Tuesday, December 31, 2019

मारुति की बिक्री दिसंबर में 3.9% बढ़कर 1 लाख 33 हजार 296 यूनिट रही

नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री दिसंबर में 3.9% बढ़कर 1 लाख 33 हजार 296 यूनिट रही। दिसंबर 2018 में यह आंकड़ा 1 लाख 28 हजार 338 यूनिट था। घरेलू बाजार में बिक्री 3.5% बढ़कर 1 लाख 25 हजार 735 यूनिट रही। एक्सपोर्ट का आंकड़ा 10.2% इजाफे के साथ 7,561 रहा। कंपनी ने बुधवार को बिक्री के आंकड़े जारी किए।

कैटेग्री/सेगमेंट मॉडल दिसंबर 2018 में बिक्री (यूनिट) दिसंबर 2019 में बिक्री(यूनिट) बदलाव
मिनी ऑल्टो, एस-प्रेसो, ओल्ड वैगनआर 27,649 23,883 -13.6%
कॉम्पैक्ट न्यू वैगनआर, स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो, डिजायर 51,346 65,673 27.9%
कुल: मिनी+कॉम्पैक्ट 78,995 89,556 13.4%
मिड साइज सिआज 4,734 1,786 -62.3%
कुल : पैसेंजर कार 83,729 91,342 9.1%
यूटिलिटी वाहन जिप्सी, अर्टिगा, एक्सएल6, एस क्रॉस, ब्रेजा 20,225 23,808 17.7%
वैन ओमनी, ईको 15,850 7,634 -51.8%
हल्के कमर्शियल वाहन सुपर कैरी 1,675 1,591 -5.0%


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सबसे पहले न्यूजीलैंड में मना नए साल का जश्न, तस्वीरों में देखें बाकी दुनिया के रंग

इंटरनेशनल डेस्क.न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले नए साल का जश्न मना। इन दोनों देशों में बड़ी बेसब्री से लोग इसका इंतजार कर रहे थे। घड़ी का कांटा जैसे ही 12 के पार गया ऑकलैंड के स्काय टावर रंगीन आतिशबाजी से रोशन हो गया। सिडनी हार्बर पर भी ऐसा ही नजारा दिखा।

ब्राजील में भी लोगों ने खुले दिल से नए साल का स्वागत किया। देर शाम से ही लोग रियो डी जेनेरो के कोपाकबाना बीच पर इकठ्ठा हो गए थे और आतिशाबाजी के साथ 2020 की सुबह हुई। अमेरिका में भी लोगोंको नए साल का इंतजार था। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर आधी रात को लोगों ने नए साल का जश्न मनाया। उत्तर कोरिया के किम इल सुंग स्क्वायर पर म्यूजिकल शो के जरिए लोगों ने नए साल का इस्तकबाल किया।

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आतिशबाजी के बीच नए साल का जश्न मना

रूस भी नए साल के स्वागत में पीछे नहीं रहा। यहां सेंट पीटर्सबर्ग में आतिशबाजी के बीच लोगों ने एक-दूसरे को 2020 की बधाई दी। मिस्र में लोगों ने नए साल के स्वागत के लिए हुई आतिशबाजी को अपने मोबाइल में कैद किया। वहीं, लंदन आई व्हील भी नए साल के स्वागत के लिए रंगीन रोशनी से सराबोर दिखा।



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नए साल के जश्न में ऑकलैंड का स्काय टावर रंगीन आतिशबाजी से रोशन हुआ।
सिडनी हार्बर पर हुई आतिशबाजी।
रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ऐसे हुआ नए साल का स्वागत।
दक्षिण कोरिया के सियोल में कपल ने 2020 का स्वागत किया।
2020 के स्वागत के लिए बुर्ज खलीफा पर आतिशबाजी हुई।
उत्तर कोरिया के किम इल सुंग स्क्वायर पर नए साल का जश्न।
एथेंस की अक्रोपोलिस पहाड़ी पर पर्थेनॉन टेंपल पर आतिशबाजी हुई।
2020 के स्वागत के लिए लंदन आई व्हील रोशनी से नहा उठा।


