Saturday, May 2, 2020

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राजस्थान में रविवार को कोरोना संक्रमण के 31 केस सामने आए। जिसमें जोधपुर में 9, जयपुर में8, उदयपुर में 5, चित्तौड़गढ़ में 3, अजमेर और प्रतापगढ़ में 2-2, कोटा और डूंगरपुर में 1-1लोग संक्रमित मिले। जिसके बाद राज्य में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2803 पहुंच गया। वहीं जयपुर में दो लोगों की मौत भी हो गई। जिसके बाद मौत का आंकड़ा 70 पहुंच गया।

पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही भाई के साथ बाइक पर भागा स्वास्थ्यकर्मी
हरियाणा के फरीदाबाद के अस्पताल में काम करने वाला झुंझुनूं जिले के चिड़ावा का एक युवक कोरोना संक्रमित मिला है। इसका सैंपल फरीदाबाद में ही लिया गया था, लेकिन चिड़ावा के लिए ये डराने वाली खबर इसलिए है कि ये युवक सैंपल देने के बाद दो दिन चिड़ावा में अपने घर में रुका। देर शाम पॉजिटिव रिपोर्ट आने की भनक लगने पर वह बाइक लेकर फरार हो गया। अभी वह पकड़ में नहीं आया है। फरीदाबाद के अस्पताल में सेवारत चिकित्साकर्मी दो दिन पहले ही अपने छोटे भाई के साथ बाइक पर चिड़ावा आया था। दोनों भाइयों के वहां 29 अप्रैल को कोरोना संदिग्ध मानकर सैंपल लिए गए थे और दोनों को क्वारैंटाइन किया गया था, लेकिन दोनों ने क्वारेंटाइन तोड़कर 30 अप्रेल की शाम बाइक लेकर घर चिड़ावा आ गए। शनिवार शाम बड़े भाई की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की भनक लगते ही वे घर से निकल गए। रात आठ बजे इस बात की जानकारी मिलने पर एसडीएम जेपी गौड़, डीएसपी रघुवीरप्रसाद शर्मा, सीआई लक्ष्मीनारायण सैनी, बीसीएमओ डॉ. संतकुमार जांगिड़ और सीएचसी प्रभारी डॉ. जितेंद्रसिंह यादव मंड्रेला रोड पर उसके घर पहुंचे। दोनों भाइयों की मोबाइल लोकेशन लेने के प्रयास किये, एक-दो बार कॉल उठने के बाद फोन स्वीच ऑफ कर दिए गए। घर में मिले पांच सदस्यों को श्रीधर यूनिवर्सिटी के क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया है।

पॉजिटिव युवक का शव जेएलएन अस्पताल के माेर्चरी के बाहर करीब एक घंटे तक पड़ा रहा
अजमेर शहर में शनिवार दोपहर कोरोना संक्रमण से पहली मौत होने का मामला सामने आने के बाद शव देर रात तक जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में ही पड़ा रहा। प्रशासन घंटों बाद भी तय नहीं कर सका कि मृतक का अंतिम संस्कार कब और कैसे कराना है। दरअसल, पिछले डेढ़ माह के दौरान जिले में यह पहला मामला है, जब कोरोना संक्रमण से किसी की मौत होने के बाद प्रशासन को उसका अंतिम संस्कार कराने के हालात से जूझना पड़ रहा है।जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के काेविड-19 वार्ड में भर्ती 45 वर्षीय युवक ने शनिवार सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर उपचार के दौरान दम ताेड़ दिया। युवक की माैत के बाद शव काे मोर्चरी के लिए भेज दिया, लेकिन तकरीबन एक घंटे तक शव मोर्चरी गेट के बाहर ट्राली पर पड़ा रहा। बाद में मोर्चरी में दोपहर 12.30 बजे शव को डीप फ्रीजर में रखा गया।

अजमेर के जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी के बाहर पड़ा रहा पॉजिटिव व्यक्ति का शव।

राजस्थान: 33 में से 29 जिलों में पहुंचा कोरोना
प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 973(2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 661(इसमें 47 ईरान से आए), कोटा में 208, अजमेर में 167, टोंक में 134, भरतपुर में 112, नागौर में 118, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इसमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 40, बीकानेर और भीलवाड़ा में 37-37, मरीज मिले हैं। उधर, दौसा में 21, चित्तौड़गढ़ में 30, चूरू में 14, पाली में 13, धौलपुर में 12, हनुमानगढ़-अलवर में 11-11, उदयपुर में 14, सवाईमाधोपुर में 8, डूंगरपुर में 7, सीकर में 6, करौली में 3, राजसमंद, बाड़मेर में 2, प्रतापगढ़ में 4कोरोना मरीज मिल चुके हैं। वहीं बारां में 1 संक्रमित मिला है।

जयपुर में अलग-अलग क्षेत्रों में रैंडम सैंप्लिंग की जा रही।

जयपुर के 31 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू, पार्क में घूमने और दुकान खोलने पर 39 गिरफ्तार

आदर्शनगर इलाके में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद गुरुनानकपुरा राजापार्क, यूको बैंक ध्रुव मार्ग वाली गली के चिह्नित क्षेत्र में कर्फ्यू लागू किया है। अब तक कमिश्नरेट के 31 थानों में पूर्ण व आंशिक कर्फ्यू लागू किया गया है। कोरोना इन थाना क्षेत्रों की 78 कॉलोनियों तक फैल चुका है। वहीं इस दौरान 129 वाहन लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर जब्त किए गए हैं। 39 लोगों को बुटीक खोलने व पार्क में घूमने पर गिरफ्तार किया गया। 14 केस आपदा प्रबंधन एक्ट, राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत दर्ज किए गए। 498 स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस की नाकाबंदी है।

अजमेर में कोरोना से पहली मौत
अजमेर में कोरोना संक्रमण से पहली मौत हुई है। कोरोना पॉजिटिव मृतक को डायबिटीज, गुर्दे, कीटोएसीडोसिस की बीमारी थी। पिछले एक सप्ताह से युवक डायलिसिस और वेंटीलेटर पर था। मृतक के माता-पिता व पत्नी सहित दोनों बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव हैं। उनका इलाज जेएलएन अस्पताल के कोरोना वार्ड में चल रहा है। 25 अप्रैल को नला बाजार मूंदड़ी मोहल्ला निवासी 45 वर्षीय युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। जांच में युवक के माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे भी पाॅजिटिव मिले। सभी को जेएलएन अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया। यहां इलाज के दौरान युवक की डायबिटीज लगातार बढ़ रही थी, जिसका असर गुर्दों पर पड़ने लगा था। इस दौरान युवक की डायलिसिस की गई। इस दाैरान उसकी किडनी भी खराब हाे गई। उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया।

उदयपुर : महिला में संक्रमण के बाद सवीना में भी कर्फ्यू, अब कम्युनिटी स्प्रेड का अंदेशा
अब तक ऑरेंज जोन में रहे उदयपुर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का अंदेशा है। रविवार को सवीना क्षेत्र की महिला सहित बीते हफ्ते में मिले तीनों पॉजिटिव केस में संक्रमण के सॉर्स का पता नहीं लग पा रहा है। न्यू भूपालपुरा, देबारी, गायरियावास के बाद अब सवीना थाना क्षेत्र में भी कर्फ्यू है। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि सवीना के शिल्प नगर में किराना व्यापारी की पत्नी में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस दुकान पर शिल्प नगर के कई लोग आते थे, जिनसे दंपती ने राशन और नकदी का लेन-देन किया। फिलहाल यह पता लगा पाना मुश्किल है कि इनसे संपर्क में आने वालों की संख्या 100 से कितनी ज्यादा है।

अलवर जिले के चैनपुरा के संक्रमित सब्जी उत्पादक का बेटा व भाभी पॉजिटिव मिले, दोनों में लक्षण नहीं
अलवर जिले के चैनपुरा गांव में दो दिन पहले मिले कोरोना संक्रमित सब्जी उत्पादक का ढाई साल का बेटा और भाभी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। परिवार के 13 लोगों व किसान के संपर्क में आए 4 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बानसूर में अब कोरोना पॉजिटिव की संख्या 4 हो गई है, जबकि जिले में कुल 12 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

अजमेर में फंसे जायरीन घर जाने के लिए निकले।





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तस्वीर जयपुर के रामगंज क्षेत्र की है। जहां मेडिकल विभाग की टीमें तैनात की गई है। जो लगातार सैंपल ले रही है।


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कोरोना संक्रमण की वजह से देश में मरने वालों की संख्या 1324 हो गई है। शनिवार को एक दिन में रिकॉर्ड 96 लोगों ने दम तोड़ा। अब तक एक दिन में हुई मौतों में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इस बीच, दिल्ली में लोकपाल सदस्य जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की भी संक्रमण से मौत हो गई। जस्टिस त्रिपाठी की उम्र 62 साल थी। उन्हें 2 अप्रैल को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती करवाया गया था। इसके पहले 30 अप्रैल को सबसे ज्यादा 73 मरीजों की मौत हुई थी। शनिवार का दिन महाराष्ट्र के लिए सबसे बुरा रहा। यहां एक दिन में रिकॉर्ड 36 लोगों ने जान गंवा दी। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा भी 500 पार कर गया। यहां अब तक 522 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें 322 लोग अकेले मुंबई से थे।

गुजरात के लिए भी काला दिन रहा। यहां 26 मरीजों की मौत हो गई। राज्य में अब तक एक दिन में हुई मौतों में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। यहां मरने वालों की संख्या 262 हो गई। इसमें 185 अहमदाबाद से थे। वहीं, पश्चिम बंगाल में 7, राजस्थान में 7, मध्य प्रदेश में 6, कर्नाटक में 3 और दिल्ली में 3, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 2-2 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा और तेलंगाना में 1-1 संक्रमितों ने दम तोड़ा। इसके पहले शुक्रवार को 65 मरीजों की मौत हुई थी।

संक्रमण से कहां कितनी मौतें ?

