Wednesday, June 10, 2020

easysaran.wordpress.com

मलेशिया सरकार ने कोरोनावायरस फैलने के डर से बांग्लादेश से आए रोहिंग्या को वापस भेजने का फैसला किया है। वह जल्द ही बांग्लादेश से इन 300 शरणार्थियों को वापस ले जाने के लिए कहेगा। ये रोहिंग्या फरवरी में बांग्लादेश से निकले थे। महीनों तक समुद्र में सफर के बाद मलेशिया पहुंचने पर इन्हें दो दिन पहले ही लैंगकावी द्वीप पर हिरासत में लिया गया था।

इनके साथ सैकड़ों रोहिंग्या निकले थे। पर उनकी खबर नहीं मिली। मलेशिया के रक्षामंत्री ने इस मामले में बयान दिया कि रोहिंग्या को पता होना चाहिए कि वे यहां पर नहीं रह सकते। उधर बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन ने कहा कि हम रोहिंग्या को वापस लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। न ही हम उन्हें रखने की स्थिति में हैं।

मलेशिया रोहिंग्या को शरण देकर जोखिम नहीं उठाना चाहता

वहीं, मलेशिया ने कोरोना को काबू में कर रखा है। देश में कोरोना के करीब 8 हजार मामले हैं, वहीं अब तक 118 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में सरकार रोहिंग्या को शरण देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। उधर हेल्थ एक्सपर्ट्स भी चेतावनी देते रहे हैं कि रोहिंग्या जैसी घनी बस्तियों में स्थिति गंभीर हो सकती है।

यूएन के मुताबिक मलेशिया में 90 हजार रोहिंग्या: यूएन मानवाधिकार संगठन की फरवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, मलेशिया में करीब 90 हजार रोहिंग्या मुसलमान है। 2017 में म्यांमार से 7.3 लाख रोहिंग्या ने देश छोड़ा था। इससे पहले भी लाखों पलायन कर चुके थे। बांग्लादेश के कैंपों में करीब 10 लाख रोहिंग्या रहते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
महीनों तक समुद्र में सफर के बाद मलेशिया पहुंचने पर इन्हें दो दिन पहले ही लैंगकावी द्वीप पर हिरासत में लिया गया था। -फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2XNUlCm
via

No comments:

Post a Comment

easysaran.wordpress.com

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/eB2Wr7f via