Saturday, July 11, 2020

easysaran.wordpress.com

जम्मू-कश्मीर में सोपोर जिले के रेबन इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शनिवार रात से मुठभेड़ जारी है। एक अफसर ने बताया कि यहां आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इस पर पुलिस, 22 राष्ट्रीय रायफल्स और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू की, तभी छिपे हुए दहशतगर्दों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।पुलिस सूत्रों ने बताया कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों को घेरा गया है।

पिछले महीने सोपोर के ही मॉडल टाउन में आतंकी हमले में एक नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था। तभी से सोपोर के अलग-अलग इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों को घेरा गया है।

कल त्राल में 2 आतंकी मारे गए थे

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में शनिवार तड़केसुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से एक लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी इदरीस भट था। वह 2018 में पाकिस्तान गया था। आतंकीएलओसी पर फेंसिंग काटकरघुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। उनके पास दो एके-47 और भारी मात्रा में गोला बारूद था। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पार आतंकी लॉन्चपैड पूरी तरह सक्रिय हैं, वहां250 से 300 आतंकी मौजूद हैं।

इस महीने 6आतंकी मारे गए
सुरक्षाबलों ने इस महीने में अब तक 6 आतंकी मार गिराए हैं। इससे पहले पुलवामा जिले के गोसू इलाके में एक आतंकी को मार गिराया था। वहीं, एक जवान भी शहीद हो गया था। 4 जुलाई को कुलगाम के अर्राह इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी मारे गए थे। 2 जुलाई को श्रीनगर के मालबाग में आईएस का 1 आतंकी ढेर किया गया था।

पिछले महीने 18 एनकाउंटर में 51 आतंकी मारे गए

  • जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ के अलर्ट के बाद सुरक्षाबलों ने मई से सर्च ऑपरेशन छेड़ रखा है। पिछले महीने 18 एनकाउंटर में 51 आतंकी मारे गए।
  • कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि श्रीनगर में आतंकियों का आना-जाना जारी है। वे इलाज करवाने, फंड जुटाने और मीटिंग करने के लिए श्रीनगर आते हैं, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि वे यहां बेस नहीं बना पाएं। आतंकियों के आने की खबर मिलने पर एनकाउंटर होते रहेंगे।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1.अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकी मार गिराए, 24 घंटे में 5 आतंकियों का एनकाउंटर

2.हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मसूद समेत 3 आतंकी ढेर, पुलिस ने डोडा जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित किया



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पुलिस, 22 राष्ट्रीय रायफल्स और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू की थी, तभी छिपे हुए दहशतगर्दों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। 


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Zlbioq
via

easysaran.wordpress.com

माता-पिता का कर्ज मृत्युपर्यंत कोई नहीं चुका सकता। यह रिश्ता सबसे अनमोल है और जब इसे निभाने की चाह हो तो निर्धनता, आयु या कोई और बहाना कभीनहीं रोक सकता। राजस्थान के उदयपुर जिले के अदवास गांव केएक जरूरतमंद परिवार ने इस बात काे सिद्ध किया है। जगत-जयसमंद सड़क मार्ग पर बीमार मां को इलाज के लिए ठेले पर बैठाकर तीन किमी दूर अस्पताल ले जा रहे 8 वर्षीय और 6 वर्षीय दोनों भाई । इन दोनों बच्चों को आज के श्रवण कुमार कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
ध्वस्त चांदन पुल से नहीं रुकी आवाजाही, हो सकता है हादसा

बिहार केबांका जिले केचांदन पुल कोधवस्त हुए 68 दिन बीत गए। जिला प्रशासन ने पुल के दाेनाें छाेर पर दीवार देकर आवागमन बंद कर दिया। जिला मुख्यालय आने के लिए चार प्रखंड सहित दर्जनाें गांवाें के लाेग राेजाना अपनी जान जोखिम में डाल इस धवस्त पुल पर सफर कर रहे है। पुल हाेकर कार्यालय तो कोई अन्य जरूरी काम काे इस पुल पर सफर कर रहे हैं। दाे दिन से जिले भर में भारी बारिश के बाद चांदन नदी में जलस्तर बढ़ने से धवस्त चांदन पुल कभी नदी में समा सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है।

मंजूरी के बाद भी कुटमा और डेंगुरजोर नालेमें पुल नहीं बन पाया

छत्तीसगढ़ के जशपुर मेंवन विभाग से मंजूरी मिलने के बावजूद भी कुटमा और डेंगुरजोर नाला में पुल नहीं बन पाया है। अब बारिश में जान जोखिम में डालकरतीन पंचायत के रहवासी सहित सैकड़ों लोग उफनते नाले को पार करने को मजबूर हैं।पुल नहीं बनने से ज्यादा बारिश होने पर बगीचा ब्लाक स्थित कलिया, साहीडाँड़ और कुटमा स्थित गांव कई बार टापू में तब्दील हो जाते हैं। ग्रामीण तेज बहाव होने के बावजूद कई बार मजबूरी में नाले को पार करने की कोशिश करते हैं। इससे वे कई बार हादसे का शिकार बन जाते हैं।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

छत्तीसगढ़ कीराजधानी रायपुरमें प्रमुख चौक-चौराहों पर मास्क नहीं पहनने और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों को अब यमराज और चित्रगुप्त आगाह करते हुए समझाइश दे रहे हैं। स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस के इस अभियान में लोगों को बता रहे हैं कि वो खुद के साथ दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

खुद सुरक्षित रहेंगे तभी परिवार को पाल सकेंगे

फोटोपंजाब के तरनतारन जिले के गोइंदवाल साहिब के बाजार की है।यहांपर सुबह के समय 20 मजदूर काम पर जाने के दौरान एक ही गाड़ी में सवार थे। किसी ने न तो मास्क लगाया थाऔर न सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक दिखे। अगर ऐसी लापरवाही करेंगे तो महामारी को कैसे राेक पाएंगे। ऐसे में यह तो कोरोना संक्रमण फैलने के लिए खुलेआम न्यौता है।दो जून की रोटी के लिए मजदूरी जरूरी है, लेकिन जब खुद सुरक्षित रहेंगे तभी तो परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे।

जड़ों पर डाली मिट्‌टी बारिश में बही, क्या ऐसे बचाएंगे पेड़

चंडीगढ़ मेंसेक्टर-18/19 की डिवाइडिंग रोड पर कुछ पुराने पेड़ हैं। इनकी जड़ें बाहर निकल आई हैं। लेकिन इन्हें बचाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे बचकाना हैं। पेड़ों की जड़ों पर मिट्‌टी डाली गई, जो अगले दिन बारिश में बह गई। शहर में ऐसे बहुत पेड़ हैं। थोड़ी हवा और बारिश आने पर कई सेक्टर्स में पेड़ गिर जाते हैं, क्योंकि इनकी जड़ें बहुत ऊपर हैं। नए पौधे लगाना जरूरी है, लेकिन जो बड़े हो चुके हैं, उन्हें भी तो बचाना जरूरी है।

