
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट और मास्क से सितंबर तक एक्साइज ड्यूटी हटाने का फैसला लिया। इसके साथ ही इन उपकरणों पर लगने वाले मेडिकल सेस में भी छूट दी गई है। इससे महामारी के बीच देश में वेंटिलेटर्स और टेस्टिंग किट की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहेगी। साथ ही पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट और सभी तरह के मास्क की कीमतें भी कम होंगी।
राजस्व विभाग ने गुरुवार को बताया कि कोरोना महामारी के दौर में वेंटिलेटर्स और अन्य चिकित्सा उपकरणों की बहुत मांग है। ऐसे में सरकार इनके आयात पर लगने वाली ड्यूटी और सेस को तत्काल वापस ले रही है। साथ ही यह छूट देश में इन्हें तैयार करने पर भी जारी रहेगी। फिलहाल, सरकार ने इस छूट की अवधि 30 सितंबर तय की है।
अभी कितनी ड्यूटी देनी होती थी?
फिलहाल, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट पर 10%, मास्क पर 7.5%, पीपीई किट पर 7.5 से 10% एक्साइज ड्यूटी ली जा रही थी। इसके अलावा इन सभी चीजों पर 5% मेडिकल सेस अलग से वसूला जाता था।
चीन दुनिया में कोरोना किट का बड़ा निर्यातक
कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी के साथ ही इन चीजों की मांग घरेलू मार्केट में तेजी से ऊपर जा रही है। भारत पहले ही कोरोना के इलाज से जुड़े किट के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा चुका है। ताकि देश में इनकी उपलब्धता बनी रहे। ट्रेड एक्सपर्ट्स ने सरकार के एक्साइज ड्यूटी और सेस हटाने के फैसले का स्वागत किया है। चीन दुनिया में वेंटिलेटर, कोरोना किट और मास्क का इन दिनों बड़ा निर्यातक है।
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