राज्य मौतें
महाराष्ट्र 522
गुजरात 262
मध्य प्रदेश 151
दिल्ली 64
राजस्थान 68
पश्चिम बंगाल 48
उत्तर प्रदेश 43
आंध्र प्रदेश 33
तमिलनाडु 29
तेलंगाना 29
कर्नाटक 25
पंजाब 20
जम्मू कश्मीर 08
हरियाणा 05
बिहार 04
झारखंड 03
केरल 03
हिमाचल प्रदेश 02
असम 01
उत्तराखंड 01
मेघालय 01
ओडिशा 01
पुडुचेरी 01
कुल 1324

30 अप्रैलको 73 मौतें हुईं थीं

तारीख मौतें
25 अप्रैल 37
26 अप्रैल 60
27 अप्रैल 54
28 अप्रैल 71
29 अप्रैल 69
30 अप्रैल 73
01 मई 65

टॉप-5 शहर जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं

शहर मौतें
मुंबई 322
अहमदाबाद 185
पुणे 85
इंदौर 72
जयपुर 32


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यह तस्वीर दिल्ली के घाट की है। यहां रोजाना तीन बार नगर निगम के कर्मचारी घाट और आस-पास के इलाके को सैनिटाइज करते हैं।


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कोरोना संक्रमण की वजह से देश में मरने वालों की संख्या 1324 हो गई है। शनिवार को एक दिन में रिकॉर्ड 96 लोगों ने दम तोड़ा। अब तक एक दिन में हुई मौतों में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इस बीच, दिल्ली में लोकपाल सदस्य जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की भी संक्रमण से मौत हो गई। जस्टिस त्रिपाठी की उम्र 62 साल थी। उन्हें 2 अप्रैल को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती करवाया गया था। इसके पहले 30 अप्रैल को सबसे ज्यादा 73 मरीजों की मौत हुई थी। शनिवार का दिन महाराष्ट्र के लिए सबसे बुरा रहा। यहां एक दिन में रिकॉर्ड 36 लोगों ने जान गंवा दी। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा भी 500 पार कर गया। यहां अब तक 522 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें 322 लोग अकेले मुंबई से थे।

गुजरात के लिए भी काला दिन रहा। यहां 26 मरीजों की मौत हो गई। राज्य में अब तक एक दिन में हुई मौतों में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। यहां मरने वालों की संख्या 262 हो गई। इसमें 185 अहमदाबाद से थे। वहीं, पश्चिम बंगाल में 7, राजस्थान में 7, मध्य प्रदेश में 6, कर्नाटक में 3 और दिल्ली में 3, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 2-2 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा और तेलंगाना में 1-1 संक्रमितों ने दम तोड़ा। इसके पहले शुक्रवार को 65 मरीजों की मौत हुई थी।

संक्रमण से कहां कितनी मौतें ?

राज्य मौतें
महाराष्ट्र 522
गुजरात 262
मध्य प्रदेश 151
दिल्ली 64
राजस्थान 68
पश्चिम बंगाल 48
उत्तर प्रदेश 43
आंध्र प्रदेश 33
तमिलनाडु 29
तेलंगाना 29
कर्नाटक 25
पंजाब 20
जम्मू कश्मीर 08
हरियाणा 05
बिहार 04
झारखंड 03
केरल 03
हिमाचल प्रदेश 02
असम 01
उत्तराखंड 01
मेघालय 01
ओडिशा 01
पुडुचेरी 01
कुल 1324

30 अप्रैलको 73 मौतें हुईं थीं

तारीख मौतें
25 अप्रैल 37
26 अप्रैल 60
27 अप्रैल 54
28 अप्रैल 71
29 अप्रैल 69
30 अप्रैल 73
01 मई 65

टॉप-5 शहर जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं

शहर मौतें
मुंबई 322
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इंदौर 72
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यह तस्वीर दिल्ली के घाट की है। यहां रोजाना तीन बार नगर निगम के कर्मचारी घाट और आस-पास के इलाके को सैनिटाइज करते हैं।


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दुनिया में कोरोना से 34 लाख 79 हजार 521 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 44 हजार 581 जान जा चुकी है, जबकि 11 लाख 8 हजार 23 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में 24 घंटे में करीब 1638 लोगों की जान गई है। देश में अब तक 67 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, टेक्सास में राज्य के 2 लाख 90 हजार लोगों से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटा लिया गया है।

अमेरिका: 11 लाख से ज्यादा संक्रमित
अमेरिका में एक दिन में 28 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 11 लाख 59 हजार 430 हो गई है। देश के अलबामा और आइडाहो समेत कई राज्यों ने प्रतिबंधों में ढील देने शुरू कर दिए हैं।

  • न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने कहा कि राज्य में एक दिन में 299 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा पिछले दिन से 10 कम है। इनमें 276 की हॉस्पिटल में, जबकि 10 की नर्सिंग होम में जान गई है।
  • क्यूमो ने कहा कि राज्य ने अब तक 15,000 से ज्यादा एंटीबॉडी टेस्ट हो चुका है। देश में सबसे ज्यादा सैम्पल यहां मिले हैं। न्यूयॉर्क में जितने टेस्ट हुए उनमें 12.3% एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव थे।
  • न्यूयॉर्क में अब तक तीन लाख 19 हजार 213 लोग संक्रमित हैं, जबकि 24 हजर 368 की जान जा चुकी है। यहां न्यूयॉर्क सिटी में सबसे ज्यादा 18 हजार 126 लोगों की मौत हुई है, जबकि यहां एक लाख 77 हजार संक्रमित हैं।
कैलफोर्निया की राजधानीसैक्रामेंटो में राज्य को खोले जाने को लेकर प्रदर्शन करते लोग। यहां 53 हजार से ज्यादा संक्रममित हैं।

ब्रिटिश पीएम ने बेटे का नाम जान बचाने वाले डॉक्टर के नाम पर रखा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिश जॉनसन औऱ उनकी मंगेतर कैरी साइमंड्स ने अपने बेटे का नाम उन दो डॉक्टरों के नाम पर रखा है, जिन्होंने पिछले महीने उनका इलाज किया था। जॉनसन कोरोना संक्रमित होने के बाद लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेंड लॉरी निकोलस रखा है। बेटे का पहला नाम पीएम के दादा, बीच का पहला नाम कैरी के दादा पर रखा गया है। वहीं, बेटे के बीच का दूसरा नाम निकोलस, डॉ. निक प्राइस और डॉ. निक हार्ट के नाम पर रखा है।

कैरी साइमंड्स ने बेटे के जन्म के बाद इंस्टाग्राम पर एनएचएस स्टाफ को धन्यवाद दिया।

इटली: 474 नई मौतें
इटली में शनिवार को 474 लोगों की मौत हो गई। यहां मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार 710 हो गया है। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के मुताबिक, देश में 79 हजार 914 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां संक्रमण के दो लाख से ज्यादा मामले हो चुके हैं।

रोम में एक मरीज को नर्सिंग होम से अस्पताल ले जाते स्वास्थ्यकर्मी। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें यहां हुई हैं।

स्पेन: मास्क पहनना जरूरी
स्पेन में सोमवार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क लगाना जरूरी हो गया है। पीएम पेड्रो सांचेज ने कहा कि सरकार 60 लाख मास्क ट्रांसपोर्ट लोकेशन पर और 70 लाख स्थानीय अधिकारियों को बांटेगी। यहां लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। यहां पिछले हफ्ते 14 साल के बच्चों को भी ढील दी गई थी। यहां अब तक 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो लाख 24 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।

यह तस्वीर स्पेन के ज्यूयोर्रिला समुद्र तट की है। सात हफ्तों के बाद व्यस्कों को भी घर से निकलने की अनुमति दी गई है।

फ्रांस: आपातकाल दो महीने बढ़ सकता है
फ्रांस सरकार ने साफ कर दिया है कि वो महामारी से निपटने के लिए आपातकाल दो महीने बढ़ाने जा रहा है। कैबिनेट का प्रस्ताव मंगलवार को संसद के सामने पेश किया जाएगा। यहां अब तक 24 हजार 760 की जान जा चुकी है, जबकि एक लाख 68 हजार संक्रमित हैं।

तुर्की: संक्रमितों की संख्या 1.24 लाख
तुर्की में एक दिन में 1983 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही यहां संक्रमण के माामले एक लाख 24 हजार 375 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री फहरेट्टिन कोजा ने शनिवार को बताया कि अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 58हजार 259 हो गई है।



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कैलिफोर्निया से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटाने की मांग को लेकर हटिंगट्टन बीच पर प्रदर्शन करते लोग। इस दौरान शनिवार को 30 लोग गिरफ्तार किए गए।


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नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ जंग में कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए सेना, वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड्स सलामी देंगे। यह पहला मौका है, जब तीनों सेनाएं वॉरियर्स के सम्मान के लिए आगे आई हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया था। इसके लिए तीनों सेनाओं के साथ कोस्टगार्ड्स ने तैयारी की। इसी के तैयारियों की तस्वीरें....

