Wednesday, April 1, 2020

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अमेरिका में कोरोनवायरस के कारण 6 हफ्ते के नवजात की मौत हो गई। देश में इस महामारी से मरने वाला यह सबसे कम उम्र का अमेरिकी बच्चा है। इसकी जानकारीकनेक्टिकट के गवर्नर नेड लामॉन्ट ने बुधवार को ट्विटर पर दी। नवजात को पिछले सप्ताह एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे बचाया नहीं जा सका। बीती रात हुए टेस्ट में यह स्पष्ट हो गया कि नवजात कोरोना पॉजिटिव था। पिछले हफ्ते 9 माह के शिशु की मौत शिकागो में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेशविले में भी दाे महीने के बच्चे की जान भीकोरोनावायरस से हुई थी।


गवर्नर नेड लामॉन्ट ने कहा, ‘‘यह दिल दुखाने वाला है। हमारा मानना है, यह सबसे कम उम्र की जान कोरोनावायरस के कारण गई है। यह एक वायरस बिना दया किए सबसे जीवन पर हमला करता है। यह हमें घरों में तनावपूर्ण रहने के लिए मजबूर करता, लेकिन हमारा जीवन इसी बात पर निर्भर करेगा कि हम एक दूसरे से कितनी दूरी बनाकर रह सकते हैं।’’

बच्चों की मौतों को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं
कुछ दिन पहले न्यू इंग्लैंड जर्नल में चायनीज शोधकर्ताओं का एक लेख प्रकाशित हुआ था, जिसमें 10 महीने के नवजात की मौत का जिक्र किया गया था। इसमें बताया गया था कि अस्पताल में भर्ती होने के चार हफ्ते बाद उसकी मौत हो गई थी। संक्रमण की वजह से बच्चे के ऑर्गन फेल हो गए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने कहा, 'नवजात को 24 घंटे पहले कोरोनावायरस का संक्रमण हुआ था। उसकी मौत की खबर ने मुझे हिलाकर रख दिया। उसके मौत की पूरी जांच की जा रही है।' उन्होंने बताया कि मैं जानता हूं, एक नवजात की मौत की खबर कितनी दुखदायी हो सकती है। यह पूरे परिवार के बेहद दुखभरा समय है, जो पूरे सालभर से बच्चे के आने की खुशियां संजो रहा था।'

शिकागों में हुई बच्चे की मौत पर यूएस हेल्थ डायरेक्टर नेगोजी एजिक ने कारण कोरोना के संक्रमण को माना था।

वायरस युवाओं की अपेक्षा बुजुर्गाें को ज्यादा प्रभावित करता है

  • यूएस के हेल्थ डायरेक्टर नेगोजी एजिक ने भी माना कि ऐसा मामला पहली बार देखा गया। उन्होंने कहा, 'वैश्विक महामारी का रूप ले रहे कोरोनावायरस से अब तक किसी नवजात की मौत का मामला उनके सामने नहीं आया था।' हालांकि, फ्रांस के स्वास्थ्य अधिकारी जेरोम सॉलोमन ने पिछले हफ्ते बताया था कि पेरिस के इले-द-फ्रांस इलाके में एक 16 साल की लड़की की मृत्यु कोरोनावायरस से हुई है। उन्होंने दावा किया था कि युवाओं में कोरोनावायरस के मामले दुर्लभ हैं, लेकिन जिनमें भी देखे गए हैं वे गंभीर हुए हैं।
  • एक शोध के मुताबिक, चीन में तीन महीनों में कोरोनावायरस बीमारी से 2100 बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन मौत सिर्फ एक बच्चे की हुई। इसकी उम्र 14 साल थी। अध्ययन ने पाया कि संक्रमित 6% बच्चे ही गंभीर रूप से बीमार हुए। कई अध्ययनों में पाया गया है कि कोरोनावायरस बुजुर्गों, शारीरिक रूप से कमजोर और दूसरी बीमारियों से ग्रसित रोगियों को ज्यादा प्रभावित करता है, क्योंकि ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती है और उन्हें इस वायरस से निपटने का मौका नहीं मिलता।


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नेशविले में भी दाे महीने का बच्चा कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था। (फाइल)


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