खाली ड्रम के बने नाव से पार करने को मजबूर ग्रामीण

बिहार के किशनगंज मेंबीते दो दिनों से प्रखंड क्षेत्र में रुक-रुककर हो रही बारिश और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश होने की वजह से प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली दो बड़ी नदी कनकई और बूढ़ी कनकई नदी के जलस्तर में सामान्य बढ़ोतरी हुईहै। परंतु दो दिनों से लगातार हो रही बारिश पानी से प्रखंड क्षेत्र के कई सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गया है। कई डायवर्सन के ऊपर से पानी बहने लगा है।हरूवाडांगा बाजार से आगे बढ़ते ही मदरसा टोला के समीप डायवर्सन में चार से पांच फीट पानी भरने से बाइक सवार खाली ड्राम के बने नाव के सहारे डायवर्सन को पार करने को मजबूर हो रहेहैं।

धान की फसलों को पहुंचाया नुकसान

दो बार आकर वापस लौटने के बाद अब तक राजस्थान सीमा के पास मंडरा रहा टिड्डी दल शनिवार दोपहर को फिर से हरियाणा में घुस आया। सिरसा के रास्ते से एंट्री करते हुए 5 किलोमीटर लंबा व 5 किलोमीटर चौड़ा टिड्डियों का दल सिरसा, भिवानी व रेवाड़ी क्षेत्र के 60 से ज्यादा गांवों में घुमा। फसलों पर न बैठने से रोकने के लिए किसान पटाखे, पीपे व ढोल बजाते रहे। टिड्‌डी ने कई जगह खेतों में खड़ी कॉटन व धान की फसल को नुकसान भी पहुंचाया। सरकार ने टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए 12 जिलों में प्रशासन को अलर्ट किया हुआ है।

बारिश में आकार लेने लगा कर्नाटक का जोग झरना

फोटो कर्नाटक के शिवमोगा में833 फीट की ऊंचाई से गिर रहे जोग वाटरफॉल की है। मानसूनी बारिश में यह झरना धीरे-धीरे नैसर्गिक आकार ले रहा है। यहां से चार झरने राजा, रानी, रोवर और रॉकेट शरावती नदी में गिरते हैं। इस खूबसूरत झरने को देखने के लिए जून से जनवरी के बीच देश-दुनिया से करीब 10 लाख लोग पहुंचते हैं।

अहिल्याबाई होलकर द्वारा निर्मित सराय और बावड़ी हुई जीर्ण-शीर्ण

मध्यप्रदेश केकरही से 15 किमी दूरी पर रोश्याबारी गांव के पास विंध्याचल पर्वत श्रंखला में अहिल्याबाई होलकर ने कुलाला पानी के नाम से सराय का निर्माण कराया था। वे इस जगह का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाते समय अपने सैनिकों व घोड़ाें के ठहरने के लिए करती थीं। सराय के सामने की ओर कुंड है। इसकी झिरों का पानी सालभर नदी में बहता रहता है। देखरेख के अभाव में यह विरासत जीर्ण-शीर्ण हो गई है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Mother became ill in Rajasthan, then two young sons were taken to the hospital 3 kilometers away on the handcart.


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/mother-became-ill-in-rajasthan-then-two-young-sons-were-taken-to-the-hospital-3-kilometers-away-on-the-handcart-127504484.html
via

easysaran.wordpress.com

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8 लाख 50 हजार 358 हो गई है। यह आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। शनिवार को लगातार दूसरे दिन 27 हजार से ज्यादा केस बढ़े। पिछले 24 घंटे में 27 हजार 754 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं, 19 हजार 981 लोग भी स्वस्थ भी हो गए।

शनिवार को सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 8139 लोग संक्रमित मिले। यहां अब तक एक दिन का ये सबसे ज्यादा आंकड़ा है। उधर, मुंबई मेंअभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इन दोनों को मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया है। नानावटी के क्रिटिकल केयर सर्विसेज के डायरेक्टर डॉ अब्दुल एस अंसारी ने रात 3 बजे मीडिया को बताया कि अमिताभ की हालत पहले से बेहतर हैं।

5 राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश:राज्य में पॉजिटिव केसों का आंकड़ा 17 हजार के पार होगया है।बीते 24 घंटों में 544 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। संक्रमणके चलते शनिवार को6 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।भोपाल में 31 जुलाई तक हर रविवार को कर्फ्यू लगाने का फैसलाकिया गया है। आजसभी बाजार, ऑफिस, प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहेंगे। इंदौर में भी रविवार को पूर्ण बंदी है।

महाराष्ट्र:मुंबई से रविवार को खबर आई कि राजभवन के 16 कर्मचारी पॉजिटिव मिले हैं।यहां एक इलेक्ट्रिशियन के पॉजिटिव होने के बादपरिसर में रहने वाले 100 लोगोंके सैंपल लिए गए थे।इनमें से 55 की रिपोर्ट आई है।उधर, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने खुद को आइसोलेट कर लिया है।

उधर, मुंबई में शनिवार को1284 पॉजिटिव केस बढ़े।यहां 39 लोगों की जान गई है। इसके साथ राज्य में मरने वालों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है।अब तक 10 हजार116 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है।राज्य में शनिवार को 4360 मरीज ठीक होकर अपने घर गए।वहीं,6 लाख 80 हजार017 लोग होम क्वारैंटाइन में हैं।

उत्तरप्रदेश: प्रदेश के होम गार्ड मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सपा एमएलसी और अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले सुनील सिंह साजन भी संक्रमित हो गए हैं।राज्य में तीन दिनों का लॉकडाउनजारी है। रविवार को मेरठ, लखनऊ और कानपुर समेत ज्यादातर शहरों में बाजार बंद हैं और सड़कें सूनी हैं।

राजस्थान: जोधपुर कलेक्टर इंद्रजीत सिंह की पत्नी और बेटी भी पॉजिटिव पाए गए हैं। कलेक्टर की पत्नी-बेटी पंजाब से लौटे थे। लक्षण नहीं होने के कारण दोनों को सर्किट हाउस में अलग किया गया था, लेकिन पंजाब में परिजनों के पॉजिटिव आने के बाद कलेक्टर ने दोनों की सैंपलिंग कराई। दोपहर को दोनों में कोरोना की पुष्टि हुई। कलेक्टर की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

