भोपाल. बेंगलुरु में ठहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने रविवार सुबह एक नया वीडियो जारी कर जान को खतरा बताया है। विधायकों ने वीडियो में कहा कि उन्होंनेअपनेइस्तीफा दे दिएहैं।सभी भोपाल आना चाहते हैं, इसके लिए उन्हेंसीआरपीएफ की सुरक्षा दी जाए। सभी ने कांग्रेस सरकार से खुद को खतरा बताया है। विधायकों का तर्क है किजब सिंधियाजी परभोपाल में हमला कियाजा सकता है तो हमें भी खतरा है।
विधायकों ने कहा किहम अपनी स्वेच्छा से यहां आए हुए हैं। किसी ने हमें बंधक नहीं बनाया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए संभावनाहै कि हमें विधानसभास्पीकर से मिलने नहीं दिया जाए। विधायकों ने यह भी कहा कि अगर परिजनद्वारा कोई शिकायत की जाए तो उसे अमान्य कर दिया जाए।
कांग्रेस ने कहा- विधायकों से जबरदस्ती वीडियो बनवाए जा रहे
इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता जफर ने वीडियो की विश्वसनीयता पर सवाल किए हैं। उन्होंने इमरती देवी का एक वीडियो जारी किया है। इसमें फुसफुसाने की आवाज आ रही है। कांग्रेस का कहना है किये वीडियो विधायकों से जबरदस्ती बनवाए जा रहेहैं।
बेंगलुरु में ठहरे22 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे भेजे हैं। इनमेंसे6 विधायकोंकी सदस्यता शनिवार शाम को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने समाप्त कर दी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल पहले हीतुलसीराम सिलावट, महेंद्र सिंह चौहान,डॉ. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, गोविंद सिंह और प्रद्युम्न सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर चुके हैं।
भोपाल.मध्य प्रदेश का सियासी घमासान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। जयपुर में रखे गए कांग्रेस के 82 विधायक रविवार को पांचवें दिनभोपाल आ गए। एयरपोर्ट से विधायकों को सीधे सीएम हाउस ले जाया जा रहा है। आजशाम को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक है। संभावना है कि सोमवार को कांग्रेस विधायकों को सीएम हाउस से ही विधानसभा ले जाया जाएगा। राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। कांग्रेस के सभी विधायक 11 मार्च को जयपुर भेजे गए थे।
भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार सुबह कहा कि प्रदेश की राजनीति में कुहासे के बादल छंटते जा रहे हैं। और आजशामको पूरे बादल छट जाएंगे। उन्होंने कवि दुष्यंत की कविता का उल्लेख करते हुए कहा-'मत कहो, आकाश में कुहरा घना है,यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।' उन्होंने 6 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार से विधायकों को नोटिस दिए थे, उसी तरह से कार्रवाई की है। संभावना है कि अध्यक्ष आज भी कुछ निर्णय ले सकते हैं। शाम तक काफी कुछ स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
कांग्रेस ने व्हिप जारी किया, भाजपा विधायक दल की बैठक भी आज हो सकती
इधर, विधायक दल के मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पूरे सत्र के लिए व्हिप जारी किया है। इससे अब कांग्रेस विधायकों को सत्र के दौरान पूरे समय उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। उधर, भाजपा विधायक दल की बैठक भी रविवार को हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली गए हुए हैं। इधर, गुड़गांव केमानेसरमें एक रिजॉर्ट में ठहरेभाजपा विधायकों को भी रविवार या सोमवार सुबह भोपाल लाया जा सकता है।
सिंधिया समर्थक विधायकों को कल लाए जाने की संभावना
भाजपा विधायकों के बारे में संभावना जताई जा रही है कि उन्हें सोमवार अलसुबह भोपाल लाया जाएगा। वहीं, बेंगलुरुसे ज्योतिरादित्य समर्थक कांग्रेस विधायकों को भी कल विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भोपाल लाया जाएगा। विधायक एयरपोर्ट से सीधे विशेष सुरक्षा व्यवस्था में सदन में लाया जाएगा। स्पीकर ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को आज तक उपस्थित होने का समय दिया है।
6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर, सरकार पर संकट
इधर, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शनिवार कोकांग्रेस के सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। दोनों ही हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
16 विधायकों के इस्तीफे परस्पीकर को फैसला लेना बाकी
जिन 16 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उन पर स्पीकर को फैसला लेना बाकी है। अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो 16 और विधायकों की सदस्यता चली जाएगी। ऐसे मेंकांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। 6 इस्तीफे मंजूर होने के बाद अब उन्हें रिक्त घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल.मध्य प्रदेश का सियासी घमासान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। जयपुर में रखे गए कांग्रेस के 82 विधायक रविवार को पांचवें दिनभोपाल आ गए। एयरपोर्ट से विधायकों को सीधे सीएम हाउस ले जाया जा रहा है। आजशाम को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक है। संभावना है कि सोमवार को कांग्रेस विधायकों को सीएम हाउस से ही विधानसभा ले जाया जाएगा। राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। कांग्रेस के सभी विधायक 11 मार्च को जयपुर भेजे गए थे।
भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने रविवार सुबह कहा कि प्रदेश की राजनीति में कुहासे के बादल छंटते जा रहे हैं। और आजशामको पूरे बादल छट जाएंगे। उन्होंने कवि दुष्यंत की कविता का उल्लेख करते हुए कहा-'मत कहो, आकाश में कुहरा घना है,यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।' उन्होंने 6 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जिस प्रकार से विधायकों को नोटिस दिए थे, उसी तरह से कार्रवाई की है। संभावना है कि अध्यक्ष आज भी कुछ निर्णय ले सकते हैं। शाम तक काफी कुछ स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
कांग्रेस ने व्हिप जारी किया, भाजपा विधायक दल की बैठक भी आज हो सकती
इधर, विधायक दल के मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पूरे सत्र के लिए व्हिप जारी किया है। इससे अब कांग्रेस विधायकों को सत्र के दौरान पूरे समय उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। उधर, भाजपा विधायक दल की बैठक भी रविवार को हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली गए हुए हैं। इधर, गुड़गांव केमानेसरमें एक रिजॉर्ट में ठहरेभाजपा विधायकों को भी रविवार या सोमवार सुबह भोपाल लाया जा सकता है।
सिंधिया समर्थक विधायकों को कल लाए जाने की संभावना
भाजपा विधायकों के बारे में संभावना जताई जा रही है कि उन्हें सोमवार अलसुबह भोपाल लाया जाएगा। वहीं, बेंगलुरुसे ज्योतिरादित्य समर्थक कांग्रेस विधायकों को भी कल विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भोपाल लाया जाएगा। विधायक एयरपोर्ट से सीधे विशेष सुरक्षा व्यवस्था में सदन में लाया जाएगा। स्पीकर ने इस्तीफा देने वाले विधायकों को आज तक उपस्थित होने का समय दिया है।
6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर, सरकार पर संकट
इधर, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शनिवार कोकांग्रेस के सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। यदि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाता है या वे सदन में उपस्थित नहीं हुए तो कांग्रेस सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। दोनों ही हालात में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
16 विधायकों के इस्तीफे परस्पीकर को फैसला लेना बाकी
जिन 16 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं उन पर स्पीकर को फैसला लेना बाकी है। अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो 16 और विधायकों की सदस्यता चली जाएगी। ऐसे मेंकांग्रेस सरकार में शामिल सदस्यों की संख्या 121 से 99 हो जाएगी। विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा। 6 इस्तीफे मंजूर होने के बाद अब उन्हें रिक्त घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।
गांधीनगर/जयपुर. गुजरात में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा ने अपने 3 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। कांग्रेस को डर है कि भाजपा तीसरी सीट जीतने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग कर सकती है। इसलिए कांग्रेस के 14 विधायकों को जयपुर भेजा गया है। उम्मीद है कि 36 विधायकों को और भेजा जाएगा।
विधायकों के जयपुर पहुंचने परहवाई अड्डे पर राजस्थानसरकार में मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने अगवानीकी। सभी विधायकों को एक रिजॉर्ट में ले जाया गया है। विधायकों को मोबाइल न रखने की हिदायत दी गई। वे परिवार या परिचित से मुलाकात भीनहीं कर सकते।
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को कांग्रेस हाईकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रही है। इसी कारण सभी विधायकों को राजस्थान लेकर आया जा रहा है। गुजरात में 26 मार्च को राज्यसभा के लिए मतदान होना है।
कांग्रेस: सभी 73 विधायकों को सुरक्षित रखने की यहप्लानिंग
14 विधायक जयपुर भेजे।36 को और भेजा जाएगा। संभव है ये विधायक उदयपुर शिफ्ट किए जाएंगे।
अन्य 5 विधायकों को गुजरात में ही एक रिजॉर्ट में ले जाया जाएगा।
15 से 18 विधायक गुजरात में रहेंगे और विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे।
ये 14 विधायक पहुंचे राजस्थान
लखाभाई भरवाड़ (वीरमगाम), पूनम परमार (सोजित्रा), जिनी बेन ठाकुर (वाव), चंदनजी ठाकुर (सिद्धपुर), रित्विक मकवाना (चोटिला), चिराग कालरिया (जामजोधपुर), बलदेव ठाकुर (कलोल), नाथाभाई पटेल (धनेरा), हिम्मतसिंह पटेल (बापूनगर), इंद्रजीत ठाकुर (महुधा), राजेश गोहिल (ढांढुका), हर्षद रिबदिया (विसावदर), अजीत सिंह चौहान (बालासिनोर) और कांति परमार (ठासरा) शामिल हैं।
कांग्रेस के 4 विधायकों के इस्तीफे की चर्चा
कांग्रेस के 4 विधायक अमरीश डेर, पदुम सिंह जडेजा, जे.वी. काकड़िया और भरतजी ठाकोर के बारे में कुछ पता नहीं है। चर्चा है कि सभी चार विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष का इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में भास्कर से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि वे वडोदरा में हैं। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
भाजपा एक सीट खो सकती है
गुजरात विधानसभा में भाजपा के मौजूदा विधायकों की संख्या को देखते हुए राज्यसभा में उसके एक सीट खोने का डर है। ऐसे में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर है। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस ने पाटीदार उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया और पार्टी में आपसी गुटबाजी भी है, इसका फायदाभाजपा को मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा तीनों सीटें जीतेगी। उधर, कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी।
गुजरात में राज्यसभा सीट जीतने का गणित
180 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा के 103 विधायक हैं। उसे राकांपाके एक और भारतीय ट्राइबल पार्टी(बीटीपी) के 2विधायकों का समर्थन है। ऐसे में उसके पास कुल 106 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं। निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी के समर्थन से उसका संख्याबल 74 का है। राज्य की एक विधानसभा सीट जीतने के लिए 37 वोट की जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा को 2और कांग्रेस को एक सीट आसानी से मिल जाएगी। चौथी सीट पर का फैसला दूसरी वरीयता के वोट से होगा। भाजपा 3सीट जीतने का दावा कर रही है। यही कारण है, जिसके चलते कांग्रेस को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है।
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर की अपनी पार्टी के 24 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास परमोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात में राज्य के कई मुद्दों पर चर्चा की।मोदी ने राज्य के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही नेताओं को युवाओं की आवाज बनने के लिए कहा। युवा सशक्तिकरण पर मोदी ने कहा, ‘‘युवाओं को जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कौशल विकास के महत्व और युवाओं के लिए जम्मू और कश्मीर में रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर भीजोर दिया।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, ‘‘प्रतिनिधिमंडल और मोदी के बीच जम्मू-कश्मीर की तस्वीर बदलने के लिए जनभागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। बातचीत के दौरान मोदीने नेताओं से आम लोगों की आवाज उठाने वाले प्रशासन की आवश्यकता पर जोर दिया। मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने मोदी को जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए उनके समर्थन और प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में सरकार के प्रयासों, सुरक्षा एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रयासों की भी सराहना की।
8 मार्च को बुखारी ने अपनी पार्टी बनाई थी