रविवार शाम 7:30 से रात 11:59 बजे के बीच मुंबई के गेट ऑफ इंडिया के नजदीक तैनात नौसेना के पांच जहाजों पर रोशनी की जाएगी। नौसेना की पश्चिमी कमान के इन जहाजों पर ‘इंडिया सैल्यूट्स कोरोना वॉरियर्स’ लिखे बैनर नजर आएंगे। शाम 7:30 बजे सायरन बजेगा और आतिशबाजी दिखेगी। ऐसा ही नजारा विशाखापट्‌टनम, पोरबंदर, कारवार, चेन्नई, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में तैनात जंगी जहाजों पर भी नजर आएगा। पोरबंदर, रत्नागिरी, गोवा, पोर्ट ब्लेयर जैसी 24 अलग-अलग जगहों पर कोस्ट गार्ड के जहाजों पर भी रोशनी की जाएगी।

कोच्चि, केरल

यह तस्वीर कोच्चि की है। यहां दक्षिणी नौसेना कंमाड ने इंडिया सैल्यूट कोरोना वॉरियर्स के लिए शनिवार को रिहर्सल की। चार पोत को रोशनी से जगमाया।
कोच्चि में नौसेना के पोतों ने करीब तीन घंटे प्रैक्टिस की। वहीं,मुंबई के गेट ऑफ इंडिया के नजदीक तैनात नौसेना के पांच जहाजों पर रोशनी की जाएगी।
इन जहाजों परनौसेना की पश्चिमी कमान के इन जहाजों पर ‘इंडिया सैल्यूट्स कोरोना वॉरियर्स’ लिखे बैनर नजर आएंगे।


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यह तस्वीर कोच्चि की है। यहां नौसेना के पोतों ने शनिवार को प्रैक्टिस की। रविवार को पोरबंदर, रत्नागिरी, गोवा, पोर्ट ब्लेयर जैसी 24 अलग-अलग जगहों पर कोस्ट गार्ड के जहाजों पर भी रोशनी की जाएगी।


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आज सुबह जब आप आसमान को निहारें, तो हो सकता है कि आपको महज 500 से 1000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते फाइटर प्लेन नजर आएं। नौ फाइटर प्लेन और तीन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट इंडियन एयरफोर्स के अब तक के सबसे लंबे फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। यह फ्लाई पास्ट उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में कोयंबटूर तक 2570 किमी और पूरब में गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक 1966 किमी की हवाई दूरी तय करेगा। कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में शामिल डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, सफाई से जुड़े लोगों और पुलिस के सम्मान में यह किया जा रहा है।

यह पहला मौका है, जब तीनों सेनाएं वायरस का सामना कर रहे वॉरियर्स के सम्मान के लिए आगे आई हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया था।

सुबह 9 बजे से हेलिकॉप्टरों का एयर सैल्यूट
सुबह 9 बजे सेना के हेलिकॉप्टर दिल्ली में पुलिस वॉर मेमोरियल पर फूल बरसाएंगे। सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच देशभर में कोरोना के अस्पतालों पर भी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के हेलिकॉप्टरों के जरिए फूल बरसाए जाएंगे। इनमें दिल्ली का एम्स, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, लोकनायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, गंगाराम अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, मैक्स साकेत, रोहिणी अस्पताल, अपाेलो इंद्रप्रस्थ और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रैफरल शामिल है।

अस्पतालों के बाहर मिलिट्री बैंड
सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच देशभर में कोरोना मरीजों के लिए तय अलग-अलग अस्पतालों के बाहर मिलिट्री बैंड देशभक्ति की धुनें बजाएंगे। यह डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के सम्मान में होगा।

फ्लाई पास्ट में ये विमान शामिल
सुखोई 30, मिग 29 और जगुआर फाइटर प्लेन एयर सैल्यूट में हिस्सा लेंगे। सी-130जे सुपर हरक्यूलिसट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी शामिल होंगे। यह ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट 10 से 12 घंटे उड़ान भर सकता है। एक दिन की प्रैक्टिस में पहली बार फ्लाय पास्ट हो रहा है। अमेरिका ने न्यूयॉर्क में कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में ही कुछ दिन पहले एक फ्लाय पास्ट किया था, जिसके लिए एक महीने प्रैक्टिस की थी।

फाइटर प्लेन सभी शहरों की विधानसभा के ऊपर से गुजरेंगे

  • दिल्ली और मुंबई के अलावा सभी जगहों पर स्टेट असेंबली के ऊपर यह फ्लाय पास्ट होगा।
  • दिल्ली में सुबह 10.15 बजे से 10.30 बजे तक।
  • मुंबई में 10.30 बजे मरीन ड्राइव पर।
  • जयपुर में 10.30 बजे।
  • गुवाहाटी 10.30 बजे।
  • अहमदाबाद में 11.25 बजे।
  • पटना 11.37 बजे।
  • लखनऊ 12.20 बजे।

श्रीनगर के बाद चंडीगढ़, फिर दिल्ली, जयपुर और भोपाल पहुंचेगा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130 की श्रीनगर की डल झील के ऊपर से सुबह 7.25 बजे शुरुआत होगी। 8.55 बजे ये चंडीगढ़ के सुकना लेक पहुंचेगा, 10.15 पर दिल्ली में राजपथ, 10.49 बजे जयपुर के जहाज महल होते हुए यह 11.51 पर भोपाल में बड़ा तालाब आएगा। फिर 13.22 पर मुंबई के मरीन ड्राइव, 14.40 हैदराबाद के हुसैनसागर लेक से होते हुए 15.46 पर बेंगलुरु के विधानसौदा और फिर 16.55 पर कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक होते हुए तिरुवनंतपुरम सेक्रेटरिएट शाम 5.11 मिनट पर और फिर सुलूर कोयंबटूर पर 5.55 पर फ्लाय पास्ट खत्म होगी।

नौसेना के जहाजों पर रोशनी होगी
रविवार शाम 7:30 से रात 11:59 बजे के बीच मुंबई के गेट ऑफ इंडिया के नजदीक तैनात नौसेना के पांच जहाजों पर रोशनी की जाएगी। नौसेना की पश्चिमी कमान के इन जहाजों पर ‘इंडिया सैल्यूट्स कोरोना वॉरियर्स’ लिखे बैनर नजर आएंगे। शाम 7:30 बजे साइरन बजेगा और आतिशबाजी दिखेगी। ऐसा ही नजारा विशाखापट्‌टनम, पोरबंदर, कारवार, चेन्नई, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में तैनात जंगी जहाजों पर भी नजर आएगा। पोरबंदर, रत्नागिरी, गोवा, पोर्ट ब्लेयर जैसी 24 अलग-अलग जगहों पर कोस्ट गार्ड के जहाजों पर भी रोशनी की जाएगी।



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ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130जे सुपर हरक्यूलिस। ये एयरक्राफ्ट रविवार को हो रहे फ्लाई पास्ट में शामिल हैं। शनिवार को इनकी भी प्रैक्टिस हुई। ये एक बार में 10 से 12 घंटे उड़ान भर सकते हैं।


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आज वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे है। हर साल 3 मई को यह दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनियाभर में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा तय कराना है। प्रेस स्वतंत्रता के मामले में भारत का स्थान बहुत नीचे है। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों की सूची में भारत 142वें नंबर पर आता है। पिछले चार सालों से भारत का स्थान लगातार गिर रहा है।
इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश नेपाल (112), भूटान(67), श्री लंका (127) और म्यांमार (139) से पीछे है। हालांकि, पाकिस्तान (145), बांग्लादेश (151) और चीन (177) में भारत से भी खराब स्थिति है। भारत का स्थान पिछले चार सालों से नीचे खिसक रहा है। 2016 में भारत का स्थान 133 था जो 2017 में तीन अंक खिसककर 136, 2018 में 138, 2019 में 140 और 2020 में 142 हो गया। भारत का स्थान पिछले तीन सालों से लगातार दो-दो अंक लुढ़क रहा है।

भारत में पांच साल में पत्रकारों पर हुए 198 हमले
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2014 से 2019 तक पत्रकारों पर 198 हमले हुए हैं। इसमें 36 हमले साल 2019 में हुए। 40 हमलों में पत्रकार की हत्या कर दी गई, जिसमें 21 हत्याएं सीधे तौर पर खबर छापने से नाराज होने पर की गईं। कुल हमलों के तिहाई मामलों में एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है।

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने का मकसद
दुनियाभर के कई देशों में पत्रकारों और प्रेस पर अत्याचार होता है। मीडिया संगठनों को सरकारें परेशान करती हैं। उन पर जुर्माना लगाया जाता है, छापा डाल जाता है। साथ ही विज्ञापन बंद कर आर्थिक रूप से नुकसान भी पहुंचाया जाता है। पत्रकारों पर हमले होते हैं। इसके चलते यूनेस्को ने 1993 से वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने की शुरुआत की थी। इस मौके पर नागरिकों और सरकारों को जिम्मेदार बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। यूनेस्को हर साल इसकी थीम और मेजबान देश तय करता है। इस साल की थीम ‘सेफ्टी ऑफ जर्नलिस्ट-प्रेस फ्रीडम एंड मीडिया कैप्चर’रखी गई और मेजबानी नीदरलैंड को मिली है।

इसलिए तीन मई को मनाया जाता है वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे
अफ्रीका में पत्रकारों ने 1991 में प्रेस की आजादी को लेकर एक पहल की थी। यूनेस्को ने इसको लेकर नामीबिया में एक सम्मेलन किया था। यह सम्मेलन 29 अप्रैल से तीन मई तक चला था। इसके बाद प्रेस की आजादी से जुड़ा एक बयान जारी किया गया था। इसको ‘डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक’ कहा जाता है। दरअसल, विंडहोक नामीबिया की राजधानी है। इस सम्मेलन की दूसरी जयंती 1993 में यूनेस्को औरसंयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल तीन मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मनाने का निर्णय लिया था। तब से हर साल 3 मई को यह दिन मनाया जाता है।

नार्वे पहले नंबर पर और नार्थ कोरिया आखिरी पर
2020 के वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में नार्वे पहले स्थान पर और नार्थ कोरिया आखिरी नंबर पर है। नार्वे इस लिस्ट में लगातार चार सालों से नंबर एक पर है। वहीं, नार्थ कोरिया इससे पहले 2018 में भी आखिरी स्थान पर था। 2019 में यह एक अंक ऊपर आया था और आखिरी स्थान ईस्ट अफ्रीकी देश इरीट्रिया पहुंच गया था। जब से यह इंडेक्स आया है नार्थ कोरिया और इरीट्रिया ही आखिरी के पायदानों पर बने हुए हैं।

कोरोना महामारी ने मीडिया पर असर डाला
दुनियाभर में पत्रकारों की सुरक्षा पर नजर रखने वाली संस्था (रिपोर्टर विदआउट बॉर्डर ) के महासचिव क्रिस्टोफ डेलोएर ने कहा कि कोरना महामारी ने दुनियाभर की मीडिया पर गलत असर डाला है। चीन, ईरान और इराक समेत कई ऐसे देश हैं, जहां की मीडिया ने सरकार के दबाव मे सही जानकारी नहीं दी। इराक में कोरोना के आधिकारिक आंकड़ों पर सवाल उठाने वाली स्टोरी प्रकाशित करने पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया गया है। चीन का प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 177, इराक 162 और हंगरी 89 वें स्थान पर है।



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India Pakistan | World Press Freedom Day 2020/India Ranking Latest Update Vs Paksitan Vs China Nepal Vs Bhutan | Press Freedom Index Country Full List


