Friday, March 13, 2020

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नई दिल्ली/तेहरान.चीन और इटली के बाद ईरान तीसरा ऐसा देश है, जहां कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा असर है। अब तक यहां 514 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच एक सैटेलाइट तस्वीर सामने आई है। अंतरिक्ष से ली गई इस तस्वीर में कब्रें दिखने का दावा किया गया है। मैक्सार टेक्नोलॉजी की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीर को वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी खबर का आधार बनाया है। इसके मुताबिक येकब्रें कौम शहर के बेहशत-ए-मशोमेह कब्रिस्तान में खुदी हैं। 21 फरवरी से नई कब्रों की खुदाई शुरू हुई। फरवरी के अंत तक 100 एकड़ में कब्रिस्तानबनाया गया है।

सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि संक्रमण बढ़ने के साथ कब्रों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में ली गई सैटेलाइट तस्वीर में ये हिस्से पूरी तरह से खाली थे। तब तक एक हिस्से में 10% से भी कम लोगों को दफन किया गया था, लेकिन मार्च की शुरूआत में यह पूरा भर गया। अब कब्रिस्तानके दूसरे हिस्से में भी तेजी से मृतकों को दफनाया जा रहा है।

कब्र खोदने का वीडियो भी सामने आया
बीबीसी ईरानने सैटेलाइट तस्वीरों की पुष्टि करता हुआ वीडियो जारी किया है। वीडियो में बेहशत-ए-मशोमेह कब्रिस्तान में कुछ लोग जैकेट पहनकर जल्दबाजी में कब्रें खोदते दिखे। इसमें एक व्यक्ति यह भी बोलते हुए नजर आ रहा है कियह हिस्सा कोरोनावायरस पीड़ितों के लिए है। एक अन्य वीडियो में मौजूद कर्मचारी बोल रहा है कि कोरोना सेइतनी जल्दी 250 लोग मर गए। यह डरावना है। आगे वह नई बनीताजा कब्रों को भी दिखाताहैं। अभी कुछ ही दिनों में यहां लोगों को दफनाया गया है।

मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीर।

कौम में मिला था कोरोना का पहला मामला
ईरान में कोरोनावायरस का पहला मामला कौम शहर से ही आया था। अब तक यहां 10 हजार से अधिक लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। यहां 8 करोड़ की आबादी है। उपराष्ट्रपति समेत दो दर्जन से अधिक सरकारी अफसर कोरोना की चपेट में हैं। मरने वालों में यहां के कुछ सांसद, एक पूर्व राजनयिक और राष्ट्रपति के सलाहकार भी शामिल हैं।

ईरान के कौम शहर का एरियल व्यू जहां कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

मृतकों का आंकड़ा छिपा रही सरकार
रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि ईरान सरकार मरने वालों के आंकड़े सही से नहीं जारी कर रही है। मैक्सार टेक्नॉलजी के एक वरिष्ठ इमेजरी एनालिस्ट ने वॉशिंगटन पोस्ट से कहा, ‘‘बेहशत-ए-मशोमेह में जो हो रहा वो पहले से काफी अलग है। खाइयों के आकार और खुदाई में आए बदलाव से साफ है कि वहां काफी कुछ बदला है।’’एनालिस्ट ने ये भी कहा की सामूहिक कब्र से पैदा होने वाली बदबू छिपाने के लिए चूना भी इस्तेमाल हुआ है।



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कोम के बेहशत-ए-मशोमेह कब्रिस्तान की सैटेलाइट से ली गई तस्वीर। दावा है कि इसमें दिखने वाला सफेद हिस्सा ही कोरोनावायरस से मरने वालों की कब्र है।


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