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जनरल रावत ने कहा- राजनीति से बहुत दूर रहते हैं, सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं

नई दिल्ली. जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभाला। इसके बाद वे दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे। वहां जनरल रावत ने कहा, “सीडीएस के तौर पर मेरे पास एक बेहद अहम काम है। तीनों सेनाओं को साथ मिलाकर काम करने का। हम एक ऐसी टीम की तरह काम करेंगे, जो 1+1+1 बराबर 3 नहीं, बल्कि 5 और 7 होंगे।” अपने राजनीतिक झुकाव को लेकर किए गए सवाल पर रावत ने कहा, “हम सत्ता में मौजूद सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं, लेकिन राजनीति से जितना हो सके उतनी दूरी बनाकर रखते हैं।”

वॉर मेमोरियल में बुधवार को आर्मी चीफ मनोज नरवाणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया और नेवी चीफ करमबीर सिंह, जनरल रावत के स्वागत के लिए मौजूद रहे। यहां सेना के वरिष्ठ अफसरों ने देश के पहले सीडीएस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। दरअसल, जनरल रावत ने पिछले दिनों छात्र आंदोलन को लेकर बयान दिया था। इस पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने जनरल रावत पर राजनीतिक बयानबाजी का आरोप लगाया था।

प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद हुआ सीडीएस पद का गठन
भारत सरकार ने पहली बार इस पद का सृजन किया है। इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस का पद सृजित करने की घोषणा की थी। यह पहली बार है,जब भारत सरकार ने जनरल रावत को देश का सर्वोच्च रक्षा अधिकारी नियुक्त किया है। जनरल रावत ने 31 दिसंबर (मंगलवार) को आर्मी चीफ के रूप में तीन साल पूरे किए। वे 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे। अब वह सीडीएस के तौर पर 2022 तक सेवा देंगे। उनकी मुख्य भूमिका तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) के बीच तालमेल बनाने की होगी।

क्या होता है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ?
आसान भाषा में कहें तो यह तीनों सेनाओं का सर्वोच्च पद होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ वह अकेला व्यक्ति होता है जो रक्षा योजनाओं और प्रबंधन पर सरकार को सलाह देता है। वह तीनों सेनाओं में कॉर्डिनेशन तो बनाएगा ही, साथ ही मैन पावर, उपकरण और एक्शन प्लान पर भी सरकार के संपर्क में रहेगा। किसी भी ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की ज्वाइंट मैनशिप भी सुनिश्चित करेगा। इससे इंटेलिजेंस ग्रिड और नेशनल सिक्योरिटी में तालमेल सुनिश्चित हो पाएगा। इस पद पर बैठा शख्स तीनों सेनाओं का उपयोग सुनिश्चित करेगा।



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CDS GENERAL BIPIN RAWAT | CHIEF OF DEFENSE STAFF (CDS) GENERAL BIPIN RAWAT SAID WE STAY FAR AWAY FROM POLITICS FOLLOW THE ORDERS OF GOVERNMENT.


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पातालपानी के फार्म हाउस में 70 फीट ऊंचे टावर से कैप्सूल लिफ्ट नीचे गिरी, पाथ इंडिया के मालिक पुनीत अग्रवाल समेत 6 की मौत

इंदौर/महू .महू के ख्यात उद्योगपति और पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल के पातालपानी स्थित फार्म हाउस पर 31 दिसंबर को मनाई जा रही पार्टी मातम में बदल गई। अग्रवाल अपनी पत्नी, बेटी, दामाद, पोते व मुंबई में रहने वाले तीन रिश्तेदार के साथ फार्म हाउस गए थे। यहां बने टॉवर में लगी कैप्सूल लिफ्ट में उतर रहे थे। लिफ्ट 70 फीट ऊंचाई पर पहुंची तभी वह पलट गई। सभी नीचे आ गिरे। मंगलवार शाम 5.30 बजे हुए इस दर्दनाक हादसे में 53 वर्षीय उद्योगपति पुनीत, उनकी 27 वर्षीय बेटी पलक, 28 वर्षीय दामाद पलकेश अग्रवाल, 3 वर्षीय पोता नव, मुंबई में रहने वाले पलकेश के 40 वर्षीय जीजा गौरव अाैर 11 वर्षीय बेटे आर्यवीर की मौत हो गई। गौरव की पत्नी निधि गंभीर हैं।


