
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मंगलवार को सात महीने से ज्यादा समय तक हिरासत में रहने के बाद रिहा होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री को अगस्त में राज्य में अनुच्छेद 370 लागू किए जाने से एक दिन पहले सैकड़ों राजनेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उमर अब्दुल्ला की बहन की याचिका पर केंद्र से इस हफ्ते जवाब मांगा था कि क्या उन्होंने उमर को रिहा करने की योजना बनाई है।अब जब कश्मीर में चीजें बेहतर हो गई हैं, तो उमर की रिहाई को लेकर आपके क्या निर्देश हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को उमर अब्दुल्ला की रिहाई के लिए उनकी बहन सारा पायलट की याचिका पर सुनवाई की थी। सारा ने याचिका में पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 (पीएसए) के तहत अपने भाई उमर की हिरासत को चुनौती दी थी। जस्टिस अरुण मिश्रा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि अगर उमर को रिहा करने की योजना है, तो जल्द करें। अगर आप उन्हें अगले हफ्ते तक रिहा नहीं करेंगे तो हम उनकी बहन की याचिका पर मेरिट के आधार पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वकील से भी कहा था कि इस पर केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त करें और जानकारी अदालत को दें।
विपक्षी पार्टियों ने रिहा करने की मांग की थी, 4 दिन बाद फारुख रिहा हुए थे
9 मार्च को आठ विपक्षी पार्टियों ने केंद्र से मांग की थी कि जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को तत्काल रिहा किया जाए। विपक्षी नेताओं ने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं कि इन लोगों की गतिविधियों ने राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाला हो। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी, जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, राजद नेता मनोज झा, पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने बयान जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को रिहा करने की मांग की। इसके बाद केंद्र ने 13 मार्च को फारुख अब्दुल्ला को रिहा कर दिया था।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/omar-abdullah-jammu-kashmir-political-leaders-detention-latest-today-news-updates-127040823.html
via
No comments:
Post a Comment