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(विनोद यादव)वर्ली यानी मुंबई का वो इलाका, जो अपनी कॉर्पोरेट गतिविधियों के लिए देशभर में चर्चित है। लेकिन आज यह देश का सर्वाधिक कोरोना संक्रमित इलाका बन गया है। इस एक इलाके जी-दक्षिण मनपा वार्ड में कोरोना के 700 से ज्यादा मरीज हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से ही विधायक हैं। लिहाजा कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच राज्य सरकार का पूरा महकमा यहां नियंत्रण करने में दिन-रात जुटा है। इस वार्ड में करीब 100 कंटेनमेंट जोन हैं।

वर्ली इलाके के मेडिकल ऑफिसर देवेंद्र गोल्लर की टीम में शामिल डॉ. सतीश बडगिरे बताते हैं कि जी-दक्षिण वार्ड में इस वक्त मरीजों की संख्या करीब 743 हो गई है। इनमें 244 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। कोरोना का संक्रमण रोका जा सके इसके लिए सहायक मनपा आयुक्त शरद उघडे पिछले एक महीने से घर नहीं गए हैं। उनसे प्रेरणा लेकर इसी तरह यहां के करीब 50 डॉक्टर और सिविल इंजीनियर सहित कुल 150 कर्मचारी भी घर न जाकर दिन-रात कोरोना को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं।

लगभग 500-600 लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है

डॉ. बडगिरे बताते हैं कि वर्ली इलाके में ‘डॉक्टर आपके द्वार’ योजना के तहत रोजाना 5-6 कैंप लगते हैं। जिसमें लगभग 500-600 लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है। इसके अलावा इलाके के 5 हजार से अधिक लोगों को रोजाना कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

15 दिन से थानेमें ही रह रहे इंस्पेक्टर
गैस एजेंसी के कर्मचारी भी पीपीई किट पहनकर सिलेंडर घरों तक पहुंचा रहे हैं। वर्ली थाने के सीनियर इंस्पेक्टर सुखलाल वर्पे बताते हैं कि हमने कोरोना को कंट्रोल में लाने के नियमों का कड़ाई से पालन किया। हमारे यहां 200 का स्टाफ है। मैं खुद 15 दिन से पुलिस स्टेशन में ही रह रहा हूं।

कोरोना कंट्रोल करने 42 हजार से अधिक की स्क्रीनिंग
सहायक मनपा आयुक्त शरद उघडे बताते हैं कि वर्ली कोलीवाड़ा के 9000 से अधिक घरों के 34 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई। यहां शुरू में 10 दिनों में मरीज संख्या दोगुनी हो रही थी, अब 18 दिन लग रहे हैं। आदर्श नगर के 2 हजार से अधिक घरों के 8,700 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जीजामाता नगर समेत अन्य इलाकों में भी स्क्रीनिंग हो रही है। उन्होंने बताया कि यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे क्वारैंटाइन कर दिया जाता है। इसके बाद उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश कर अलग रखा जाता है।



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यह फोटो मुंबई की है। देशभर में जारी लॉकडाउन के दौरान शनिवार को यहां के रहवासियों को कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया तो उन्होंने प्रदर्शन किया।


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लॉकडाउन 2.0 के खत्म होने के साथ ही दूरदर्शन पर ऐतिहासिक सीरियल रामायण भी समाप्त हो गया। दर्शकों ने इसे काफी सराहा भी। रामायण बनाने में निर्देशक रामानंद सागर की टीम ने 25 से ज्यादा रामकथाओं पर रिसर्च की। लेकिन, रामकथाएं इससे भी अधिक हैं। रामायण पर लिखा गया पहला ग्रंथ वाल्मीकि रामायण भी नहीं है, पहला ग्रंथ दशरथ जातक है।

300 से ज्यादा ऐसी रामकथाएं हैं जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित हैं। इसके अलावा 2 से 3 हजार लोक कथाएं भी हैं, जो राम कथा से जुड़ी हुई हैं। भारत के अलावा 9 और देश हैं जहां किसी ना किसी रुप में रामकथा सुनी और गाई जाती है।कम ही लोग जानते हैं कि अपनी डिक्शनरी के लिए पहचाने जानेवाले बेल्जियम केप्रो. कामिल बुल्के ने रामकथा पर सबसे गहन शोध किया है। इस पर उनकी एक किताब भी प्रकाशित है, रामकथाः उत्पत्ति और विकास।

इसमें उन्होंने दुनियाभर की रामकथाओं का विश्लेषण किया है। लोगों में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस सबसे ज्यादा प्रचलित है और रामकथा के रूप में घर-घर में वही पूजी भी जाती है लेकिन मूल रामकथा महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण को ही माना जाता है। रामचरितमानस सहित सारी रामकथाएं वाल्मीकि रामायण से ही प्रेरित हैं। प्रो. बुल्के की ही पुस्तक रामकथाः उत्पत्ति और विकास से अलग-अलग रामकथाओं पर कुछ रोचक तथ्यों का संकलन कुछ इस प्रकार है।

  • ऋग्वेद में है राम का सबसे पहला उल्लेख

साधारणतः ये माना जाता है कि राम के जीवन पर सबसे पहला ग्रंथ महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण है। कुछ हद तक यह सच भी है लेकिन ऐसा नहीं है कि राम का पहली बार उल्लेख वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में किया था। वेदों में राम का नाम एक-दो स्थानों पर मिलता है। ऋग्वेद में एक स्थान पर राम के नाम का उल्लेख मिलता है, ये तो स्पष्ट नहीं है कि ये रामायण वाले ही राम हैं लेकिन ऋग्वेद में राम नाम के एक प्रतापी और धर्मात्मा राजा का उल्लेख है।

रामकथा का सबसे पहला बीज दशरथ जातक कथा में मिलता है। जो संभवतः ईसा से 400 साल पहले लिखी गई थी। इसके बाद ईसा से 300 साल पूर्व का काल वाल्मीकि रामायण का मिलता है। वाल्मीकि रामायण को सबसे ज्यादा प्रमाणिक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन ही थे और सीता ने उनके आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था। लव-कुश ने ही राम को दरबार में वाल्मीकि की लिखी रामायण सुनाई थी।

  • सीता को माना है कृषि की देवी

ऋग्वेद में अकेले राम नहीं सीता का भी उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद ने सीता को कृषि की देवी माना है। बेहतर कृषि उत्पादन और भूमि के लिए दोहन के लिए सीता की स्तुतियां भी मिलती हैं। ऋग्वेद के 10वें मंडल में ये सूक्त मिलता है जो कृषि के देवताओं की प्रार्थना के लिए लिखा गया है। वायु, इंद्र आदि के साथ सीता की भी स्तुति की गई है। काठक ग्राह्यसूत्र में भी उत्तम कृषि के लिए यज्ञ विधि दी गई है उसमें सीता के नाम का उल्लेख मिलता है तथा विधान बताया गया है कि खस आदि सुगंधित घास से सीता देवी की मूर्ति यज्ञ के लिए बनाई जाती है।

  • अशोक वाटिका से लंका दहन का सबसे अलग किस्सा

हनुमान का लंका में जाकर सीता से मिलना, अशोक वाटिका उजाड़ना और लंका को जलाने वाला प्रसंग तो लगभग सभी को पता है। लेकिन कुछ रामकथाओं में इसमें भी बहुत अंतर मिलता है। जैसे 14वीं शताब्दी में लिखी गई आनंद रामायण में उल्लेख मिलता है कि जब सीता से अशोकवाटिका में मिलने के बाद हनुमान को भूख लगी तो सीता ने अपने हाथ के कंगन उतारकर हनुमान को दिए और कहा कि लंका की दुकानों में ये कंगन बेचकर फल खरीद लो और अपनी भूख मिटा लो। सीता के पास दो आम रखे थे, सीता ने वो भी हनुमान को दे दिए। हनुमान के पूछने पर सीता ने बताया कि ये फल इसी अशोक वाटिका के हैं, तब हनुमान ने सीता से कहा कि वे इसी वाटिका से फल लेकर खाएंगे।

  • विभीषण के लिए बनाई थी नई लंका

सेरीराम रामायण सहित कुछ रामायणों में एक प्रसंग मिलता है कि रावण ने विभीषण को समुद्र में फिंकवा दिया था। वह एक मगर की पीठ पर चढ़ गया, बाद में हनुमान ने उसे बचाया और राम से मिलवाया। विभीषण के साथ रावण का एक भाई इंद्रजीत भी था और एक बेटा चैत्रकुमार भी राम की शरण में आ गया था। राम ने विभीषण को युद्ध के पहले ही लंका का अगला राजा घोषित कर दिया था। रंगनाथ रामायण में उल्लेख मिलता है कि विभीषण के राज्याभिषेक के लिए हनुमान ने एक बालूरेत की लंका बनाई थी। जिसे हनुमत्लंका (सिकतोद्भव लंका) के नाम से जाना गया।

  • भारत के बाहर रामकथाएं
नेपाल भानुभक्तकृत रामायण, सुन्दरानन्द रामायण, आदर्श राघव
कंबोडिया रामकर
तिब्बत तिब्बती रामायण
पूर्वी तुर्किस्तान खोतानी रामायण
इंडोनेशिया ककबिनरामायण
जावा सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानी रामकथा
इण्डोचायना रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैर रामायण
बर्मा (म्यांम्मार) यूतोकी रामयागन
थाईलैंड रामकियेन
  • सबसे ज्यादा संस्कृत और उड़िया में राम कथा

ये जानकर भी आपको आश्चर्य होगा कि भारत में लगभग हर भाषा में रामकथा है लेकिन सबसे ज्यादा संभवतः संस्कृत और उड़िया भाषा में ही है। संस्कृत में करीब 17 तरह की छोटी-बड़ी रामकथाएं हैं, जिनमें वाल्मीकि, वशिष्ठ, अगस्त्य और कालिदास जैसे ऋषियों और कवियों की रचनाएं हैं। वहीं उड़िया भाषा में करीब 14 तरह की अलग-अलग रामकथाएं हैं। सभी के कथानक मूलतः वाल्मीकि रामायण से ही प्रेरित हैं।



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More than 300 Ram Kathas, 9 countries apart from India have their own Ramayana, the first story written 100 years before Valmiki


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(मोली बॉल)कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में राज्यों के गवर्नर अब भी टेस्ट किट और उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टेस्टिंग और जरूरी उपकरणों के इंतजाम की जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी है। वैसे, केंद्र सरकार ने राज्यों को कुछ साज-सामान की सप्लाई की है। लेकिन, अधिकतर राज्य अपने स्तर पर इंतजाम करते हैं। वे विदेशों से स्वयं सामान मंगवा रहे हैं।संकट गहराने के बावजूद राष्ट्रपति के रुख ने कठिन स्थितियां पैदा की हैं। गवर्नरों को अब अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने से जुड़ा सबसे मुश्किल फैसला करना है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि तीन चरणों में कारोबार शुरू किया जाए। जनजीवन सामान्य बनाने की शुरुआत हो। कई राज्यों में प्रतिबंध हटाने के पक्ष में पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं। गवर्नरों के सामने सवाल है कि जनता के स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए?

