Friday, April 24, 2020

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राज्य में अब तक 60 कोरोना के पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें 49 केस एक्टिव हैं जिनका अलग-अलग जगहों पर कोविड-19 सेंटर में इलाज चल रहा है। कुल मरीजों में से आठ स्वास्थ्य हो चुके हैं जबकि तीन की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना के डरकर राज्य के चार जिलों के सात डॉक्टर और 18 स्वास्थ्य कर्मी पिछले एक महीने से ड्यूटी से गायब है। इसकी जानकारी के बाद सिविल सर्जन ने विभाग से इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है।



उधर, लॉकडाउन फेज-2 के 11वें दिन शनिवार को कोरोना पॉजिटिव वाले जिलों (रांची, देवघर, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो, सिमडेगा, गढ़वा) में पुलिस सख्ती बरत रही है। यहां बाहर से आने व यहां से बाहर जाने पर पूरी तरह से रोक है। सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी अनुमति है। साथ ही प्रशासन द्वारा इन जिलों में मरीजों के घरों के आसपास तीन किलोमीटर के दायरे में लगातार सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है जबकि जांच सैंपल भी लिया जा रहा है। सभी लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है।



वहीं कोरोना संक्रमित आठ जिलों के अलावा राज्य के अन्य 16 जिलों में भी पुलिस लगातार सख्ती बरत रही है। सख्ती का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। सुबह छह बजे से 10 बजे तक बाजारों में भीड़ जुटती है, इस दौरान कहीं कहीं लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां भी उड़ती है लेकिन 10 बजे के बाद सड़कों व बाजारों में सन्नाटा छा जाता है। हालांकि पुलिस चौक-चौराहों पर एतिहात के तौर पर मौजूद रहती है और मालवाहक वाहनों के साथ टू-फोर व्हीलर को रोककर जांच पड़ताल कर छोड़ा जाता है।



शुक्रवार को देवघर में एक, हिंदपीढ़ी में दो और पॉजिटिव मिले
झारखंड में शुक्रवार को भी कोरोना के तीन नए मरीज मिले। इनमें दो हिंदपीढ़ी के हैं और एक देवघर का। इसके साथ ही झारखंड में मरीजों की संख्या 60 हो गई है। इनमें रांची में मिले कुल 38 मरीजों में 35 हिंदपीढ़ी के हैं। उधर, देवघर में मिला दूसरा संक्रमित सारवां प्रखंड के भुरकुंडा गांव का है। इस मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है। इससे पहले इसी प्रखंड के गम्हरिया गांव में एक कोरोना पॉजिटिव मिला था। भुरकुंडा गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।



दिल्ली से लौटा घाटशिला का आरपीएफ जवान कोरोना पॉजिटिव, डीसी ने कहा- यह पश्चिम बंगाल का मामला है
घाटशिला आरपीएफ बैरक में क्वारैंटाइन आरपीएफ का एक जवान शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसकी सूचना मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। दिल्ली से लौटे इस जवान को 20 अप्रैल को जांच के लिए खड़गपुर भेजा गया था। गुरुवार की देर रात रिपोर्ट मिली। डीसी रविशंकर शुक्ला व एसएसपी अनूप बिरथरे ने शुक्रवार की शाम बैरक पहुंचकर जानकारी ली। खड़गपुर से 19 मार्च को हल्दिया-आनंद विहार एक्सप्रेस से 26 जवान कारतूस व आर्म्स लाने दिल्ली गए थे। सभी वहां बैरक में रुके।



13 अप्रैल को पार्सल वैन से हावड़ा और वहां से बस से खड़गपुर आए। इसमें एक एएसआई व एक जवान 15 अप्रैल को घाटशिला आए। एक को होम और दूसरे को बैरक में क्वारैंटाइन कर दिया गया। डीसी ने बताया कि यह पश्चिम बंगाल का मामला है। खड़गपुर में कोरोना जांच हुई, जिसमें जवान पॉजिटिव मिला। वह जवान यहां रहा था। बैरक को सैनेटाइज किया गया। जवान इस इलाके में ड्यूटी के दौरान पॉजिटिव था या नहीं यह कहा नहीं जा सकता।