मोदी से मुलाकात के बाद बुखारी ने कहा, ‘‘मोदी ने भरोसा दिलाया है कि राज्य में डेमोग्रेफिट चैंज (जनसांख्यिकी संबंधी बदलाव) नहीं होंगे। वह जानते हैं कि जम्मू और कश्मीर के लोग देश के बाकि राज्यों की तरह ही समान अधिकार चाहते हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने किया। वे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेताऔर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री रहे हैं। उन्होंने आठ मार्च को ही अपनी पार्टी का गठन किया था।
Prime Minister's Office (PMO): Prime Minister Narendra Modi met a 24-member delegation from Jammu & Kashmir’s Apni Party led by Altaf Bukhari at Lok Kalyan Marg in Delhi today. pic.twitter.com/WcN0JI4goL
फारूख और उमर की रिहाई के एक दिन बाद हुई मुलाकात
अपनी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल और मोदी की मुलाकात नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी समाप्त किए जाने के बाद के एक दिन हुई। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंद फारूक अब्दुल्ला को मुक्त किया था। अपनी रिहाई के बाद शनिवार को फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर के हरि निवास में अपने बेटे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। 5 अगस्त को राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिता फारूक अब्दुल्ला की बेटे उमर अब्दुल्ला से यह पहली मुलाकात थी।
from Dainik Bhaskar /national/news/prime-minister-modi-met-24-leaders-of-apni-party-said-become-the-voice-of-youth-in-the-development-of-the-state-126978742.html
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इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अब तक कोरोनावायरस के 32मामले सामने आ चुके हैं। यह संख्या अन्य देशों के मुकाबले बेहद कम है लेकिन यहां सरकार और प्रशासन फिर भी डरे हुए हैं। डर का कारण है- पाकिस्तान काकोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दो देश चीन और ईरानसे घिरा होना। पाकिस्तान की 956 किमी लंबी सीमा ईरान से और 523 किमी लंबी बॉर्डर चीन से लगी हुई हैं। तीनों देशों के सैकड़ों नागरिक रोजाना ये बॉर्डर क्रॉस करते हैं। रोजमर्रा के काम और शिया समुदाय के धर्मस्थल देखने के लिए सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक हर दिन ईरान जाते हैं।वहीं, अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना के कारण चीनी नागरिकों की संख्या यहां बहुत ज्यादा है। यहांचीन के लोगों के साथ काम करने वाले पाकिस्तानियों में कोरोनावायरस का खौफसबसे ज्यादा है।
ईरान से धार्मिक यात्रा से लौट रहे पाकिस्तानियों की स्क्रीनिंग के लिए बार्डर पर बना अस्थायीहॉस्पिटल
पाकिस्तान के लिए बड़ी समस्या यह है कि चामान इलाके से सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक रोजमर्रा के कामकाज और धार्मिक यात्रा के लिएईरान जाते हैं। महज, धार्मिक यात्रा करने वालों की ही संख्या सैकड़ों में हैं। पिछले साल ईरान में मुस्लिम धर्म के पवित्र स्थलों को देखने के लिए 1 लाख 20 हजार पाकिस्तानियों ने ईरान की यात्रा की थी। ईरान के शहर मशादऔर कौमपाकिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लिए पवित्र धर्म स्थल माने जाते हैं। मशाद में ही मुस्लिमों के आठवें इमाम रेजाका मकबरा है। यहां बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग आते हैं। इन जगहों पर धार्मिक यात्रा कर लौटने वालों के लिए बलूचिस्तान प्रांत में ईरान-पाकिस्तान सीमा से लगे ताफतान शहर में एक अस्थायी हॉस्पिटल बना रखा है। 100 बेड के इस हॉस्पिटल में इन धर्मावलंबियों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
ईरान से लौट 960 लोगों को क्वारटाइन किया गया, पाक-ईरान के बीच उड़ानें भी रद्द
सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे 960 धर्मावलंबियों को ईरान से वापस लौटने के बाद फौरन क्वारैंटाइन (अलग-थलग) किया गया है। पाकिस्तानी अधिकारी के मुताबिक, यह फैसला कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है। सिंध प्रांत के मंत्री डॉ. अजरा फजल पेचुहो ने पिछले बुधवार को साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा था, ‘‘धार्मिक यात्रा कर ईरान से लौटे सैकड़ों परिवारों को सिंध प्रांत के अलग-अलग इलाकों में क्वारैंटाइनकिया गया है। इन लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण नहीं देखे गए,लेकिन ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।’’लाहौर और क्वेटा से ईरान के मशाद के बीच पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स की 2 फ्लाइटें हैं। दोनों ही बंद कर दी गई हैं। दोनों देशों के बीच सड़क और रेलमार्ग से होने वाला आवागमन भी पिछले हफ्ते बंद कर दिया गया था।
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करने वाले पाक नागरिकों मेंडर
सीपीईसीके अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर जो पाकिस्तानी नागरिक, चीन के नागरिकों के साथ काम कर रहे हैं। उनमेंडर का माहौल ज्यादा है। सीपीईसी के एक प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे सिविल इंजीनियर इकबाल हुसैन बताते हैं कि हम जैसे लोग जो रोजाना चीनी लोगों के साथ यहां काम कर रहे हैं, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में डर तो लग ही रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक, 2013 तक पाकिस्तान में 20 हजार चीनी प्रवासी रहते थे,लेकिन सीपीइसी के बाद 2018 में इनकी संख्या 60 हजार पहुंच गई। पाकिस्तान में 400 से ज्यादा चीनी कंपनियां अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में चीनी और पाकिस्तानी नागरिक काम करते हैं और ये नियमित तौर पर चीन जाते रहते हैं। इससे कोरोनावायरस के यहां फैलने का डर और ज्यादा बना हुआ है। इमरान सरकार इस स्थिति से चिंतित है और इसी कारण से पाकिस्तान के चार एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले हर यात्री की स्क्रीनिंग करने का फैसला लिया गया है। पाकिस्तान केनागरिक उड्डयन विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया किस्वास्थ्य मंत्रालय के हर आदेश के मुताबिक कदमउठाए जा रहे हैं। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
चीन में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों की वतन वापसी का अब तक इंतजार
हजारों की संख्या में पाकिस्तानी स्टूडेंट हर साल चीन जाते हैं। करीब 22 हजार पाकिस्तानी स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं। चीन में पढ़ रहे ज्यादातर पाकिस्तानी छात्रों का अब तक रेस्क्यू नहीं किया गया है। इन छात्रों के परिवारों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कई दिनों से जारी है। पिछले हफ्तेइन परिवारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से सवाल पूछा था कि बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी अपने छात्रों को चीन से रेस्क्यू कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार अब तक यह क्यों नहीं कर पाई?परिवारों ने यह भी कहा था कि उनकी मांग पर एक्शन नहीं लिया गया तो वे विदेश मंत्रालय और चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बाजार से मास्क गायब, कालाबाजारी भी हो रही
पाकिस्तान में दो कोरोनोवायरस मामलों की पुष्टि होने के बाद से ही इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने एक नोटिफिकेशन में दुकानदारों को सुरक्षा मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनकी कालाबाजारी न करने की सलाह दी थी। जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है,लेकिनहालात बुरे हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच पाकिस्तान के बाजारों से रेस्पिरेटरी मास्क गायब हो चुके हैं। इन्हें अवैध रूप से ज्यादा कीमतों में बेचा जा रहा है। मास्क का जो पैकेट 80 पाकिस्तानी रुपए का है, वह 1800 रुपए में बेचा जा रहा है।
पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में पहली बार बिना दर्शक के खेल जा रहे मैच
पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मैच बिना दर्शक के खेले जा रहे हैं। यहां सिंध प्रांत में लगातार बढ़े कोरोनावायरस के मामलों के बाद राज्य सरकार ने कराची में होने वाले पाकिस्तान सुपर लीग के मुकाबलोंमें दर्शकों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने बताया, ‘‘हमनेफैसला लिया है कि कराची में सभी मैच खेले जाएंगे, लेकिन दर्शकों को स्टेडियम में घुसने की इजाजत नहीं होगी। लीग के आगे होने वाले मुकाबले बंद स्टेडियम में खेले जाएंगे। कोरोनावायरस किसी जंगल में आग की तरह फैल रहा है। ऐसे में हम अपने नागरिकों जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते।’’
कराची नेशनल स्टेडियम में पीसीएल के 2मैच होने बाकी हैं। 15 और 17 मार्च को यह मुकाबले खेले जाने हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मैच तय समय पर ही होंगे, लेकिन बिना दर्शकों के। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सरकार की सलाह पर कराची में होने वाले पीसीएल के सभी मैच खाली स्टेडियम में खेले जाएंगे। यह फैसला खिलाड़ियों, दर्शकों, अधिकारियों और मीडिया की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक, जो दर्शक मैच के टिकट खरीद चुके थे, उन्हें उनके पैसे वापस मिल जाएंगे।’’
खेल डेस्क. कोरोनावायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने टोक्यो ओलिंपिक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) और मेडिकल ऑफिसर समेत अन्य संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। आबे ने कहा कि ओलिंपिक को लेकर सभी तैयारियां पटरी पर हैं। इसको टालने या रद्द करने पर विचार नहीं कर रहे। आबे के मुताबिक इवेंट तय समय पर ही होगा। इस साल ओलिंपिक जापान की राजधानी टोक्यो में 24 जुलाई से 9 अगस्त तक होंगे।
रविवार सुबह तक दुनिया में कोरोनावायरस के कुल 1,56,533 मामले सामने आए हैं। सभी की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। 151 देशों में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 5835 तक पहुंच गई है। खेलों पर भी इसका बड़ा असर दिखा। फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस, लंदन मैराथन समेत अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स को रद्द या टाल दिया गया है।
आबे ने ट्रम्प से फोन पर बात की
शुक्रवार को आबे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से ओलिंपिक को लेकर फोन पर बात की। इस पर आबे ने कहा, ‘‘ओलिंपिक को सुरक्षित तौर पर सफल बनाने के लिए जापान और अमेरिका एक-दूसरे के सहयोग के लिए तैयार हैं। हम सबसे पहले वायरस संक्रमण के प्रसार को दूर करने और बिना किसी अड़चन के तय योजना के अनुसार ओलिंपिक कराने पर काम कर रहे हैं। मैं फुकुशिमा जाना चाहता हूं और वहां पर ओलिंपिक मशाल रिले की शुरुआत का गवाह बनना चाहता हूं।’’
डब्ल्यूएचओ की सलाह के बाद रद्द या टालने का फैसला होगा: आईओसी प्रमख
इंटरनेशल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक ने 12 मार्च को कहा था कि कोरोनावायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से सलाह ली जा रही है। इसके बाद ही ओलिंपिक को रद्द करने या टालने का फैसला लिया जाएगा। फिलहाल, ऐसी कोई संभावना नहीं है और ओलिंपिक की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
ट्रम्प ने कहा था- खाली स्टेडियम में कराने से अच्छा ओलिंपिक को टाल दें
ट्रम्प ऐसे पहले विदेशी नेता हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक को टालने की सलाह दी थी। हाल ही में ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा था कि टूर्नामेंट को एक साल के लिए टाल देना चाहिए। यह शर्मनाक होगा, लेकिन खाली स्टेडियम में ओलिंपिक कराने से तो बेहतर है। इसके अगले दिन टोक्यो की गर्वनर यूरिको कोएके ने कहा था कि कोरोनावायरस का ओलिंपिक पर प्रभाव जरुर पड़ सकता है, लेकिन इन खेलों को रद्द नहीं किया जाएगा। इस बीच यूनान ओलिंपिक समिति के सूत्र ने बताया कि टूर्नामेंट को लेकर कोई भी फैसला मई में किया जाएगा।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अब तक कोरोनावायरस के 32मामले सामने आ चुके हैं। यह संख्या अन्य देशों के मुकाबले बेहद कम है लेकिन यहां सरकार और प्रशासन फिर भी डरे हुए हैं। डर का कारण है- पाकिस्तान काकोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दो देश चीन और ईरानसे घिरा होना। पाकिस्तान की 956 किमी लंबी सीमा ईरान से और 523 किमी लंबी बॉर्डर चीन से लगी हुई हैं। तीनों देशों के सैकड़ों नागरिक रोजाना ये बॉर्डर क्रॉस करते हैं। रोजमर्रा के काम और शिया समुदाय के धर्मस्थल देखने के लिए सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक हर दिन ईरान जाते हैं।वहीं, अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना के कारण चीनी नागरिकों की संख्या यहां बहुत ज्यादा है। यहांचीन के लोगों के साथ काम करने वाले पाकिस्तानियों में कोरोनावायरस का खौफसबसे ज्यादा है।
ईरान से धार्मिक यात्रा से लौट रहे पाकिस्तानियों की स्क्रीनिंग के लिए बार्डर पर बना अस्थायीहॉस्पिटल
