
हर साल 7 दिसंबर को दुनियाभर में इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे मनाया जाता है। इसे पहली बार 1996 में मनाया गया था। इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे यूनाइटेड नेशन्स की एक ब्रांच है। इसकी स्थापना शिकागो में 1944 में की गई थी। 52 वर्ष बाद 7 दिसंबर 1996 को यूएन ने आधिकारिक घोषणा कर मान्यता दी। उसी साल से इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे मनाया जाने लगा।
भारत में नागरिक उड्डयन की शुरुआत 18 फरवरी 1911 को हुई। जब हेनरी ने प्रयागराज से नैनी तक 6 मील का सफर तय किया। इसकी पहल महाराजा भूपिंदर सिंह ने की थी। उन्होंने अपने इंजीनियर को विमान खरीदने के लिए यूरोप भेजा था। इसके बाद 1932 में उद्यमी जेआरडी टाटा ने 1932 में देश की पहली एयरलाइन्स टाटा एयरलाइन शुरू की। यह भारतीय एविएशन इंडस्ट्री की शुरुआत थी।
आजादी के बाद में सरकार ने टाटा एयरलाइन का अधिग्रहण कर लिया। इसे ही एयर इंडिया कहा गया। कभी एक सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट से शुरू होने वाली भारतीय एविएशन की इंडस्ट्री में 800 से ज्यादा विमान हैं। देश में रोज दो लाख से ज्यादा लोगो हवाई सफर करते हैं। देश में 400 एयरपोर्ट और एयरस्ट्रिप हैं, हालांकि इनमें से केवल एक चौथाई सामान्य रूप से चालू हैं। अक्टूबर 2020 में देश की पहली सी-प्लेन सर्विस भी शुरू हो गई। भारत में एयरपोर्ट, हेलीिकॉप्टर के अलावा अब वाटर एयरोड्रम भी हैं।
कोरोना कॉल को छोड़ दें तो दुनियाभर में 400 करोड़ से अधिक यात्री सालाना विमान से यात्रा करते हैं, साथ ही व्यापार क्षेत्र में भी विमानन सेवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया में सबसे एविएशन का सबसे बड़ा बाजार यों तो अमेरिका है, मगर दुनिया का भारत सबसे तेजी से बढ़ता हुआ एविएशन बाजार है।
इस इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे पर जानते हैं, एविएशन इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक बातें:



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