष्ट्र 47 साल
4 अप्रैल 96वीं मौत गुजरात -
4 अप्रैल 97वीं मौत मध्यप्रदेश 80 साल (महिला)
4 अप्रैल 98वीं मौत मध्यप्रदेश 42 साल
4 अप्रैल 99वीं मौत तमिलनाडु 51 साल
4 अप्रैल 100वीं मौत तमिलनाडु 53 साल
4 अप्रैल 101 से 105वीं मौत (5 मौतें) महाराष्ट्र -
5 अप्रैल 106वीं मौत गुजरात 62 साल


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देश में कोरोनावायरस की वजह से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुजरात के सूरत में रविवार में 62 साल की महिला की जान चली गई। उसे दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस मौत के साथ राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 11 पर पहुंच गया है। इसके साथ देश में मरने वालों की संख्या 106 हो गई है।

शनिवार को वायरस की चपेट में आने से14लोग दम तोड़ चुके हैं।इनमें महाराष्ट्र से 6, मध्यप्रदेश से 3,तमिलनाडु से 2 हैं, जबकि गुजरात, राजस्थान और कनार्टकसे एक-एक हैं।

संक्रमण से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें

राज्य मौतें
महाराष्ट्र 32
तेलंगाना 12
मध्यप्रदेश 11
गुजरात

11

दिल्ली 07
पश्चिम बंगाल 06
राजस्थान 04
कर्नाटक 04
पंजाब 04
तमिलनाडु 03
हिमाचल 02
जम्मू-कश्मीर 02
उत्तर प्रदेश 02
केरल 02
बिहार 01
हरियाणा 01
चंडीगढ़ 01
आंध्र प्रदेश 01
कुल 106

किस राज्य में कब हुई संक्रमण से मौत

तारीख

मौतें राज्य उम्र
11 मार्च

पहली मौत

कर्नाटक

76 साल

13मार्च दूसरी मौत दिल्ली 68साल (महिला)
17मार्च

तीसरी मौत

महाराष्ट्र 63साल(महिला)
18मार्च चौथी मौत

पंजाब

70साल
21मार्च 5वीं मौत

महाराष्ट्र

63साल
21मार्च

6वीं मौत

बिहार 38साल
22मार्च 7वीं मौत गुजरात 67साल
23मार्च

8वीं मौत

पश्चिम बंगाल

57साल

23मार्च

9वीं मौत

हिमाचल 68साल
24मार्च 10वीं मौत महाराष्ट्र 65साल
25मार्च 11वीं मौत तमिलनाडु 54साल
25मार्च 12वीं मौत मध्यप्रदेश 65साल(महिला)
25मार्च 13वीं मौत गुजरात 85साल(महिला)
26मार्च 14वीं मौत

जम्मू-कश्मीर

65साल
26मार्च 15वीं मौत महाराष्ट्र

65साल

26मार्च 16वीं मौत

कर्नाटक

75साल(महिला)
26मार्च 17वीं मौत राजस्थान

73साल

26मार्च 18वीं मौत

गुजरात

70साल
26मार्च 19वीं मौत राजस्थान 60साल
26मार्च 20वीं मौत मध्यप्रदेश

65साल

27मार्च 21वीं मौत

कर्नाटक

65साल
27मार्च 22वीं मौत महाराष्ट्र 65साल(महिला)
28मार्च 23वीं मौत

केरल

69 साल
28 मार्च 24वीं मौत गुजरात 46 साल
28 मार्च 25वीं मौत महाराष्ट्र 85 साल
28 मार्च 26वीं मौत तेलंगाना 75 साल
29 मार्च