इसके अलावा, अजमेर में एक कॉर्डियोलॉजिस्ट में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य में शनिवार को जयपुर में 2, उदयपुर, कोटा, हनुमानगढ़ और अजमेर में 1-1 रोगी ने दम तोड़ा।

बिहार:राज्य में रविवार से कोरोना जांच में तेजी आ गई है। यहां के 33जिलों में आज सेरैपिड एंटीजन किट से जांच शुरू हो गई है। अब मरीजों की रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन का इंतजार नहीं करना होगा। उधर, पटना एम्स मेंकोवैक्सीदवा काह्यूमन ट्रायल शुरू हो रहा है।इसे तीन फेज में किया जाएगा। लोगों से इस टेस्ट में शामिल होने की अपील की गई है।

उधर, पटना के बिहटा में भी कोरोना की चेन अब लंबी हो चली है। इसको लेकर 39 लोगों ने अपना टेस्ट कराया था, जिनमें 17 लोग पॉजिटिव मिले। ये लोग सिर्फ एक व्यक्ति से संक्रमित हुए।अभी करीब 50 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
यह फोटो मुंबई की है। यहां रेड जोन वाले इलाकों में घर-घर जाकर सैंपल लिए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में रोजाना 30 हजार से ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है।


from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-news-and-updates-12-july-127504398.html
via

easysaran.wordpress.com

जम्मू-कश्मीर में सोपोर जिले के रेबन इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शनिवार रात से मुठभेड़ जारी है। एक अफसर ने बताया कि यहां आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। इस पर पुलिस, 22 राष्ट्रीय रायफल्स और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू की, तभी छिपे हुए दहशतगर्दों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।पुलिस सूत्रों ने बताया कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों को घेरा गया है।

पिछले महीने सोपोर के ही मॉडल टाउन में आतंकी हमले में एक नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था। तभी से सोपोर के अलग-अलग इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इलाके में 2 से 3 आतंकियों को घेरा गया है।

कल त्राल में 2 आतंकी मारे गए थे

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में शनिवार तड़केसुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से एक लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी इदरीस भट था। वह 2018 में पाकिस्तान गया था। आतंकीएलओसी पर फेंसिंग काटकरघुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। उनके पास दो एके-47 और भारी मात्रा में गोला बारूद था। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पार आतंकी लॉन्चपैड पूरी तरह सक्रिय हैं, वहां250 से 300 आतंकी मौजूद हैं।

इस महीने 6आतंकी मारे गए
सुरक्षाबलों ने इस महीने में अब तक 6 आतंकी मार गिराए हैं। इससे पहले पुलवामा जिले के गोसू इलाके में एक आतंकी को मार गिराया था। वहीं, एक जवान भी शहीद हो गया था। 4 जुलाई को कुलगाम के अर्राह इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी मारे गए थे। 2 जुलाई को श्रीनगर के मालबाग में आईएस का 1 आतंकी ढेर किया गया था।

पिछले महीने 18 एनकाउंटर में 51 आतंकी मारे गए

  • जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आतंकी घुसपैठ के अलर्ट के बाद सुरक्षाबलों ने मई से सर्च ऑपरेशन छेड़ रखा है। पिछले महीने 18 एनकाउंटर में 51 आतंकी मारे गए।
  • कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि श्रीनगर में आतंकियों का आना-जाना जारी है। वे इलाज करवाने, फंड जुटाने और मीटिंग करने के लिए श्रीनगर आते हैं, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि वे यहां बेस नहीं बना पाएं। आतंकियों के आने की खबर मिलने पर एनकाउंटर होते रहेंगे।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1.अनंतनाग जिले के वाघमा इलाके में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकी मार गिराए, 24 घंटे में 5 आतंकियों का एनकाउंटर

2.हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मसूद समेत 3 आतंकी ढेर, पुलिस ने डोडा जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित किया



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पुलिस, 22 राष्ट्रीय रायफल्स और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू की थी, तभी छिपे हुए दहशतगर्दों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। 


from Dainik Bhaskar /national/news/jammu-kashmir-encounter-in-rebban-of-sopore-news-and-updates-127504372.html
via

easysaran.wordpress.com

उप्र के कानपुर के पास शुक्रवार को हुए गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उप्र पुलिस एक बार फिर से निशाने पर है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाएं भी दायर कर मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद से विकास दुबे ऐसा 119वां शख्स है जो पुलिस की क्रॉस फाइरिंग में मारा गया है।
इस एनकाउंटर पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि घटना स्थल की परिस्थितियां पुलिस द्वारा बताई गई कहानी से मेल नहीं खा रही हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। देश में पुलिस द्वारा किए गए अधिकांश एनकाउंटर के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में शिकायतें की गई हैं। अकेले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में ही वर्ष 2000 से 2017 के बीच फेक एनकाउंटर के 1,782 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से 794 मामले (यानी 44.55 प्रतिशत) अकेले उत्तर प्रदेश के हैं। हालांकि 2015 से 2019 के बीच की बात करें तो फेक एनकाउंटर के मामले में आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच गया है।

इन पांच सालों में फेक एनकाउंटर के यहां 57 मामले दर्ज किए गए जबकि 39 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। सुप्रीम कोर्ट की एक जजमेंट के अनुसार ऐसे एनकाउंटर के मामलों में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, जिसकी पुलिस द्वारा जांच की जाए और जिसमें यह पता लगाया जाए कि असल में हुआ क्या था। जजमेंट में यह भी कहा गया है कि ऐसे एनकाउंटर की जांच एनकाउंटर में शामिल पुलिस नहीं कर सकती।

वो अलग लोग होंगे। ऐसी सूरत में मामले की वीडियोग्राफी होनी जरूरी होती है। एफआईआर में पुलिस वालों को अभियुक्त बनाया जाना चाहिए और आईपीसी की धारा 302 लगाना चाहिए। पूरे मामले की जांच में यह साबित करना होगा कि आत्मरक्षा में गोली चलाई गई। जानकारों के अनुसार एनकाउंटर फेक साबित होने पर दोषी पुलिस वालों को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा होने का प्रावधान है। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं फेक एनकाउंटर के संबंध में क्या कानूनी प्रावधान हैं।
अगर एनकाउंटर फेक है तो कार्रवाई का क्या प्रावधान है?
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए लोगों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट का पीयूसीएल बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में सन 2014 में तत्कालीन चीफ जस्टिस आरएम लोढा का फैसला बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे किसी भी एनकाउंटर के बाद एफआईआर दर्ज करके सीआरपीसी की धारा 157 और 158 के तहत उसे स्थानीय अदालत में बगैर विलंब के भेजा जाए। एफआईआर की स्वतंत्र जांच सीआईडी या दूसरे थाने की पुलिस द्वारा की जानी चाहिए। एनकाउंटर की सत्यता की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच का प्रावधान है। इन मामलों का विवरण राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अविलम्ब भेजा जाए। जांच के बाद यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसका निलंबन होना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत पुलिस अधिकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनके हथियारों को सरेंडर करवा कर उनकी जांच का भी प्रावधान है। मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों को इनाम देने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र का क्या है रुख?
फर्जी मुठभेड़ों पर पिछले साल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार हाई कमिश्नर कार्यालय ने भी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इस पत्र में खासकर उत्तरप्रदेश में एक समुदाय विशेष के लोगों को निशाने पर लेकर की गई 15 फर्जी मुठभेड़ों का जिक्र किया गया था।

