Tuesday, April 21, 2020

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कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक किसान ने अपने सीमित संसाधनों से नई पहल की है। मंदसौर के झावल के किसान कैलाश गुर्जर ने जरूरतमंदों के लिए एक ट्रॉली गेहूं प्रशासन को दिया है। साथ ही देशभर के किसानों से भी अपील की है कि वे भी एक क्विंटल गेहूं में से एक किलो दान करें, ताकि इस संकट की घड़ी में देश में कोई भी भूखा ना रहे। कैलाश गुर्जर ने यह पहल अपनी 8 साल की बेटी से प्रेरणा पाकर की है। उनके फैसले का सम्मान करते हुए सांसद, विधायक और किसान नेताओं ने भी ऐसी ही अपील देशभर के किसानों से की है।

बेटी ने कहा था- न जाने कितने परिवार भूखे होंगे

गुर्जर ने बताया कि एक दिन एक छोटी बच्ची उनके घर रोटी मांगने लगी। उनकी 8 साल की बेटी ने उसे रोटी और बिस्किट दिए। किसान ने रोटी मांगने वाली बच्ची से परिवार के बारे में पूछा। उसने बताया घर में माता-पिता और भाई सभी भूखे हैं। इस पर किसान ने घर से ही आटा, दाल और चावल दिए। गुर्जर की बेटी ने कहा - न जाने कितने परिवार भूखे होंगे। इसके बाद गुर्जर ने कलेक्टर से संपर्क कर एक ट्रॉली गेहूं दान कर दिया। गुर्जर नेकिसानों से अपील की है कि वे मंडी में गेहूं बेचने जाएं तो प्रति क्विंटल से एक किलो गेहूं जरूरतमंदों के लिए दान करें ताकि इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद हो सके।

यूपी के किसान ने पूरी फसल पीएम राहत कोष में दान दी

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक किसान ने 223 क्विंटल गेहूं की पूरी फसल प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी। बड़ौदा के निवासी धर्मेंद्र सिंह लाठर ने गुलरिया चकझाऊ गांव में 12 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह उनकी पहली फसल थी। किसान का कहना है कि इस गेहूं से इलाके के सैकड़ों लोगों का पेट भर सकेगा। खास बात यह है कि लॉकडाउन के कारण वे गुजरात से आ नहीं सके तो अपने भाई को गेहूं लेकर मंडी भेजा।



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मंदसौर के किसान कैलाश की 8 साल की बेटी, जिसने पिता से पूछा था कि लोग भूखे क्यों हैं।


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