27वीं मौत

जम्मू-कश्मीर 62 साल
29 मार्च 28वीं मौत गुजरात 45 साल
29 मार्च 29वीं मौत

महाराष्ट्र

40 साल (महिला)
29 मार्च 30वीं मौत महाराष्ट्र

45 साल

29 मार्च 31वीं मौत

पंजाब

62 साल
30 मार्च 32वीं मौत पश्चिम बंगाल 54 साल (महिला)
30 मार्च 33वीं मौत गुजरात 45 साल (महिला)
30 मार्च 34वीं मौत महाराष्ट्र 52 साल
30 मार्च 35वीं मौत मध्यप्रदेश 41 साल
30 मार्च 36वीं मौत महाराष्ट्र 80 साल
30 मार्च 37वीं मौत पंजाब 55 साल (महिला)
30 मार्च 38-43वीं मौत (6 मौतें‌) तेलंगाना -
31 मार्च 44वीं मौत मध्यप्रदेश 49 साल (महिला)
31 मार्च 45वीं मौत केरल 68 साल
31 मार्च 46वीं मौत चंडीगढ़ 65 साल
31 मार्च 47वीं मौत पश्चिम बंगाल 48 साल (महिला)
31 मार्च 48वीं मौत महाराष्ट्र 50 साल
31 मार्च 49वीं मौत महाराष्ट्र 75 साल
31 मार्च 50वीं मौत मध्यप्रदेश -
1 अप्रैल 51वीं मौत मध्यप्रदेश 65 साल
1 अप्रैल 52वीं मौत उत्तरप्रदेश 25 साल
1 अप्रैल 53वीं मौत उत्तरप्रदेश 72 साल
1 अप्रैल 54- 57वीं मौत (4 मौतें) महाराष्ट्र 56 साल
1 अप्रैल 58 से 60वीं मौत (3 मौतें) तेलंगाना -
1 अप्रैल 63-63वीं मौत (3 मौतें) पश्चिम बंगाल -
2 अप्रैल 64वींमौत पंजाब 62 साल
2 अप्रैल 65वीं मौत हरियाणा 67 साल
2 अप्रैल 66वीं मौत राजस्थान 85 साल
2 अप्रैल 67वीं मौत गुजरात 52 साल
2अप्रैल 68वीं मौत मध्यप्रदेश 65 साल (महिला)
2अप्रैल 69वीं मौत मध्यप्रदेश

56 साल

2 अप्रैल 70 वीं मौत महाराष्ट्र 61 साल
2 अप्रैल 71वीं मौत महाराष्ट्र 58 साल
2 अप्रैल 72वीं मौत महाराष्ट्र 63 साल
2 अप्रैल 73वीं मौत महाराष्ट्र 50 साल (महिला)
2 अप्रैल 74वीं- 77वीं (4मौतें) दिल्ली -
3 अप्रैल 78वीं मौत गुजरात 78 साल
3 अप्रैल 79वीं मौत आंध्र प्रदेश 55 साल
3 अप्रैल 80-85वीं मौत (6 मौतें) महाराष्ट्र -
3 अप्रैल 86वीं मौत गुजरात -
3 अप्रैल 87-88वीं मौत (2 मौतें) तेलंगाना -
3 अप्रैल 89वीं मौत हिमाचल 70 साल (महिला)
3 अप्रैल 90-91वीं मौत (2 मौतें) दिल्ली -
4 अप्रैल 92वीं मौत कर्नाटक 75 साल
4 अप्रैल 93वीं मौत राजस्थान 60 साल
4 अप्रैल 94वीं मौत मध्यप्रदेश 36 साल
4 अप्रैल 95वीं मौत महाराष्ट्र 47 साल
4 अप्रैल 96वीं मौत गुजरात -
4 अप्रैल 97वीं मौत मध्यप्रदेश 80 साल (महिला)
4 अप्रैल 98वीं मौत मध्यप्रदेश 42 साल
4 अप्रैल 99वीं मौत तमिलनाडु 51 साल
4 अप्रैल 100वीं मौत तमिलनाडु 53 साल
4 अप्रैल 101 से 105वीं मौत (5 मौतें) महाराष्ट्र -
5 अप्रैल 106वीं मौत गुजरात 62 साल


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कोरोनावायरस के अंधेरे के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात 9 बजे 9 मिनट तक लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फोन की फ्लैश लाइट जलाने की अपील की है। इस पर भारतीय सेना ने सलाह दी है कि दीया जलाते वक्त अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर इस्तेमाल न करें। इससे आग लगने का खतरा है। हाथ धोने के लिए साबुन ही इस्तेमाल करें। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि रात 9 बजे सिर्फ लाइट बंद रखें, पंखा, फ्रिज, एसी जैसे बाकी उपकरण चलने दें।

इस बीच, ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय ने उन आशंकाओं को बेबुनियााद बताया, जिनमें कहा गया है कि लाइटें बंद होने के बाद वोल्टेज बढ़ने से बिजली के उपकरण खराब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि उपकरणों को कोई खतरा नहीं है। सभी बिजली उत्पादक और वितरण कंपनियों की पूरी तैयारी है। ग्रिड में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे पहले, अचानक बिजला की खपत कम होने और बढ़ने हवाला देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ग्रिड फेल होने की आशंका जताई थी। इसे भी ऊर्जा मंत्रालय की ओर से खारिज कर दिया गया है।

मोदी ने की थी अपील
कोरोना संकट पर मोदी ने शुक्रवार को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 5 अप्रैल को कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देने लिए लाइट बंद करके दिया जलाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘हमें प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। रविवार को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। ताकि अपने घरों में मौजूद कोई भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खुद को अकेला महसूस न करे। प्रकाश के इस आयोजन के दौरान सोशल डेस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का भी ध्यान रखें।’’



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दुनियाभर में कोरोनावायरस मरीजों की संख्या 12 लाख हो गई है। 64 हजार 691 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो लाख 46 हजार व्यक्ति ठीक भी हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में अब तक आठ हजार 400 लोग मारे जा चुके हैं। यहां संक्रमण के मामले तीन लाख से ज्यादा हो गए हैं। उधर, देश में कोरोना का एपिसेंटर माने जा रहे न्यूयॉर्क में 24 घंटे में 630 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अगले दो हफ्तों में कोरोना से सैकड़ों जानजा सकती हैं।

