Thursday, April 23, 2020

easysaran.wordpress.com

(दीपक कुमार)लॉकडाउन में देश के तमाम मंदिरों की तरह मोक्षनगरी गया का विष्णुपद मंदिर भी बंद है। दूसरे मंदिरों में भगवान के भोग आदि का काम तो पुजारी निभा रहे हैं, लेकिन विष्णुपद मंदिर की परेशानी कुछ अलग है। पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए यहां पखवाड़े भर से काेई भी नहीं आया। मान्यता है कि मंदिर में रोज कम से कम एक मुंड और एक पिंड का तर्पण अनिवार्य है। मुंड, यानी मंदिर के पास श्मशान में एक शवदाह और पिंड यानी मंदिर में किसी एक व्यक्ति द्वारा पिंडदान।

शास्त्रों और पुराणों के हवाले से पंडा समाज के लोग बताते हैं कि गयासुर को भगवान विष्णु से मिले वरदान के बाद से ही यह परंपरा सनातन काल से चली आ रही है। वे कहते हैं- गयासुर की यह इच्छा जिस दिन पूरी नहीं होगी, वह पुन: प्रकट हो जाएगा। लॉकडाउन में पितरों के तर्पण के लिए कोई आ नहीं रहा। शवदाह के लिए भी लोगों को श्मशान तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। पिंडदान का क्रम टूटने से गयासुर जागे नहीं, इसलिए गयापाल पंडा समाज ने ही 22 अप्रैल से पिंडदान की जिम्मेदारी खुद उठा ली है।

विष्णुपद प्रबंध समिति के सचिव गजाधरलाल पाठक विट्‌ठल ने बताया कि गया से सारे यजमान कर्मकांड के बाद चले गए हैं। अब हर दिन पंडा समाज का एक व्यक्ति पिंडदान कर रहा है। शवदाह के लिए भी इक्का-दुक्का लोग श्मशान पहुंच रहे हैं।

24 मार्च से मंदिर और प्रमुख 54 वेदियां भी हुई लॉक
24 मार्च से विष्णुपद मंदिर के साथ-साथ प्रमुख 54 वेदियां बंद हैं। सिर्फ मंदिर से जुड़े लोग ही पूजा-पाठ कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पंडा खुद पिंडदान कर रहे हैं।

गयासुर ने मांगा था एक पिंड-एक मुंड का वरदान, परंपरा टूटी तो जाग उठेगा
गयासुर ने ब्रह्मा से वरदान मांगा कि उसका शरीर देवताओं की तरह पवित्र हो जाए। उसके दर्शन से लोग पाप मुक्त हो जाएं। इसके बाद स्वर्ग में लोगों की संख्या बढ़ने लगी। इससे बचने के लिए देवताओं ने यज्ञ के लिए पवित्र स्थल की मांग गयासुर से की। गयासुर ने अपना शरीर दे दिया। गयासुर को स्थिर करने के लिए माता धर्मवत्ता शिला को लाया गया, जिसे गयासुर पर रख भगवान विष्णु ने अपने पैरों से दबाया। परंतु गयासुर के मन से लोगों को पाप मुक्त करने की इच्छा नहीं गई। उसने देवताओं से पंचकोशी क्षेत्र में एक पिंड और एक मुंड का वरदान मांगा। गजाधरलाल कहते हैं कि जिस दिन यह परंपरा टूटी तो गयासुर जाग उठेगा।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
दूसरे मंदिरों में भगवान के भोग आदि का काम तो पुजारी निभा रहे हैं, लेकिन विष्णुपद मंदिर की परेशानी कुछ अलग है। यहां पंडे खुद पिंड दान कर रहे हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KtwQab
via

No comments:

Post a Comment

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via