झारखंड में कोरोना फैलाने वाली मलेशियाई महिला की रिम्स से छुट्टी, पुलिस ने हिरासत में लिया
झारखंड में कोरोना फैलाने वाली मलेशियाई महिला को शुक्रवार को रिम्स से छुट्टी दे दी गई। उसे पुलिस हिरासत में लेकर खेलगांव स्थित क्वारैंटाइन होम में रखा गया है। एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि डॉक्टरों की सलाह के बाद तय होगा कि उसे कब जेल भेजना है। पुलिस ने 29 मार्च को हिंदपीढ़ी से 17 विदेशी नागरिक सहित 22 लोगों को पकड़कर खेलगांव स्थित क्वारैंटाइन होम भेजा था। जांच में मलेशियाई महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई।। झारखंड की यह पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज थी। पुलिस के मुताबिक सभी विदेशी टूरिस्ट वीजा पर हिंदपीढ़ी आए थे और धर्म का प्रचार कर रहे थे।



डॉक्टरों व कर्मियों के ड्यूटी से गायब होने पर सिविल सर्जन ने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की
गुमला, गढ़वा, चतरा और लातेहार के 7 डॉक्टर औ र 18 स्वास्थ्य कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आ रहे। इनमें सिसई रेफरल अस्पताल, गुमला की डॉ. सुपर्णा बरवा दत्ता, डॉ. शशि टोप्पो, डॉ. ज्योति कुजूर के अलावा 12 स्वास्थ्य कर्मी हैं। सभी 24 मार्च से गायब हैं। वहीं चतरा में पोस्टेड डॉ. रेणु सिन्हा, डॉ. शालिनी, डॉ. नवल किशोर, डॉ. राजीव कुमार पांडे बिना अनुमति के छुट्‌टी पर हैं। गढ़वा सदर अस्पताल के डॉ. मुनाजिर हसन भी एक माह से गायब हैं। इधर, लातेहार के छह स्वास्थ्य कर्मचारी भी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। सिविल सर्जन ने इन पर कार्रवाई की अनुशंसा की है।



तीन दिन बंद रहेगा रिम्स का गायनी वार्ड, सात दिन बाद आज से खुला सदर अस्पताल
सिजेरियन ऑपरेशन के बाद जन्म देने वाली महिला के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद रिम्स निदेशक डॉक्टर डीके सिंह ने शुक्रवार शाम में गायनी वार्ड बंद करने का आदेश दिया। लेकिन किसी डॉक्टर, नर्स और कर्मचारियों को क्वारैंटाइन नहीं किया। निदेशक ने कहा-गर्भवती महिला के ऑपरेशन में डॉक्टर, नर्स सहित करीब 30 लोगों का योगदान रहता है। ऐसे में सभी को क्वारैंटाइन कर दिया तो मरीजों को कौ न संभालेगा। संक्रमण का असर पांच दिन में दिखने लगता है। ऐसे में 27 अप्रैल को सभी का सैंपल लिया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें क्वारैंटाइन किया जाएगा। रिम्स निदेशक ने कहा कि गायनी वार्ड तीन दिन तक बंद रहेगा।



वहीं सदर अस्पताल शनिवार को खोल दिया गया। 18 अप्रैल को इसे 14 दिन के लिए बंद किया गया था। अब प्रसव सदर अस्पताल में ही होगा। रिम्स डॉक्टर और मेडिकल टीम उपलब्ध कराएगा। आपात स्थिति के लिए रिम्स में पुराने ट्रॉमा सेंटर को गायनी वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में कोरोना संदिग्धों को रखा जाएगा। रिम्स की डॉक्टर अनुभा विद्यार्थी ने बताया कि गायनी विभाग की सामान्य प्रक्रिया सर्जरी विभाग के ओटी में होगी और संदिग्धों के लिए ट्रॉमा सेंटर में।