  • ट्रम्प ने कहा कि मुश्किल घड़ी में वे बड़ी संख्या में सेना और चिकित्साकर्मियों को तैनात कर रहे हैं। साथ ही कहा कि ईस्टर त्योहार को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग में वे छोड़ी छुट देना चाहते हैं।उन्होंने कोरोनोवायरस को लेकर विस्कॉन्सिन और नेब्रास्का के लिए आपदा घोषणाओं को मंजूरी दे दी है। ट्रम्प की यह 40वीं और 41वीं घोषणा है, जो उन्होंने कोरोनोवायरस से निपटने के लिए की है।
  • कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसॉम ने शनिवार को कहा कि 12 हजार से ज्यादा लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हो हजार 300 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। जबकि 1,008 आईसीयू में भर्ती हैं।

शनिवार को व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग करते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। अमेरिका में शनिवार को करीब 34 हजार नए मामले सामने आए।

इटली: 15362 लोगों की मौत
इटली में कोरोनावायरस के अब तक एक लाख 24 हजार 632 मामले दर्ज हुए हैं। 15 हजार 362 लोगों की मौत हुई है। इटली में पिछले 24 घंटों में 681 लोगों की मौत हुई है।
नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने कहा कि शुक्रवार की तुलना में कोरोनावायरस के 2,886 नए मामले सामने आए हैं। बोरेली ने कहा कि 29,010 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। देश में अब तक 20,996 मरीज ठीक हो चुके हैं।

पोलैंड: वरसॉ में चिकित्साकर्मियों को फ्री में भोजन दिया जा रहा।

फ्रांस: 7500 से ज्यादा मौतें
बीबीसी के मुताबिक, प्रांस में 24 घंटे में 441 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देशभर में मौतौं का आंकड़ा सात हजार 560 हो गया है। एक दिन पहले शुक्रवार को 588 लोगों की जान गई थी। देश में अभी 28 हजार 143 लोगों की इलाज चल रहा है। यहां अभी 89 हजार 953 लोग संक्रमित हैं।

फ्रांस: ओर्ली एयरपोर्ट से सेना के विमान से कोरोना मरीज को ले जाते स्वास्थ्यकर्मी। देश में संक्रमितों की संख्या करीब 89 हजार हो गई है।

यूक्रेन: कोरोना के 1225 मामलों की पुष्टि
यूक्रेन में कोरोनावायरस के 1225 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि मरने वालों का आंकड़ 32 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 25 लोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है और इन लोगों को छुट्टी दी जा चुकी है। यूक्रेन ने टेस्ला प्रमुख इलोन मस्क से अपील की है कि वे अपने कोरोनोवायरस मरीजों के लिए वेंटिलेटर्स की आपूर्ति करें। इसके बाद मस्क ने ट्वीट कर कहा था- हम सहयोग के लिए तैयार हैं।

यूक्रेन के चिकित्साकर्मी इटली के लिए रवाना हुए। इससे पहले यूक्रेन के अधिकारी, गृह मंत्री आर्सेन अवाकोव और स्वास्थ्य मंत्री मेक्सिम स्टेपानोव मीडिया को संबोधित करते हुए।

कोरोना से 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित

कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 3,11,357 8,452 14,825
स्पेन 1,26,168 11,947 34,219
इटली 1,24,632 15,362 20,996
जर्मनी 96,092 1,444 26,400
चीन 89,953 7,560 15,438
फ्रांस 81,639 3,326 76,755
ईरान 55,743 3,452 19,736
ब्रिटेन 41,903 4,313 135
तुर्की 23,934 501 786
स्विट्जरलैंड 20,505 666 6,415

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शनिवार को ब्रूकलिन के वीकॉफ हाइट्स मेडिकल सेंटर में एक अस्थायी मुर्दाघर में शव ले जाते चिकित्साकर्मी। न्यूयॉर्क के अस्पतालों में क्षमता से ज्यादा मरीज हो गए हैं।


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देश में कोरोनावायरस के मामलों में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह तब्लीगी जमात है। स्वास्थ्य विभाग ने भी शनिवार को यही बात कही। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण के 30 फीसदी मामले जमात के मरकज से लौटे लोगों की वजह से बढ़े। लेकिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वायएस जगन मोहन रेड्डी ने इसके जरिए एक समुदाय के खिलाफ हो रही बातों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। लेकिन इसकी वजह से एक समुदाय को निशाना बनाना ठीक नहीं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 2902 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसमें से 1023 केस तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। इधर, देश में कोरानावायरस संक्रमण के शनिवार को 500 से ज्यादा नए मामले सामने आए। इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 145 केस हैं। यहां शनिवार को 6 लोगों ने दम तोड़ा। देश में संक्रमितों की संख्या 3 हजार 678 हो गई। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के मुताबिक हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 525 मरीज बढ़े हैं। यह आंकड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा है। अब कुल संक्रमितों की संख्या 3072 हो गई। इनमें से 213 ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं, जबकि 75 मरीजों की मौत हुई है।

इधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना टेस्ट को लेकर एडवाइजरी जारी की है। आईसीएमआर ने उन सेंटर्स और क्लस्टर्स में संक्रमण की जांच के लिए एंटीबॉडी आधारित ब्लड टेस्ट करने के निर्देश दिए हैं, जहां बड़ी संख्या में दूसरे देशों से लाए गए भारतीयों को रखा गया है।

प्रधानमंत्री 8 अप्रैल को विपक्षी दलों के नेताओं से बात करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजनैतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे। लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री पहली बार विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा करेंगे। इसके अलावा मोदी ने शनिवार को अमेरिका, ब्राजील और स्पेन के राष्ट्रपति से भी फोन पर बात की और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकदूसरे को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

26 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंचा कोरोना

राज्य कितने संक्रमित कितनों की मौत कितने ठीक हुए
महाराष्ट्र 635 32 52
तमिलनाडु 485 3 8

दिल्ली

445 7 16
केरल 306 2 50
आंध्रप्रदेश 192 1 2
तेलंगाना 272 12 33
राजस्थान 204 4 25
उत्तरप्रदेश 234 2 21
कर्नाटक 144 4 11
मध्यप्रदेश 182 11 2
गुजरात 108 10 10
जम्मू-कश्मीर 92 2 3
प.बंगाल 53 6 3
हरियाणा 84 1 29
पंजाब 65 5 3
बिहार 32 1 3
चंडीगढ़ 18 0 3
असम 26 0 0
लद्दाख 14 0 3
अंडमान-निकोबार 10 0 0
उत्तराखंड 22 0 2
छत्तीसगढ़ 10 0 3
हिमाचल प्रदेश 6 2 1
गोवा 7 0 0
ओडिशा 21 0 2
पुडुचेरी 5 0 0
मणिपुर 2 0 0
झारखंड 2 0 0
मिजोरम 1 0 0
अरुणाचल प्रदेश 1 0 0

*ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के मुताबिक हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,अब कुल संक्रमितों की संख्या 3072 हो गई है। इनमें से 213 ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं, जबकि75 मरीजों की मौत हुई