ट्रम्प के रूख को देखते हुए गवर्नरों ने एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया
मैरीलैंड के गर्वनर लैरी होगन ने एक पहल की है। इसके तहत ट्रम्प के रूख को देखते हुए गवर्नरों ने एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाया है। दरअसल, होगननेशनल गवर्नर्स एसोसिएशन (एनजीए) के चेयरमैन हैं। होगन ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के हैं। वे ट्रम्प का खुलकर विरोध करते हैं। होगन ने टाइम को बताया कि वे पिछले 24 घंटों में न्यूयॉर्क के गर्वनर एंड्रयू कुओमो, इलिनॉय के गवर्नर जे बी प्रिट्जकर और एरिजोना के गर्वनर डग ड्यूसी से संपर्क कर चुके हैं। वर्तमान संकट में गवर्नरों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि ट्रम्प राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल बनाने की बजाय हमेशा अपने कामकाज को सही बताते हैं। दूसरों को दोषी ठहराते हैं।

विशेषज्ञों ने वायरस के गंभीर नतीजों की चेतावनी दी थी

होगन ने जुलाई में एनजीए चेयरमैन का पद संभाला था। फरवरी की शुरुआत में जब वाशिंगटन में गर्वनरों का छमाही सम्मेलन हुआ, तब भी ट्रम्प कोरोना वायरस को हल्के तौर पर ले रहे थे। वे कहते थे, यह स्वयं चला जाएगा। होगन ने गवर्नरों को वायरस के संबंध में जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। उनमें राष्ट्रीय एलर्जी संक्रामक बीमारी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एंथोनी फॉसी और बीमारी नियंत्रण, रोकथाम सेंटर के प्रमुख डॉ. रॉबर्ट रेडफील्ड भी शामिल थे। उस समय विशेषज्ञों ने वायरस के गंभीर नतीजों की चेतावनी दी थी।

होगन ने अपने राज्य में सबसे पहले इमरजेंसी घोषित की
होगन अपने राज्य में सबसे पहले इमरजेंसी घोषित करने वाले गवर्नरों में एक हैं। उन्होंने सबसे पहले स्कूल बंद करने के आदेश दिए थे। केंद्र सरकार से टेस्ट किट का इंतजाम ना होने पर होगन ने दक्षिण कोरिया की कंपनी से सीधे पांच लाख जांच किट मंगवाए थे। होगन की पत्नी दक्षिण कोरियाई हैं। इससे ट्रम्प गुस्सा हो गए थे। होगन हर दिन गवर्नरों से टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करते हैं। महामारी फैलने के बाद 44 गवर्नर उनसे चर्चा कर चुके हैं।

कई गवर्नर बोले: ट्रम्प की रुचि मदद में नहीं बल्कि उन्हें दोषी ठहराने में ज्यादा
राष्ट्रपति ने 29 मार्च को एबॉट लैबोरेटरी के रेपिड टेस्टिंग डिवाइस की प्रशंसा की थी। उससे पांच मिनट में जांच का नतीजा आने का दावा किया था। लेकिन, असलियत कुछ अलग है। कई राज्यों के गवर्नरों को इनसे शिकायत है। एक गवर्नर का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि वाशिंगटन में किससे टेस्ट के लिए संपर्क किया जाए। कुछ गवर्नरों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन की दिलचस्पी उनकी मदद में नहीं बल्कि राज्यों को दोषी ठहराने में अधिक है।


(टाइम और टाइम लोगो रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क हैं। इनका इस्तेमालअनुबंध के तहत किया गया है)



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अमेरिका में कोरोना संकट गहराने के बावजूद राष्ट्रपति ट्रम्प के रुख ने कठिन स्थितियां पैदा की हैं। गवर्नरों को अब अपने राज्यों में लॉकडाउन खोलने से जुड़ा सबसे मुश्किल फैसला करना है।


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कोरोना के खौफ के बीच क्रिकेट को वापस पटरी पर लाने की तैयारी की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट मैच के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। हाल ही में हुई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में मेडिकल कमेटी प्रमुख पीटर हरकोर्ट ने गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था।

दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किसी की भी लार या ड्रॉपलेट्स से दूर रहने की सलाह दी है। लेकिन कई रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि पसीने से भी कोरोनावायरस फैल सकता है।लार और पसीने से होने वाला संक्रमण किस तरह फैल सकता है और कितना खतरनाक है, देश की शीर्ष रिसर्च संस्थाआईसीएमआर के वैज्ञानिक प्रो. सुमित अग्रवाल और अमेरिकी एक्सपर्टडॉ. माइकल बेनिंगर से जानने की कोशिश की...

पसीने से कैसे फैल सकता है कोरोनावायरस?
प्रो. सुमित अग्रवाल ने बताया, कुछ ऐसी रिसर्च भी हैं जो बताती हैं कि पसीने से भी कोरोनावायरस फैल सकता है। अगर खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित है तो खतरा है। खेल के दौरान शरीर से निकलने वाले किसी भी तरह के फ्लूइड का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। मैच के दौरान गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशियल एजेंट का इस्तेमाल करने का सुझाव बेहतर है।

लार या ड्रॉपलेट्स कितनेखतरनाक हैं?

  • अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. माइकल बेनिंगर के मुताबिक, सीधेतौर पर कोरोना के संक्रमण का खतरा लार से है। सिर्फ कोरोना ही नहीं फ्लू, हेपेटाइटिस बी-सी, इबोला, बर्ड फ्लू, राइनोवायरस भी लार के जरिये संक्रमण फैला सकता है।
  • अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन ने दूसरे का टूथब्रश या माउथगार्ड का इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है। डॉ. माइकल का कहना है कि टूथब्रश माइक्रोट्रॉमा की वजह बन सकते हैं और वायरस म्यूकस मेम्ब्रेन के जरिये संक्रमण फैला सकता है।
  • एक रिसर्च के मुताबिक, थूक या लार के छीटों में 24 घंटे तक जर्म्सजिंदा रहते हैं जो संक्रमण की बड़ी वजह बन सकते हैं। एच1एन1 वायरस के फैलने की एक वजह यही थी।

खिलाड़ियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रो. सुमित अग्रवाल ने कहा, जब भी मैच की शुरुआत हो तो संक्रमण से बचाव के तौर पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। अगर खिलाड़ी को बुखार के साथ सूखी खांसी है या किसी ऐसे शख्स से पहले मिला है तो प्रैक्टिस मैच से बचना चाहिए। इसके अलावा खुद को दूसरे इंसान से दूर रखना ही बेहतर विकल्प है।


बीसीसीआई ने जारी की एडवाइजरी
बीसीसीआई ने हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी जिसे टीम को ले जाने वाली एयरलाइंस, होटल, राज्य स्तर की एसोसिएशंस और मेडिकल टीम से साझा किया था।

  • 20 सेकंड तक अपने हाथ को पानी और साबुन से धोना है।
  • खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना जरूरी है।
  • बुखार, खांसी या बीमार होने पर मेडिकल टीम से तुरंत सम्पर्क करें।
  • हाथ धुलने से पहले चेहरा, मुंह, नाक और आंखों को न छुएं।
  • खुले में बने ऐसे रेस्तरां जहां साफ-सफाई न हो, खाना खाने से बचें।
  • टीम के अलावा किसी बाहर इंसान के सम्पर्क में आने से बचें।
  • हाथ मिलाने, एक-दूसरे को फोन देने या लेने और सेल्फी न लेने की भी सलाह दी गई।


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New virus can spread by applying saliva or sweat on the ball, germs can remain alive for 24 hours in liquid released from the body


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(महिता गजानन)कोरोना महामारी ने मानव जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित किया है। अमेरिका में लोग अकेलापन दूर करने के लिए अपने घरों में जानवरों का स्वागत कर रहे हैं। जिन लोगों ने पहले कभी कोई पशु नहीं पाला था, वे अब उनमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ह्यूमेन सोसायटी अमेरिका के सीईओ किटी ब्लॉक ने बताया कि देशभर में पेट्स पालने के आग्रह 90% बढ़े हैं। वे कहते हैं, ‘लोग घर पर अधिक समय बिताते हैं। वहां से काम करते हैं। सामाजिक रूप से अलग-थलग हैं। इसलिए डॉग, बिल्ली, चूहे जैसे जानवर हैमस्टर के साथ रहने से फर्क तो पड़ता है’।

लोग अस्थायी तौर पर जानवर बुला रहे हैं। पिछले साल की तुलना में मार्च, अप्रैल में आश्रय स्थलों से दोगुने कुत्ते और बिल्ली गोद लिए गए हैं। नए पशु प्रेम ने पशु आश्रय और बचाव केंद्रों की सहायता की है। उन्हें महामारी के दौरान दान कम मिलने लगा है। इनके कर्मचारी और स्वयंसेवक भी घरों में बंद हैं। कम जानवर होने के कारण आश्रय स्थलों को दूसरे पशुओं और नए आने वालों पर ध्यान देने का अवसर मिला है।

