Sunday, August 9, 2020

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अमेरिका में रंगभेद विरोधी आंदोलन चल रहे हैं। ज्यादातर जगह ये आंदोलन हिंसक प्रदर्शन का रूप ले चुके हैं। इनमें से एक प्रमुख स्थान कैलिफोर्निया का स्टॉकटॉन शहर है। पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद यहां भी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। इनमें कई लोग घायल हो चुके हैं। जबकि सैकड़ों लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

ऐसी स्थिति तब है, जब कैलिफोर्निया के 70 शहरों में से स्टॉकटॉन में अपराध की दर सबसे ज्यादा है।

जूलियन बालडेरामा ने यहां एक प्रोग्राम की शुरुआत की

इस बीच, स्टॉकटॉन के युवा जूलियन बालडेरामा ने यहां एक प्रोग्राम की शुरुआत की है। इसका नाम एडवांस पीस है। इस प्रोग्राम का मकसद युवाओं को हिंसक प्रदर्शन में जाने से रोकना है। दरअसल, जब जूलियन 15 साल के थे, तब उनके बड़े भाई की मौत हिंसक प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में हो गई थी।

जूलियन कहते हैं कि एक प्रदर्शन में भाग लेने के कारण उन्हें भी 2016 में पुलिस ने ड्रग्स तस्करी का आरोप लगाकर जेल भेज दिया था। इन घटनाओं से उन्होंने सबक लिया। वे नहीं चाहते कि अन्य लोग भी बेवजह जेल में जाएं और उनका जीवन बर्बाद हो जाए। इसलिए जूलियन एक लाख की आबादी वाले शहर स्टॉकटॉन के घर-घर जाकर युवाओं को प्रदर्शनों को लेकर जागरूक करते हैं।

12 सवाल भी तैयार किए

जूलियन ने 12 प्रमुख सवाल तैयार किए हैं। जैसे- वे युवाओं से सीधे ये नहीं कहते कि प्रदर्शनों में भाग नहीं लें। उनसे पूछते हैं- क्या तुम्हें पता है, जो तुम कर रहे हो, उसका नतीजा क्या होगा? आखिर क्यों तुम्हारे नेता रंगभेद विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में तुम्हें कोरोना की चपेट में भेज देना चाहते हैं? क्या हिंसा करने से तुम्हारी नौकरी या अन्य रोजगार बचा रहेगा? जूलियन की टीम में 15 से 40 साल की उम्र के लोग हैं।

कई लोग लूटपाट के लिए प्रदर्शन में शामिल होते हैं: जूलियन

जूलियन कहते हैं कि प्रदर्शन में कई लोग केवल लूटपाट के मकसद से शामिल होते हैं। इन लोगों का पता लगाना और इन्हें समझाना कठिन होता है। हमारी टीम लोगों को बताती है कि पुलिस प्रताड़ना की शिकायत कहां की जा सकती है। अक्सर लोग हमारे साथ आते हैं।

- न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत



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युवाओं को हिंसक प्रदर्शन से दूर रहने के लिए अपील करते जूलियन। वह मानते हैं कि प्रदर्शन में कई लोग केवल लूटपाट के मकसद से शामिल होते हैं। इन लोगों का पता लगाना और इन्हें समझाना कठिन होता है।


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