Wednesday, January 15, 2020

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नई दिल्ली. भारत के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण के लिए इस महीने रूस भेजा जाएगा। वह वहां 11 महीने तक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण जनवरी के तीसरे हफ्ते शुरू होगा। गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी और इसे 2022 में देश की आजादी की 75वीं सालगिरह पूरी होने के उपलक्ष्य में लॉन्च किया जाएगा।

उन्होंने बताया, “रूस में 11 महीने का प्रशिक्षण पाने के बाद अंतरिक्ष यात्री भारत में भी प्रशिक्षण हासिल करेंगे। इसमें इसरो द्वारा डिज़ाइन किए गए चालक दल और सेवा मॉड्यूल में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें इसे संचालित करना और इसके साथ काम करना आदि सीखाया जाएगा।” उन्होंने बताया कि इन सभी यात्रियों को देश का सबसे भारी लॉन्च व्हिकल जीएसएलवी मार्क-3 से अंतरिक्ष ले जाया जाएगा और वे कम से कम सात दिन अंतरिक्ष में गुजारेंगे।

अंतरिक्ष मिशन के लिए गगनयान सलाहकार समिति का गठन
इसरो ने अंतरिक्ष पर मानव भेजने की तैयारी के लिए गगनयान सलाहकार समिति का गठन किया गया था। पिछले साल मई में, वायुसेना ने इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के साथ गगनयान मिशन के लिए क्रू सिलेक्शन और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने का समझौता किया था। प्रशिक्षण के लिए इसरो ने रूस के अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस के साथ पिछले साल जुलाई को एक समझौता किया था। इससे पहले, इसरो प्रमुख ने बताया था कि 2020 में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया था कि इस साल भारत 25 से ज्यादा मिशन लॉन्च करेगा।



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चारों अंतरिक्ष यात्री 2022 में लॉन्च व्हिकल जीएसएलवी मार्क-3 से अंतरिक्ष जाएंगे।- फाइल फोटो


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