हमारे पास जितने पेट्स हैं, उससे अधिक मांग आने लगी है- रोबिलोटा

पशु बचाव केंद्र, न्यू ओरलिएंस के वाइस प्रेसीडेंट जिनी बाउमान रोबिलोटा बताते हैं, ‘हमारे पास जितने पेट्स हैं, उससे अधिक मांग आने लगी है। भविष्य के प्रति अनिश्चितता के बावजूद जानवरों के लिए प्रेम से लोगों की जिंदगी बदल जाएगी’। आश्रय स्थल भी सुनिश्चित करते हैं कि इस मौके पर पशु पालने या गोद लेने वाले लोग समझें कि वे लंबे समय के लिए एक नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। उन्होंने बताया,‘ऐसे लोगों को समझाया जाता है कि वे किस तरह की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं’। कई उदाहरण हैं जिनमें लोग किसी डॉग या बिल्ली की देखभाल कर राहत का अनुभव करते हैं।

मुझे पहली बार महसूस हुआ कि मैं किसी की मदद कर रही हूं- अदिति

30 साल की अदिति श्रीवास्तव अपने पति को लेकर चिंतित रहती हैं। उनके पति नर्स हैं। वायरस पीड़ित मरीजों की देखभाल करते समय उनके संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। मार्च के अंत में दक्षिण केरोलिना के ग्रामीण इलाके में उन्हें एक घायल कुत्ता मिला था। वे उसे घर ले आए। अदिति ने पहले एक घायल पशु को बोझ समझा। लेकिन, जल्द ही उनका हृदय परिवर्तन हो गया। वे बताती हैं, ‘क्वारंटाइन के दौरान मुझे पहली बार महूसस हुआ कि मैं किसी की मदद कर रही हूं’। एकांत में अलग रहने वाले लोगों को किसी जानवर का साथ राहत देता है।



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अमेरिका में नए पशु प्रेम ने पशु आश्रय और बचाव केंद्रों की सहायता की है। (प्रतीकात्मक)


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रिसर्च डेस्क.एक तरफ जहां कोरोनावायरस के चलते दुनिया की बड़ी आबादी घरों में कैद है। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते परिवारों में कलह बढ़ गई है। यूएन पॉपुलेशन फंड(यूएनपीएफ) के मुताबिक दुनियाभर में लॉकडाउन की वजह से घरेलू हिंसा में 20% फीसदी का इजाफा हुआ है। अनुमान है कि सिर्फ पाबंदियों के चलते इस साल दुनियाभर में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ मामले आ सकते हैं। इन नए आंकड़ों ने अगले दशक में महिलाओं की बेहतर जिंदगी की उम्मीदों भरी तस्वीर काे धुंधला कर दिया है।

  • 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है

यूएनपीएएफ के मुताबिक पिछले तीन महीने में दुनियाभर में 4.4 करोड़ महिलाएं पाबंदियों के चलते गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं कर सकी हैं। यह महिलाएं 114 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहती हैं। इसके चलते करीब 10 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी होंगी। इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि पाबंदियों के चलते अगले 10 साल में 53 लाख लड़कियों की समय से पहले शादी हो सकती है। 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है। इससे बाल विवाह के खिलाफ चल रहे तमाम कार्यक्रम भी बाधित होंगे।

  • 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं

इंटरनेशनल प्लान्ड पैरेंटहुड फेडरेशन के मुताबिक कोरोना के चलते 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं। मैरी स्टॉप्स इंटरनेशल ने अनुमान जताया है कि पाबंदियों के चलते दुनिया में 30 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी हो सकती हैं। तकरीबन 27 लाख असुरक्षित गर्भपात हो सकते हैं। 11,000 से ज्यादा गर्भावस्था से संबंधित मौतें हो सकती हैं।


लॉकडाउन बढ़ा तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आएंगे

  • यूएनपीएफकी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नातालिया कानेम के मुताबिक यह आकलन दुनियाभर से मिले आंकड़ों पर आधरित है। हर देश के प्रशासन ने बताया है कि कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा हुआ है।
  • इन आंकड़ों का यूएनपीएफ और उसके पार्टनर एवेनिर हेल्थ, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने विश्लेषण किया। इससे निकलकर आया कि पिछले 3 महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देशों में घरेलू हिंसा के मामले पहले से 20% बढ़ गए हैं।
  • शोधकर्ताओं ने अनुमान जताया है कि यदि दुनियाभर में आगे भी लॉकडाउन बढ़ाया जाता है तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आ सकते हैं। इससे यूएन के घरेलू हिंसा के रोकथाम कार्यक्रम पर भी असर पड़ना तया है। यूएन ने 2030 तक ऐसे मामलों में दो तिहाई तक कमी लाने का लक्ष्य रखा है।


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अमेरिका में कोरोनावायरस के 11 लाख से ज्यादा मामले और 65 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इनमें डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्यकर्मी भी हैं। ऐसे में लोग कोरोना वॉरियर्स की हरसंभव मदद कर रहे हैं। ऐसा ही कैलिफोर्निया और मिशिगन के लोग भी कर रहे हैं। ये डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ अपनी लग्जरी आरवी यानी रिक्रिएशन वैन मुफ्त में इस्तेमाल के लिए दे रहे हैं, ताकि उन्हें घर जैसी सुविधाएं और आराम मिले और उनके परिवार को संक्रमण से बचाया जा सके।

इस मुहिम में 15 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं और अब तक 2,500 से ज्यादा डॉक्टर, नर्सों और हेल्थ स्टाफ को ये वैन दी जा चुकी हैं। इनमें से एक मिशिगन की नर्स पेटीज कात्जे हैं। ‌वे ब्रॉनसन हॉस्पिटल के आईसीयू में काम करती हैं। इन दिनों वे करेन और स्टीव लैंबर्ट की दी गई आरवी का इस्तेमाल कर रही हैं। वे करीब 200 किमी दूर से पेटीज के लिए वैन लेकर आए हैं।

तय किया कि इसे कोरोना फाइटर्स के लिए देंगे: स्टीव

स्टीव बताते हैं,‘हमने महसूस किया कि यह एक बहुत बड़ा संसाधन है, जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसलिए तय किया कि इसे कोरोना फाइटर्स के लिए देंगे। जब हमें पता चला कि केटीज को इसकी जरूरत है, तो हम वैन लेकर पहुंच गए।’

पेटीज ने कहा- मेरे कंधों से बोझ उतार दिया

पेटीज कहती हैं- ‘इन्होंने मेरे कंधों से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है। मुझे 5 और 6 साल के बच्चों और मां की चिंता होती थी। किडनी ट्रांसप्लांट होने से मां को कोरोना का गंभीर खतरा हो सकता है। अब घर के पास ही हैं, तो दूर से ही सही, एक-दूसरे को देख तो लेते हैं।’ पेटीज को वैन देने के बाद स्टीव ने उनके साथ सेल्फी भी ली। स्टीव अपने एक दोस्त को किडनी भी दे चुके हैं।

इन वाहनों में किचन, फ्रिज, टॉयलेट, टीवी, बेडरूम, सोफा भी

करीब 50 लाख से एक करोड़ रुपए कीमत वाले इन वाहनों में किचन, फ्रिज, टॉयलेट, टीवी, बेडरूम, सोफा जैसी सुविधाएं भी हैं। इनकी छत उठाकर ऊंची भी की जा सकती है। इन्हें मोटरहोम, कैम्पर या कारवां भी कहा जाता है। अमेरिका में औसतन 46 साल की उम्र वाले हर व्यक्ति के पास ऐसी वैन है।



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अमेरिका में औसतन 46 साल की उम्र वाले हर व्यक्ति के पास ऐसी वैन है। कोरोना संकट के दौर में लोग स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए आगे आए।


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लॉकडाउन के बीच देश के दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने का सिलसिलाशुरू हो चुका है। कई दिनों से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों ने शनिवार को जब अपने ठिकानों पर कदम रखे तो सुकून की सांस ली। इनके चेहरे पर न गुस्सा था न ही आक्रोश था। इन्हें सरकार से कोई गिला-शिकवा भी नहीं। हर किसी के मन में इसी बात की तसल्ली थी कि, जो भी हुआ, जैसा भी हुआ, कम से कम अपने घर तो आ गए।

पटना पहुंची ट्रेन के यात्रियों के हाल...

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया।

1200 से ज्यादा मजदूरों को लेकर पटना पहुंची ट्रेन
जयपुर से मजदूरों को लेकर निकली पहली ट्रेन शनिवार दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर पटना के दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंची। इसमें 1200 से अधिक मजदूर थे। प्लेटफॉर्म नं. 5 पर खड़ी हुई इस ट्रेन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। प्लेटफॉर्म के रॉन्ग साइड पर भी पुलिस के जवान तैनात थे ताकि कोई यात्री दूसरी तरफ उतरकर कहीं चला न जाए।

डीएम, एसएसपी, एसपी समेत पुलिस और प्रशासन के कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। यात्रियों को लाइन में एक दूसरे से दूरी बनाकर खड़ा किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करवाते हुए ही स्टेशन परिसर से बाहर करवाया गया। स्टेशन के नजदीक की स्थित रेलवे स्कूल के परिसर में सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग हुई। यहां खाने का इंतजाम भी था। यहां से मजदूरों को उनके जिले के ब्लॉक में बने क्वारैंटाइन सेंटर तक बस से भेजा गया। मजदूरों को 21 दिन क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा। इसके बाद ही अपने घर जा सकेंगे।

बेजान चेहरे, थके हुए शरीर बहुत कुछ बयां कर रहे थे
इन मजदूरों ने लॉकडाउन के 38 दिन कैसे काटे, यह उनके बेजान चेहरे और थके हुए शरीर को देखकर ही महसूस किया जा सकता था। लेकिन अपने राज्य में कदम रखते ही इन उदास चेहरों पर मुस्कान आ गई। खुशी इस बात की थी कि, आखिरकार जिंदा अपने घर पहुंच ही गए। लॉकडाउन में इन मजदूरों को काम ही नहीं मिला, इस कारण मजदूरी भी नहीं मिली।