चर्चित मामले: जब पुलिस एनकाउंटर फर्जीपाए गए और दोषी लोगों को सजा मिली

  • पीलीभीत में 1991 के एनकाउंटर में 11 सिख तीर्थ यात्रियों की पुलिस मुठभेड़ में मृत्यु हो गई थी, जिसके लिए 47 पुलिस वालों को सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया।
  • देहरादून में 2009 में एक छात्र की हत्या के मामले में 7 पुलिस अफसरों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
  • मुंबई में छोटा राजन गिरोह के आदमी की 2006 में पुलिस एनकाउंटर में मौत पर सेशन कोर्ट ने 2013 में 11 पुलिस वालों को उम्रकैद की सजा दी।

फेक एनकाउंटर को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े?

  • 1,782 शिकायतें फेक एनकाउंटर की 2000 से 2017 के बीच दर्ज की गईं।
  • 1,565 शिकायतों का इस दौरान निराकरण किया गया।
  • 794 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से इन 17 सालों में दर्ज की गईं।

3 सवालों के आधार पर जानिए फेक एनकाउंटर और उससे जुड़े कानून

क्या इस तरह के मामलों में न्यायालय स्वत: संज्ञान ले सकता है?
हिरासत में मौत और फर्जी एनकाउंटर को रोकने के लिए पर्याप्त कानूनी और संवैधानिक प्रावधान हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के फैसले में विस्तृत गाइड लाइन जारी की है। उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर्स की बढ़ती संख्या के बारे में 2 साल से एक याचिका पर सुनवाई हो रही है। विकास दुबे के एनकाउंटर के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका और प्रतिवेदन लंबित हैं। इन सब मामलों पर न्यायिक सुनवाई होगी। इसके अलावा, हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट इस तरह के मामले में स्वत: संज्ञान भी ले सकते हैं।

दोषी पाए जाने वाले पुलिस वालों को अधिकतम कितनी सजा मिल सकती है?

ऐसे मामलों पर यदि हत्या का मामला दर्ज हुआ तो कानून के अनुसार अधिकतम आजीवन कारावास और फांसी की सजा हो सकती है। वैसे भी पुलिस को किसी को भी मारने का अधिकार नहीं है। हालांकि आईपीसी की धारा 100 के तहत पुलिस को आम जनता की तरह आत्मरक्षा का अधिकार है। यदि कोई अपराधी पुलिस हिरासत से या पुलिस मुठभेड़ में भागने की कोशिश करे तो उसे पकड़ने या काबू में करने के लिए सीआरपीसी की धारा 46 के तहत पुलिस बल प्रयोग के इस्तेमाल की इजाजत दी जाती है।
किसी भी एनकाउंटर के बाद पुलिस किस तरह खुद को निर्दोष साबित करती है ?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के पैरा 31.3 में जांच आयोग के लिए अनेक दिशा निर्देश निर्धारित किए हैं। इसके अनुसार मजिस्ट्रेट को सभी साक्ष्य जैसे फिंगर प्रिंट, गवाहों का विवरण और मौका- ए- वारदात के फोटो और वीडियो तुरंत बनवाने का प्रावधान है। पोस्टमार्टम, हथियारों की जांच, मृत्यु का क्राइम सीन जैसे कई पहलुओं की जांच के बाद मजिस्ट्रेट रिपोर्ट बनती है। यूपी में पिछले 3 वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए 119 मामलों में मजिस्ट्रेट जांच के बाद 74 मामलों में पुलिस अधिकारियों को क्लीन चिट मिली।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
वह घटनास्थल जहां कानपुर के पास शुक्रवार को गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ।


from Dainik Bhaskar /national/news/after-all-why-is-uttar-pradesh-police-in-dispute-cases-127504401.html
via

easysaran.wordpress.com

आपने अब तक फर्जी बैंक खाता खाेलने के बारे में ही सुना हाेगा, लेकिन तमिलनाडु में एक युवा ने बैंक की फर्जी ब्रांच खाेलकर देश की सबसे बड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया काे ही चुनाैती दे डाली। करीब 80 हजार की आबादी वाले कस्बे में यह ब्रांच तीन महीने से चल रही थी। एक ग्राहक की शिकायत पर इसका भंडाफाेड़ हुआ। पुलिस ने 19 वर्षीय युवा समेत तीन लाेगाें काे गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी व्यक्ति ने धाेखाधड़ी की शिकायत नहीं की है।

घटना तमिलनाडु के कडलाेर जिले के पनरुत्ती कस्बे की है। यहां स्टेट बैंक की दाे ब्रांच हैं। कुछ दिन पहले एक ब्रांच में ग्राहक पहुंचा और मैनेजर से पूछा, ‘आपने बताया नहीं, शहर में तीसरी ब्रांच खुल गई है?’ यह सुनकर मैनेजर हैरान रह गए। ग्राहक ने कथित ब्रांच से मिली पर्ची दिखाई ताे मैनेजर का माथा ठनका। उन्हाेंने जाेनल ऑफिस में तहकीकात की ताे पता चला काेई ब्रांच नहीं खाेली गई है। इसके बाद वे ‘तीसरी ब्रांच’ पहुंचे ताे सन्न रह गए। वहां फर्नीचर से स्टेशनरी तक असल ब्रांच जैसा था। कैश डिपाॅजिट चालान, रबर स्टैंप, फाइल पर बैंक का नाम प्रिंट था। वहां करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिटर औरदर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने मास्टरमाइंड कमल (19), रबर स्टैंप वेंडर मणिकम (52) औरप्रिंटिंग प्रेस संचालक कुमार (42) काे दबाेचा। इन्हाेंने अप्रैल में ही ब्रांच खाेली थी। यही नहीं, पनरुत्ती बाजार ब्रांच की वेबसाइट भी बनाई गई थी। आरोपी कमल ने बताया कि उसने मां और चाची के अकाउंट के बीच ट्रांजैक्शन किए हैं।

