Thursday, December 24, 2020

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क्या आप जानते हैं? क्रिसमस पर चटक लाल रंग की पोशाक पहले जिस सेंटा क्लॉज का बच्चे बेसब्री से इंतजार करते हैं, उनका यह रूप एक कोला कंपनी के प्रचार की देन है। असली सेंटा क्लॉज तो बेहद सादगी भरे अंदाज में रहते थे। इस सादगी के चलते ही वे बच्चों को रात में चुपचाप गिफ्ट देकर चले जाते थे।

यही नहीं शुरुआत की कई सदियों तक 6 जनवरी को ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जाता था। अब क्रिसमस चाहे 25 दिसंबर हो या 6 जनवरी को, सच तो यह है कि बाइबल में ईसा मसीह के जन्म की किसी तारीख का जिक्र नहीं।

दरअसल, शुरुआत में ईसा मसीह के जन्म दिवस को लेकर ईसाई समुदाय में मतभेद था। 360 ईस्वी के आस-पास रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन का पहली बार समारोह मनाया गया। लंबी बहस और विचार विमर्श के बाद चौथी शताब्दी में 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस घोषित कर दिया गया। इसके बावजूद इसे प्रचलन में आने में समय लगा।

कई लोग 6 को तो कई 7 जनवरी को मनाते हैं क्रिसमस

1836 में अमेरिका में क्रिसमस को कानूनी मान्यता मिली और 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। दुनिया के एक बड़े हिस्से (कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन, मिस्र आदि) में आज भी क्रिसमस 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता। अर्मेनियन एपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को ईसा मसीह का जन्मदिन मनाता है। वहीं रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च को मानने वाले 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं।

तो दुनिया भर में आज मनाए जाने वाले क्रिसमस पर जानते हैं उससे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से...

  • केरल से हुई थी भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत
  • भारत में है एशिया का सबसे बड़ा चर्च, देखिए देश सबसे चर्चित चर्च की तस्वीरें


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Christians in India had taken the first step in Kerala


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