थोड़े बहुत जो पैसे थे, उनसे कुछ दिन कट गए, बाद में तो खाने के भी लाले पड़े गए।इन्हीं में से किशनगंज के अशोक कुमार ने बताया कि, दो वक्त खाने की भी परेशानी हो गई थी। हमेशा बस मन में यही ख्याल रहता था कि कैसे भी अपने घर पहुंच जाएं, ताकि जिंदा रहें। जिस गांव में रहते थे, वहां के प्रधान से ट्रेन के बारे में जानकारी मिली। ट्रेन में खानेका इंतजाम भी सरकार की तरफ से किया गया था। किसी को टिकट भी नहीं लेना पड़ी। जयपुर में खाना मिला था, रास्ते में मिला।

ट्रेन में एक सीट पर एक यात्री को बिठाया गया था।

एक सीट पर एक आदमी को बैठाया गया
बेतिया के झुन्ना कुमार बोले, शुक्र है। घर पहुंच गए। बोले, सफर काफी अच्छा रहा। एक सीट पर एक आदमी को बैठाया गया था। किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। रास्ते में खाना-पानी भी मिला। रास्ते में हम लोग आपस में बात कर रहे थे कि किसी तरह अच्छे से अपने घर पहुंच जाएं। पटना पहुंच गए, अब राहत मिली।

रोहतास के गजाधर साह ने कहा कि, मैं नागौर जिले के लादेर में काम करता था। मेरी कंपनी के अधिकारी ने कहा कि ट्रेन जा रही है। गांव जाना है तो तैयार होकर आ जाओ। मैं अपने साथ काम करने वाले पांच लोगों के साथ आया हूं। कंपनी ने जयपुर तक पहुंचाने की व्यवस्था की। अब अपने राज्य में आकर सुकून मिला है।

पुलिस से मिली ट्रेन की सूचना
अजमल अली बोले, मैं नागौर जिले में काम करता था। पुलिस ने सूचना दी कि एक ट्रेन बिहार जाने वाली है। जयपुर तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की गई। सभी मजदूरों के नाम की लिस्ट पहले से बनी थी। उसी लिस्ट के अनुसार हम लोगों को बस पर सवार किया गया। मैं वहां सीमेंट प्लांट में काम करता था। मजदूरों ने घर भेजने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। आखिरकार हम घर आ गए। बोले, मेरी पत्नी और बच्चे चिंता में रो रहे थे। मुझे उनकी भी हरदम चिंता सता रही थी।

घर पहुंचकर बहुत खुश हूं
रोहतास के ही अमित कुमार ने कहा कि, मैं नागौर जिले के मूण्डवा में एक फीटर के साथ काम करता था। कंपनी के लोगों से ट्रेन के बारे में जानकारी मिली। सफर में कोई परेशानी नहीं हुई। जयपुर में खाना खाकर ट्रेन में सवार हुए थे, फिर मुगलसराय में खाना मिला। बहुत खुशी की बात है कि अपने घर आ गया हूं। एक माह से अधिक समय से लॉकडाउन में फंसा था।

रांची पहुंची ट्रेन के यात्रियों के हाल...

हैदराबाद के लिंगमपल्ली स्टेशन से रांची के हटिया स्टेशन पर स्पेशल ट्रेन के जरिए शुक्रवार रात को 1200 प्रवासी मजदूरों को लाया गया। यहां सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। फिर उन्हें बसों के जरिए सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए उनके घर भेज दिया गया। अलग-अलग जिलों में शनिवार सुबह मजदूरों के पहुंचने के बाद उनकी फिर से स्क्रीनिंग की गई और फिर उन्हें एहतियातन होम क्वारैंटाइन कर दिया गया। घर पहुंचे दो मजदूरों की कहानी, उन्हीं की जुबानी-

ऐसा लगा गार्ड मजाक कर रहा है
चतरा जिला के पत्थलगड़ा थाना क्षेत्र निवासी उदय राम भी हैदराबाद की ट्रेन में सवार होकर घर पहुंचे हैं। बोले, हैदराबाद में मैं जिस कंपनी में काम करता हूं, वहां पास में ही एक कॉलोनी है जहां बिहार और बंगाल के भी मजदूर रहते हैं। गुरुवार को हम सभी करीब 9 बजे के बाद खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे।

तभी कॉलोनी के गार्ड ने आकर बताया कि जिसे झारखंड जाना है, सामान लेकर बाहर आ जाओ, झारखंड के लिए ट्रेन जाने वाली है। पहले मुझे लगा कि गार्ड मजाक कर रहा है। फिर थोड़ी देर बाद वो बाहर आकर देखा तो मजदूर लाइन लगा रहे थे। पुलिस भी थी। मैं भी अंदर गया। 10 मिनट में जल्दी-जल्दी अपना सामान पैक किया और बाहर खड़ा हो गया। वहां पुलिस ने मुझसे आधारकार्ड मांगा। कागजात चेक किए और फिर लाइन में खड़ा कर दिया।

अपने राज्य में पहुंचते ही मजदूरों ने राहत की सांस ली।

रास्त में खाना-पानी मिला, सफाई भी थी
थोड़ी देर बाद वहां बस आई जिससे एक फीट की दूरी पर हम लोगों को बिठाया गया और रेलवे स्टेशन ले जाया गया। यहां भी स्टेशन के बाहर एक-एक फीट की दूरी पर खड़ा किया। फिर सभी के हाथ सैनिटाइज कराए गए और थर्मल स्क्रीनिंग हुई। पुलिस ने एक-एक करके स्टेशन के अंदर एंट्री दी। ट्रेन के पास एक प्रशासन का कर्मचारी खड़ा था जिसने हमें बस की तरह टिकट फाड़ कर दिया।

अंदर स्लीपर बोगी में एक सीट पर एक आदमी को बैठाया गया। रास्ते के लिए खाना, पानी भी दिया गया। कहीं भी रुपए नहीं देने पड़े। बाथरुम वगैरह सबकुछ साफ था। नियम भी पहले की तरह था। लेकिन नया ये था कि हर बार स्लीपर बोगी में साबुन नहीं रहता था, इस बार साबुन भी था। पूरी ट्रेन में सिर्फ झारखंड के लोग सवार थे, वहां कोई नहीं छूटा है। हां बिहार और बंगाल के लोग वहीं रह गए। जब से लॉकडाउन लगा तब से ही मैं घर जाने का इंतजार कर रहा था। ट्रेन में सब कोरोनावायरस को लेकर ही बातचीत करते सुनाई दिए।

साहब ने बताया कि ट्रेन जा रही है
चतरा जिले के पत्थलगड़ा थाना क्षेत्र के बेलहर गांव निवासी रंजन दांगी भी ट्रेन से लौटने वालों में हैं। उन्होंने कहा- हैदराबाद में मुझे मेरे ऑफिस के साहब ने बताया कि झारखंड के लिए जाना है तो बाहर निकलो। वह भी हैदराबाद में उसी कालोनी में रहते हैं। उस वक्त रात के 11 बज रहे थे। बाहर निकले तो हमें बस में बिठाया गया और फिर लिंगमपल्ली ले जाया गया। यहां आने के बाद पता चला कि हमें ट्रेन से ले जाया जाएगा। स्टेशन पर मेडिकल जांच हुई। बस में एक सीट पर एक ही आदमी को बिठाया गया था।

ट्रेन में खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया था।

पूड़ी-सब्जी और दाल-चावल खाने में मिला
ट्रेन के अंदर रांची तक पहुंचने में तीन टाइम खाना और पानी मिला। पानी की पांच-पांच बोतल मिली थी। दो बार चावल दाल और एक बार पूड़ी सब्जी दी गई। किसी भी चीज के लिए हमें एक रुपए भी नहीं देने पड़े। ट्रेन में हमें हिदायत दी गई थी टॉयलेट के अलावा कोई अपनी जगह से ईधर-उधर नहीं जाएगा। हमेशा मुंह पर मास्क लगाकर रखना है। किसी से कोई बातचीत नहीं करना है।

लिंगमपल्ली से चलने के बाद सिर्फ एक जगह ट्रेन रूकी थी। जहां खाना लिया गया था। फिर ट्रेन आगे चल पड़ी। मेरे दो जानकार वहां रह गए हैं। हम महीनों से घर जाने का इंतजार कर रहे थे। वहां खाने की कोई दिक्क्त नहीं थी। लेकिन डर लगता था। बार-बार बस घर जाने का ही मन करता था।



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आज सुबह जब आप आसमान को निहारें, तो हो सकता है कि आपको महज 500 से 1000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते फाइटर प्लेन नजर आएं। नौ फाइटर प्लेन और तीन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट इंडियन एयरफोर्स के अब तक के सबसे लंबे फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। यह फ्लाई पास्ट उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में कोयंबटूर तक 2570 किमी और पूरब में गुवाहाटी से पश्चिम में अहमदाबाद तक 1966 किमी की हवाई दूरी तय करेगा। कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में शामिल डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, सफाई से जुड़े लोगों और पुलिस के सम्मान में यह किया जा रहा है।

यह पहला मौका है, जब तीनों सेनाएं वायरस का सामना कर रहे वॉरियर्स के सम्मान के लिए आगे आई हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया था।

सुबह 9 बजे से हेलिकॉप्टरों का एयर सैल्यूट
सुबह 9 बजे सेना के हेलिकॉप्टर दिल्ली में पुलिस वॉर मेमोरियल पर फूल बरसाएंगे। सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच देशभर में कोरोना के अस्पतालों पर भी आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के हेलिकॉप्टरों के जरिए फूल बरसाए जाएंगे। इनमें दिल्ली का एम्स, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, लोकनायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, गंगाराम अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, मैक्स साकेत, रोहिणी अस्पताल, अपाेलो इंद्रप्रस्थ और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रैफरल शामिल है।

अस्पतालों के बाहर मिलिट्री बैंड
सुबह 10 से 10:30 बजे के बीच देशभर में कोरोना मरीजों के लिए तय अलग-अलग अस्पतालों के बाहर मिलिट्री बैंड देशभक्ति की धुनें बजाएंगे। यह डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के सम्मान में होगा।

फ्लाई पास्ट में ये विमान शामिल
सुखोई 30, मिग 29 और जगुआर फाइटर प्लेन एयर सैल्यूट में हिस्सा लेंगे। सी-130जे सुपर हरक्यूलिसट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी शामिल होंगे। यह ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट 10 से 12 घंटे उड़ान भर सकता है। एक दिन की प्रैक्टिस में पहली बार फ्लाय पास्ट हो रहा है। अमेरिका ने न्यूयॉर्क में कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में ही कुछ दिन पहले एक फ्लाय पास्ट किया था, जिसके लिए एक महीने प्रैक्टिस की थी।