बोला- खुद की बैंक खोलना चाहता था, धोखाधड़ी नहीं की

पूछताछ में कमल ने बताया कि उसके माता-पिता बैंक में नौकरी करते थे। उनके पास बैंक जाने के दाैरान उसे बैंकिंग की जानकारी हाे गई थी। कुछ साल पहले पिता की मौत हाे गई। मां रिटायर हाे गई। अनुकंपा नौकरी के लिए अावेदन किया। इसमें देरी हुई तो ब्रांच खोल ली। वह खुद की बैंक खाेलना चाहता था। हालांकि किसी से धोखाधड़ी नहीं की।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
The banker's son opened a fake branch of the State Bank, operating for three months; Everything from furniture to stationery


from Dainik Bhaskar /national/news/the-bankers-son-opened-a-fake-branch-of-the-state-bank-operating-for-three-months-everything-from-furniture-to-stationery-127504141.html
via

easysaran.wordpress.com

1. विकास दुबे के आखिरी 12 घंटे
गांव का गुंडा गैंगस्टर बन जाए और खादी-खाकी उसे हवा दे दे तो वह तीन साल में 10 देशों की यात्राएं भी कर सकता है। ...तो खबर ये कि बिकरू गांव के गैंगस्टर विकास दुबे की पहुंच बैंकॉक और दुबई तक थी। उसने वहां भी करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट कर रखा था। ...और ये सिर्फ अटकलें नहीं हैं, बल्कि इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट का लखनऊ जोन इसकी जांच में भी जुट गया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला भी दर्ज हो सकता है। शायद 60 से ज्यादा मामलों में अपराधी रहे विकास पर इसी एक्ट के तहत केस लगना बाकी था।

अब कुछ बातें जो हमारे रिपोर्टर्स ने बताईं...
पहली
- जब यूपी पुलिस विकास को कानपुर ले जा रही थी, तो वह रातभर जागता रहा। पूछताछ में उसने कई बड़े नाम कबूले। ऐसे नाम, जिन्हें सुनकर पुलिसवाले एकदूसरे का चेहरा देखने लगे। नाम क्या थे, ये नहीं पता चला। वह बार-बार पुलिस वालों से पूछता रहा कि जेल ही भेजोगे न? फिर बोला- कुछ महीने या सालभर में मुझे बेल मिल जाएगी। मुस्कराते हुए कहता कि रहा कि गुस्से में मुझसे बिकरू में कांड हो गया।

दूसरी- बिकरू गांव में शनिवार को जब भास्कर टीम पहुंची, तो 150 पुलिसवालों के साथ आरएएफ की बटालियन तैनात मिली। गांव के लोगों के चेहरों पर खौफ है। गांव और आसपास के इलाकों के 500 से ज्यादा लोगों के माेबाइल फोन सर्विलांस पर हैं।

2. राजस्थान की राजनीति में नया एंगल
बहुत हुआ विकास (दुबे), चर्चा अब राजनीति की भी है। बात हो रही है राजस्थान की। यहां सत्ता में कांग्रेस है। कॉम्बिनेशन वैसा ही है, जैसा मध्यप्रदेश में था। यानी एमपी में कमलनाथ और सिंधिया, तो राजस्थान में गहलोत और पायलट। फर्क यही कि सिंधिया सरकार में नहीं थे, जबकि पायलट डिप्टी सीएम हैं। खबर यह है कि राजस्थान में सर्विलांस पर रखे गए दो फोन नंबर के जरिए गहलोत सरकार गिराने की साजिश का खुलासा हुआ है।

माना जा रहा है कि जिस तरह सिंधिया को मध्यप्रदेश में ताकत मिली और कांग्रेस का तख्ता पलटकर उन्होंने शिवराज की सरकार बनवा दी, उससे कुछ लोगों को राजस्थान में प्रेरणा मिल गई। राजस्थान सरकार के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के मुताबिक, जो लोग विधायकों को खरीदने की कोशिश में थे, उन्होंने तो नई सरकार भी बना दी थी और इससे वे दो हजार करोड़ रुपए तक कमाने की सोच रहे थे। ...और तो और, वे ये भी कह रहे थे कि सीएम और डिप्टी सीएम झगड़ रहे हैं, इससे सरकार गिराने में आसानी रहेगी।

सर्विलांस पर लिए गए फोन नंबर तो अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले लोगों के थे, लेकिन 3 निर्दलीय विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई और 2 भाजपा नेता हिरासत में ले लिए गए। शुक्रवार देर रात कांग्रेस के 24 विधायकों ने जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर इसे भाजपा की साजिश बताया। वहीं, भाजपा कहने लगी कि नहीं, ये साजिश तो हमारे खिलाफ हुई है।

उधर, सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस की और गोवा, मणिपुर, मध्यप्रदेश के उदाहरण गिनाते हुए बोले- बकरा मंडी में जिस तरह से बकरे बिकते हैं, ये उस तरह की राजनीति हो रही है।

3. स्वामी के आरोप
भाजपा के एक नेता हैं सुब्रमण्यम स्वामी। अपने दावों और आरोपों से चौंकाते हैं। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की सीबीआई जांच की मांग की है। स्वामी ने एक ट्वीट में बॉलीवुड के तीन खानों सलमान, शाहरुख और आमिर को थ्री मस्केटियर्स बताते हुए उनसे पूछा है कि सुशांत के मामले में वे तीनों चुप क्यों हैं?

हालांकि, खबर उन्होंने दूसरे ट्वीट में दी है। उन्होंने कहा है कि तीनों खान की भारत और विदेशों, खासकर दुबई में मौजूद संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। किसने उन्हें बंगले गिफ्ट किए? कैसे उन्होंने यह संपत्ति खरीदी? जांच किसे करनी चाहिए, ये भी उन्होंने बताया है। इसके लिए उन्होंने ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई के नाम लिए हैं।

4. आज रविवार है, करियर की सोचिए
करियर की बात इसलिए क्योंकि टैरोकार्ड्स कह रहे हैं कि 12 में से 9 राशियों के लिए रविवार का दिन करियर के लिहाज से बेहतरीन रहेगा। आप नए जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पुराने इन्वेस्टमेंट का फायदा भी मिल सकता है।

अब ज्योतिष की बात करते हैं। इसके मुताबिक, रविवार को मीन राशि में मौजूद चंद्रमा पर शनि की टेढ़ी नजर पड़ रही है। इससे मेष, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को दिनभर संभलकर रहना होगा।

5. आपके लिए 3 खबरें और... शायद आप इन्हें पढ़ना चाहें

  • पाकिस्तान में हिंदू-सिखों का हाल

पिछले महीने ही पाकिस्तान की इमरान सरकार ने राजधानी इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर बनाने की मंजूरी दी थी। ये इस्लामाबाद का पहला मंदिर होता, लेकिन इस मंदिर की दीवार बन ही रही थी कि कट्टरपंथियों ने इसे तोड़ डाला। पाकिस्तान में हिंदू-सिखों के धार्मिक स्थलों का ऐसा ही हाल है। बंटवारे के समय पाकिस्तान में 428 मंदिर थे। उनमें से 408 दुकान या दफ्तर बन गए। पाकिस्तान में हर साल हजार से ज्यादा लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन...

