Sunday, August 23, 2020

easysaran.wordpress.com

कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? यह सवाल एक साल बाद फिर पार्टी के सामने है, क्योंकि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को सुबह 11 बजे होने वाली बैठक में नया पार्टी प्रमुख चुनने के लिए कह सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं से नया अध्यक्ष खोजने को कहा है। वे इस पद पर अलग-अलग समय में अब तक 20 साल तक रह चुकी हैं। हालांकि, कांग्रेस ने सोनिया के इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है।

राहुल गांधी पहले ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। तब सोनिया ने अगस्त में एक साल के लिए अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। इस साल 10 अगस्त को उनका कार्यकाल पूरा हो गया। इस दिन हुई बैठक में पार्टी की बागडोर संभालने का कहा गया। तब भी गांधी ने कहा था कि उन्हें एक बार फिर से पार्टी का नेतृत्व करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

बैठक में पार्टी के सामने 4 विकल्प ​​​​​
1. सोनिया पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहें। अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया का समयबद्ध ऐलान हो जाए।
2. चुनाव के जरिए राहुल के पार्टी प्रमुख बनने तक गैर गांधी वरिष्ठ नेता को अध्यक्ष बनाया जाए। इनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे और मुकुल वासनिक का नाम चल रहा है।
3. राहुल को अध्यक्ष बनने के लिए मनाया जाए। वैसे भी सीडब्ल्यूसी ने तकनीकी तौर पर उनका इस्तीफा स्वीकारा नहीं है। राहुल को संगठन में व्यापक फेरबदल करने के अधिकार भी दिए जा सकते हैं।
4. अध्यक्ष के लिए राहुल के नाम का प्रस्ताव आ सकता है। माना जा रहा है पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष के लिए राहुल का नाम आगे कर सकते हैं। अगर कार्यसमिति चुनाव का फैसला लेती है तो बात वहीं खत्म हो सकती है।

आखिर बदलाव की मांग क्यों उठ रही?
1. पार्टी का जनाधार कम हो रहा: 2014 के चुनाव में सोनिया गांधी अध्यक्ष थीं। इस चुनाव में कांग्रेस को अपने इतिहास की सबसे कम 44 सीटें ही मिल सकीं। 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी अध्यक्ष थे। पार्टी सिर्फ 52 सीटें ही जीत सकी।
2. कैडर कमजोर हुआ: देश में कांग्रेस का कैडर कमजोर हुआ है। 2010 तक पार्टी के सदस्यों की संख्या जहां चार करोड़ थी, वहीं, अब यह लगभग एक करोड़ से कम रह गई। मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर समेत अन्य राज्यों में कांग्रेस में नेताओं की खींचतान का असर पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पड़ा है।
3. कांग्रेस की 6 राज्यों में सरकार: कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र में बची। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत के बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई।

अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में अलग-अलग राय
राहुल के पक्ष में: सलमान खुर्शीद ने रविवार को कहा, 'आंतरिक चुनावों की बजाय सबकी सहमति देखी जानी चाहिए। राहुल को कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन है।' पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि फिलहाल गांधी परिवार को ही पार्टी की बागडोर संभालनी चाहिए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राहुल गांधी में भरोसा जताया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल को आगे आना चाहिए और पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।
पार्टी में बदलाव के पक्ष में: गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और शशि थरूर समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव पर जोर दिया। इन्होंने कहा- लीडरशिप फुल टाइम (पूर्णकालिक) और प्रभावी हो, जो कि फील्ड में एक्टिव रहे। उसका असर भी दिखे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव करवाए जाएं। इंस्टीट्यूशनल लीडरशिप मैकेनिज्म तुरंत बने, ताकि पार्टी में फिर से जोश भरने के लिए गाइडेंस मिल सके। हालांकि, इन्होंने यह नहीं लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष गैर-गांधी परिवार से हो।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
congress working committee meeting news and updates Sonia Gandhi, rahul gandhi, congress


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3aRa3Bv
via

No comments:

Post a Comment

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via