पाकिस्तान के लिए बड़ी समस्या यह है कि चामान इलाके से सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिक रोजमर्रा के कामकाज और धार्मिक यात्रा के लिएईरान जाते हैं। महज, धार्मिक यात्रा करने वालों की ही संख्या सैकड़ों में हैं। पिछले साल ईरान में मुस्लिम धर्म के पवित्र स्थलों को देखने के लिए 1 लाख 20 हजार पाकिस्तानियों ने ईरान की यात्रा की थी। ईरान के शहर मशादऔर कौमपाकिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय के लिए पवित्र धर्म स्थल माने जाते हैं। मशाद में ही मुस्लिमों के आठवें इमाम रेजाका मकबरा है। यहां बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग आते हैं। इन जगहों पर धार्मिक यात्रा कर लौटने वालों के लिए बलूचिस्तान प्रांत में ईरान-पाकिस्तान सीमा से लगे ताफतान शहर में एक अस्थायी हॉस्पिटल बना रखा है। 100 बेड के इस हॉस्पिटल में इन धर्मावलंबियों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
ईरान से लौट 960 लोगों को क्वारटाइन किया गया, पाक-ईरान के बीच उड़ानें भी रद्द
सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे 960 धर्मावलंबियों को ईरान से वापस लौटने के बाद फौरन क्वारैंटाइन (अलग-थलग) किया गया है। पाकिस्तानी अधिकारी के मुताबिक, यह फैसला कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है। सिंध प्रांत के मंत्री डॉ. अजरा फजल पेचुहो ने पिछले बुधवार को साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा था, ‘‘धार्मिक यात्रा कर ईरान से लौटे सैकड़ों परिवारों को सिंध प्रांत के अलग-अलग इलाकों में क्वारैंटाइनकिया गया है। इन लोगों में कोरोनावायरस के लक्षण नहीं देखे गए,लेकिन ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।’’लाहौर और क्वेटा से ईरान के मशाद के बीच पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स की 2 फ्लाइटें हैं। दोनों ही बंद कर दी गई हैं। दोनों देशों के बीच सड़क और रेलमार्ग से होने वाला आवागमन भी पिछले हफ्ते बंद कर दिया गया था।
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में काम करने वाले पाक नागरिकों मेंडर
सीपीईसीके अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर जो पाकिस्तानी नागरिक, चीन के नागरिकों के साथ काम कर रहे हैं। उनमेंडर का माहौल ज्यादा है। सीपीईसी के एक प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे सिविल इंजीनियर इकबाल हुसैन बताते हैं कि हम जैसे लोग जो रोजाना चीनी लोगों के साथ यहां काम कर रहे हैं, उन्हें यह बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में डर तो लग ही रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक, 2013 तक पाकिस्तान में 20 हजार चीनी प्रवासी रहते थे,लेकिन सीपीइसी के बाद 2018 में इनकी संख्या 60 हजार पहुंच गई। पाकिस्तान में 400 से ज्यादा चीनी कंपनियां अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में चीनी और पाकिस्तानी नागरिक काम करते हैं और ये नियमित तौर पर चीन जाते रहते हैं। इससे कोरोनावायरस के यहां फैलने का डर और ज्यादा बना हुआ है। इमरान सरकार इस स्थिति से चिंतित है और इसी कारण से पाकिस्तान के चार एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले हर यात्री की स्क्रीनिंग करने का फैसला लिया गया है। पाकिस्तान केनागरिक उड्डयन विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया किस्वास्थ्य मंत्रालय के हर आदेश के मुताबिक कदमउठाए जा रहे हैं। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
चीन में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों की वतन वापसी का अब तक इंतजार
हजारों की संख्या में पाकिस्तानी स्टूडेंट हर साल चीन जाते हैं। करीब 22 हजार पाकिस्तानी स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं। चीन में पढ़ रहे ज्यादातर पाकिस्तानी छात्रों का अब तक रेस्क्यू नहीं किया गया है। इन छात्रों के परिवारों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कई दिनों से जारी है। पिछले हफ्तेइन परिवारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से सवाल पूछा था कि बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी अपने छात्रों को चीन से रेस्क्यू कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार अब तक यह क्यों नहीं कर पाई?परिवारों ने यह भी कहा था कि उनकी मांग पर एक्शन नहीं लिया गया तो वे विदेश मंत्रालय और चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बाजार से मास्क गायब, कालाबाजारी भी हो रही
पाकिस्तान में दो कोरोनोवायरस मामलों की पुष्टि होने के बाद से ही इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने एक नोटिफिकेशन में दुकानदारों को सुरक्षा मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनकी कालाबाजारी न करने की सलाह दी थी। जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है,लेकिनहालात बुरे हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच पाकिस्तान के बाजारों से रेस्पिरेटरी मास्क गायब हो चुके हैं। इन्हें अवैध रूप से ज्यादा कीमतों में बेचा जा रहा है। मास्क का जो पैकेट 80 पाकिस्तानी रुपए का है, वह 1800 रुपए में बेचा जा रहा है।
पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में पहली बार बिना दर्शक के खेल जा रहे मैच
पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मैच बिना दर्शक के खेले जा रहे हैं। यहां सिंध प्रांत में लगातार बढ़े कोरोनावायरस के मामलों के बाद राज्य सरकार ने कराची में होने वाले पाकिस्तान सुपर लीग के मुकाबलोंमें दर्शकों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने बताया, ‘‘हमनेफैसला लिया है कि कराची में सभी मैच खेले जाएंगे, लेकिन दर्शकों को स्टेडियम में घुसने की इजाजत नहीं होगी। लीग के आगे होने वाले मुकाबले बंद स्टेडियम में खेले जाएंगे। कोरोनावायरस किसी जंगल में आग की तरह फैल रहा है। ऐसे में हम अपने नागरिकों जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते।’’
कराची नेशनल स्टेडियम में पीसीएल के 2मैच होने बाकी हैं। 15 और 17 मार्च को यह मुकाबले खेले जाने हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मैच तय समय पर ही होंगे, लेकिन बिना दर्शकों के। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सरकार की सलाह पर कराची में होने वाले पीसीएल के सभी मैच खाली स्टेडियम में खेले जाएंगे। यह फैसला खिलाड़ियों, दर्शकों, अधिकारियों और मीडिया की सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक, जो दर्शक मैच के टिकट खरीद चुके थे, उन्हें उनके पैसे वापस मिल जाएंगे।’’
नई दिल्ली.कोरोनावायरस फैलने के बाद से ईरान में फंसे 234 लोग रविवार सुबह महान एयरलाइंस के विमान से मुंबई पहुंचे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। यह तीसरा मौका है जब ईरान में फंसे भारतीयविशेष विमान से भारत लाए गए। इस बीच, भारतीय सेना ने विदेश से लौटने वाले लोगों की जांच के लिए राजस्थान के जैसेलमेर में 1000 लोगों को रखने में सक्षम क्वारैंटाइन सेंटर बनाया है। देश में अब तक 99 संक्रमितों की पुष्टि हुई है।महाराष्ट्र मेंशनिवार तक सबसे ज्यादा 26 संक्रमित मिले।
234 Indians stranded in #Iran have arrived in India; including 131 students and 103 pilgrims.
Thank you Ambassador @dhamugaddam and @India_in_Iran team for your efforts. Thank Iranian authorities.
एयर इंडिया का एक विमान इटली के मिलान से 211 भारतीय छात्र और 7 विदेशी नागरिकों को लेकरदिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। यह रविवार दोपहर पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री मोदी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात करेंगे
कोरोना संकट पर चर्चा के लिएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 5 बजे सार्क देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इसमें पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश और भूटान के नेता शामिल होंगे। मोदी ने ही सार्क देशों से चर्चाकी पहल की थी।
देश में सबसे ज्यादा संक्रमित महाराष्ट्र में
देश के13 राज्यों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। महाराष्ट्र मेंशनिवार तक सबसे ज्यादा 26 संक्रमित मिले। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए 31 मार्च तक राज्य के सभी शॉपिंग मॉल को बंद रखने का आदेश दिया है। रविवार से राज्य में सभीशॉपिंग मॉल बंद कर दिए गए। राज्यमें सिनेमा हॉल और स्कूलपहले ही बंद किए जा चुके हैं।
अपडेट्स :
कर्नाटक के मैसूर पैलेस को 15 मार्च से 22 मार्च तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। कर्नाटक में एक संक्रमित की मौत होने के बाद से सरकार ने सभी ऐसे स्थानों को बंद करने का आदेश दिया है जहां पर लोग ज्यादा संख्या में पहुंचते हों।
आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन से पहले कतार में लगने के लिए अलग-अलग कंपार्टमेंट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। मंदिर का प्रबंधन देखने वालेतिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट ने कहा है कि फिलहाल श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए टाइम स्लॉट के हिसाब से टोकन दिए जाएंगे।
वॉशिंगटन. कोरोनावायरस के मामले फिलहालथमते नजर नहीं आ रहे। रविवार सुबह तक दुनिया में कुल 1 लाख 56 हजार 533 मामले सामने आए।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए थे। उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है।फ्रांस ने देश के सभी रेस्टोरेंट और कैफे बंद कर दिए हैं। स्पेन, जर्मनी और इजराइल ने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की आवाजाही पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पहले टेस्ट से इनकार
ट्रम्प कुछ दिन पहले ब्राजील के डेलिगेशन से मिले थे। इस दौरान उन्होंने वहां के संचार प्रमुख फेबिओ वानगार्टन के साथ डिनर भी किया था। बाद में वानगार्टन कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। पहले ट्रम्प और उपराष्ट्रपति पेंस ने टेस्ट से इनकार किया। जब मीडिया में चर्चा हुई तो जांच को तैयार हुए। शनिवार दोपहर सैंपल दिया। देर रात रिपोर्ट निगेटिव आई। ट्रम्प की बेटी और उनकी सीनियर एडवाइजर इवांका ट्रम्प ऑस्ट्रेलिया के संक्रमित गृह मंत्री पीटर डटन से मिलने के बाद घर के काम कर रही हैं। वे इसी हफ्ते डटन और अन्य अधिकारियों से मिली थीं, डटन को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है। अमेरिका ने अब ब्रिटेन और आयरलैंड को लेकर भी नए वीजा प्रतिबंध लागू किए हैं। पहले इन दोनों देशों को वीजा रिस्ट्रिक्शन लिस्ट से बाहर रखा गया था।
फ्रांस की मंत्री भी पॉजिटिव
फ्रांस की एक उपमंत्री ब्रूनपॉयरसन को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया है। वायरस की चपेट में आने वालीवेदेश की दूसरी मंत्री हैं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद ब्रूनकी हालत में सुधार है। डॉक्टर उन पर नजर बनाए हुए हैं।उन्हें क्वारैंटाइन किया गया है।” इस हफ्ते कीशुरुआतमें संस्कृतिमंत्री फ्रेंक रीस्टर को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
स्पेन के प्रधानमंत्री की पत्नी भी संक्रमित
स्पेन सरकार ने शनिवार देर रात एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की पत्नी डोना को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। डोना के साथ पीएम भी फिलहाल क्वारैंटाइनकिए गए हैं। हालांकि, उनमें वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए। स्पेन के राष्ट्रपति के भी संक्रमित होने की खबरें थीं, लेकिन सरकार ने उन्हें स्वस्थ बताया है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी भी कोरोना पॉजिटिव मिली थीं। उनके साथ जस्टिन को भी आईसोलेशन में रखा गया है।
इजराइल में सभी शॉपिंग सेंटर और रेस्टोरेंट बंद
फ्रांस के बाद इजराइल ने भी सभी शॉपिंग सेंटर, रेस्टोरेंट, कैफे और थिएटर बंद कर दिए हैं। सीएनएन के मुताबिक, सरकार ने इन सभी के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। इन्हें फूड एंड ड्रग मिनिस्ट्री से जांच करानी होगी। इसके बाद एक सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। लेकिन, इसके बावजूद ये अगले आदेश तक खुल नहीं सकेंगे।
श्रीनगर. 33 साल की आरीफा जान से मिलिए। कभी बंद, कभी कर्फ्यू और हर दिन होती हिंसा के बीच आरिफा नए और विश्वास से भरे कश्मीर का चेहरा हैं। अब तक कश्मीर में महिलाएं परदे के पीछे रहकर जिंदगी गुजारती आई हैं, लेकिन आरिफा का चेहरा अब उस कश्मीर को दिखाता है, जहां युवा महिलाएं आजादी के साथ सफलता की नई कहानियां गढ़ रही हैं। वे रूढ़िवादी माहौल से मुक्त भी हैं और घाटी में हर दिन होती हिंसा से दूर भी। वे सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। इनकी ये कहानियां कश्मीर में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।
आरिफा का जिक्र यहां इसलिए, क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वुमंस-डे पर इन्हें नारी शक्ति अवार्ड से नवाजा है। वे उन महिलाओं में से भी एक थीं, जिन्होंने 8 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीटर हैंडल से अपनी कहानी ट्वीट की थी। आरिफा ने ट्वीट कर कहा था, "मैं हमेशा से कश्मीरकी पारंपरिक कलाओं को जिंदा रखने का सपना देखती रही,क्योंकि इसी से ही स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता था। मैंने स्थानीय महिला कारीगरों की हालत देखी और उसी के बाद नमदा क्राफ्ट को फिर से जिंदा करने का काम शुरू किया।” इस ट्वीट के साथ ही एक वीडियो के जरिए वे अपनी कहानी बताती हैं।
I always dreamt of reviving the traditional crafts of Kashmir because this is a means to empower local women.
I saw the condition of women artisans and so I began working to revise Namda craft.