  • यूपी के 5 बड़े एनकाउंट

यूपी का श्रीप्रकाश शुक्‍ला शार्प शूटर और सुपारी किलर नाम से फेमस था। कहा जाता है कि श्रीप्रकाश ने एक बार मुख्यमंत्री की हत्या की सुपारी ली थी। गर्लफ्रेंड के मोबाइल के सर्विलांस पर होने की वजह से पुलिस उस तक पहुंची और एनकाउंटर कर दिया। रमेश कालिया भी एक समय बड़ा गैंगस्टर था। पुलिस की टीम बाराती बनकर तीन अलग-अलग गाड़ियों में बैठकर उस तक पहुंची थी। इसी तरह घनश्याम केवट यूपी का कुख्यात डकैत था। उसके एनकाउंटर का लाइव टेलिकास्ट हुआ था। पांच बड़े एनकाउंटर की कहानी...

  • बोल्ट वापसी करेंगे?

...और जाते-जाते बात 11 बार के वर्ल्ड चैम्पियन जमैका के उसैन बोल्ट की। महज 9.58 सेकंड में 100 मीटर दौड़ लेने का रिकॉर्ड रखने वाले 33 साल के बोल्ट रिटायरमेंट का फैसला बदल सकते हैं। उन्होंने 2017 में रिटायरमेंट लिया था। 3 ओलिंपिक में 8 गोल्ड उनके नाम हैं। वे कहते हैं कि उनके पूर्व कोच ग्लैन मिल्स कहेंगे, तो वे ट्रैक पर वापसी करेंगे। 200 मीटर रेस में 19.19 सेकंड का रिकॉर्ड...



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Vikas Dubey | News Brief/Dainik Bhaskar Morning Latest [Updates]; Gangster Vikas Dubey Updates, Rajasthan snooping congress government


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Oj1wwG
via

easysaran.wordpress.com

चीन ने गुपचुप तरीके से हांगकांग के लिए नया सुरक्षा कानून (न्यू सिक्योरिटी लॉ) लागू कर दिया। इसे इतना गुप्त रखा गया कि हांगकांग की चीफ एक्जीक्यूटिव तक को ड्राफ्ट पढ़ने को नहीं मिला। यह कानून एक जुलाई से लागू भी हो गया। हांगकांग के लोकतंत्र कार्यकर्ता और दुनियाभर के विशेषज्ञ इसे चीनी तानाशाही और हांगकांग के अस्तित्व पर संकट बता रहे हैं।

टिकटॉक ने कहा कि वह हांगकांग का मार्केट छोड़ देगा। वहीं, फेसबुक, ट्विटर और गूगल ने यूजर डेटा के संबंध में सरकारी रिक्वेस्ट का रिव्यू रोक दिया है। बीजिंग के नए सुरक्षा कानून को लेकर कंपनियां फ्री स्पीच और बिजनेस अवसरों में बैलेंस बनाने में लगी हैं। टेक्नोलॉजी कंपनियों का इस संबंध में रुख ही हांगकांग की पहचान का भविष्य तय करने वाला है। जानते हैं कि क्या है यह नया कानून और हांगकांग के लिए इसके क्या मायने हैं?

सबसे पहले, क्या है पूरा मामला?

  1. ब्रिटेन ने एक जुलाई 1997 को हांगकांग को चीन को सौंपा था। उस समय दोनों के बीच बहुत ही खास एग्रीमेंट हुआ था। इसमें तय हुआ था कि हांगकांग का एक मिनी संविधान होगा यानी बेसिक लॉ। वहीं, यह भी कहा गया था कि "वन कंट्री, टू सिस्टम" चलता रहेगा।
  2. एग्रीमेंट के तहत चीन को हांगकांग की आजादी को कायम रखना था। असेंबली और स्पीच की आजादी, स्वतंत्र ज्युडिशियरी और डेमोक्रेटिक राइट्स भी हांगकांग को देने थे। यह कुछ ऐसी बातें हैं जो आज भी चीन के मेनलैंड में लोगों के पास नहीं है।
  3. इसी एग्रीमेंट के तहत हांगकांग को अपना नेशनल सिक्योरिटी लॉ भी बनाना था। बेसिक लॉ के आर्टिकल 23 में इसे स्पष्ट किया गया था। लेकिन, हांगकांग कभी अपना कानून ही नहीं बना सका।
  4. इसके बाद पिछले साल एक्स्ट्रेडिशन लॉ बनाया तो इस पर प्रदर्शन हिंसक हो गए। यह आगे चलकर चीन-विरोधी और लोकतंत्र-समर्थक आंदोलन बन गया। चीन ऐसा दोबारा नहीं होने देना चाहता, इसलिए उसने सिक्योरिटी लॉ बनाकर लागू कर दिया है।

क्या है हांगकांग का नया कानून?
हांगकांग के नए नेशनल सिक्योरिटी लॉ में 66 आर्टिकल है। सात हजार से ज्यादा शब्द। सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के सभी उपाय किए गए हैं। प्रदर्शन करने वालों पर सख्ती से दंड करने का प्रावधान रखा गया है। नए कानून के तहत सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाना देश तोड़ने की साजिश माना जाएगा। ट्रांसपोर्ट रोकने को आतंकी गतिविधि माना जाएगा।

यदि इसकी वजह से सरकारी या प्राइवेट संपत्ति को या लोगों को नुकसान पहुंचता है तो उम्रकैद की सजा होगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी। यदि कानून के तहत कंपनियां दोषी ठहराई गई तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

हांगकांग के नए कानून में चार गतिविधियों को अपराध बताया गया हैः

  1. सीसेशन यानी अलगावः देश से अलग करने की साजिश।
  2. सबवर्जन या तोड़फोड़ः सत्ता या केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन।
  3. टेररिज्म या आतंकवादः लोगों के खिलाफ हिंसा या नुकसान पहुंचाना।
  4. कोलुजन या मेलजोलः विदेशी ताकतों से किसी भी तरह का मेलजोल।

हांगकांग के लिए इस कानून के क्या मायने हैं?