जोड़ों के दर्द के मरीज फिजियोथेरेपीस्ट को वीडियो कॉल करके नि:शुल्क ले सकते हैं चिकित्सा सलाह
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट झारखंड ब्रांच लॉकडाउन के दौरान मुफ्त ऑनलाइन फिजियोथेरेपी परामर्श सुविधा उपलब्ध करा रही है। वैसे मरीज जिनकी पहले फिजियोथेरेपी हुई है या जिनके मांसपेशियों में दर्द, स्पोंडलाइटिस, आर्थराइटिस, गर्दन, कमर व घुटना दर्द आदि की समस्या है, वे सलाह ले सकते हैं। एसोसिएशन ने कहा है कि शरीर की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के लिए प्रतिदिन लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज प्रत्येक दो घंटे के अंतराल पर 5 से 10 मिनट तक (लाइट एक्सरसाइज) करें।



एसोसिएशन द्वारा कहा गया है कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कम से कम दिन में दो बार 10 से 15 मिनट रोज कसरत करें। कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है। सोने से एक घंटे पहले मोबाइल फोन का उपयोग ना करें। दिनचर्या सही रखें। सही समय पर सोएं व समय से उठें। तेलीय-मसालेदार भोजन का सेवन ना करें।



किराना दुकानदारों को सुरक्षा स्टोर में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
रांची जिले में भी सुरक्षा स्टोर में किराना दुकानदारों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो गया है। लगभग 150 दुकानदारों ने इस ऐप में अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। करीब एक हजार से अधिक लोग खरीदारी भी कर चुके हैं। दरअसल, कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए आमलोगों को उनकी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो सके, इसके लिए उपभोक्ता मामले विभाग भारत सरकार द्वारा सुरक्षा स्टोर कार्यक्रम की लांचिंग की गई है। सभी दुकानदारों व ग्राहकों को इससे जुड़ने का निर्देश डीसी राय महिमापत रे ने जारी कर दिया है।



आदेश में कहा है कि किराना स्टोर घरों की तरह सुरक्षित हो यह प्रयास किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन कराना के लिए सुरक्षा स्टोर में रजिस्ट्रेशन करने के लिए (www.surakshastore.com) में क्लिक करना होगा। फॉर्म के मुताबिक अपना विवरण इसमें भरें। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरा होते ही आरोग्य सेतु पर सुरक्षा स्टोर बना जाता है। आम लोगों को अपने आसपास के सुरक्षा स्टोर को जानने के लिए आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना होगा।



सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर फेस कवर जरूरी, नहीं तो होगी कार्रवाई
रांची में हर व्यक्ति को अब घर से बाहर निकलते समय, सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका अनुपालन सभी आम व खास लोगों को करना होगा। डीसी ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा है कि बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें होम मेड तीन परतों वाला फेस कवर बनाया जा सकता है। आदेश की अवहेलना करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और आईपीसी 1860 के तहत कार्रवाई होगी। आदेश को सुनिश्चित करने के लिए एसडीओ और पुलिस पदाधिकारी को आदेश दिया गया है।



इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियां खुलने लगीं, पर शर्तों का पालन करना बाकी
लॉकडाउन-1 के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पहले कहा था कि जान है तो जहान है। लेकिन लॉकडाउन-2 शुरू होने के पहले फिर कहा है कि अब जान भी जहान भी। इसी के बाद कुछ शर्तों के साथ 20 अप्रैल से देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के कार्य और इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियों को शुरू करने के निर्देश जारी किए गए। रांची में भी सभी इंडस्ट्रियल एरिया तुपुदाना, कोकर और टाटीसिलवे में जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों व शर्तों पर धीरे-धीरे फैक्ट्रियों में काम शुरू हो रहा है। 60 फीसदी फैक्ट्रियां खुल गई हैं। कुछ फैक्ट्रियों में अभी भी मूलभूत शर्तों का उल्लंघन हो रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। उधर, इंडस्ट्रियल एरिया में 36 दिनों से 40 ट्रक आकर खड़े हैं। लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद है और मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं।