फाइटर प्लेन सभी शहरों की विधानसभा के ऊपर से गुजरेंगे

  • दिल्ली और मुंबई के अलावा सभी जगहों पर स्टेट असेंबली के ऊपर यह फ्लाय पास्ट होगा।
  • दिल्ली में सुबह 10.15 बजे से 10.30 बजे तक।
  • मुंबई में 10.30 बजे मरीन ड्राइव पर।
  • जयपुर में 10.30 बजे।
  • गुवाहाटी 10.30 बजे।
  • अहमदाबाद में 11.25 बजे।
  • पटना 11.37 बजे।
  • लखनऊ 12.20 बजे।

श्रीनगर के बाद चंडीगढ़, फिर दिल्ली, जयपुर और भोपाल पहुंचेगा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130 की श्रीनगर की डल झील के ऊपर से सुबह 7.25 बजे शुरुआत होगी। 8.55 बजे ये चंडीगढ़ के सुकना लेक पहुंचेगा, 10.15 पर दिल्ली में राजपथ, 10.49 बजे जयपुर के जहाज महल होते हुए यह 11.51 पर भोपाल में बड़ा तालाब आएगा। फिर 13.22 पर मुंबई के मरीन ड्राइव, 14.40 हैदराबाद के हुसैनसागर लेक से होते हुए 15.46 पर बेंगलुरु के विधानसौदा और फिर 16.55 पर कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक होते हुए तिरुवनंतपुरम सेक्रेटरिएट शाम 5.11 मिनट पर और फिर सुलूर कोयंबटूर पर 5.55 पर फ्लाय पास्ट खत्म होगी।

नौसेना के जहाजों पर रोशनी होगी
रविवार शाम 7:30 से रात 11:59 बजे के बीच मुंबई के गेट ऑफ इंडिया के नजदीक तैनात नौसेना के पांच जहाजों पर रोशनी की जाएगी। नौसेना की पश्चिमी कमान के इन जहाजों पर ‘इंडिया सैल्यूट्स कोरोना वॉरियर्स’ लिखे बैनर नजर आएंगे। शाम 7:30 बजे साइरन बजेगा और आतिशबाजी दिखेगी। ऐसा ही नजारा विशाखापट्‌टनम, पोरबंदर, कारवार, चेन्नई, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में तैनात जंगी जहाजों पर भी नजर आएगा। पोरबंदर, रत्नागिरी, गोवा, पोर्ट ब्लेयर जैसी 24 अलग-अलग जगहों पर कोस्ट गार्ड के जहाजों पर भी रोशनी की जाएगी।



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ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130जे सुपर हरक्यूलिस। ये एयरक्राफ्ट रविवार को हो रहे फ्लाई पास्ट में शामिल हैं। शनिवार को इनकी भी प्रैक्टिस हुई। ये एक बार में 10 से 12 घंटे उड़ान भर सकते हैं।


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देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39हजार 699हो गई है।शनिवार को महाराष्ट्र में 790, दिल्ली में 384, गुजरात में 333, उत्तरप्रदेश में 159, पंजाब में 187, राजस्थान में 106,मध्यप्रदेश में 73 समेत 2437 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। यह संख्या लगातार दूसरे दिन 2400 से ज्यादा है। शुक्रवार को एक दिन में 2411 मामले सामने आए थे। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। वहीं, केंद्रीयस्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों के ठीक होने में तेजी आई है। बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1061 लोगों को अस्पतालसे छुट्टी मिली। रिकवरी रेट बढ़कर 26.65% हो गई। अभी कुल संक्रमित37 हजार 776हैं। 26 हजार 535का इलाज चल रहा है। 10 हजार 18 ठीक हो चुके हैं और 1223की मौत हुई।

उधर,दिल्ली में लोकपाल सदस्य जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की शनिवार को कोरोनावायरस संक्रमण से मौत हो गई। उनकी उम्र 62 साल थी। उन्हें 2 अप्रैल को एम्स में भर्ती किया गया था। उनकी बेटी और कुक भी संक्रमित थे, जो कि अब ठीक हो चुके हैं।

5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए

दिन मामले
01 मई 2411
28 अप्रैल 1902
25 अप्रैल 1835
29 अप्रैल 1702
23 अप्रैल 1667

26 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण
कोरोनावायरस का संक्रमण देश के 26 राज्यों में फैला है। 6 केंद्र शासित प्रदेश भी इसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पुडुचेरी शामिल हैं।

राज्य कितने संक्रमित कितने ठीक हुए कितनी मौत
महाराष्ट्र 12,296 2000 521

गुजरात

5054 895 262
दिल्ली 3738 1167 61
मध्यप्रदेश 2788 624 151

राजस्थान

2720 1121 65
तमिलनाडु 2757 1341 29
उत्तरप्रदेश 2487 698 43
आंध्रप्रदेश 1525 441 33
तेलंगाना 1044 464 28
पश्चिम बंगाल 795 139 33
जम्मू-कश्मीर 666 254 8
कर्नाटक 601 271 25
केरल 500 400 4

पंजाब

772

112

20
हरियाणा 376 242 4
बिहार 481 98 4
ओडिशा 157 56 1

झारखंड

115 21 3
उत्तराखंड 59 39 1
हिमाचल प्रदेश 40 33 2
असम 43 33 1
छत्तीसगढ़ 43 36 0
चंडीगढ़ 94 19 0

अंडमान-निकोबार

33 17 0
लद्दाख 23 17 0
मेघालय 12 10 1

पुडुचेरी

8 5 0
गोवा 7 7 0
मणिपुर 2 2 0
त्रिपुरा 4 2 0
अरुणाचल प्रदेश 1 1 0
मिजोरम 1 1 0

ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुल संक्रमित 37 हजार 776 हैं। 26 हजार 535 का इलाज चल रहा है। 10 हजार 18 ठीक हो चुके हैं और 1223 की मौत हो चुकी है।

5 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल

  • मध्यप्रदेश, संक्रमित- 2788: यहां शनिवार को 73 नए मरीज मिले। नासिक रोड स्टेशन से 6 डिब्बों की ट्रेन 345 मजदूरों को लेकर शनिवार सुबह भोपाल आई। दूसरे राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के करीब 40 हजार मजदूरों को राज्य सरकार बसों से लाई है। अब 6 राज्यों में फंसे एक लाख छह हजार मजदूरों को वह ट्रेन के जरिए वापस लाएगी।
  • उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 2487: प्रदेश में शनिवार को 159 लोग पॉजिटिव मिले। इनमें 9 मजदूर शामिल हैं, जो सरकारी बसों में महाराष्ट्र से लाए गए हैं। राज्य में 698 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश में 43 लोगों की मौत हो चुकी है।
ट्रेन में सवार ये मजदूर उत्तरप्रदेश के हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से ये अहमदाबाद से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। इससे पहले रेलवे की ओर से इनकी पूरी जानकारी जुटाई गई।
  • महाराष्ट्र, संक्रमित- 12296: यहां शनिवार को संक्रमण के 790 मामले सामने आए। इनमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर तैनात 3 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस इलाके को सैनिटाइज किया जाएगा। बताया जा रहा है कि उनके साथ ड्यूटी पर तैनात 130 जवानों को भी क्वारैंटाइन किया गया है।
मुंबई के धारावी पुलिस स्टेशन पर पहुंचे ये दूसरे प्रदेशों के मजदूर हैं। इन्हें अपने गृह राज्य जाना है, इससे पहले इन्हें थाने में फॉर्म भरकर अपनी पूरी जानकारी देनी है।
  • राजस्थान, संक्रमित- 2720: यहां शनिवार को कोरोना के 54 नए मरीज मिले। इनमें से जोधपुर में 30, जयपुर में 17, अजमेर में 3, अलवर में 2, जबकि चित्तौड़गढ़ और कोटा में 1-1 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राज्य में शनिवार को 4 संक्रमितों की मौत भी हुई। इनमें 3 ने जयपुर में और 1 ने जोधपुर में दम तोड़ा। जयपुर में जान गंवाने वाले मरीजों में एक 18 दिन का बच्चा भी है। यह राज्य में इस बीमारी से मरने वाला सबसे कम उम्र का मरीज है।
  • बिहार, संक्रमित- 481: राज्य के 1200 मजदूरों को लेकर जयपुर से चली स्पेशल ट्रेन शनिवार दोपहर पटना के दानापुर स्टेशन पहुंची। कोटा से भी छात्रों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी, लेकिन अभी इसकी तारीख तय नहीं है। कोटा में बिहार के 8 हजार से ज्यादा छात्र हैं। प्रवासियों को 21 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर सेंटर बनाए गए हैं।
यह तस्वीर पटना की है। यहां नगर निगम के कर्मचारी बिना मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ताक पर रखकर एक ट्रैक्टर में इस तरह बैठकर जाते हुए नजर आए।
  • दिल्ली, संक्रमित- 3738: दिल्ली में कोरोना संक्रमण से प्रभावित 4 रेड जोन को लिस्ट से हटा दिया गया है। अब यहां 97 रेड जोन हैं। यहां सीआरपीएफ के 68 और जवानों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये सभी पूर्वी दिल्ली स्थित बटालियन के एक ही कैम्प से हैं। अब तक इस कैम्प में 122 जवान संक्रमित मिले हैं। इन्हें मिलाकर इस सुरक्षाबल के 127 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। इनमें से एक ठीक हुआ है, जबकि एक की मौत हो गई है।
ये दिल्ली में रहने वाली 34 साल की शीतल अग्रवाल हैं। ये जोकर बनकर अक्सर अस्पताल में मरीजों को हंसाने पहुंचती हैं, ताकि वे अपनी तकलीफें भूल जाएं। शनिवार को ये शेल्टर होम में ठहराए गए लोगांे को हंसाने पहुंचीं।


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पुलिस के ये जवान प्रयागराज में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। शहर में अब तक संक्रमण के 9 मामले सामने आए हैं।


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