महू एएसपी धर्मराज सिंह मीणा के अनुसार पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल अपने परिवार के साथ फार्म हाउस पर पिकनिक मनाने पहुंचे थे। शाम को परिवार के सात सदस्यों के साथ फार्म हाउस के टावर पर लगी लिफ्ट पर प्राकृतिक नजारे देखने के लिए चढ़े। उतरते वक्त करीब 70 फीट की ऊंचाई पर से अचानक लिफ्ट पलट गई और सभी लोग धड़ाधड़ एक-दूसरे के ऊपर जा गिरे। वहां मौजूद कर्मचारियों ने घटना के बाद पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पहले उन्हें महू के मेवाड़ा अस्पताल, फिर चोइथराम अस्पताल में रैफर किया गया। जहां रात को 6 लोगो की मौत की पुष्टि की गई। बताया जा रहा है कि यह लिफ्ट फार्म हाउस का चौकीदार कैलाश रिमोट से ऑपरेट कर रहा था। घटना के वक्त पुनीत का बेटा निपुन टावर में ऊपर ही रुक गया था और पत्नी नीचे सभी के आने का इंतजार कर रही थीं। रिश्तेदारों के अनुसार पुनीत अग्रवाल की बहू गर्भवती है। इसलिए वह घर पर ही रुक गई थी।

2700 लेन हाईवे बना चुकी है पुनीत की पाथ इंडिया कंपनी

प्रकाश एस्फॉल्टिंग्स एंड टोल हाईवे इंडिया लिमिटेड यानी पाथ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल की गिनती देश के उन कॉन्ट्रैक्टर में होती है जिन्हें पीपीपी मॉडल का पायोनियर कहा जाता है। जब सरकारों ने पीपीपी मॉडल लॉन्च किए तो पुनीत अग्रवाल जैसे चुनिंदा लोग ही थे जो आगे आए और इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। उनकी कंपनी का नाम देश की अग्रणी कंपनियों में शामिल था। उनकी कंपनी पाथ इंडिया बीओटी, ओएमटी बेसिस पर सड़क, पुल और टोल परियोजनाओं के निर्माण, रखरखाव और संचालन में देश में पहले नंबर पर है। सिंहस्थ 2004 के समय इंदौर में एमआर-10 पर पीपीपी प्रोजेक्ट के तहत पहला रेलवे ओवरब्रिज बनाने वाले पुनीत ने बाद में सबसे महती योजना इंदौर-खलघाट नेशनल हाईवे का काम किया। उनकी कंपनी अब तक 2700 लेन हाईवे और करीब 3000 हाईवे बना चुकी है। यह आठ राज्यों में 250 से अधिक टोल लेन पर काम कर रही है।

इंदौर वासियों के मार्ग इन्होंने ही सुगम किए

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाव विजयवर्गीय ने कहा किमैं अभी द्वारिका में हूं। यहां मुझे इस दुखद घटना की जानकारी मिली है। उनके परिवार के छह लोगों की मौत हुई है। मेरे बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय अभी वहीं मौजूद हैं। पुनीत अग्रवाल अच्छे समाजसेवी, अच्छे व्यवसायी और दोस्त थे। मेरे उनके पारिवारिक संबंध थे। वर्ष 2004 में सिंहस्थ के दौरान महू-मंडलेश्वर रोड उन्होंने ही बनवाई थी, जिसकी बदौलत आज जाम गेट तक लोग आसानी से जा पाते हैं। इसके अलावा एमआर 10 पर पहला रेलवे ओवरब्रिज, महती परियोजना इंदौर-खलघाट नेशनल हाईवे में भी उनका योगदान रहा है। साथ ही जयपुर-रींगस के बीच फोरलेन रोड, झांसी-उरई रोड, आगरा-ग्वालियर रोड जैसे कई नेशनल हाईवे के काम किए हैं। दरअसल, पुनीत ऐसे कॉन्ट्रैक्टर थे, जो किसी भी अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करते थे। जो काम कोई नहीं कर सकता था उसे पुनीत पूरा कर देते थे।