  1. ब्रिटिशर्स से आजाद होकर 22 साल पहले एक जुलाई को ही यह शहर चीन के अधीन आया था। इस हैंडओवर की 23वीं वर्षगांठ से एक घंटा पहले यानी 30 जून को रात 11 बजे यह नया कानून लागू हुआ।
  2. इससे हांगकांग की जिंदगी पूरी तरह बीजिंग के हाथ में आ गई। आलोचकों का कहना है कि यह कानून प्रभावी तरीके से प्रदर्शनों और फ्रीडम ऑफ स्पीच पर रोक लगाएगा। हालांकि, चीन के मुताबिक यह हांगकांग में स्थिरता लाएगा।
  3. बीजिंग हांगकांग में नया सिक्योरिटी ऑफिस खोलेगा। लॉ एनफोर्समेंट के अधिकारी उसके होंगे। लोकल अथॉरिटी की उन पर नहीं चलेगी। यह ऑफिस कुछ केस ट्रायल के लिए चीन भेजेगा।
  4. हांगकांग को बीजिंग के एडवाइजर को साथ लेकर कानून लागू करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी कमीशन बनाना होगा। हांगकांग के चीफ एक्जीक्यूटिव को नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े केस की सुनवाई के लिए जज अपॉइंट करने होंगे। इससे ज्युडिशियल स्वतंत्रता खत्म होने का डर रहेगा।
  5. सबसे महत्वपूर्ण, बीजिंग को यह अधिकार होगा कि इस कानून को कैसे स्पष्ट किया जाए। हांगकांग की कोई भी ज्युडिशियल या पुलिस बॉडी ऐसा नहीं कर सकेंगी। हांगकांग के कानून से कॉन्फ्लिक्ट होता है तो बीजिंग का कानून प्रभावी होगा।
  6. कुछ सुनवाई बंद कमरे में हो सकेंगी। जिन लोगों पर कानून तोड़ने का संदेह होगा, उनकी जासूसी की जा सकेगी। विदेशी गैर-सरकारी संगठनों और न्यूज एजेंसियों का मैनेजमेंट मजबूत किया जाएगा। यह कानून हांगकांग के अस्थायी नागरिकों के साथ-साथ बाहरी लोगों पर भी लागू होगा।

हांगकांग के लोग क्यों डरे हुए हैं?

  1. बीजिंग ने कहा है कि हांगकांग को नेशनल सिक्योरिटी कायम रखते हुए अपने अधिकारों और आजादी का सम्मान करना होगा।लेकिन, कई लोगों को डर है कि इस कानून की वजह से हांगकांग में आजादी छीन जाएगी।
  2. यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के लीगल स्कॉलर प्रोफेसर जोहानस चान ने बीबीसी से कहा, "यह स्पष्ट है कि नया कानून हांगकांग के लोगों की व्यक्तिगत सुरक्षा को नहीं लेकिन फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन को बुरी तरह प्रभावित करेगा। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के क्रिमिनल सिस्टम को हांगकांग के कॉमन लॉ सिस्टम पर थोपा जा रहा है।"
  3. यह भी रिपोर्ट आ रही हैं कि लोग फेसबुक पर अपने पोस्ट डिलीट कर रहे हैं। उन्हें इस बात का डर है कि नेशनल सिक्योरिटी लॉ का विरोध करने पर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाएगा।
  4. जोशुआ वांग जैसे कुछ लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ता विदेशी सरकारों के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। इस तरह के अभियान भविष्य में अपराध हो जाएंगे। उन्होंने अब डेमोसिस्टो पार्टी छोड़ दी है।
  5. लोगों को यह भी चिंता है कि नए कानून की वजह से हांगकांग की पहचान खो गई तो प्रमुख ग्लोबल बिजनेस हब और इकोनॉमिक पावरहाउस के तौर पर उसका आकर्षण भी प्रभावित हो सकता है।

क्या चीन नए कानून से हांगकांग के आंदोलनों को रोक लेगा?
हैंडओवर एग्रीमेंट में हांगकांग को आजादी की गारंटी दी गई थी, तो चीन वहां आंदोलनों को कैसे रोक लेगा? कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठ सकता है। बेसिक लॉ कहता है कि चीनी कानून हांगकांग में लागू नहीं होंगे। लेकिन, यदि एनेक्शचर-III में वह हैंतो उन्हें हांगकांग में लागू किया जा सकता है। इनमें ज्यादातर कानून ऐसे हैं, जो विदेश नीति से जुड़े हैं या विवादित नहीं हैं।

इन कानूनों को डिक्री के जरिये लागू किया जा सकता है। यानी शहर की संसद से पास किए बिना। आलोचकों का कहना है कि इस तरह कानून लागू करना "वन कंट्री, टू सिस्टम" प्रिंसिपल का उल्लंघन है। यह हांगकांग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन टेक्निकली यह संभव है।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर जेरोम ए. कोहेन ने कहा कि यह कानून हांगकांग को नए युग में लेकर जाएगा, जहां सिविल लिबर्टी पर लगाम कसी रहेगी और कम्युनिस्ट पार्टी की वफादारी को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाएगा।

गूगल, फेसबुक जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों को किस बात का डर है?
नए कानून की वजह से टेक्नोलॉजी के सामने दो ऑप्शन हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के थोपे नए डेटा-शेयरिंग और सेंसरशिप को स्वीकार करें या देश छोड़कर निकल जाएं। उनका फैसला हांगकांग के भविष्य में अंतरराष्ट्रीय बिजनेस हब बनने और डिजिटल फ्री स्पीच में निर्णायक होगा।

फेसबुक, ट्विटर, गूगल, टेलीग्राम, जूम और माइक्रोसॉफ्ट ने हांगकांग सरकार की ओर से आने वाली सभी डेटा रिक्वेस्ट पर जवाब देना बंद कर दिया है। वह अभी नए कानून का रिव्यू कर रहे हैं। ऐपल अब भी कानून का विश्लेषण कर रही है। फेसबुक के पास वॉट्सएप के साथ-साथ इंस्टाग्राम भी है और वह ह्यूमन राइट्स का विश्लेषण कर रहा है।

टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस चाइनीज है। लेकिन टिकटॉक चीन में नहीं है। उसने अपने आपको हांगकांग से पूरी तरह बाहर खींच लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि टेक्नोलॉजी कंपनियां अपने ऑपरेशंस को ताईवान ले जा सकती है या अन्य एशियाई लोकेशंस पर ले जा सकती हैं।

इससे पहले टेक्नोलॉजी कंपनियों ने चीन को कैसे दिया था जवाब?
ऐपल की बात करें तो वह चीन में सक्रिय रही है। सही मायनों में सिलिकन वैली की दिग्गज कंपनियों में वह अकेली है, जिसे चीन में ब्लॉक नहीं किया गया है। उसका मैन्यूफेक्चरिंग बेस चीन में है और बड़ी संख्या में ग्राहक भी। हाल ही में उसने हांगकांग सरकार के कहने पर प्रदर्शनकारियों के इस्तेमाल में आ रहे ऐप को हटाने में भी जल्दबाजी दिखाई थी। इतना ही नहीं पिछले साल ताईवान के झंडे को हांगकांग में इमोजी से बाहर निकाल फेंका था।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Why are companies like Google, Facebook, Twitter afraid of China's imposition of law on Hong Kong?