तीन मई के बाद ही बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन पर होगा निर्णय
लॉकडाउन की वजह से झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) की ओर से आयोजित मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य नहीं शुरू हो पा रहा है। लेकिन अब जैक मूल्यांकन को लेकर नई रणनीति तैयार कर रहा है। इसके तहत उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य दो शिफ्ट में कराया जाएगा। साथ ही कॉपी की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, ताकि जल्द मूल्यांकन कार्य पूरा हो सके। जानकारी के अनुसार जैक मई के पहले सप्ताह में मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू कराने पर विचार कर रहा है। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय तीन मई को लॉकडाउन पर सरकार के फैसले के बाद ही लिया जाएगा। शिक्षकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी। हालांकि जैक चेयरमैन अरविंद सिंह ने उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। इसमें कहा जा रहा था कि मध्यप्रदेश की तरह यहां भी शिक्षकों को घर पर उत्तरपुस्तिका ले जाकर मूल्यांकन करने का आदेश जारी किया जाए।


जमशेदपुर...
दूसरे राज्य से 5 दिन में आए 8513 लोग, 15 फरवरी के बाद शहर में विदेश व देश के दूसरे राज्यों से अब तक आए कुल 23,420
लॉकडाउन में पूर्वी सिंहभूम जिले में पांच दिन में महाराष्ट्र, दिल्ली व अन्य राज्यों से 8513 लोग आएं हैं। जिला प्रशासन व सर्विलांस टीम ने इसमें से करीब 3 हजार लोगों को होम क्वारैंटाइन या सरकारी क्वारैंटाइन सेंटर में रखा है। जबकि पांच हजार से अधिक लोगों के हाथों पर क्वारैंटाइन का स्टांप लगा छोड़ा है ताकि वो घरों में रहे। ऐसे लोग स्टांप वाली जगह पर कपड़ा बांध या उसे केमिकल से मिटा खुले घूम रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा है।



कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने के साथ जिला प्रशासन विदेश या देश के दूसरे राज्यों से आए लोगों की सूची जिला सर्विलांस टीम को देता है। जिला प्रशासन ने 15 फरवरी से 24 अप्रैल तक कुल 23420 लोगों के शहर आने की जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट व सर्वे रिपोर्ट अलग है। विदेश व दूसरे राज्यों से आए लोगों की पहचान के शहरी क्षेत्र में 1,41,266 मकानों का सर्वे कराया। एडीएम एनके लाल की देखरेख में 671 बीएलओ ने सर्वे किया। सर्वे में पाया- एक मार्च के बाद 538 लोग झारखंड के जिलों से, 2126 लोग अन्य प्रदेश व 382 व्यक्ति विदेशों से शहर में आए हैं। जेएनएसी, मानगो नगर निगम व जुगसलाई नगर पंचायत में सर्वे किया गया।


ओडिशा से पैदल राजस्थान जा रहे 9 को मानगो में पकड़ा, जुगसलाई में क्वारैंटाइन
राजस्थान निवासी 9 मजदूर ओडिशा के झारसुगडा से पैदल ही अपने गांव जा रहे थे। शुक्रवार को जमशेदपुर होते हुए सभी आगे बढ़ रहे थे। तभी मानगो के डिमना के पास चेकनाका पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। सर्विलांस टीम ने जांच के बाद सभी को जुगसलाई के क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया। मानगो नगर निगम के सिटी मैनेजर निर्मल कुमार ने बताया कि पकड़े गए नौ लोग ओडिशा के झारसुगड़ा में काम करते थे। सभी राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं। लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद सभी पैदल ही राजस्थान के लिए निकल गए।



पैदल राजमहल जा रहे 5 लोगों को भेजा क्वारैंटाइन
सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर से पैदल राजमहल जा रहे पांच लोगों को पुलिस ने पुराना कोर्ट के समीप चेकपोस्ट पर पकड़ लिया। सभी राजनगर के बड़ागिरी जलान गांव में प्रधानमंत्री शौचालय योजना के तहत शौचालय के कार्य से जुड़े हुए थे। राजनगर से राजमहल की दूरी 438 किलोमीटर है। राजनगर से ये सुबह छह बजे पैदल अपने गांव के लिए निकले। दोपहर 12.30 बजे चेकपोस्ट पर मजिस्ट्रेट नजमुल लैल ने इन्हें रोक कर पूछताछ की। दंडाधिकारी ने इसकी जानकारी एडीसी सौरव कुमार सिन्हा व एडीएम नंदकिशोर लाल को दी। इसके बाद पांचों व्यक्तियों को कदमा क्वारैंटाइन सेंटर भेजा गया है। छत्तीसगढ़ से दो लोग कार से शहर पहुंचे। पुलिस ने सर्किट हाउस के पास पूछताछ की और कदमा क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया।



