
नई दिल्ली. नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने दिवालिया भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) के अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपए की बोली को सोमवार को मंजूरी दे दी। जेएसडब्ल्यू स्टील को बीपीएसएल पर चल रहे मुकदमों की वजह से मुश्किल नहीं होगी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जारी रख सकता है।
ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की ज्यादा राशि की मांग वाली याचिकाएं भी खारिज
जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने कहा कि दिवालिया प्रक्रिया के दौरान बीपीएसएल की जो आय हुई वह जेएसडब्ल्यू को दी जाएगी। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की ज्यादा राशि की मांग वाली याचिकाएं भी खारिज कर दीं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) जेएसडब्ल्यू की बोली को पहले ही मंजूरी दे चुका था। लेकिन, बीपीएसएल के पूर्व प्रमोटरों के खिलाफ चल रहे बैंक घोटाले के मामले में ईडी ने पिछले साल 10 अक्टूबर को बीपीएसएल की 4,025 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। जेएसडब्ल्यू स्टील ने इस कार्रवाई को अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने 14 अक्टूबर को ईडी को निर्देश दिए कि अटैच संपत्तियां तुरंत रिलीज की जाएं।
भूषण स्टील के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई जुलाई 2017 में शुरू हुई थी
ईडी का का कहना था कि वह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बीपीएसएल की संपत्तियां अटैच कर सकता है। जबकि, कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री कह चुकी थी कि ईडी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि बीपीएसएल दिवालिया में है। एनसीएलटी ने 26 जुलाई 2017 को बीपीसीएल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की थी। कंपनी के प्रमुख कर्जदाता बैंक पीएनबी ने याचिका दायर की थी।
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