पीएम मोदी के ही ट्वीटर अकाउंट से किए एक अन्य ट्वीट में आरिफा यह भी कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया सम्मान उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। यह सम्मान उन्हें ज्यादा मजबूती से कश्मीरी कला और कारीगरों की बेहतरी के लिए काम करने में मदद देगा।
आरिफा के लिए यह एक बड़ा मौका था, लेकिन आरिफा को ये सबकुछ इतनी आसानी से नहीं मिला। यह सफर कठिनाइयों से भरा रहा, उनकी हिम्मत और प्रतिबद्धता के चलते वे इन तमाम हालातसे निपटते हुए एक बेहद सफल व्यवसायी बन सकीं। उन्होंने अपने व्यवसाय के जरिए कश्मीर से गायब हो रही एक कला को नया जीवन दिया।
7 साल पहले क्राफ्ट मैनेजमेंट कोर्स किया, आज कश्मीर के नमदा क्राफ्ट को बचाने का श्रेय मिल रहा
आरिफा की कहानी श्रीनगर की संकरी गलियों से शुरू होती हैं जहां वे एक सपना बुनती हैं। आरिफा जान ने 7 साल पहले क्राफ्ट मैनेजमेंट का कोर्स किया था। इसके बाद ही वे बाजार से गायब हो रही कश्मीर की नमदा कालीन को फिर से बाजार में लाने के एक मिशन में जुट गईं। उन्होंने इस बेमिसाल क्राफ्ट को गायब होने से बचाने और इसे बनाने वाली महिला कारीगरों की बेहतरी के लिए मिशन मोड में काम शुरू किया। आरिफा कहती हैं कि वेकश्मीर के इस गायब होते क्राफ्ट को दुनिया को दिखाना चाहती हैं।वे इसी प्रेरणा के साथ अपने काम में लगी रहीं और आज एक सफल व्यवसाय चला रही हैं।
आरिफा व्यवसाय के लिए पैसों की तंगी के साथ-साथ रूढ़ीवादी सोच से भी लड़ती रहीं
26 साल की उम्र में 50 हजार रुपयों के साथ आरिफा ने नमदा क्राफ्टको कुछ नया कलेवर देकर कश्मीर के बाहर बड़े बाजार में बेचने का सपना देखा। इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए यह पैसा बहुत कम था। हालांकि, 3 महीने के अंदर ही दिल्ली के इंपीरियल कॉटेज इंडस्ट्री के प्रमुख गुलशन नंदा ने उनके काम को परखा और उन्हें अपना व्यवसाय खड़ा करने के लिए 1.5 लाख रुपए की मदद दी। इस तरह 2 लाख रुपयों के साथ आरिफा अपने मिशन में जुट गईं। उनका लक्ष्य था कि कश्मीर की असंगठित कॉटेज इंडस्ट्री को संगठित करें और उसे प्रोफेशनल बनाएं। जल्द ही उन्हें यह महसूस हुआ कि अपने काम के लिए महज पैसे ही उनकी चिंता नहीं थे, महिलाओं का जीने का तरीका और रूढ़िवादी समाज सबसे बड़ी चुनौती थे।
आरिफा के मुताबिक, उनके सफर की सबसे बड़ी चुनौती लोगों की रूढ़ीवादी सोच थी।
आरिफा कहती हैं, "मैं एक रूढ़िवादी मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे रिश्तेदार नहीं जानते थे कि मैं क्या कर रही हूं। मेरा परिवार भी मेरे और मेरे काम के बारे में किसी को बताने में हिचकिचाता था। मैं इन सालों में कई आलोचनाओं से गुजरी हूं। मेरा परिवार मेरी मदद करता था, लेकिन उन्हें भी लगता था कि मैं कहीं गलत दिशा में तो नहीं जा रही। परिवार का यह ख्याल शायद मेरी शादी के मामले से जुड़ा हो सकता था न कि कामकाज से।” आरिफा अब शादीशुदा हैं। सारी बाधाओं से ऊपर उठकर उन्होंने चार महीने पहले ही शादी की है।
कालीनअब ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर भी जाते हैं
आरिफा ने 3 बुनकरों के साथ अपने व्यवसाय की शुरुआत की थी। 6 साल के अंदर यह संख्या 15 पहुंच गई।उन्हें अपने व्यवसाय से बेहिसाब फायदा तो नहीं हुआ, लेकिन यह बड़ी तेजी से बढ़ता गया। शुरुआत के तीन साल में उन्हें कुल 4 लाख की बचत हुई,लेकिन अब वे पूरे देश में प्रदर्शनी लगाती हैं। आस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर में भी उनके कारीगरों के बनाए नमदा कालीन बिकते हैं। वे अमेरिका में हुए इंटरनेशल लीडरशिप प्रोग्राम के लिए भी नामित हुई थीं। यहां उन्होंने कश्मीरी कालीनों पर प्रजेंटेशन भी दिया था।
ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर भी जाते हैं नमदा कालीन
अमेरिका ने नागरिकता ऑफर कर दी, बिजनेस में पार्टनरशिप का भी ऑफर मिला
आरिफा बताती हैं, "इतने सारे सम्मान के लिए मैं अल्लाह का शुक्रिया अता करती हूं। अमेरिका ने मुझे इंटरनेशनल विजिटर्स प्रोग्राम के लिए बुलाया। जिंदगी में ऐसा कुछ भी होगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। मैं वहां 1 महीने के लिए गई और 6 राज्यों में घूमी। जब मैंने वहां अपने काम के बारे में बताया तो सभी लोग बड़े प्रभावित हुए। यहां तक कि मुझे अमेरिका की नागरिकता के लिए योग्यता सर्टिफिकेट भी दे दिया गया। वहां से मुझे पार्टनरशिप के लिए भी ऑफर मिले, लेकिन क्योंकि यह मेरे व्यवसाय की पहली स्टेज ही है और मुझे लगा कि यह सही समय नहीं है, इसलिए मैंने पार्टनरशिप से इंकार कर दिया। मैं हमेशा से बस ये ही चाहती हूं कि जो भी करूं वह कश्मीर के लिए करूं।”
370 हटने के बाद बहुत नुकसान झेला
आरिफा ने जब से यह काम शुरू किया, वह लगातार ताकत के साथ बढ़ती गई। उन्होंने शुरू में दर्जनों कश्मीरी लड़कियों के साथ इन कालीनों के लिए 3 केन्द्र खोले। पिछले साल 5 अगस्त को जब संविधान से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया तो यह उनके व्यवसाय के लिए एक नई चुनौती थी। बंद पड़े इंटरनेट के कारण उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। वे अपने ग्राहकों से सम्पर्क नहीं कर सकीं और दो केन्द्र बंद करने पड़े। इनमें काम करनेवाली लड़कियों को भी उन्हें नौकरी से हटाना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा के दौरान भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। आरिफा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इंटरनेट के बंद होने से कश्मीर में बिजनेस को हुए नुकसान के बारे में बताया है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिला सम्मान पिताको समर्पित किया
आरिफा ने इस अवार्ड को जीतकर अपने परिवार को गौरवान्वित किया। उनकेधैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति की सभी तारीफ करते हैं। आरिफा बताती हैं, "जब मेरे परिवार को पता चला कि मैं यह अवार्ड जीत गई हूं तो सभी बहुत खुश हुए। मैं यह सम्मान अपने पिता को समर्पित करती हूं जो इस सफर में मेरी ताकत रहे।”
नई दिल्ली.कोरोनावायरस फैलने के बाद से ईरान में फंसे 234 लोग रविवार सुबह महान एयरलाइंस के विमान से मुंबई पहुंचे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। यह तीसरा मौका है जब ईरान में फंसे भारतीयविशेष विमान से भारत लाए गए। इस बीच, भारतीय सेना ने विदेश से लौटने वाले लोगों की जांच के लिए राजस्थान के जैसेलमेर में 1000 लोगों को रखने में सक्षम क्वारैंटाइन सेंटर बनाया है। देश में अब तक 99 संक्रमितों की पुष्टि हुई है।महाराष्ट्र मेंशनिवार तक सबसे ज्यादा 26 संक्रमित मिले।
234 Indians stranded in #Iran have arrived in India; including 131 students and 103 pilgrims.
Thank you Ambassador @dhamugaddam and @India_in_Iran team for your efforts. Thank Iranian authorities.
एयर इंडिया का एक विमान इटली के मिलान से 211 भारतीय छात्र और 7 विदेशी नागरिकों को लेकरदिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। यह रविवार दोपहर पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री मोदी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात करेंगे
कोरोना संकट पर चर्चा के लिएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 5 बजे सार्क देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इसमें पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश और भूटान के नेता शामिल होंगे। मोदी ने ही सार्क देशों से चर्चाकी पहल की थी।
देश में सबसे ज्यादा संक्रमित महाराष्ट्र में
देश के13 राज्यों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। महाराष्ट्र मेंशनिवार तक सबसे ज्यादा 26 संक्रमित मिले। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए 31 मार्च तक राज्य के सभी शॉपिंग मॉल को बंद रखने का आदेश दिया है। रविवार से राज्य में सभीशॉपिंग मॉल बंद कर दिए गए। राज्यमें सिनेमा हॉल और स्कूलपहले ही बंद किए जा चुके हैं।
अपडेट्स :
कर्नाटक के मैसूर पैलेस को 15 मार्च से 22 मार्च तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। कर्नाटक में एक संक्रमित की मौत होने के बाद से सरकार ने सभी ऐसे स्थानों को बंद करने का आदेश दिया है जहां पर लोग ज्यादा संख्या में पहुंचते हों।
आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन से पहले कतार में लगने के लिए अलग-अलग कंपार्टमेंट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। मंदिर का प्रबंधन देखने वालेतिरुपति तिरुमला देवस्थानम ट्रस्ट ने कहा है कि फिलहाल श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए टाइम स्लॉट के हिसाब से टोकन दिए जाएंगे।
from Dainik Bhaskar /national/news/onavirus-outbreak-india-live-today-news-updates-march-15th-2020-delhi-kerala-maharashtra-rajasthan-haryana-cases-novel-corona-covid-19-death-toll-126976845.html
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श्रीनगर. 33 साल की आरीफा जान से मिलिए। कभी बंद, कभी कर्फ्यू और हर दिन होती हिंसा के बीच आरिफा नए और विश्वास से भरे कश्मीर का चेहरा हैं। अब तक कश्मीर में महिलाएं परदे के पीछे रहकर जिंदगी गुजारती आई हैं, लेकिन आरिफा का चेहरा अब उस कश्मीर को दिखाता है, जहां युवा महिलाएं आजादी के साथ सफलता की नई कहानियां गढ़ रही हैं। वे रूढ़िवादी माहौल से मुक्त भी हैं और घाटी में हर दिन होती हिंसा से दूर भी। वे सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। इनकी ये कहानियां कश्मीर में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।
आरिफा का जिक्र यहां इसलिए, क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वुमंस-डे पर इन्हें नारी शक्ति अवार्ड से नवाजा है। वे उन महिलाओं में से भी एक थीं, जिन्होंने 8 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीटर हैंडल से अपनी कहानी ट्वीट की थी। आरिफा ने ट्वीट कर कहा था, "मैं हमेशा से कश्मीरकी पारंपरिक कलाओं को जिंदा रखने का सपना देखती रही,क्योंकि इसी से ही स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता था। मैंने स्थानीय महिला कारीगरों की हालत देखी और उसी के बाद नमदा क्राफ्ट को फिर से जिंदा करने का काम शुरू किया।” इस ट्वीट के साथ ही एक वीडियो के जरिए वे अपनी कहानी बताती हैं।
I always dreamt of reviving the traditional crafts of Kashmir because this is a means to empower local women.
I saw the condition of women artisans and so I began working to revise Namda craft.
