
नई दिल्ली/बीजिंग/मॉस्को. चीन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में अब सरकार वायुसेना की मदद लेगी। एविएशन इंडस्ट्री में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को देखते हुए सरकार ने इस मुश्किल काम के लिए वायुसेना से संपर्क किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से निर्देश मिलने के बाद वायुसेना अपना सी-17 ग्लोबमास्टर वुहान भेजेगी। यहां से भारतीय नागरिकों को निकाला जाएगा।
चीन में कोरोनावायरस संक्रमितों के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने फरवरी की शुरुआत में ही भारतीयों नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था। एयर इंडिया के विशेष विमान से दो बार में अब तक 647 नागरिकों को निकाला जा चुका है। इनमें से 248 को मानेसर स्थित आर्मी कैंप में रखा गया था। मंगलवार को सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उन्हें घर जाने के निर्देश दिए गए।
सेना ही करेगी चीन से वापस लाए गए लोगों को रखने का इंतजाम
पहले दो दौरों पर जब भारतीय नागरिक वापस लाए गए, तो सभी कॉन्ट्रैक्टरों ने क्वारैंटाइन (मरीजों को अलग-थलग रखने की जगह) बेस बनाने में सेवा देने से इनकार कर दिया था। इलेक्ट्रीशियन और प्लंबरों ने भी आखिरी समय में मदद से इनकार कर दिया था। हालांकि, तब सेना ने खुद ही पीड़ितों को अलग रखने के लिए बेस तैयार कर लिया। आगे भी सेना ही चीन से लाए गए नागरिकों के लिए बेस तैयार करेगी।
सैन्य अफसर ने कहा- भारतीय आर्मी कभी पीछे नहीं हटती
सेना में मेजर जनरल आर दत्ता ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, “हम भारतीय सेना के जवान हैं। हम कभी पीछे नहीं हटते। हमने सिर्फ दो दिन में क्वारैंटाइन जोन बना दिया था। सभी छात्रों को यहां रखा गया। वे कोरोनावायरस से पीड़ित नहीं पाए गए, इसलिए उन्हें भेज दिया गया।”
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