  • मध्यप्रदेश; कुल संक्रमित- 182: आईएएस अधिकारी और हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी जे. विजय कुमार की क्रास सैंपल रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आने के बाद दो और अफसरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल और अपर संचालक हेल्थ डॉ. वीणा सिन्हा संक्रमित पाईं गईं। इसके अलावा करोद सब्जी मंडी का एक व्यापारी भी कोरोना से संक्रमित पाया गया। इन तीन नए मरीजों के सामने आने से प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 182 हो गई। इनमें इंदौर में 128, मुरैना में 12, भोपाल में 18, जबलपुर में 9, उज्जैन में 7, ग्वालियर-शिवपुरी-छिंदवाड़ा में 2-2 और खरगोन में एक संक्रमित मिला। इंदौर में 7, उज्जैन में 2 और खरगोन-छिंदवाड़ा में एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है। राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 34 नए मामले सामने आए थे।
जबलपुर में एक कुम्हार दीये बनाता हुआ। दरअसल,इस आपदा में एकजुटता दिखाने के लिए प्रधानमंत्री ने दीये जलाने की अपील की है।
  • महाराष्ट्र; कुल संक्रमित- 635: राज्य में शनिवार को संक्रमण के 145 नए मामले सामने आए। इनमें से अकेलेमुंबई में 52 मरीज मिले। शनिवार को राज्य में 6 लोगों की मौत हुई। इसमें से 4 ने मुंबई में, ठाणे और अमरावती में 1-1 ने दम तोड़ा। राज्य में इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 32 हो गया, जबकि 52 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। राज्य में शुक्रवार को कुल 67 नए मामले सामने आए थे, जबकि शुक्रवार को 6 मौतें हुईं।
  • दिल्ली; कुल संक्रमित- 445: शनिवार को दिल्ली में 59 नए केस आए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि संक्रमण के कुल 445 मामलों में से केवल 40 लोकल ट्रांसमिशन से जुड़े हैं। बाकी मामलों में संक्रमण विदेशी यात्रियों और जमात के मरकज की वजह से हुआ। उन्होंने बताया कि मरकज से निकाले गए 2300 में से 500 लोगों में लक्षण नजर आने के बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया, जबकि 1800 क्वारैंटाइन सेंटर में है। हम सभी का टेस्ट करा रहे हैं। इसकी रिपोर्ट 2-3 दिन में मिलेगी। इसके बाद दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ सकती है। दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 93 नए केस सामने आए थे।
लॉकडाउन के कारण सब घरों में कैद हैं। दिल्ली की एक झुग्गी में बैठे ये पति-पत्नी शायद सोच रहे हैं कि ये मुश्किल के दिन कब बीतेंगे।
  • उत्तरप्रदेश; कुल संक्रमित- 234: उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 234 हो गई। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इनमें 94 तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। योगी सरकार ने जमात से जुड़े लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। अभी तक 1302 लोगों की पहचान हुई है। इनमें 1 हजार को क्वारैंटाइन में रखा गया है। इधऱ, कन्नौज में पुलिस पार्टी पर हमला करने के आरोप में जमातियों पर केस दर्ज किया गया है। 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। शुक्रवार को लॉकडाउन के दौरन समूह में नमाज पढ़ने से मना करने पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया था।
यह प्रयागराज का गंगा घाट है। चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। लॉकडाउन की वजह से न यहां श्रद्धालु आ रहे हैं और न ही सैलानी।
  • राजस्थान; कुल संक्रमित- 204: शनिवार को संक्रमण के 25 नए मरीज मिले। इसमें से 12 का कनेक्शन तब्लीगी जमात के मरकज से है। जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले भरतपुर के दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा जोधपुर में कोरोना संक्रमण के 7 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 17 हो गई। शुक्रवार को संक्रमण के 46 मामले सामने आए थे। उधर, बीकानेर में 60 साल की महिला की इस संक्रमण से मौत भी हो गई।
  • हरियाणा; कुल संक्रमित 84: शनिवार को 26 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें 13 पलवल, 1 कैथल और 1-1 गुरुग्राम और भिवानी के हैं। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 84 हो गई।
  • गुजरात; कुल संक्रमित- 108: शनिवार को 13 और मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं, अहमदाबाद में शनिवार को एक मरीज की मौत हो गई। राज्य में इस बीमारी से अब तक 10 लोगों की जान गई, जबकि 10 लोग ठीक हुए।
  • तमिलनाडु; कुल संक्रमित 485: तमिलनाडु की स्वास्थ्य सचिव ने शनिवार को बताया कि राज्य में 74 नए मरीज मिले। इसमें से 73 दिल्ली के तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे। इसमें से त्रिची के 17, रानीपेट के 18, थिरुवलूर के 10 और चेन्नई के 5 मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक कुल 485 संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 422 पॉजिटिव मरीज ऐसे हैं जो या तो मरकज में शामिल हुए थे या फिर उसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे।
  • केरल; कुल संक्रमित- 306: यहां शनिवार को संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 306 हो गई। इसमें से 254 अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 50 ठीक होकर घर जा चुके हैं। उधऱ, नीलेश्वरम पुलिस ने कासरगोड़ जिले के मडिक्की से एक इमाम और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वे लॉकडाउन के बावजूद मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। कलेक्टर ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।


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हैदराबाद में ये मोहतरमा लॉकडाउन की परवाह किए बगैर स्कूटर पर परिवार के 6 लोगों को बैठाकर सड़क पर निकल पड़ीं।


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कोरोनावायरस के अंधेरे के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात 9 बजे 9 मिनट तक लाइटें बंद कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फोन की फ्लैश लाइट जलाने की अपील की है। इस पर भारतीय सेना ने सलाह दी है कि दीया जलाते वक्त अल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर इस्तेमाल न करें। इससे आग लगने का खतरा है। हाथ धोने के लिए साबुन ही इस्तेमाल करें। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि रात 9 बजे सिर्फ लाइट बंद रखें, पंखा, फ्रिज, एसी जैसे बाकी उपकरण चलने दें।

इस बीच, ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय ने उन आशंकाओं को बेबुनियााद बताया, जिनमें कहा गया है कि लाइटें बंद होने के बाद वोल्टेज बढ़ने से बिजली के उपकरण खराब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि उपकरणों को कोई खतरा नहीं है। सभी बिजली उत्पादक और वितरण कंपनियों की पूरी तैयारी है। ग्रिड में भी कोई दिक्कत नहीं होगी। इससे पहले, अचानक बिजला की खपत कम होने और बढ़ने हवाला देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ग्रिड फेल होने की आशंका जताई थी। इसे भी ऊर्जा मंत्रालय की ओर से खारिज कर दिया गया है।

मोदी ने की थी अपील
कोरोना संकट पर मोदी ने शुक्रवार को तीसरी बार देशवासियों को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने 5 अप्रैल को कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देने लिए लाइट बंद करके दिया जलाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘हमें प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। रविवार को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। ताकि अपने घरों में मौजूद कोई भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खुद को अकेला महसूस न करे। प्रकाश के इस आयोजन के दौरान सोशल डेस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का भी ध्यान रखें।’’



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pm modi 5 April Sunday burn lamp switch off light for 9 minutes against corona news updates