पीएम मोदी के ही ट्वीटर अकाउंट से किए एक अन्य ट्वीट में आरिफा यह भी कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया सम्मान उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। यह सम्मान उन्हें ज्यादा मजबूती से कश्मीरी कला और कारीगरों की बेहतरी के लिए काम करने में मदद देगा।
आरिफा के लिए यह एक बड़ा मौका था, लेकिन आरिफा को ये सबकुछ इतनी आसानी से नहीं मिला। यह सफर कठिनाइयों से भरा रहा, उनकी हिम्मत और प्रतिबद्धता के चलते वे इन तमाम हालातसे निपटते हुए एक बेहद सफल व्यवसायी बन सकीं। उन्होंने अपने व्यवसाय के जरिए कश्मीर से गायब हो रही एक कला को नया जीवन दिया।
7 साल पहले क्राफ्ट मैनेजमेंट कोर्स किया, आज कश्मीर के नमदा क्राफ्ट को बचाने का श्रेय मिल रहा
आरिफा की कहानी श्रीनगर की संकरी गलियों से शुरू होती हैं जहां वे एक सपना बुनती हैं। आरिफा जान ने 7 साल पहले क्राफ्ट मैनेजमेंट का कोर्स किया था। इसके बाद ही वे बाजार से गायब हो रही कश्मीर की नमदा कालीन को फिर से बाजार में लाने के एक मिशन में जुट गईं। उन्होंने इस बेमिसाल क्राफ्ट को गायब होने से बचाने और इसे बनाने वाली महिला कारीगरों की बेहतरी के लिए मिशन मोड में काम शुरू किया। आरिफा कहती हैं कि वेकश्मीर के इस गायब होते क्राफ्ट को दुनिया को दिखाना चाहती हैं।वे इसी प्रेरणा के साथ अपने काम में लगी रहीं और आज एक सफल व्यवसाय चला रही हैं।
आरिफा व्यवसाय के लिए पैसों की तंगी के साथ-साथ रूढ़ीवादी सोच से भी लड़ती रहीं
26 साल की उम्र में 50 हजार रुपयों के साथ आरिफा ने नमदा क्राफ्टको कुछ नया कलेवर देकर कश्मीर के बाहर बड़े बाजार में बेचने का सपना देखा। इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए यह पैसा बहुत कम था। हालांकि, 3 महीने के अंदर ही दिल्ली के इंपीरियल कॉटेज इंडस्ट्री के प्रमुख गुलशन नंदा ने उनके काम को परखा और उन्हें अपना व्यवसाय खड़ा करने के लिए 1.5 लाख रुपए की मदद दी। इस तरह 2 लाख रुपयों के साथ आरिफा अपने मिशन में जुट गईं। उनका लक्ष्य था कि कश्मीर की असंगठित कॉटेज इंडस्ट्री को संगठित करें और उसे प्रोफेशनल बनाएं। जल्द ही उन्हें यह महसूस हुआ कि अपने काम के लिए महज पैसे ही उनकी चिंता नहीं थे, महिलाओं का जीने का तरीका और रूढ़िवादी समाज सबसे बड़ी चुनौती थे।
आरिफा के मुताबिक, उनके सफर की सबसे बड़ी चुनौती लोगों की रूढ़ीवादी सोच थी।
आरिफा कहती हैं, "मैं एक रूढ़िवादी मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे रिश्तेदार नहीं जानते थे कि मैं क्या कर रही हूं। मेरा परिवार भी मेरे और मेरे काम के बारे में किसी को बताने में हिचकिचाता था। मैं इन सालों में कई आलोचनाओं से गुजरी हूं। मेरा परिवार मेरी मदद करता था, लेकिन उन्हें भी लगता था कि मैं कहीं गलत दिशा में तो नहीं जा रही। परिवार का यह ख्याल शायद मेरी शादी के मामले से जुड़ा हो सकता था न कि कामकाज से।” आरिफा अब शादीशुदा हैं। सारी बाधाओं से ऊपर उठकर उन्होंने चार महीने पहले ही शादी की है।
कालीनअब ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर भी जाते हैं
आरिफा ने 3 बुनकरों के साथ अपने व्यवसाय की शुरुआत की थी। 6 साल के अंदर यह संख्या 15 पहुंच गई।उन्हें अपने व्यवसाय से बेहिसाब फायदा तो नहीं हुआ, लेकिन यह बड़ी तेजी से बढ़ता गया। शुरुआत के तीन साल में उन्हें कुल 4 लाख की बचत हुई,लेकिन अब वे पूरे देश में प्रदर्शनी लगाती हैं। आस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर में भी उनके कारीगरों के बनाए नमदा कालीन बिकते हैं। वे अमेरिका में हुए इंटरनेशल लीडरशिप प्रोग्राम के लिए भी नामित हुई थीं। यहां उन्होंने कश्मीरी कालीनों पर प्रजेंटेशन भी दिया था।
ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड और कतर भी जाते हैं नमदा कालीन
अमेरिका ने नागरिकता ऑफर कर दी, बिजनेस में पार्टनरशिप का भी ऑफर मिला
आरिफा बताती हैं, "इतने सारे सम्मान के लिए मैं अल्लाह का शुक्रिया अता करती हूं। अमेरिका ने मुझे इंटरनेशनल विजिटर्स प्रोग्राम के लिए बुलाया। जिंदगी में ऐसा कुछ भी होगा ये मैंने कभी नहीं सोचा था। मैं वहां 1 महीने के लिए गई और 6 राज्यों में घूमी। जब मैंने वहां अपने काम के बारे में बताया तो सभी लोग बड़े प्रभावित हुए। यहां तक कि मुझे अमेरिका की नागरिकता के लिए योग्यता सर्टिफिकेट भी दे दिया गया। वहां से मुझे पार्टनरशिप के लिए भी ऑफर मिले, लेकिन क्योंकि यह मेरे व्यवसाय की पहली स्टेज ही है और मुझे लगा कि यह सही समय नहीं है, इसलिए मैंने पार्टनरशिप से इंकार कर दिया। मैं हमेशा से बस ये ही चाहती हूं कि जो भी करूं वह कश्मीर के लिए करूं।”
370 हटने के बाद बहुत नुकसान झेला
आरिफा ने जब से यह काम शुरू किया, वह लगातार ताकत के साथ बढ़ती गई। उन्होंने शुरू में दर्जनों कश्मीरी लड़कियों के साथ इन कालीनों के लिए 3 केन्द्र खोले। पिछले साल 5 अगस्त को जब संविधान से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया तो यह उनके व्यवसाय के लिए एक नई चुनौती थी। बंद पड़े इंटरनेट के कारण उन्हें बड़ा नुकसान हुआ। वे अपने ग्राहकों से सम्पर्क नहीं कर सकीं और दो केन्द्र बंद करने पड़े। इनमें काम करनेवाली लड़कियों को भी उन्हें नौकरी से हटाना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा के दौरान भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। आरिफा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इंटरनेट के बंद होने से कश्मीर में बिजनेस को हुए नुकसान के बारे में बताया है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिला सम्मान पिताको समर्पित किया
आरिफा ने इस अवार्ड को जीतकर अपने परिवार को गौरवान्वित किया। उनकेधैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति की सभी तारीफ करते हैं। आरिफा बताती हैं, "जब मेरे परिवार को पता चला कि मैं यह अवार्ड जीत गई हूं तो सभी बहुत खुश हुए। मैं यह सम्मान अपने पिता को समर्पित करती हूं जो इस सफर में मेरी ताकत रहे।”
बेंगलुरु/गुड़गांव(सुमित पांडे,शैलेन्द्र सिंह चौहानऔर उमाशंकर) .मध्यप्रदेश की राजनीतिक उठापटक के पावर सेंटर बने बेंगलुरू में शनिवार को अजीब सियासी सन्नाटा पसरा रहा। कांग्रेस के बागी विधायक दिनभर गोल्फसायर रिजॉर्ट में रहे। कांग्रेस के दोनों मंत्री भी चले गए। कहीं कोई मैदानी हलचल नजर नहीं आई, लेकिन जमीनी रणनीति बनती रही। कर्नाटक पैटर्न की तर्ज पर भाजपा बागी विधायकों को सीआरपीएफ के पहरे में लेकर निकलेगी। ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। एयरपोर्ट तक काफिले में कोई नहीं घुस सकेगा। सारे वाहन रोके जाएंगे। कांग्रेस सुरक्षा कवच तोड़ने की तमाम कोशिश करेगी। कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा।
फॉर्मूले की काट में कांग्रेस थिंक टैंक
कर्नाटक फॉर्मूले में अभी तक चल रहे सरकार गिराओ घटनाक्रम पर कांग्रेस की नजरें जमी हुई हैं। अभी तक 6 विधायकों के इस्तीफे को मंजूर करने तक सब कुछ एक जैसा चल रहा है। कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आखिरी उपचुनाव तक जाने के दांव में चूक गई थी। अब रास्ता यहीं निकाला जा रहा है कि कैसे भी कुछ विधायक भाजपा में जॉइन नहीं करें। फ्लोर टेस्ट में सरकार के साथ खड़े हो जाए।
अब भाजपा तैयार कर रही ए और बी प्लान
भाजपा तयशुदा रणनीति के तहत ए और बी प्लान तैयार कर रही है। कांग्रेस को चकमा देने के लिए विधायकों को अलग-अलग रिजॉर्ट में ठहराया गया है। ऐसे ही एयरपोर्ट से वापसी के बाद दो दिन के लिए चार्टर्ड बुक हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए इशारा मिलने पर सभी पहुंचेंगे। 15 और 16 मार्च दोनों दिन उड़ान की तैयारी है।
रिजॉर्ट तक पहुंचे कांग्रेस नेता पर अंदर नहीं जा पाए
कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यूएस उगरप्पा अचानक दोपहर में रिजॉर्ट पहुंचे। वे भीतर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने जाने नहीं दिया। विवाद की स्थिति भी बनी। उन्होंने कहा कि मैं विधायकों से मिलने नहीं, अपने परिचित के आयोजन में शामिल होने आया हूं।
हमने उनसे नौ चाल आगे की सोचते हैं
बेंगलुरु से एक विधायकने बताया- ‘‘स्पीकर एनपी प्रजापति ने हमें जिस दिन नोटिस जारी किया था, उसी दिन हमने उन्हें और राज्यपाल को मेल भेजकर केंद्रीय सुरक्षा मांगी थी। स्पीकर ने हमें 11 तारीख को नोटिस दिया था कि आप लोग आएं और अपने इस्तीफों का सत्यापन कराएं। इसके बाद हमने उन्हें मेल करके राज्यपाल महोदय से सुरक्षा की मांग कर ली थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहेऔर बार-बार नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे हैं।’’
‘‘विश्वनाथन आनंद शतरंज का वर्ल्ड चैंपियन इसलिए था, क्योंकि वह सामने वाले से नौ चाल आगे सोचकर चलता था। ऐसे ही हम उनसे(कांग्रेस)पहले ही अपनी चालें सोच लेते हैं। इतने सालउनके साथ ही रहे हैं। वह जो सोचते हैं, वो हम पहले ही समझ जाते हैं।’’
ब्रेकफास्ट करेंगे और 1.45 घंटे में पहुंच जाएंगे
भाजपा ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट की मांग की है। कल भर का टाइम है, ऐसे में अगर आप फ्लोर टेस्ट में नहीं आएंगे तो फिर कैसे होगा। इस सवाल पर विधायकने कहा- ‘‘हम जहां पर हैं, वहां से भोपाल पहुंचने में एक घंटा 45 मिनट लगता है। हम ब्रेकफास्ट करेंगे, 9.30 बजे चलेंगे और 11 बजे फ्लोर टेस्ट के लिए पहुंच जाएंगेया वो जब भी टाइम देंगे, हम पहुंच जाएंगे।’’
कमलनाथ आखिरी कश तक सरकार का मजा लेना चाहते हैं
बेंगलुरुमें विधायकों को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा है, इस सवाल पर विधायक बोले- ‘‘कांग्रेस के लोग अफवाह फैला रहे हैं, हालांकि ये करना उनकी मजबूरी है। सारी भ्रांतियां इसलिए फैलाई जा रही है, ताकि जो 92 विधायक उनके साथ हैं, वेबने रहें। वरना वह भी भाग लेंगे। मजाक के लिए कह रहा हूं,एक सिगरेट आती थी, जिसमें लिखा होता था कि आखिरी कश तक मजा देती है। वैसे हीकमलनाथ आखिरी कश तक सरकार के मजे लेना चाहतेहैं।’’
विधायकने सभी विधायकों की कोरोनावायरस की जांच के सवाल पर कहा- कोरोना किसी को नहीं है, सब स्वस्थ और मस्त हैं। मेडिकल चेकअप कराया गया है, जिससे मध्य प्रदेश सरकार को देरी का बहाना न मिले।
गुड़गांव से रिपोर्ट
4 दिन से होटल में रुके भाजपा विधायकपरेशान
गुडगांव स्थितआईटीसी ग्रैंड भारत होटल में ठहरे मध्य प्रदेश के भाजपा विधायकों की सुध लेने के लिए शनिवार देर शाम तक कोई नेता होटल नहीं पहुंचा। होटल में 10 मार्च की रात से ठहरे 106 विधायक अब परेशान होने लगे हैं। उन्हें अपनी मर्जी से परिजनसे बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके लिए विशेष आग्रह पर व्यवस्था की जा रही है। होटल में कुछ दिन और ठहरने की सूचना से विधायकों की बेचैनी और भी बढ़ गई है। कुछ विधायकों द्वारा होटल के स्टाफ के साथ रूखा बर्ताव करने सूचना मिल रही है। शुक्रवार शाम होटल से लौटते वक्त सांसद राकेश सिंह ने शनिवार शाम को आने का विधायकों को भरोसा दिलाया था। वे देर शाम तक उनके आने का इंतजार करते रहे। व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारी भी तैयार थे कि देर शाम तक सिंह आ सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनकी सुध लेने के लिए दो दिन से नहीं पहुंचे। विधायक होटल प्रबंधन से बार-बार पूछते रहे कि किसी के आने की कोई सूचना है क्या?
