Monday, November 2, 2020

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राज्य के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। शाम 6 बजे तक मतदान होगा। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मोहित बुंदस ने बताया कि कोरोना से सुरक्षित मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार तोमर ने बताया कि उपचुनाव में 3 नवंबर को कुल 9 हजार 361 केंद्रों पर वोटिंग होगी। मतगणना 10 नवंबर को विधानसभा क्षेत्र/जिला मुख्यालय पर होगी। उप निर्वाचन में कुल 355 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान के लिए 13 हजार 115 बैलेट यूनिट, 13 हजार 115 कंट्रोल यूनिट और 14 हजार 50 वीवीपैट हैं।

महिला पोलिंग बूथ पर वोटर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है ताकि लोग बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सा लें।

कोविड मरीज अंतिम एक घंटे में डाल सकेंगे वोट
निर्वाचन आयोग ने कोरोना के मद्देनजर खास इंतजाम किए हैं। कोविड-19 से सुरक्षित मतदान के लिए केंद्रों पर मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, पानी, तापमान की जांच व्यवस्था के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया गया है। मतदान केंद्रों पर अधिक भीड़ नहीं हो, इसके लिए सहायक मतदान केंद्रों की व्यवस्था की गई है। मतदान केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए 6 फुट की दूरी पर गोले बनाए गए हैं। कोविड संदिग्ध या क्वॉरैंटाइन वोटर मतदान केंद्र के अंदर एक बार में एक ही वोटर जाएगा।

केंद्रों में कोविड से बचाव की पूरी तैयारी
मतदाताओं में कोविड-19 का भ्रम दूर करने के लिए मतदान केंद्रों पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। मतदान केंद्र का आवश्यक सैनिटाइजेशन कराया गया है। मतदान कर्मियों को पीपीई किट प्रदान की गई है। यदि टेम्परेचर दो बार मापने पर भी ज्यादा होता है, तो निर्वाचक को कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत उस वोटर को आखिरी घंटे में वोट डालने दिया जाएगा।

वोटर टर्न आउट एप पर मिलेगी वोटिंग की ताजा जानकारी
उपचुनाव में 19 जिलों की 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के प्रतिशत की अपडेट जानकारी 'Voter turnout' पर मिलेगी। eci.gov.in/voter-turnout के जरिए भी वोटिंग प्रतिशत की जानकारी मिल सकेगी।

इससे पहले 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उप चुनाव के लिए बीते 32 दिन से जारी चुनाव प्रचार रविवार शाम 6 बजे थम गया। इन सीटों की सीमाएं रविवार को शाम 5 बजे के बाद से सील कर दी गई हैं। अब अगले 48 घंटे मतदाता के होंगे।

पिछले दो चुनाव में 23 मंत्री हार चुके
पिछले दो विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो शिवराज सरकार के 23 मंत्रियों को जनता ने घर बैठा दिया था। वर्ष 2013 में 10 और 2018 में 13 मंत्री विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। इस बार 3 नवंबर 2020 को होने वाले चुनाव में 14 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। इसमें से 11 पर तो भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, क्योंकि यह उनके कहने पर ही पार्टी बदलकर भाजपा में आए हैं।

इन पर सबकी नजर
सिंधिया समर्थक भाजपा सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ऐंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग पर सबकी नजर रहेगी। हालांकि, यह अपने बयानों को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं।

वोटों का गणित साधने की कोशिश
कांग्रेस से भाजपा में गए 25 पूर्व विधायकों के सामने फिर से विधायक बनने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती खुद को मिले वोटों के अंतर को पाटना है, जो उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा उम्मीदवारों से अधिक मिले थे। इस मामले में सबसे कम चुनौती उन पूर्व विधायकों के सामने हैं, जो 2000 से कम मतों से जीते थे। इनमें मंत्री हरदीप सिंह डंग की जीत सबसे छोटी थी और वह 350 मतों से जीते थे। उसके बाद मांधाता के नारायण पटेल 1236 और नेपानगर की सुमित्रा देवी 1256 मतों से जीती थीं।



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ग्वालियर के एक पोलिंग बूथ पर वोट डालने पहुंचे एक बुजुर्ग। सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है।


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