
दुनिया में कोरोनावायरस महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि महामारी से निपटने की तैयारियों में कमी साफ दिखती है। दुनिया पर जैविक हमले का खतरा मंडरा रहा है। दुनियाभर में फैले आतंकी गुट इसका फायदा उठा सकते हैं। अब तक 95 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना पर नजर रख रही जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, महामारी के चलते 15 लाख लोगों की जान जा सकती है।
गुटेरेस ने गुरुवार को सिक्योरिटी काउंसिल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा, ‘‘कोरोना के चलते दुनिया इस वक्त खतरनाक दौर से गुजर रही है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों को इस दौरान एकजुटता दिखाने की जरूरत है। हर देश कोविड-19 की गिरफ्त में है। हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है। अस्पताल भरे हुए हैं। कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव है। लाखों लोगों को नौकरियां खोनी पड़ीं और बिजनेस में नुकसान हो रहा है। रोजमर्रा की जिंदगी में खासा बदलाव आया है। चिंता इस बात की है कि इससे भी ज्यादा भयावह सामने आ सकता है। ’’
1930 की मंदी से भी ज्याद भयावह:
आईएमएफ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) प्रमुख क्रिस्टीना जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘कोरोना संकट 1930 की महान मंदी से भी बड़ा है। अभी यह और खतरनाक रूप में सामने आ सकता है। कोरोना के चलते 170 देशों की प्रतिव्यक्ति आय में गिरावट आई है। कुछ महीने पहले हम उम्मीद कर रहे थे कि 160 देशों की प्रतिव्यक्ति आय में इजाफा होगा। कोविड के चलते अर्थव्यवस्था में जो गिरावट आई है, वह अगले साल तक कुछ हद तक ही ठीक हो पाएगी।’’ आईएमएफ ने जनवरी में इस साल के लिए ग्लोबल ग्रोथ 3.3% और 2021 के लिए 3.4% का अनुमान जताया था।
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