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देश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या जैसे ही 100 के पार हुई थी, ठीक वैसे ही केन्द्र समेत अलग-अलग राज्य सरकारें एक्शन में आने लगीं थीं। स्कूल, कॉलेज, पर्यटन स्थलों, रेस्त्रां, बार को बंद किया जाने लगा था। 15 मार्च के बाद अलग-अलग राज्यों में मंदिर-मस्जिद में भी एंट्री बैन होने लगी। हालांकि कुछ जगहों पर लोग मंदिरों में पूजा और मस्जिदों में इबादत के लिए अच्छी संख्या में जुटते रहे। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ और फिर एक के बाद एक सैकड़ों शहर लॉकडाउन होते गए। 2 दिन बाद यानी 25 मार्च को पूरे देश को ही लॉकडाउन कर दिया गया। ऐसे में धर्म स्थलों के दरवाजे तो बंद हो गए लेकिन यहां पहुंचे हजारों लोग अपने घर नहीं लौट पाए। कुछ जगहों पर प्रशासन की मदद से लोगों को उनके शहर तक छोड़ दिया गया लेकिन कई जगहों पर सैकड़ों की तादाद में लोग अब भी फंसे हुए हैं। दैनिक भास्कर के 10 रिपोर्टरों की इस ग्राउंड रिपोर्ट में आप काशी से लेकर अजमेर तक और वैष्णोदेवी से लेकर तिरूपति तक देश के बड़े धार्मिक स्थलों के ताजा हालातों के बारे में पढ़ेंगे...

अजमेर से विष्णु शर्मा...

ख्वाजा शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाने आए साढ़े 3 हजार जायरीन अभी भी फंसे हुए हैं
केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के बाद 20 मार्च को जुमे की नमाज के बाद ही दरगाह शरीफ परिसर को पूरी तरह से खाली कर दिया गया था। यहां रोजाना की रस्म अदायगी के लिए दरगाह कमेटी के लोगों को विशेष पास दिए गए है।दरगाह पर तो ज्यादालोग नजर नहीं आते लेकिन इसके आसपास की होटलों, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं में करीब 3500 लोग फंसे हुए हैं। जनता कर्फ्यू (22 मार्च) के बाद से ही ये लोग यहां से निकल नहीं पाए।

दरगाह शरीफ के 11 गेटों में से सिर्फ 2 गेट ही खुले हैं।रोजाना की रस्म अदायगी के लिए कुछ लोगों को पास दिए गए हैं।

दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने केंद्र और राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर इन लोगों के अजमेर में फंसने की जानकारी दी थी, साथ ही इनके ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था करने की भी गुजारिश की थी। दरगाह थाना प्रभारी हेमराज सिंह चौधरी के मुताबिक, सभी लोगों पर निगरानी है। फिलहाल किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं। हर दिन दरगाह प्रबंधन और मस्जिदों से अनाउंसमेंट कर लोगों से अपील की जा रही है कि अगर किसी में कोरोना के लक्षण नजर आए तो वे तत्काल प्रशासन को सूचना दें। कुछ के टेस्ट भी किए गए, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई है।


वाराणसी से अमित मुखर्जी...

काशी विश्वनाथ मंदिर 20 मार्च से बंद है, घाटों पर सिर्फ एक-एक व्यक्ति गंगा आरती करता है
बनारस के दशाश्वमेध घाट पर 30 सालों से हो रही गंगा आरती इन दिनों सिर्फ सांकेतिक रूप से हो रही है। जिस आरती में सात पंडित या अर्चक होते थे, वहां अब सिर्फ एक व्यक्ति होता है। बिना किसी भजन या संगीत के आरती होती है।यही हाल अस्सी घाट पर होने वाली सुबह की आरती का भी है।

18 मार्च से ही काशी केदशाश्वमेध घाट पर एक ही व्यक्ति गंगा आरती करते हुए नजर आता है।

इन घाटों और आरतीयों को देखने आए 435 यात्री यहां फंसे हुए हैं, इनमें 35 विदेशी और 400 भारतीय हैं। होटलों और आश्रमों में ठहरे इन लोगों की लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर,संकट मोचन मन्दिर,सारनाथ,म्यूजियम में लोगों की एंट्री बैन है। 17 मार्च से ही विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन और गर्भ गृह में प्रवेश बन्द कर दिया गया था और फिर 20 मार्च से पूरे मंदिर को ही बंद कर दिया गया।

उज्जैन से राजीव तिवारी...

