Wednesday, July 22, 2020

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(विजय उपाध्याय)श्रीरामजन्म भूमि मंदिर के नींव पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास 5 अगस्त को सिर्फ 32 सेकंड होंगे। इस अभिजीत मुहूर्त में 500 साल की कोशिशों को साकार करने की शुरुआत होगी। अभिजीत मुहूर्त में ही श्रीराम का जन्म हुआ था। यह शुभ मुहूर्त ज्योतिष शास्त्र में उत्तर-दक्षिण के संगम से निकला है।

उत्तर भारत में 5 अगस्त को भाद्रपद और दक्षिण भारत में श्रावण मास है। मुहूर्त का समय 5 अगस्त को मध्याह्न 12 बजकर 15 मिनट के आसपास है। इस मुहूर्त को काशी के प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड ने निकाला है। अभिजीत मुहूर्त में नींव पूजन सुनिश्चित करने के लिए काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी के साथ तीन आचार्य निगाह रखेंगे।

शुरुआत महा-गणेश पूजन से होगी

देश के अलग-अलग राज्यों से आए वैदिक आचार्य 3 अगस्त से नींव पूजन शुरू करेंगे। शुरुआत महा-गणेश पूजन से होगी। नींव पूजन में चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मंत्री मुरलीमनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती समेत सभी राज्यों के सीएम शामिल हैं।

4 अगस्त को सूर्य सहित नवग्रह की पूजा होगी

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पहले दिन महा-गणेश पूजन के साथ पंचांग पूजन भी होगा। दूसरे दिन 4 अगस्त को सूर्य सहित नवग्रह की पूजा होगी। 5 अगस्त को वरुण, इंद्र आदि देवताओं के साथ पूजा होगी। नींव पहले से खोदी गई होगी। प्रधानमंत्री को आधे मिनट में नींव पूजन की सामग्री को संकल्प के साथ स्पर्श करते हुए नींव में स्थापित करना होगा।

70 हजार घनफुट पत्थर पहले ही तराश लिए गए

इधर, मंदिर के आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक, नई व्यवस्था में 10 हजार श्रद्धालु रामलला के एक साथ दर्शन कर सकेंगे। मंदिर निर्माण के लिए करीब 3 लाख 75 हजार घनफुट लाल पत्थर की जरूरत होगी। इसमें से 70 हजार घनफुट पत्थर पहले ही तराश लिए गए हैं। बाकी के पत्थर बंसीपुरा से मंगवाए जा रहे हैं।

रामानंदी परंपरा से ही होगा नींव पूजन: आचार्य सत्येंद्र दास
इधर, राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह रामलला के मंदिर का नींव पूजन है, इसलिए रामानंदी परंपरा से ही पूजन होगा। 5 शिलाओं नंदा, जया, भद्रा, रिक्ता व पूर्णा की पूजा की जाएगी। चार शिलाएं चार दिशाओं में और एक बीच में रखी जाती है।

इधर, ज्योतिष और द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने 5 अगस्त के मुहूर्त पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस दिन दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है।उन्होंने राम मंदिर के नए मॉडल को लेकर कहा कि इसे कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर और भव्य बनाया जाना चाहिए।



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PM Modi will have only 32 seconds for the foundation worship of Ram temple on August 5, this Abhijeet Muhurta North-South confluence


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