बेंगलुरु/गुड़गांव(सुमित पांडे,शैलेन्द्र सिंह चौहानऔर उमाशंकर) .मध्यप्रदेश की राजनीतिक उठापटक के पावर सेंटर बने बेंगलुरू में शनिवार को अजीब सियासी सन्नाटा पसरा रहा। कांग्रेस के बागी विधायक दिनभर गोल्फसायर रिजॉर्ट में रहे। कांग्रेस के दोनों मंत्री भी चले गए। कहीं कोई मैदानी हलचल नजर नहीं आई, लेकिन जमीनी रणनीति बनती रही। कर्नाटक पैटर्न की तर्ज पर भाजपा बागी विधायकों को सीआरपीएफ के पहरे में लेकर निकलेगी। ग्रीन कॉरिडोर बनेगा। एयरपोर्ट तक काफिले में कोई नहीं घुस सकेगा। सारे वाहन रोके जाएंगे। कांग्रेस सुरक्षा कवच तोड़ने की तमाम कोशिश करेगी। कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना होगा।
फॉर्मूले की काट में कांग्रेस थिंक टैंक
कर्नाटक फॉर्मूले में अभी तक चल रहे सरकार गिराओ घटनाक्रम पर कांग्रेस की नजरें जमी हुई हैं। अभी तक 6 विधायकों के इस्तीफे को मंजूर करने तक सब कुछ एक जैसा चल रहा है। कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आखिरी उपचुनाव तक जाने के दांव में चूक गई थी। अब रास्ता यहीं निकाला जा रहा है कि कैसे भी कुछ विधायक भाजपा में जॉइन नहीं करें। फ्लोर टेस्ट में सरकार के साथ खड़े हो जाए।
अब भाजपा तैयार कर रही ए और बी प्लान
भाजपा तयशुदा रणनीति के तहत ए और बी प्लान तैयार कर रही है। कांग्रेस को चकमा देने के लिए विधायकों को अलग-अलग रिजॉर्ट में ठहराया गया है। ऐसे ही एयरपोर्ट से वापसी के बाद दो दिन के लिए चार्टर्ड बुक हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए इशारा मिलने पर सभी पहुंचेंगे। 15 और 16 मार्च दोनों दिन उड़ान की तैयारी है।
रिजॉर्ट तक पहुंचे कांग्रेस नेता पर अंदर नहीं जा पाए
कांग्रेस के पूर्व सीएम सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यूएस उगरप्पा अचानक दोपहर में रिजॉर्ट पहुंचे। वे भीतर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने जाने नहीं दिया। विवाद की स्थिति भी बनी। उन्होंने कहा कि मैं विधायकों से मिलने नहीं, अपने परिचित के आयोजन में शामिल होने आया हूं।
हमने उनसे नौ चाल आगे की सोचते हैं
बेंगलुरु से एक विधायकने बताया- ‘‘स्पीकर एनपी प्रजापति ने हमें जिस दिन नोटिस जारी किया था, उसी दिन हमने उन्हें और राज्यपाल को मेल भेजकर केंद्रीय सुरक्षा मांगी थी। स्पीकर ने हमें 11 तारीख को नोटिस दिया था कि आप लोग आएं और अपने इस्तीफों का सत्यापन कराएं। इसके बाद हमने उन्हें मेल करके राज्यपाल महोदय से सुरक्षा की मांग कर ली थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहेऔर बार-बार नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे हैं।’’
‘‘विश्वनाथन आनंद शतरंज का वर्ल्ड चैंपियन इसलिए था, क्योंकि वह सामने वाले से नौ चाल आगे सोचकर चलता था। ऐसे ही हम उनसे(कांग्रेस)पहले ही अपनी चालें सोच लेते हैं। इतने सालउनके साथ ही रहे हैं। वह जो सोचते हैं, वो हम पहले ही समझ जाते हैं।’’
ब्रेकफास्ट करेंगे और 1.45 घंटे में पहुंच जाएंगे
भाजपा ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट की मांग की है। कल भर का टाइम है, ऐसे में अगर आप फ्लोर टेस्ट में नहीं आएंगे तो फिर कैसे होगा। इस सवाल पर विधायकने कहा- ‘‘हम जहां पर हैं, वहां से भोपाल पहुंचने में एक घंटा 45 मिनट लगता है। हम ब्रेकफास्ट करेंगे, 9.30 बजे चलेंगे और 11 बजे फ्लोर टेस्ट के लिए पहुंच जाएंगेया वो जब भी टाइम देंगे, हम पहुंच जाएंगे।’’
कमलनाथ आखिरी कश तक सरकार का मजा लेना चाहते हैं
बेंगलुरुमें विधायकों को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा है, इस सवाल पर विधायक बोले- ‘‘कांग्रेस के लोग अफवाह फैला रहे हैं, हालांकि ये करना उनकी मजबूरी है। सारी भ्रांतियां इसलिए फैलाई जा रही है, ताकि जो 92 विधायक उनके साथ हैं, वेबने रहें। वरना वह भी भाग लेंगे। मजाक के लिए कह रहा हूं,एक सिगरेट आती थी, जिसमें लिखा होता था कि आखिरी कश तक मजा देती है। वैसे हीकमलनाथ आखिरी कश तक सरकार के मजे लेना चाहतेहैं।’’
विधायकने सभी विधायकों की कोरोनावायरस की जांच के सवाल पर कहा- कोरोना किसी को नहीं है, सब स्वस्थ और मस्त हैं। मेडिकल चेकअप कराया गया है, जिससे मध्य प्रदेश सरकार को देरी का बहाना न मिले।
गुड़गांव से रिपोर्ट
4 दिन से होटल में रुके भाजपा विधायकपरेशान
गुडगांव स्थितआईटीसी ग्रैंड भारत होटल में ठहरे मध्य प्रदेश के भाजपा विधायकों की सुध लेने के लिए शनिवार देर शाम तक कोई नेता होटल नहीं पहुंचा। होटल में 10 मार्च की रात से ठहरे 106 विधायक अब परेशान होने लगे हैं। उन्हें अपनी मर्जी से परिजनसे बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके लिए विशेष आग्रह पर व्यवस्था की जा रही है। होटल में कुछ दिन और ठहरने की सूचना से विधायकों की बेचैनी और भी बढ़ गई है। कुछ विधायकों द्वारा होटल के स्टाफ के साथ रूखा बर्ताव करने सूचना मिल रही है। शुक्रवार शाम होटल से लौटते वक्त सांसद राकेश सिंह ने शनिवार शाम को आने का विधायकों को भरोसा दिलाया था। वे देर शाम तक उनके आने का इंतजार करते रहे। व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारी भी तैयार थे कि देर शाम तक सिंह आ सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनकी सुध लेने के लिए दो दिन से नहीं पहुंचे। विधायक होटल प्रबंधन से बार-बार पूछते रहे कि किसी के आने की कोई सूचना है क्या?
from Dainik Bhaskar /mp/bhopal/news/rebel-mlas-of-congress-to-be-removed-by-building-a-green-corridor-under-the-watch-of-crpf-in-bengaluru-126972107.html
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भास्कर रिसर्च. कोरोनावायरस से लोग दहशत में हैं। इसका फायदा उठाकर हैंड सैनिटाइजर और मास्क मनमाने दामों पर बेचे जा रहे हैं। जो मास्क 5 रुपए में मिलता था, वह कहीं 25 तो कहीं 30 रुपए का मिल रहा है। 100 रुपए वाला 350 से 400 रुपए में बिक रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि हर दुकानदार ने सैनिटाइजर और मास्क के दाम अपने हिसाब से तय कर लिए हैं। न ही कोई मॉनिटरिंग करने वाला है, न ही लोगों को यहपता है कि इस लूटमारी की शिकायत कहां और कैसे करना है। पढ़िए, देश के 7 राज्यों से दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट।
अक्षय बाजपेयी, भोपाल से
120 वाला मास्क 350 में, 500 एमएल का हैंड सैनिटाइजर450 रुपए में
सिंगल यूज मास्क 30 रुपए में बेचा जा रहा है।
रंगपंचमी पर मार्केट तो बंद है, लेकिन मेडिकल स्टोर्स खुले हैं। ग्राहकों की भीड़ भी है। कई लोग सैनिटाइजर, मास्क खरीदने आ रहे हैं। हम सबसे पहले एमपी नगर जोन-1 में चेतक ब्रिज के नीचे मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। हैंड सैनिटाइजर मिल जाएगा क्या? ये पूछने पर दुकानदार ने कहा, हां मिल जाएगा। 100 से लेकर 180 रुपए तक हैं। किस कंपनी का है? बोले, लाइफबॉय, डेटॉल, हिमालया जैसे किसी ब्रांड का नहीं है। दूसरे लोकल ब्रांड हैं, लेकिन वहभी खूब बिक रहे हैं।
क्या कोई डिस्काउंट मिलेगा? बोले, 140 वाला 100 रुपए में दे देंगे, बाकी दो पर डिस्काउंट नहीं है। 140 वाले पर ही डिस्काउंट क्यों दे रहे? इसमें एल्कोहल कंटेंट कम है, इसलिए कम में दे देंगे। बाकी में एल्कोहल ज्यादा है, इसलिए तय रेट में ही मिलेंगे। मास्क कितने का है? तो बोले, मास्क 30 से लेकर 350 रुपए तक का है। 30 वाला मास्क दिखाते हुए बोले ये सिंगल यूज मास्क है।
ये तो आप काफी महंगा दे रहे हो? जवाब में संचालक ने कहा, डिमांड ज्यादा है। पहले तो 5 से 10 रुपए में बेचे हैं ये मास्क, लेकिन अब हमें भी महंगा पड़ रहा है। फिर हम 10 नंबर स्थित मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। यहां मास्क के रेट और अलग मिले। जो वहां 30 का था, वहयहां 20 रुपए में दे रहे थे। क्या आपके पास एन-95 मास्क मिल जाएगा? संचालक ने कहा, हां मिल जाएगा। कितने का है? तो बोले 250 का है।
भैया पहले से रेट बहुत ज्यादा बढ़ गया क्या? संचालक ने कहा कि, पहले 120 का था। डिमांड बढ़ने से कंपनी ने रेट बढ़ा दिया। हैंड सैनिटाइजर देखने पर पूछा कि इस पर एमआरपी तो लिखी नहीं? संचालक ने कहा, यह पैकेट में आते हैं। पैकेट पर एमआरपी होती है। हर एक मास्क पर एमआरपी नहीं लिखी जाती। सिर्फ पैकेट पर ही लिखी जाती है।
यहीं नजदीक में दूसरी मेडिकल पर गए तो संचालक से पूछा कि भैया एन-95 मास्क असली या नकली, ये कैसे पता चलेगा? संचालक ने कहा, एन-95 लिखे नकली मास्क बहुत बेचे जा रहे हैं। असली-नकली की तो ऐसे पहचान कर पाना मुश्किल ही है। यहीं पास में स्थित हिमालया कंपनी के आउटलेट संचालक मोहम्मद शाकिब खान ने बताया, पिछले हफ्ते से ही कंपनी ने हैंड सैनिटाइजर नहीं भेजे। पिछले हफ्ते एक ही दिन में हमारे आउटलेट से 27 हजार रुपए के हैंड सैनिटाइजर बिके थे। ऐसी बिक्री मैंने पहले कभी नहीं देखी।
अरेरा कॉलोनी में मेडिकल शॉप पर आए खरीदार राजेंद्र भार्गव ने बताया कि 500 एमएल का सैनिटाइजर 450 रुपए में मिला। यह किसी नाम ब्रांड का भी नहीं है, लेकिन कुछ नहीं से कुछ सही। हिमालया का 500 एमएल का हैंड सैनिटाइजर 300 रुपए में मिलता है, लेकिन अभी उपलब्ध ही नहीं।
विष्णु शर्मा, जयपुर से
घर में मशीनें लगाकर तैयार कर रहे मास्क
50 से 90 रुपए वाला एन-95 मास्क मार्केट से गायब हो चुका है। जो हैं, वे प्राइवेट कंपनियों के एन-95 कैटेगरी के मास्क हैं। वहीं ब्रांडेड सैनिटाइजर भी मार्केट में उपलब्ध नहीं है। एसएमएस अस्पताल के सामने दवा विक्रेता अमित ने बताया कि नॉर्मल सर्जिकल मास्क दो तरह का आता है, टू प्लाईऔर थ्री प्लाई। कोरोना से पहले थ्री प्लाई को कोई नहीं जानता था। टू प्लाई ही चलता था। अभी थ्री प्लाई की डिमांड ज्यादा है। डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोगों ने घर में मशीने लगाकर मास्क सिलना शुरू कर दिया है। जो लोकल वेंडर के जरिए मार्केट में बेच रहे हैं।
अमित ने कहा कि हम उन मास्क को नहीं खरीद रहे हैं। क्योंकि वे क्वॉलिटी के नहीं हैं। 15 रुपए एमआरपी है, जो 5 रुपए तक बिकता था। अब एमआरपी पर ही बिक रहा है। वहीं सैनिटाइजर भी लोकल वेंडर के जरिए काफी आ रहे हैं। पहले एक एन-95 मास्क आता था। अब अलग-अलग कंपनियों के एन-95 जैसे कई मास्क आ गए हैं। अगर किसी स्टॉकिस्ट के पास एन-95 कम है तो वहदुकानदार को रेट बढ़ा कर दे रहा है।
रोज बिक रहे 100 से 150 मास्क