200 मरीजों के लिए हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन की दवा उपलब्ध
शहर में एमजीएम और टीएमएच के पास फिलहाल कोरोना के 200 मरीजों के उपचार के लिए फुल डोज हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा उपलब्ध है। साथ ही बीमारी में काम आने वाली एजीथ्रोमाइसिन दवा का 100 मरीजों का पूरा कोर्स उपलब्ध है। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि आईसीएमआर की नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अभी यही दो दवाएं चलानी है। राज्य सरकार के पास अभी करीब 22000 पीपीई किट हैं। इसे कोविड सेंटर और डेडिकेटेड कोविड सेंटरों के अलावा सभी जांच व सैंपल कलेक्शन सेंटरों को भेज दिया गया है।

सरकार के पास 45 हजार एन 95 मास्क और ट्रिपल लेयर मास्क सवा लाख के करीब है। 3000 इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलेंडर को मेडिकल में बदलने का निर्देश दिया गया है। सचिव ने बताया कि अभी हमारे पास कोविड हॉस्पिटल, डेडिकेटेड सेंटरों के आईसीयू और नन आईसीयू के लिए 4168 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन उपलब्ध है। जबकि टीएमएच, रिम्स और बोकारो में 34046 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन की जरूरत है। 27562 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन उपलब्ध रखा गया है। कोरोना से जुड़ी दवा व अन्य संसाधन की कमी नहीं है। औषधि नियंत्रण विभाग इसकी रोज समीक्षा कर रहा है। फिलहाल हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन 200, 300 और 400 एमजी के क्रमश: 115112, 69755, 69455 टैबलेट उपलब्ध हैं। जबकि, इवरमेक्टिन 10604, ओसेटामिविर 6176, लोपीनाविर 1830, रिटोनाविर 1920 टैबलेट हैं।



डीसी रविशंकर शुक्ला ने शहर के मेडिकल स्टोर से फ्लू की दवा खरीदने वाले लोगों की सूची मांगी है। डीसी ने शुक्रवार को दुकानदारों व निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा कि अगर कोई फ्लू की दवा खरीदता है, तो उसकी सूचना तत्काल ड्रग इंस्पेक्टर, सिविल सर्जन कार्यालय और कंट्रोल रूम को दें। इसके आधार पर हाल के दिनों में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का पता चल सकेगा। इन लोगों पर प्रशासन नजर रखेगा, ताकि कोरोना के संदिग्धों को चिह्नित कर उनकी जांच की जा सके।


धनबाद....
कुमारधुबी-बाघाकुड़ी में नौवें दिन भी सख्ती, ड्रोन कैमरे से निगरानी
कुमारधुबी के बाघाकुड़ी में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के मिलने के बाद 9वें दिन शनिवार को भी कर्फ्यू लगा रहा। मरीज के घर से डेढ़ किमी के दायरे में सैनिटाइज किया गया। वहां रहनेवालों की स्क्रीनिंग जारी रही, हालांकि किसी के स्वाब का नमूमा नहीं लिया गया। दो दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ 57 लोगों के स्वाब का ही नमूना लिया, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने 80 लोगों से अधिक के स्वाब जांच के लिए पंजीयन कराया था। कुमारधुबी और बाघाकुड़ी क्षेत्र में पुलिस की सख्ती जारी है। सभी मार्गों को बैरिकेडिंग कर सील किया गया है। किसी को घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है।



हीरापुर की डीएस कॉलोनी में लगातार सातवें दिन भी कर्फ्यू
रेलकर्मी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद कंटेनमेंट एरिया घोषित की गई डीएस कॉलोनी और अजंतापाड़ा में शनिवार को सातवें दिन भी कर्फ्यू जारी है। कॉलोनी के सभी रास्तों पर पुलिस का पहरा है। किसी के आने-जाने पर रोक लगी हुई है। प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि लोग डरें नहीं, घर में ही रहें और सुरक्षित रहें। किसी चीज की जरूरत है, तो प्रशासन की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें। जरूरत की सभी चीजें घर तक पहुंचाई जाएंगी।



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