
मुंबई. 22 मार्च 2016।जगह-बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स का हवाई अड्डा। उस दिन यहां हुए आतंकी हमले में 35 लोगों की जान गई थी। धमाके के वक्त वहीं मौजूद जेट एयरवेज की फ्लाइट अटेंडेंट निधि खुराना चाफेकर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। भय और पीड़ा में डूबी उनकी तस्वीर दुनियाभर के मीडिया में हमले की भयावहता का प्रतीक बन गई। हमले के बाद वे 23 दिन कोमा में रहीं और अब तक 22 सर्जरी से गुजर चुकी हैं। कुछ और सर्जरी अब भी बाकी हैं। निधि ने अपनी आपबीती और दुख से उबरने की संघर्ष यात्रा एक किताब ‘अनब्रोकन’ में लिखी है, जो हाल ही में रिलीज हुई है। आज निधि जीवन से निराश लोगों को जिंदगी का खूबसूरत पक्ष दिखाती हैं।
उन्हें मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में जाना जाता है। बेल्जियम ने निधि को गॉड मदर का खिताब दिया है। हादसे के बाद जब वे कोमा से उबरीं तो डॉक्टर ने कहा था-निधि सिर्फ इसलिए जिंदा है, क्योंकि वह जिंदा रहना चाहती थी। धमाके से उनकेे पैर का जॉइंट खत्म हो गया था। जगह-जगह चमड़ी जल गई थी। पूरे शरीर में मेटल के 49 और कांच के अनगिनत टुकड़े धंसे हुए थे। 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन उन्हें होश आया। जब पति को बुलाया गया, तो वे निधि को देखकर इतना डर गए कि तुरंत कमरे से बाहर चले गए। कई दिनों तक निधि को भी आईना नहीं दिखाया गया। फिर जिस दिन उन्होंने अपना चेहरा आईने में देखा तो वे खुद भी डर गईं। वे बताती हैं कि उस दिन मुझे लगा था कि बच्चे शर्म करेंगे कि उनकी मां कैसी हो गई है। मेरा जॉब भी अब नहीं रहेगा। मैं 25% जल गई थी। मैं गहरी निराशा में थी, बावजूद इसके मुझे जिंदा रहना था। वक्त ने मुझे सिखाया कि खूबसूरत दिखने के लिए सिर्फ चेहरे पर मुस्कान और मन में साहस होना चाहिए...मैं वही कर रही हूं।’
जिसके जन्म की खुशी नहीं मनाई, वह सबकी पसंदीदा बनी
28 अगस्त 1975 को राजासांसी, अमृतसर में जन्मी निधि माता-पिता की चौथी संतान हैं। परिवार को बेटे की चाह थी, इसलिए उनके जन्म की खुशी नहीं मनाई गई। लेकिन नानी ने घर में किसी को रोने नहीं दिया, कहा कि लक्ष्मी आई है। बड़ी होकर निधि जेट एयरवेज़ में क्रू की सबसे पसंदीदा एयरहोस्टेस बनीं। इसके लिए उन्हें 500 से ज्यादा एप्रीसिएशन लेटर्स मिले। फ्लाइट में उन्होंने कई मेडिकल इमरजेंसी हैंडल कीं।
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