
पहले से ही पार्टी में विरोध का सामना कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किलें और बढ़ गईं। उनकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के सीनियर लीडर नारायणकाजी श्रेष्ठा ने ओली के भारत और अयोध्या पर दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए इन्हें बेहूदा बताया। श्रेष्ठा के मुताबिक, ओली के बयानों की वजह से भारत और नेपाल के रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
श्रेष्ठा पार्टी की सबसे मजबूत इकाई सेंट्रल कमेटी के सचिव तो हैं ही, इसके अलावा वे पार्टी के प्रवक्ता भी हैं।
दो बयानों के कारण मुश्किल
ओली ने पिछले दिनों भगवान राम का जन्मस्थान नेपाल के बीरगंज जिले के थोरी में बताया था। इसके पहले वो भारत पर उन्हें कुर्सी से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगा चुके थे। भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। लेकिन, ओली को जवाब उनकी ही पार्टी की सीनियर लीडरशिप से मिल रहा है। मुख्य विरोधी प्रचंड की अगुआई वाला खेमा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
ऐसे बयान झुंझलाहट पैदा करते हैं
ओली के बयानों पर श्रेष्ठा ने एक इंटरव्यू में कहा, “इस तरह के बयान गलत, गैरजरूरी, फिजूल हैं। इससे झुंझलाहट आती है। एक प्रधानमंत्री इस तरह की बातें कैसे कर सकता है। ये तो भारत से हमारे रिश्ते बिगाड़ने वाली बातें हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री ने भारत विरोधी बयान देकर भयानक गलती है। अगर हमारे बीच कुछ मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।”
पार्टी ही साथ नहीं
श्रेष्ठा ने ओली के तीन बयानों और तीन गलतियों को स्वीकार किया। साथ ही इशारों में ये भी साफ कर दिया कि पार्टी इन बयानों का समर्थन नहीं करती। इस प्रवक्ता के मुताबिक- सत्यमेव जयते, अयोध्या और सरकार गिराने की साजिश वाले ओली के बयान आधारहीन हैं। नेपाल को हमेशा भारत से अच्छे रिश्ते रखने होंगे। हम सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि हर रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। बेहतर होता ओली एक प्रधानमंत्री के तौर पर राजनयिक मूल्यों को समझते।
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