23 मार्च से सभी श्रद्धालुओं को जिले की सीमा से बाहर भेजना शुरू किया गया
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एकमहाकाल के साथ-साथ उज्जैन में कई प्राचीन मंदिर हैं। आम दिनों मेंयहां की होटलों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं में भी लोगों की अच्छी खासी भीड़होतीहैलेकिन लॉकडाउन के बाद ये सब खाली है। जनता कर्फ्यू (22 मार्च) केदो दिन पहले ही प्रशासन ने महाकाल, हरसिद्धि, कालभैरव, मंगलनाथ सहित शहर के सभी मंदिर सील कर दिए थे और फिर 22 मार्च की रात से ही जिले को लॉकडाउन कर दिया गया। 23 मार्च को सभी श्रद्धालुओं को जिले की सीमा से बाहर भेजना शुरू किया गया। 300 श्रद्धालु ऐसे थे, जिन्हें साधन नहीं मिले तो प्रशासन ने अपने वाहनों से व्यवस्था कर उनके शहर-गांव भेज दिया।

मंदिरों की नगरी उज्जैन में हर दिन 20 हजार लोग महाकाल समेत अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। 20 मार्च से यहां के सभी मंदिर बंद हैं।

107 श्रद्धालु जो गरीब हैं और अपने घर नहीं जा सकते थे, उन्हें नगर निगम के रैन बसेरों में ठहराया गया है। इनके खाने-पीने का इंतजाम नगर निगम कर रहा है। इनकी स्क्रीनिंग हुई है, इनमें से दो में कोरोना के लक्षण मिले हैं, जिन्हें माधव नगर अस्पताल में भर्ती किया गया है।

अमृतसरसे बलराम मोर...

एक चीनी और आठ पाकिस्तानियों समेत 200 से ज्यादा यात्री मौजूद हैं
अमृतसर में 200 यात्री मौजूद हैं, इनमें आठपाकिस्तानी और एक चीनी नागरिक भी शामिल हैं। दरबार साहिब की सराय गुरु रामदास में 150 लोग ठहरे हैं। सभी के स्क्रीनिंग टेस्ट हो चुके हैं, कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने 28 मार्च को श्री दरबार साहिब में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए विशेष बसें चलाई और दिल्ली, शाहजहांपुर और बठिंडा के लिए चार बसों को रवाना किया। इसी तरह 30 मार्च को अमृतसर से 180 लोग मलेशिया के लिए रवाना हुए। इनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के लोग हैं, जिन्हें मलेशिया की नागरिकता हासिल है। मलेशिया सरकार ने इन्हें वहां बुलाने के लिए विशेष विमान भेजा था। इंटरनेशनल फ्लाइट्स रद्द होने के कारण वे यहां फंसे थे।

एक मुस्लिम सूफी संत ने 1588 ईस्वी में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी थी। करीब 200 साल बाद राजा रणजीत सिंह ने इसके एक खास हिस्से पर सोने की परत चढ़वाई।


शिरडी से आशीष राय...

मंदिर के पुजारी तय समय पर आते हैं, मास्क लगाकर आरती करते हैं और चले जाते हैं
साईं बाबा के इस प्रसिद्ध मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए 17 तारीख की शाम 3 बजे के बाद से बंद हैं। यहां कोई भी श्रद्धालु नहीं है। मंदिर के पास स्थित ट्रस्ट का हॉस्पिटल खुला हुआ है, जहां स्टाफ और कुछ मरीज हैं। मंदिर के प्रसादालय में सिर्फ मेडिकल और सिक्यूरिटी स्टाफ के लिए खाना बनता है। मंदिर के पुजारी तय समय पर आते हैं, आरती करते हैं और चले जाते हैं। इस दौरान वहां मौजूद स्टाफ मास्क लगाकर दूर-दूर खड़े रहते हैं।

शिरडी के साईं मंदिर में पिछले साल 1 करोड़ 63 लाख भक्त आए थे। यानी हर दिन करीब 45 हजार लोग यहां साईं बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। पिछले 18 दिनों से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।

द्वारका से जिग्नेश कोटेजा...

22 बसों से 1700 लोगाें को उनके शहर भेजा गया
जहां हमेशा “जय द्वारकाधीश” के स्वर गूंजा करते थे, वहां अब केवल पक्षियों के कलरव ही सुनाई दे रहे हैं। यहां सभी मंदिर बंद है। सुबह-शाम पुजारी आते हैं ओर पूजा करके चले जाते हैं। बिहार के 100 और कोलकाता के 28 यात्री यहां के सनातन सेवा मंडल आश्रम में ठहरे हुए हैं। जबकि 1700 लोगों को लॉकडाउन के बाद द्वारका प्रशासन ने 22 बसों से उनके शहर पहुंचाया। यहां 100 से ज्यादा होटलें हैं, सभी को खाली करवाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें सेनटाइज किया है।

द्वारकाधीश मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित देश के 4 धामों में से एक है। श्री कृष्ण भगवान का यह मंदिर करीब 2500 साल पुराना माना जाता है।

पुरी से सरत कुमार पात्रा...