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अग्रवाल की पत्नी दुर्घटना के समय नीचे और बेेटा निपुन टावर के ऊपर था, दोनों की आंखों के सामने वाकया हुआ। बहू साक्षी गर्भवती थीं, घर पर रुकी हुई थीं।
70 फीट ऊंचा टावर, जहां हादसा हुआ (बाएं) और पाथ इंडिया के मालिक पुनीत अग्रवाल।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद महू के अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई।


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5 महीने बाद घाटी में मोबाइल एसएमएस और सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा शुरू, 4 अगस्त से बंद थी सर्विस

जम्मू. मंगलवार आधी रात से जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा और सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सुविधा बहाल कर दी गई है। इस केंद्र शासित प्रदेश मेंअनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले 4 अगस्त को लैंडलाइन और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। हालांकि, इस फैसले के हफ्ते भर के भीतर जम्मू में मोबाइल इंटरनेट छोड़कर, बाकी सेवाएं बहाल कर दी गईं थीं। लेकिन कश्मीर में लैंडलाइन और पोस्टपेड सेवा कई चरणों में शुरू की गईं।

जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बताया, ‘‘31 दिसंबर की आधी रात से केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। इसके अलावा कश्मीर में मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा चालू कर दी गई है।’’ हालांकि, घाटी में मोबाइल इंटरनेट और प्री-पेड सेवा अभी शुरू नहीं की गई है। उन्होंने जानकारी दी किछात्रों, व्यापारियों, ठेकेदारों और सरकारी मुलाजिमों के लिए 10 दिसंबर से मशीन आधारित एसएमएस सेवा बहाल कर दी गई थी। कई स्थानों पर हॉट-स्पॉट पॉइंट्स भी शुरू किए गए थे।

कश्मीर जिले में इंटरनेट सुविधा के लिए 900 हॉट-स्पॉट पॉइंट्स बनाए गए थे

अकेले कश्मीर जिले के पर्यटक स्थलों, होटलों मेंऐसे 900 पॉइंट्स और विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं। अब तक 6 लाख लोग इस सुविधा का फायदा ले चुके हैं। लेकिन पूरी तरह से एसएमएस सेवा शुरू होने में अभी वक्त लगेगा।

रोहित कंसल ने कहा- जल्द स्कूलों में भी ब्रॉडबैंड सेवा शुरू की जाएगी
रोहित कंसल ने आगे कहा, ‘‘अभी इंटरनेट सेवाएं कब शुरू होंगी, इस पर फैसला नहीं लिया गया है। यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में है। हालात सुधरने के साथ इंटरनेट सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूलों में भी ब्रॉडबैंड सेवा शुरू की जाएगी।

स्थानीय प्रशासननजरबंद किए गए नेताओं की रिहाईका फैसला लेगा : रोहित कंसल
नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय प्रशासन नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई पर फैसला लेगा। लगातार हालात की समीक्षा की जा रही है। कुछ लोगों को रिहा भी किया गया है।’’ सोमवार को 5 नेताओं को श्रीनगर के विधायक हॉस्टल से छोड़ा गया। यह सभी 5 अगस्त से नजरबंद थे। हालांकि, पूर्व मुख्य मंत्री फारुक अब्दुल्ला, ओमर अब्दुल्ला और महबूबी मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।

केंद्र सरकार से इसी साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।



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रोहित कंसल ने कहा- कश्मीर में पूरी तरह इंटरनेट सेवा शुरू करने का फैसला जल्द होगा। (फाइल)


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सेंसेक्स में 190 अंक की तेजी, निफ्टी 54 प्वाइंट चढ़कर 12200 के ऊपर पहुंचा

मुंबई. शेयर बाजार साल के पहले दिन बढ़त के साथ खुलाा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 190 अंक चढ़कर 41,443.52 पर पहुंच गया। निफ्टी में 54 प्वाइंट की तेजी देखी गई। इसने 12,222.20 का उच्च स्तर छुआ।