एसएमएस अस्पताल के सामने मेडिकल शॉप मालिक दीपक ने बताया कि कोरोना आने के बाद मास्क की मार्केट में काफी किल्लत हो गई है। 2 रुपए वाला मास्क 10 का हो गया। वहीं, 15 वाला 50 में आ रहा है। रोज करीब 100 से 150 मास्क बिक रहे हैं। जिसमें एन-95 की डिमांड सबसे ज्यादा है। जो उपलब्ध नहीं है। प्राइवेट कंपनी का मास्क 150 रुपए का है, जो पहले 50 रुपए में बिकता था। वहीं, एन-95 तो 300 रुपए में भी नहीं मिल रहा। वहीं, सामान्य मास्क 15 रुपए में बेच रहे हैं। जो 10 से 11 रुपए में हमें पड़ते हैं। कोरोना से पहले यही मास्क 5 रुपए का था, जिसे 8 रुपए में बेचते थे।
एक दूसरे दवा विक्रेता ने बताया कि सैनिटाइजर की काफी शॉर्टेज है। अगर कंपनी से 1000 बोतल मांगते हैं, तो 10 भी नहीं मिल रही। सभी ब्रांडेट सैनिटाइजर की शॉर्टेज चल रही है। वहीं, एन-95 मास्क बिल्कुल नहीं आ रहा। ये 90 रुपए तक बिकता था। अब 300 रुपए में बेच रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों के मास्क 150 रुपए तक बिक रहे हैं।
विवेक कुमार, पटना से
दुकानों पर न मास्क, न सैनिटाइजर
शहर में स्थिति यह है कि अधिकतर दवा दुकानों में अब सैनिटाइजर और मास्क नहीं है। जहां मिल भी रहे हैं, वहां पांच से छह गुना कीमत पर। राजीव नगर के ओम मेडिकल में रखे सभी सैनिटाइजर शुक्रवार शाम को ही बिक गए। शनिवार सुबह यहां सिर्फ मास्क बचे थे। यहां एन-95 मास्क की कीमत पहले 250 रुपए बताई गई। फिर कहा, आपके लिए 230 रुपए में लग जाएगा। जबकि, मास्क की कीमत 50-60 रुपए है। दुकानदार ने लोकल मास्क 53 रुपए में बेचा।
वेस्ट बोरिंग कैनाल रोड स्थित मेडिकाना के दो स्टोर पर मास्क और सैनिटाइजर नहीं मिले। इसी तरह ब्लू मेडिक्स में भी मास्क और सैनिटाइजर का स्टॉक नहीं था। बोरिंग रोड में स्थित सन फार्मा में सैनिटाइजर एमआरपी पर और मास्क 120 रुपए में बेचा जा रहा है। इस्ट बोरिंग कैनाल रोड स्थित पटना मेडी केयर्स में सैनिटाइजर नहीं था। मास्क उपलब्ध था। थाईलैंड में बने जिस मास्क को सन फार्मा ने 120 रुपए में बेचा, उसके लिए यहां 250 रुपए वसूल किए गए।
आशीष राय, पुणे से
हाथ से बना कपड़े का मास्क बेच रहे
पुणे में हमने पांच मेडिकल स्टोर्स पर पड़ताल की। ज्यादातर दुकानों पर लोकल मास्क और हैंड सैनिटाइजर बिक रहे हैं। 40 रुपए वाले मास्क 100 से 200 रुपए के बीच बेचा जा रहा है। हालांकि, एक दुकान पर हमें एमआरपी से भी 9 रुपए कम दाम पर मास्क मिला। पुणे के मांजरी इलाके में स्थित रवि मेडिको पर 'वी-स्वास' नाम का एक ब्रांडेड मास्क 90 रुपए में मिला। इसके पैकेट पर एमआरपी 99 रुपए लिखी थी, लेकिन थोड़े से मोलभाव के बाद दुकानदार ने इसे 90 में दे दिया।
मांजरी में स्थित अनुराधा मेडिकल पर 'सेफ हैण्ड' नाम का लोकल सैनिटाइजर बिक रहा था। दुकानदार के मुताबिक, सभी ब्रांडेड सैनिटाइजर खत्म हो चुके हैं। इसकी क्वालिटी भी बेहद खराब थी। दुकानदार 50 एमएल की बोतल 80 रुपए में बेच रहा था। जबकि, ब्रांडेड सैनिटाइजर भी इसी कीमत के हैं। गुरुकृपा मेडिकल पर हाथ से बना कपड़े का मास्क 50 रुपए में बेचा जा रहा है। वहीं, मंगल मेडिको में हिक्स कंपनी का मास्क 250 रुपए में और बिना ब्रांड का एन-95 मास्क 100 रुपए में मिल रहा था। हड़पसर के शशांक मेडिकल पर 40 रुपए का मास्क 200 रुपए में बेचा जा रहा है।
आदित्य तिवारी, लखनऊ से/ अमित मुखर्जी, वाराणसी से
सिंगल यूज मास्क 20 रुपए मे बेच रहे
दोपहर 12 बजे हम हजरतगंज स्थित ओम फार्मा मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। दुकानदार ने लोकल ब्रांड के दो सैनिटाइजर दिखाए। हमने पूछा क्या ब्रांडेड नहीं मिलेगा, तो दुकानदार ने कहा, यहां ही नहीं पूरे लखनऊ में नहीं मिलेगा। लोकल ब्रांड के दाम पूछे तो 500 एमएल वाला 500 का और उससे छोटा 230 रुपए का था। सिंगल यूज वाला 20 का और वॉशेबल मास्क 80 का है। केसरबाग चौराहे पर खालसा मेडिकल स्टोर पर सैनिटाइजर मांगा तो बताया कि लोकल ही मिल पाएगा। दाम पूछने पर 110 से 550 तक रेट मिला। वहीं, 240 और 350 रुपए वाला मास्क सामने रख दिया। महंगा क्यों हैं, ये पूछने पर कहा कि माल खत्महै कहांसे लाएं?
आरजे मेडिकल के संचालक रवि से एन-95 मास्क के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, 250 और 350 वाला मास्क ही उपलब्ध है। वाराणसी के मेडिकल स्टोर्स से भी एन-95 मास्क गायब हैं, सामान्य मास्क की भरमार है। ब्रांडेड सैनिटाइजर भी नहीं हैं। सुशील मेडिकल पर लोकल मास्क की कीमत 40 रुपए थी। छोटा माल शॉप पर संचालक का दावा है 900 रुपए का मास्क जो पूरी तरह से संक्रमण से लोगों को बचाएगा। यह उसी को बेच रहे हैं।
सुमन पांडे, रायपुर से
5 रुपए वाला मास्क 50 में
रायपुर की मेडिकल शॉप में सैनिटाइजर नहीं मिल रहे हैं। ज्यादातर मेडिकल्स पर जवाब मिला- स्टॉक नहीं है। मास्क का भी यही हाल है। कम कीमत के मास्क कुछ जगहों पर ही मिल रहे हैं। 50 से 250 तक के मास्क मिल रहे हैं। मास्क एमआरपी पर बेच रहे हैं। कम कीमत वाले प्रोडक्ट स्टॉक में नहीं है। टिकरापारा स्थित प्रिज्म मेडिकल पर सैनिटाइजर स्टॉक में नहीं हैं। संतोषी नगर के सुमन मेडिकोज में भी नहीं मिला। मास्क 150, 170 और 250 रुपए के ही हैं।
सदर बाजार स्थित अनूप मेडिकल में सैनिटाइजर नहीं मिला। धमतरी शहर के अधिकांश मेडिकल में इसके स्टॉक लगभग खत्म हो गए हैं। जिनके पास हैं, वे मनमानी कीमत पर बेच रहे है। भास्कर ने 3 मेडिकल स्टोर परजाकर एन-95 मास्क की कीमत पूछी। दुकानदार नेशॉर्टेज के कारण 200 से 300 रुपए तक बढ़े हुए रेट में बेचने की बात कही।
आरती अग्निहोत्री, चंडीगढ़ से
300 रुपए तक मिल रहा है मास्क
2 प्लाईसिंपल मास्क जिसकी कीमत होलसेल में 60 पैसे प्रति मास्क होती थी, वह रिटेल में 20 रुपए से 30 रुपए में बिक रहा है। वहीं, 3 प्लाईमास्क जो 1 रुपए में होलसेल में मिलता है, वह 40 से 50 रुपए तक रिटेल में मिल रहा है। इसी तरह एन-95 मास्क जो होलसेल में 20 रुपए का है, वह रिटेल में 250 से 300 रुपए तक मिल रहा है। हालांकि, एन-95 मास्क की उपलब्धता न के बराबर है। कुमार ब्रदर्स सेक्टर-11 के अश्विनी कुमार कहते हैं कि कोरोना वायरस में अल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही फायदेमंद हैं, लेकिन उनकी सप्लाय नहीं है।
मास्क की कालाबाजारी पर अब 7 साल की सजा
कालाबाजारी रोकने के लिए भारत सरकार ने एन-95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु श्रेणी में शामिल कर लिया है। इसका मतलब अबकेंद्र और राज्य सरकारकोरोनावायरस से बचाव करने वाले इन प्रोडक्टके उत्पादन, गुणवत्ता और डिस्ट्रिब्यूशन को नियंत्रित कर सकेंगी। ये आदेश 30 जून तक प्रभावी रहेगा। इसमें मास्क (2 प्लाई और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क) और हैंड सैनिटाइजर्सको आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रखा गया है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
श्रीनगर. कश्मीर के बांदीपोरा के रहने वाले उमर सुहैल चीन के जिलिन शहर की बिहुआ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। 21 जनवरी की सर्द रात में जब उनके पास एक फोन कॉल आता है तो वे पसीने से तरबतर हो जाते हैं। इस कॉल में उन्हें चीन में फैल रहे कोरोनावायरस के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्हें यह भी बताया जाता है कि वे जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, वायरस का संक्रमण उस ओर भी बढ़ रहा है। इस फोन कॉल के 10 दिन बाद ही उमर अपने घर आ जाते हैं,लेकिन ये 10 दिन और घर आने के बाद अगले 14 दिन उन्होंने कैसे गुजारें, शायद उन्हें जिंदगीभर याद रहने वाला है।
उमर बताते हैं,‘‘मैंने देखाहै कि उन दिनों में जिलिन शहर के सुपर मार्केट कितनी तेजी से खाली होने लगे थे। यह भी देखा है कि पूरे शहर में कैसे एकदम अशांति सी फैल गई थी। लोगों ने सुपर मार्केट की अलमारियों को छान मारा था। खाने-पीने के सामान और सेनिटाइजर्स इकट्ठा करने की होड़ मची हुई थी। मुझे याद है कि भारत लौटने से पहले किस तरह मैं सेनिटाइजर और मास्क के लिए लोगों के सामने हाथ फैला रहा था। बड़ी मुश्किल से मुझे एक बोतल सेनिटाइजर मिल पाया था।”
जब हर जगह बंद होने लगी और खाने-पीने के सामान की कमी होने लगी, तभी उमर ने घाटी में लौटने का फैसला लिया। 30 जनवरी को उन्होंने शंघाई से फ्लाइट पकड़ी और 1 फरवरी को भारत पहुंच गए। यहां पहुंचते ही उनका चेकअप किया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने भी उनके आते ही सवालों की बौछार शुरू कर दी। उमर बताते हैं कि “एयरपोर्ट पर स्क्रिनिंग स्टॉफ ने उन्हें स्वस्थ पाया था, लेकिन जैसे ही वे अपने घर पहुंचे, बांदीपोरा के हॉस्पिटल से डॉक्टर्स की टीम आई, चेकअप किया और मुझे घर पर ही 14 दिन तक क्वारटाइन (कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों को अलग रखना) कर दिया गया।”
उमर के लिए असल चुनौती क्वारटाइन पीरियड के साथ शुरू हुई। उन्हें किसी से भी मिलने की मनाही थी, वे परिवार के सदस्यों के साथ खाना भी नहीं खा सकते थे। उमर बताते हैं, "पड़ोसी और रिश्तेदार हर दिन मेरेघर आते और मां से पूछते कि क्या मैं ठीक हूं? उनके लगातार आने और बार-बार एक ही सवाल पूछने से मुझे भी ये लगने लगा था कि मैं एक जानलेवा इंफेक्शन का सोर्स हो गया हूं।"
उमर इंटरनेट की धीमी स्पीड की ओर इशारा करते हुए उदासी भरी आवाज में बताते हैं कि “सभी तरह की नकारात्मकता से दूर होने के लिए मैं अपना पूरा टाइम पढ़ाई में देना चाहता था, लेकिन इंटरनेट की 2G स्पीड के चलते ये भी संभव नहीं हो सका। मुझे अपनी ऑनलाइन क्लासेस भी छोड़नी पड़ी।”
चीन के हिलोंगजिआंग प्रांत की कीकीहार यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही खुशबू राथेर की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। उनके प्रोफेसर ने उन्हें कई बार डोरमेट्री रूम से बाहर न निकलने की सलाह दी। बांदीपुरा क्षेत्र के चट्टी बांदी इलाके की रहने वाली खुशबू अभी 21 साल की हैं। वे उन दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि कैसे उन्हें इन्फेक्शन के फैलने के डर से रात-रात भर नींद नहीं आती थी।
खुशबू बताती हैं, "टीचर हमे ट्रिपल लेयर मास्क पहनने के लिए कहती थीं। वे हर घंटे हमारेबॉडी टेम्परेचर को मॉनिटर कर रहीथीं। उन दिनों हम सभी एक-दूसरे से कुछ सवाल बार-बार पूछ रहे थे- अगर हममें से कोई एक संक्रमित निकला तो क्या होगा? क्या हम जिंदा बच पाएंगे? क्या हमारा परिवार हमें फिर से देख पाएगा? क्या यहीं अंत है? हम चीनी भाषा नहीं जानते, अगर हमें क्वारटाइन किया गया तो हम उन लोगों से कैसे बात करेंगे?"