15 हजार टूरिस्ट को चेक पोस्ट पर रोका, प्रशासन ने ट्रेन-फ्लाइट टिकट बुक करने में मदद की
कोरोना का फैलाव रोकने के लिए पुरी प्रशासन ने 17 तारीख को एडवाइजरी जारी की थी। उसी दिन से होटल, लॉज खाली करवाने और अगले आदेश तक कोई भी नई बुकिंग नहीं लेने के निर्देश दिए गए थे। इससे पहले 15 से 17 मार्च के बीच करीब 15 हजार टूरिस्ट को शहर के बाहर ही चेकपोस्ट बनाकर लौटा दिया गया था। जिला प्रशासन ने ट्रेन और फ्लाइट के टिकट बुक करने में यात्रियों की मदद भी की थी। जब सभी टूरिस्ट को यहां से लौटा दिया गया तो एक होटल में तीन विदेशी टूरिस्ट छिपे थे। होटल ने उनके होने की बात छिपाई थी। जिसके बाद पुलिस ने होटल को सील कर उन टूरिस्ट को दिल्ली भेज दिया।

पुरी का जगन्नाथ मंदिर भी चार धामों में से एक है। यहां की रथयात्रा दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

वैष्णोदेवी से मोहित कंधारी...

चैत्र नवरात्र में मातावैष्णो देवी के दर्शन के लिए 35 से 40 हजार यात्री आते हैं, लेकिन इस साल यह पूरे नौ दिन बंद रहा
माता वैष्णोदेवी की यात्रा रोकने के ठीक एक दिन पहले 17 मार्च को श्राइन बोर्ड में 14 हजार 816 यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। दर्शन के बाद इनमें से ज्यादातर लोग कटरा रेलवे स्टेशन से अपने घरों के लिए लौट गए। कुछ जो आसपास के इलाकों में घूमने निकले थे, उन्हें अथॉरिटी ने घर लौटने को कहा। नवरात्र में आमतौर पर यहां 35 से 40 हजार यात्री आते हैं। जबकि इस साल यात्रा पूरे नौ दिन बंद रही।

कटरा से 12 किमी दूर मां वैष्णोदेवी का मंदिर है। यह समुद्रतल से 5200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

तिरुपति से बीएस रेड्‌डी...

बालाजी मंदिर मेंदर्शन बंद हैं लेकिन पूरे समय एक हजार सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं
तिरुपति बालाजी मंदिर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद ही ट्रस्ट के 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी जो मंदिर के आसपास या तिरुमाला पहाड़ पर रहते थे, उन सभी को परिवार सहित नीचे बनें आश्रमों में भेज दिया गया। करीब 1000 कर्मचारी बारी-बारी से 7-7 दिनों के लिए मंदिर की सुरक्षा और देखरेख के लिए ऊपर ही रहते हैं। इनमें सेना के रिटायर्ड अफसर और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इन सभी लोगों को चेकअप के बाद ही ऊपर भेजा जाता है और जब यह 7 दिन के बाद वापस लौटते हैं तो दोबारा जांच की जाती है। इसके बाद फिर नए दल को तैयार कर 1000 लोगों को अगले 7 दिन के लिए भेजा जाता है।

तिरुपति देवस्थानम तिरुमाला (आंध्रप्रदेश) के श्री वेंकटेश्वर स्वामी का यह मंदिर उत्तर भारत में तिरुपति बालाजी नाम से ही प्रसिद्द है। यह भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाला धार्मिक स्थल है।

मंदिर में बाहरी लोगों का दर्शन के लिए आना बंद है। हर दिन सिर्फ भगवान की पूजा के लिए अखंड दीप और भोग चढ़ाने के लिए पुजारी मंदिर में जाते हैं। लॉकडाउन खुलने पर मंदिर और पर्वत का पक्षालन किया जाएगा यानी वैदिक विधान से चारों ओर गंगाजल से सफाई की जाएगी। इसके बाद ही दर्शन के लिए इसे खोला जाएगा। ऐसा सूर्यग्रहण के बाद भी किया जाता है।

अयोध्या से भास्कर रिपोर्ट...

लॉकडाउन होने के दो दिन पहले ही रामनवमी मेले पर प्रतिबंध लगाने के आदेश आ गए थे
मंदिर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले के बाद इस साल आयोध्या में रामनवमी की भव्य तैयारियां थी। लेकिन रामनवमी मेले पर प्रतिबंध का आदेश लॉकडाउन होने के दो दिन पहले ही जारी कर दिया गया था। यहां सख्ती से धारा 144 लागू है। लॉकडाउन से पहले दो दिनों के अंदर ही अन्य राज्यों सेअयोध्या पहुंचे पर्यटक वापस लौट गए। हालांकि इसके बावजूद अयोध्या में अब तक 4 हजार लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है, इनमें से 266 लोग विदेश से लौट कर अयोध्या पहुंचे हैं।

भगवान राम की इस नगरी में धुमधाम से रामनवमी मनाने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना के चलते यहां की गलियां तक सूनसान हैं।

यहां के जैन मंदिर में एक महिला की मौत लॉकडाउन के दौरान हो गई थी। उसके अंतिम संस्कार में शामिल 27 लोंगों को जैन मंदिर में ही क्वारेंटाइन किया गया है।



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