
भोपाल. मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच विधानसभा अध्यक्षएनपी प्रजापति ने कांग्रेस के बागी विधायकों को 15 मार्च तक पेश होने का दोबारा नोटिस दिया है। इससे पहले प्रजापतिने सभी 22 विधायकों कोतीनअलग-अलग तारीखों में बुलाया था। अब ये विधायक 15 मार्च को शाम 5 बजे तक पेश हो सकते हैं।
चर्चा इस बात को लेकर भी है कि अगर सभी विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं हुए तो सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है। इधर, सभी विधायकों के उपस्थित नहीं होने पर सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। नियम ये है कि सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है।
19 विधायकों के इस्तीफे कीजांच हो: संसदीय कार्यमंत्री
शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से 19 विधायकों के इस्तीफों की विस्तृत जांच की मांग की। उन्होंने कहाकि इन विधायकों को स्पीकर केसमक्ष बुलाया जाए और यह जांच-पड़ताल की जाए कि उन्होंने इस्तीफाकिन हालातमें दिया। अगर यह स्वेच्छा से नहीं दिया गया, तो इन्हें निरस्त किया जाए। सिंह ने यह भी कहा कि सभी विधायकों के इस्तीफे कूटरचितहैं।
सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों का इस्तीफा
बेंगलुरुके रिजॉर्ट में ठहराए गए कांग्रेस के 19 विधायक और बाद में 3 और विधायक अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज चुके हैं। विधानसभा स्पीकर द्वारा नोटिस जारी करने के बाद उनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार कोभोपाल आना था, लेकिन दिनभर के इंतजार के बाद आखिरी मौके पर उनका आना कैंसिल हो गया। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बेंगलुरुमें विधायकों से मिलने पहुंचे। विधायक पहले से नड्डा के संपर्क में हैं।12 मार्च को कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी भीविधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
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