
राजद नेता और लालू प्रसाद के सबसे करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह (74) का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। वे पिछले चार दिनों से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
रघुवंश जब पटना एम्स में भर्ती थे, तब उन्होंने 23 जून को पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वे रामा सिंह के राजद में आने की खबरों को लेकर नाराज चल रहे थे। रघुवंश को 18 जून को कोरोना हो गया था। एक जुलाई को उन्हें पटना एम्स से छुट्टी मिल गई थी।
प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
अब आपकी पीठ के पीछे खड़ा नहीं रहूंगा: रघुवंश
10 सितंबर को उन्होंने अस्पताल के बेड से ही राजद प्रमुख लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा, ‘‘जन नायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 साल तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन का बड़ा स्नेह मिला, मुझे क्षमा करें।’’

आप कहीं नहीं जा रहे: लालू
लालू प्रसाद यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं। अपने करीबी की नाराजगी की बात पर उन्होंने खुद मोर्चा संभाला। रघुवंश को चिट्ठी लिखी, ‘‘राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में भी मिल बैठकर ही विचार किया है। आप जरूर स्वस्थ हों फिर बैठ के बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं! समझ लीजिए।’’

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