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ZhXM51
via

easysaran.wordpress.com

कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे हत्याकांड के आठ दिन बाद शुक्रवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद पुलिस एनकाउंटर की संख्या बढ़ी है। योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। इन एनकाउंटर्स में होने वाली मौतों पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पिछले पांच साल की बात करें तो देश मेंं 2015 में सबसे ज्यादा 140 एनकाउंटर ऐसे थे, जिनके फेक होने के मामले दर्ज हुए।

देश में पुलिस एनकाउंटर में कितनी मौतें होती हैं, किन राज्यों में पुलिस एनकाउंटर में सबसे ज्यादा लोग मारे जाते हैं, हर साल कितने फेक एनकाउंटर के केस सामने आते हैं? पुलिस हिरासत में कितनी मौत होती है? पुलिस हिरासत में हुई मौत में शामिल कितने पुलिसवालों को सजा हो पाती है? इस रिपोर्ट में हम इन सवालों का जवाब तलाशेंगे।

यूपी का हाल: योगी के तीन साल में अखिलेश के मुकाबले 7 गुना एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस को एनकाउंटर की खुली छूट दी। इसका असर भी दिखा और विवाद भी हुए। असर ये कि जमानत पर छूटे अपराधी अपनी जमानत कैंसिल करा कर जेल जाने लगे। विवाद वही पुराने जो अधिकतर एनकाउंटर के साथ होते हैं।

जैसे वह एनकाउंटर फर्जी था या फिर उसएनकाउंटर में अपराधी नहीं निर्दोषमारा गया।बात आंकड़ों की करें तो योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। वहीं, अखिलेश सरकार के अंतिम तीन साल में किसी भी साल एनकाउंटर का आंकड़ा दहाई में भी नहीं पहुंचा।

देश का हाल: यूपी में बढ़े पर देश में घटे एनकाउंटर

यूपी में जहां पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले बढ़े हैं। वहीं, पूरे देश की बात करें तो एनकाउंटर में मौत के मामले घट रहे हैं। 2013 से 2018 के बीच के पांच सालों में सबसे ज्यादा मामले 2014-2015 में आए।

2018 में 77% फेक एनकाउंटर यूपी में हुए
6 जनवरी 2019 को गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया कि 2018 में भारत में 22 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 17 यानी 77% से भी ज्यादा उत्तरप्रदेश में हुए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया था कि भारत में 2000 से 2018 के बीच 18 साल में 1804 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 811 फेक एनकाउंटर यानी 45% अकेले उत्तरप्रदेश में हुए।

फेक एनकाउंटर के कारण सरकारों को पांच साल में 28 करोड़ 77 लाख रुपए मुआवजा देना पड़ा
पुलिस एनकाउंटर के फेक साबित होने पर सरकार को विक्टिम के परिवार को मुआवजा देना पड़ता है। मानवाधिकार आयोग ही मुआवजे की रकम तय करता है। 2012 से लेकर 2017 के बीच, उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा 13 करोड़ 23 लाख रुपए मुआवजा देना पड़ा।

योगी सरकार आने से पहले एनकाउंटर में असम-छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मौतें
योगी सरकार आने के पहले देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर असम, मेघालय, छत्तीसगढ़ और झारखंड में होते थे। छत्तीसगढ़ और झारखंड नक्सल प्रभावित हैं। वहीं, असम और मेघालय भी उग्रवाद प्रभावित रहे हैं। योगी सरकार आने के बाद यूपी में इन राज्यों से भी अधिक एनकाउंटर होने लगे।

पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में मौत के मामले में एक भी पुलिसवाले को सजा नहीं हुई

पिछले पांच साल में पुलिस हिरासत में मौत होने पर पुलिसवालों पर 192 केस हुए। 2017 में सबसे ज्यादा 62 केस हुए। केस तो दर्ज होते हैं लेकिन चार्जशीट केवल 61% मामलों में दर्ज हुई। इनमें से एक भी मामले में किसी पुलिसवाले को सजा नहीं हुई है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ पांच साल के दौरान का ट्रेंड है। 2000 से 2018 तक की बात करें तो इन 18 सालों में 810 पुलिसवालों पर केस हुआ। 334 चार्जशीट हुई और सिर्फ 26 को सजा हुई।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Yogi government has 9 times more encounters than Akhilesh, 45% fake encounters in the country are also in Uttar Pradesh


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Cr06h0
via

easysaran.wordpress.com

पूरी दुनिया को आसान तरीके से समझाने के लिए अमेरिका के 100-पीपुल फाउंडेशन ने एक प्रयोग किया। फोटोग्राफर कोरोलिन जोन्स और फिल्ममेकर इजाबेल की मदद से सादुरनी की मदद से एक मॉडल तैयार किया। 7.5 अरब वाली दुनिया की आबादी को 100 लोगों का एक गांव माना। इसके आधार पर बताया कि दुनिया में कितने लोग कौन सा धर्म मानते हैं, कितने लोग कौन-सी भाषा बोलते हैं। कितने लोग ओवरवेट हैं और कितने सामान्य हैं।

जैसे दुनियाभर में 60 एशियन, 16 अफ्रीकन, 14 अमेरिकन और 10 यूरोपियन हैं। धर्म के आधार पर समझें तो 31 ईसाई, 23 मुस्लिम, 15 हिन्दू, 7 बौद्ध और 24 अन्य धर्म से जुड़े हैं। 100-पीपुल फाउंडेशन स्टूडेंट्स के लिए काम करती है जो दुनिया के कठिन विषयों को आसान भाषा में समझाने के लिए जाना जाता है। फाउंडेशन ने जो आंकड़े जारी किए उसे तस्वीरों से समझिए...



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
The easiest way to know the 7.5 billion population, the American research team explained it as a village of 100 people if the World were 100 PEOPLE how wil you understand the world data analysis


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ZZArUW
via

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via