Monday, April 20, 2020

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कोरोनावायरस से मुकाबले के लिए सबकी उम्मीदेंइसकेवैक्सीन पर टिकी हैं,लेकिन अब इस आशा की किरण केपीछे भी डर और असफलता की आशंका बताई जा रही है। महामारियों पर काम करने वालेदुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों में से एक औरCOVID-19 परविश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषदूतडॉडेविड नैबारो ने स्पष्ट कहा है कि- इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इसका वैक्सीन सफलतापूर्वक बना ही लिया जाएगा, और इससे बहुत जल्दी सबकुछ ठीक हो जाएगा।यूके ऑब्जर्वर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, आगामी भविष्य में इसकाखतरा पूरी तरह से खत्म नहीं होने वाला है औरहमें इस वायरस के साथ ही जिंदा रहने के तरीके खोजने होंगे।

हेल्थ गुरु कहे जाते हैं डॉ डेविड नाबरो

ब्रिटेनके सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सकों में से एक 70 वर्षीय डॉ डेविड नैबारो विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषदूतहोने के साथ लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में प्रोफेसर हैं। लंदन में जन्में और ओन्डले स्कूल, लंदन व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले डॉ नैबारो, इबोला के लिए संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ समन्वयक भी रहे हैं।उन्होंनेयूनाइटेड नेशंस के सतत विकास और जलवायु परिवर्तन 2030एजेंडा के लिएसंयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष सलाहकार पद भी संभालाहै।

  • डॉ डेविड नैबारो के इंटरव्यू से निकला डर और उपाय

डॉ नैबारोने कहा, "जरूरी नहीं कि हम ऐसा वैक्सीन बना ही लेंगे जो हर वायरस के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी साबित होगा। जब वैक्सीन को बनाने की चुनौती सामने आती है तो कुछ वायरस बहुत ही ज्यादा जटिल होते हैं, - इसलिए निकट भविष्य के लिए, हमें इस कोरोना वायरस को निरंतर बना रहने वाला खतरा मानना होगा और इसके साथ ही जीवन जीने के तरीके खोजने होंगे।

हम सभी को सीधे तौर पर 3 बड़े उपाय करने होंगे - 1. जिन भी लोगों और उनके सम्पर्कों में आए अन्य लोगों में इस महामारी के लक्षण दिखे तो हमें उन्हें आइसोलेट करना होगा। 2. बुजुर्गों को बहुत ध्यान से सुरक्षित रखना होगा। 3.इसके बढ़तेमामलों से निपटने के लिए अस्पताल की क्षमता सुनिश्चित करनी होगी। और, हम इस सच के साथ काम करेंगे तो स्थितियांसामान्य होने की संभावना बढ़ सकती हैं।

वैक्सीन पर अब तक की अपडेट्स

  • चीन, यूरोप और अमेरिका, इजरायल, भारत, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल बड़े स्तर चल रहा है। कुल मिलाकर 80 वैक्सीन पर कंपनियां और इंस्टीट्यूट अलग-अलग चरणों मेंएकजुट होकर मिशन वैक्सीन में जुटे हैं। मेरिका और चीन में इंसानों पर ट्रायल शुरू हो गया है तो भारत में भीजानवरों पर ट्रायल चल रहा है।
  • फ्रांस की सेनोफी पाश्चर कंपनी कोरोना वैक्सीन तैयार करने में दुनिया सबसे बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें अमेरिका की एलि लिली, जॉनसन एंड जॉनसन और जापान की टाकेडा भी शामिल है। भारत में जायडस कैडिला कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में पुष्टि करते हुए कहाकि हम कोविड- 19 की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं।
  • ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 कावैक्सीन बनाने का दावा करते हुए कहा है कि इसी साल सितंबर तक वैक्सीन आ सकता है। यहां की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कहा है कि हमें एक डोज में ही अच्छे परिणाम मिले हैं। ऑक्सफोर्ड की टीम को अपनेवैक्सीन पर इतना भरोसा है कि उन्होंने क्लीनिकल ट्रायल से पहले ही मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी है।

कोराना वायरस के सीजनल फ्लू बनने का भी डर
अमेरिका के कोरोनावायरस टास्क फोर्स के डॉ. एंथनी फाउची के मुताबिक इस बात की पूरी आशंकाहै कि कोरोना सीजनल फ्लू या मौसमी बीमारी बन जाए। साइंस मैगजीन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में भी कुछ ऐसी ही बात सामने आई है। इसके मुताबिक, बिना वैक्सीन या असरदार इलाज के कोरोना सीजनल फ्लू बन सकता है और 2025 तक हर साल इसका संक्रमण फैलने की संभावना है।



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No guarantee a coronavirus vaccine will be developed, says leading world expert Britain’s David Nabarro, adding world will be living with COVID-19 for foreseeable future


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