Monday, September 14, 2020

easysaran.wordpress.com

भारत में टीवी और दूरदर्शन का इतिहास एक-सा है। 15 सितंबर 1959 को दिल्ली में दूरदर्शन की शुरुआत हुई। तब यह टेस्टिंग फेज में था। नाम दिया गया था टेलीविजन इंडिया। 1975 में दूरदर्शन नाम रखा गया। भले ही टीवी आज बुद्धू बक्सा बन गया हो और इस पर चौबीसों घंटे दुनिया तमाम के चैनल नजर आते हैं, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं रहा है। जब दूरदर्शन शुरू हुआ तो सप्ताह में तीन दिन आधा-आधा घंटे प्रसारण होता था। 1965 में दूरदर्शन पर रोजाना कार्यक्रम प्रसारित होने लगे। पांच मिनट के न्यूज बुलेटिन भी शुरू हुए। लेकिन, टीवी की ग्रोथ शुरुआत में बेहद धीमी रही। 1975 तक सिर्फ सात शहरों तक पहुंच सका था। 1982 में रंगीन टीवी आए और एशियाई खेलों के प्रसारण ने तो इसकी लोकप्रियता को कई गुना बढ़ा दिया था। यहीं से टीवी का कायापलट हुआ। नए-नए प्रोग्राम बनने लगे। धीरे-धीरे सुबह और फिर दोपहर को प्रोग्राम प्रसारित होने लगे। शाम को रोज प्रसारित होने वाला कृषि दर्शन, हफ्ते में दो बार चित्रहार और रविवार को आने वाली रंगोली की लोकप्रियता की बराबरी आज का कोई प्रोग्राम नहीं कर सकता। 1966 में शुरू हुए कृषि दर्शन का योगदान देश में हरित क्रांति लाने में भी रहा है। आज 2 राष्‍ट्रीय और 11 क्षेत्रीय चैनलों के साथ दूरदर्शन के कुल 21 चैनल प्रसारित होते हैं। 14 हजार जमीनी ट्रांसमीटर और 46 स्‍टूडियो के साथ यह देश का सबसे बड़ा प्रसारणकर्ता है।

विश्वेश्वरैया का जन्मदिन यानी इंजीनियर्स डे

भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक में कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुका में हुआ था। उनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद चिकित्सक थे। वर्ष 1883 में इंजीनियरिंग की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने वाले एम. विश्वेश्वरैया का पसंदीदा विषय सिविल इंजीनियरिंग था। करियर के आरंभिक दौर में ही एम. विश्वेश्वरैया ने कोल्हापुर, बेलगाम, धारवाड़, बीजापुर, अहमदाबाद एवं पूना समेत कई शहरों में जल आपूर्ति परियोजनाओं पर खूब काम किया था। 1909 में उन्हें मैसूर राज्य का मुख्य अभियंता नियुक्त किया गया। वह रेलवे सचिव भी थे। कृष्णराज सागर बांध के निर्माण के कारण मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का नाम पूरे विश्व में सबसे अधिक चर्चा में रहा था। बांध के स्वचलित दरवाजों की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया, उसे यूरोप सहित विश्व के अन्य देशों ने भी अपनाया। विश्वेश्वरैया औद्योगिक विकास के समर्थक थे। वह उन शुरुआती लोगों में से एक थे, जिन्होंने बेंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में धातुकर्म विभाग, वैमानिकी, औद्योगिक दहन एवं इंजीनियरिंग जैसे अनेक नए विभागों को आरंभ करने का स्वप्न देखा था। 1955 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

आज ही के दिन शुरू हुआ था चीन और जापान में पहला युद्ध

चीन-जापान युद्ध 1894-95 में चीन और जापान के बीच कोरिया पर प्रशासनिक तथा सैन्य नियंत्रण को लेकर लड़ा गया था। जापान की मेइजी सेना इसमें विजयी हुई थी जिसके चलते कोरिया और ताइवान का नियंत्रण जापान के हाथ में चला गया। इस युद्ध में हार के कारण चीन को जापान के आधुनिकीकरण का लाभ समझ में आया और बाद में चिंग राजवंश के खिलाफ 1911 मे क्रांति हुई। जापान ने अपने साम्राज्यवाद का मुख्य लक्ष्य चीन को बनाया और सर्वप्रथम कोरिया में उसने चीन के साथ अपनी शक्ति का प्रयोग किया। कोरिया अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से जापान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसलिए कोरिया प्रायद्वीप में जापान की बहुत रूचि थी। चीन के मंचू सम्राटों ने 17वीं शताब्दी में कोरिया पर अधिकार कर लिया था और तभी से कोरिया चीन का अधीन प्रदेश माना जाता था। कोरिया का स्वतंत्र राजा चीन के सम्राट को अपना सबकुछ मानता था। इस तरह कोरिया का राज्य चीन के एक संरक्षित राज्य के समान था। कोरिया प्रायद्वीप में जापान का परंपरागत स्वार्थ था जो इस युद्ध का कारण बना ।

इतिहास में आज के दिन को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है......

  • 1812ः नेपोलियन के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना मास्को के क्रैमलिन पहुंची।
  • 1982ः लेबनान के निर्वाचित राष्ट्रपति बशीर गेमायेल की पदासीन होने के पूर्व ही बम बिस्फोट में हत्या।
  • 1916ः प्रथम विश्व युद्ध में पहली बार सोम्मे की लड़ाई में टैंक का इस्तेमाल किया गया।
  • 1948ः स्वतंत्र भारत का पहला ध्वजपोत आईएनएस दिल्ली बंबई (अब मुंबई) के बंदरगाह पर पहुंचा।
  • 1971ः हरी-भरी और शांति पूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध ग्रीन पीस की स्थापना की गई।
  • 1981ः वानुअतु संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना।
  • 2001ः अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति को अफ़ग़ानिस्तान पर सैनिक कार्यवाही की मंजूरी दी।
  • 2002ः न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर भारत, चीन एवं रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित।
  • 2003ः सिंगापुर के मुद्दे पर विकासशील देशों के भड़क उठने से डब्ल्यूटीओ वार्ता विफल।
  • 2004ः ब्रिटिश नागरिक गुरिंदर चड्ढा को 'वुमन आफ़ द ईयर' सम्मान।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Today History for August 20th/ What Happened Today | start of doordarshn birth of visvesvaraya sino-japan 1st war


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Rr8YHL
via

No comments:

Post a Comment

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via