वायरस के तेजी से फैलने के डर से खुशबू ने 5 फरवरी को भारत आने का फैसला लिया। वे बताती हैं कि, “गुआंगझू से मेरी फ्लाइट थी। वहां कई ऐसे लोग थे, जो संक्रमित थे। मुझे लगातार यही डर सता रहा था कि मैं शायद सुरक्षित घर नहीं पहुंच पाऊंगी।"
खुशबू 7 फरवरी को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरीं। स्क्रिनिंग के बाद उन्हें फौरन चेक अप के लिए ले जाया गया। वे बताती हैं कि “चेकअप में कोरोनावायरस का कोई लक्षण नजर नहीं आया। मुझे पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया था, लेकिन एहतियात के तौर पर मुझे घर पर क्वारटाइन कर दिया गया।"
खुशबू को जब घर लाया गया, तो उनके भाई-बहन और रिश्तेदार उन्हें डर और कुछ तिरस्कार की नजर से देखते थे। वे बताती हैं कि, “मुझे अपने कमरे से बाहर आने की इजाजत नहीं थी। खाना भी परिवार के साथ नहीं खा सकती थी। मुझे बहुतही बुरा लगता था।"
पढ़ाई में आए इस ब्रेक से खुशबू थोड़ी परेशान भी नजर आती हैं। वे कहती हैं कि, “हमारा तीसरा सेमेस्टर अभी शुरू ही हुआ था। हम अपने नए विषयों को लेकर बेहद उत्साहित थे और अब मैं यहां हूं अकेले, सभी से अलग-थलग, जहां से वापसी की कोई उम्मीद भी फिलहाल नजर नहीं आती।"
कश्मीर में अब तक 1433 लोगों को क्वारटाइन किया गया
एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, श्रीनगर एयरपोर्ट पर अब तक करीब 28 हजार 525 यात्रियों की स्क्रिनिंग हुई है। इसके मुताबिक कुल 1433 लोगों को होम क्वारटाइन किया गया है। डेटा के मुताबिक कश्मीर से 23 सैम्पल लिए गए हैं, इनमें से 20 नेगेटिव मिले हैं। अब तक कश्मीर में कोरोनावायरस का एक भी पॉजिटिव सैम्पल नहीं मिला है, लेकिन यहां लोग दुनियाभर में इस वायरस से हो रही मौतों से चिंतित हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने निगरानी और कंट्रोल सिस्टम मजबूत किया
जम्मू और कश्मीर प्रशासन कोरोनावायरस के लक्षणों की पहचान के लिए और इसके फैलते संक्रमण से तुरंत निपटने के लिए लगातार तैयारी बेहतर कर रहा है। प्रशासन ने निगरानी और कंट्रोल सिस्टम को मजबूत किया है। केन्द्र शासित प्रदेश (+91-0191-2549676), जम्मू डिवीजन (+91-0191-25220982) और कश्मीर डिवीजन (+91-0194-2440283) के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं। इसके साथ हीश्रीनगर एयरपोर्ट और राष्ट्रीय राजमार्ग जम्मू और कश्मीर में स्क्रीनिंग के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षित कर्मचारियों को रखा गया है। सनत नगर में एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, अलग-अलग जिलों में क्वारटाइन फैसेलिटी को बढ़ाया गया है, ताकि संदिग्ध मामलों को तीसरे स्तर के केन्द्र पर सीधे लाने की बजाय लोगों को इन्हीं क्वारटाइन में रखा जाए।
श्रीनगर. कश्मीर के बांदीपोरा के रहने वाले उमर सुहैल चीन के जिलिन शहर की बिहुआ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। 21 जनवरी की सर्द रात में जब उनके पास एक फोन कॉल आता है तो वे पसीने से तरबतर हो जाते हैं। इस कॉल में उन्हें चीन में फैल रहे कोरोनावायरस के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्हें यह भी बताया जाता है कि वे जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, वायरस का संक्रमण उस ओर भी बढ़ रहा है। इस फोन कॉल के 10 दिन बाद ही उमर अपने घर आ जाते हैं,लेकिन ये 10 दिन और घर आने के बाद अगले 14 दिन उन्होंने कैसे गुजारें, शायद उन्हें जिंदगीभर याद रहने वाला है।
उमर बताते हैं,‘‘मैंने देखाहै कि उन दिनों में जिलिन शहर के सुपर मार्केट कितनी तेजी से खाली होने लगे थे। यह भी देखा है कि पूरे शहर में कैसे एकदम अशांति सी फैल गई थी। लोगों ने सुपर मार्केट की अलमारियों को छान मारा था। खाने-पीने के सामान और सेनिटाइजर्स इकट्ठा करने की होड़ मची हुई थी। मुझे याद है कि भारत लौटने से पहले किस तरह मैं सेनिटाइजर और मास्क के लिए लोगों के सामने हाथ फैला रहा था। बड़ी मुश्किल से मुझे एक बोतल सेनिटाइजर मिल पाया था।”
जब हर जगह बंद होने लगी और खाने-पीने के सामान की कमी होने लगी, तभी उमर ने घाटी में लौटने का फैसला लिया। 30 जनवरी को उन्होंने शंघाई से फ्लाइट पकड़ी और 1 फरवरी को भारत पहुंच गए। यहां पहुंचते ही उनका चेकअप किया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने भी उनके आते ही सवालों की बौछार शुरू कर दी। उमर बताते हैं कि “एयरपोर्ट पर स्क्रिनिंग स्टॉफ ने उन्हें स्वस्थ पाया था, लेकिन जैसे ही वे अपने घर पहुंचे, बांदीपोरा के हॉस्पिटल से डॉक्टर्स की टीम आई, चेकअप किया और मुझे घर पर ही 14 दिन तक क्वारटाइन (कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों को अलग रखना) कर दिया गया।”
उमर के लिए असल चुनौती क्वारटाइन पीरियड के साथ शुरू हुई। उन्हें किसी से भी मिलने की मनाही थी, वे परिवार के सदस्यों के साथ खाना भी नहीं खा सकते थे। उमर बताते हैं, "पड़ोसी और रिश्तेदार हर दिन मेरेघर आते और मां से पूछते कि क्या मैं ठीक हूं? उनके लगातार आने और बार-बार एक ही सवाल पूछने से मुझे भी ये लगने लगा था कि मैं एक जानलेवा इंफेक्शन का सोर्स हो गया हूं।"
उमर इंटरनेट की धीमी स्पीड की ओर इशारा करते हुए उदासी भरी आवाज में बताते हैं कि “सभी तरह की नकारात्मकता से दूर होने के लिए मैं अपना पूरा टाइम पढ़ाई में देना चाहता था, लेकिन इंटरनेट की 2G स्पीड के चलते ये भी संभव नहीं हो सका। मुझे अपनी ऑनलाइन क्लासेस भी छोड़नी पड़ी।”
चीन के हिलोंगजिआंग प्रांत की कीकीहार यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही खुशबू राथेर की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। उनके प्रोफेसर ने उन्हें कई बार डोरमेट्री रूम से बाहर न निकलने की सलाह दी। बांदीपुरा क्षेत्र के चट्टी बांदी इलाके की रहने वाली खुशबू अभी 21 साल की हैं। वे उन दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि कैसे उन्हें इन्फेक्शन के फैलने के डर से रात-रात भर नींद नहीं आती थी।
खुशबू बताती हैं, "टीचर हमे ट्रिपल लेयर मास्क पहनने के लिए कहती थीं। वे हर घंटे हमारेबॉडी टेम्परेचर को मॉनिटर कर रहीथीं। उन दिनों हम सभी एक-दूसरे से कुछ सवाल बार-बार पूछ रहे थे- अगर हममें से कोई एक संक्रमित निकला तो क्या होगा? क्या हम जिंदा बच पाएंगे? क्या हमारा परिवार हमें फिर से देख पाएगा? क्या यहीं अंत है? हम चीनी भाषा नहीं जानते, अगर हमें क्वारटाइन किया गया तो हम उन लोगों से कैसे बात करेंगे?"
वायरस के तेजी से फैलने के डर से खुशबू ने 5 फरवरी को भारत आने का फैसला लिया। वे बताती हैं कि, “गुआंगझू से मेरी फ्लाइट थी। वहां कई ऐसे लोग थे, जो संक्रमित थे। मुझे लगातार यही डर सता रहा था कि मैं शायद सुरक्षित घर नहीं पहुंच पाऊंगी।"
खुशबू 7 फरवरी को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरीं। स्क्रिनिंग के बाद उन्हें फौरन चेक अप के लिए ले जाया गया। वे बताती हैं कि “चेकअप में कोरोनावायरस का कोई लक्षण नजर नहीं आया। मुझे पूरी तरह से स्वस्थ बताया गया था, लेकिन एहतियात के तौर पर मुझे घर पर क्वारटाइन कर दिया गया।"
खुशबू को जब घर लाया गया, तो उनके भाई-बहन और रिश्तेदार उन्हें डर और कुछ तिरस्कार की नजर से देखते थे। वे बताती हैं कि, “मुझे अपने कमरे से बाहर आने की इजाजत नहीं थी। खाना भी परिवार के साथ नहीं खा सकती थी। मुझे बहुतही बुरा लगता था।"
पढ़ाई में आए इस ब्रेक से खुशबू थोड़ी परेशान भी नजर आती हैं। वे कहती हैं कि, “हमारा तीसरा सेमेस्टर अभी शुरू ही हुआ था। हम अपने नए विषयों को लेकर बेहद उत्साहित थे और अब मैं यहां हूं अकेले, सभी से अलग-थलग, जहां से वापसी की कोई उम्मीद भी फिलहाल नजर नहीं आती।"
कश्मीर में अब तक 1433 लोगों को क्वारटाइन किया गया
एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, श्रीनगर एयरपोर्ट पर अब तक करीब 28 हजार 525 यात्रियों की स्क्रिनिंग हुई है। इसके मुताबिक कुल 1433 लोगों को होम क्वारटाइन किया गया है। डेटा के मुताबिक कश्मीर से 23 सैम्पल लिए गए हैं, इनमें से 20 नेगेटिव मिले हैं। अब तक कश्मीर में कोरोनावायरस का एक भी पॉजिटिव सैम्पल नहीं मिला है, लेकिन यहां लोग दुनियाभर में इस वायरस से हो रही मौतों से चिंतित हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने निगरानी और कंट्रोल सिस्टम मजबूत किया
जम्मू और कश्मीर प्रशासन कोरोनावायरस के लक्षणों की पहचान के लिए और इसके फैलते संक्रमण से तुरंत निपटने के लिए लगातार तैयारी बेहतर कर रहा है। प्रशासन ने निगरानी और कंट्रोल सिस्टम को मजबूत किया है। केन्द्र शासित प्रदेश (+91-0191-2549676), जम्मू डिवीजन (+91-0191-25220982) और कश्मीर डिवीजन (+91-0194-2440283) के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं। इसके साथ हीश्रीनगर एयरपोर्ट और राष्ट्रीय राजमार्ग जम्मू और कश्मीर में स्क्रीनिंग के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षित कर्मचारियों को रखा गया है। सनत नगर में एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, अलग-अलग जिलों में क्वारटाइन फैसेलिटी को बढ़ाया गया है, ताकि संदिग्ध मामलों को तीसरे स्तर के केन्द्र पर सीधे लाने की बजाय लोगों को इन्हीं क्वारटाइन में रखा जाए।
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