Sunday, February 16, 2020

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नई दिल्ली. सेना में महिलाओं को पुरुष अफसरों के बराबर कमांड पोस्ट दी जाए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा। इसके साथ ही कोर्ट महिलाओं को सेना में स्थायीकमीशन दिए जाने के मुद्दे पर भी फैसला सुना सकता है। अभी सिर्फ 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों को ही स्थायीकमीशन का विकल्प दिया जाता है।

महिलाएं युद्धक्षेत्र में सेवाएं देंगी, इस पर भी फैसला संभव
सेना में महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान आर्मी सर्विस कार्प्स, आर्डनेंस, एजुकेशन कॉर्प्स, जज एडवोकेट जनरल, इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिक-मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में ही एंट्री पा सकती हैं। उन्हें युद्धक सेवाओं (इन्फैंट्री, उड्डयन और तोपखाने) में काम करने का मौका नहीं दिया जाता। सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर भी टिप्पणी कर सकताहै।

वायुसेना और नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन का विकल्प
भारतीय वायुसेना और नौसेना महिला अफसरों को स्थायी कमीशन में आने का विकल्प देते हैं,हालांकि यहसेना में अभी तक नहीं है। इसके अलावा वायुसेना में महिलाएं युद्धक सेवाओं (फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी) में शामिल हो सकती हैं। शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत महिलाएं वायुसेना में ही हेलिकॉप्टर से लेकर फाइटर जेट तक उड़ा सकती हैं। नौसेना में भी महिलाएं लॉजिस्टिक्स, कानून, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, पायलट और नेवल इंस्पेक्टर कैडर में सेवाएं दे सकती हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था- महिला सैनिकों को भी मिले स्थायी कमीशन
रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के मार्च 2010 के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सेना को अपनी सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था। केंद्र का कहना था कि भारतीय सेना में यूनिट पूरी तरह पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे।



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Supreme Court verdict on grant of permanent commission to women in army news and updates today


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