एक्सिस बैंक के शेयर में 0.5% तेजी

सेंसेक्स के 30 में से 27 और निफ्टी के 50 में से 42 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। भारती एयरटेल और लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में 1-1 फीसदी तेजी आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाइटन 0.7-0.7 फीसदी चढ़े। एक्सिस बैंक 0.5% और इन्फोसिस 0.4% ऊपर आए।

कोल इंडिया में0.6% गिरावट

दूसरी ओर आयशर मोटर्स का शेयर 1% लुढ़क गया। इंडसइंड बैंक में 0.8% गिरावट आई। कोल इंडिया 0.6% और महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.4% नीचे आ गया। एचसीएल टेक, सन फार्मा, बजाज ऑटो और एनटीपीसी के शेयरों में 0.1% से 0.3% तक नुकसान देखा गया।



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BSE Sensex Today | Stock Market Latest Update: january 01 - Share Market, Trade-BSE, Nifty, Sensex Live News Updates


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अमेरिकी दूतावास पर भीड़ ने हमला किया, ट्रम्प ने कहा- ईरान इसका जिम्मेदार; उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी

बगदाद. डोनाल्ड ट्रम्प ने इराक स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुए भीड़ के हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रम्प ने नए साल से ठीक पहले ईरान को धमकी में कहा, “अगर अमेरिकी फैसिलिटीज में जान या माल किसी तरह का नुकसान होता है, तो ईरान बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह चेतावनी नहीं, धमकी है।” ट्रम्प के ट्वीट के ठीक बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय मार्क एस्पर ने ऐलान किया कि मध्य-पूर्व क्षेत्र में जल्द से जल्द 750 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया के किसी भी कोने में अपने लोगों और उनके हितों की रक्षा करेगा।

अमेरिकी एयरस्ट्राइक में विद्रोहियों के मारे जाने से खफा थे प्रदर्शनकारी
हाल ही में अमेरीका ने इराक में ईरान समर्थित विद्रोही संगठनों के ठिकानों पर हवाई हमला किया था। इसके विरोध में मंगलवार को भीड़ ने अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया। भीड़ ने एक गार्ड पोस्ट को आग के हवाले कर दिया और कंपाउंड में मौजूद रिसेप्शन एरिया के पार चले गए। इसके बाद अमेरिकी सैनिकों को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

इराक में ईरान समर्थित संगठन को निशाना बना रहा अमेरिका
अमेरिका इन दिनों इराक में ईरान समर्थित कतैब हिज्बुल्ला विद्रोहियों को निशाना बना रहा है। रविवार को अमेरिकी एयरस्ट्राइक में इस संगठन के 25 लड़ाके मारे गए। अमेरिका का कहना था कि उसने यह हमला इराक में अमेरिकी सिविलियन कॉन्ट्रैक्टर की मौत का बदला लेने के लिए किया। हालांकि, इराकी प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी ने कहा था कि अमेरिकी एयरस्ट्राइक देश की स्वायत्ता का उल्लंघन है। कतैब हिज्बुल्ला के लीडर ने भी हमले के लिए अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी।



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US Embassy attacked by mob, Trump says Iran responsible for it; It has to pay big price


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तेज चलना है तो अकेले चलो दूर तक जाना है तो साथ चलो

मैं इस सिद्धांत को मानता हूं कि हर व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी चाहिए, कुछ ऐसा रचने के लिए जो अभूतपूर्व हो। यानी जो पहले कभी कोई नहीं कर पाया हो। एक बार जब आप यह मुकाम हासिल कर लेते हैं तब आपको एक ऐसा व्यक्ति तलाश लेना चाहिए, जो आपके काम को और आगे नई ऊंचाइयों पर ले जा सके। किसी भी एक चीज से चिपककर रहने की आदत आपको लापरवाह बना देती है। तब आप खुद को री-इनवेंट नहीं कर सकेंगे। इसलिए 2020 के लिए सभी भारतीयों से मैं कहना चाहता हूं कि अपना श्रेष्ठतम दें, कुछ ऐसा करें, जो धारा बदल दे। पर यहीं रुकें नहीं।

मेरा मानना है कि भारतीय युवाओं में तकनीक की दुनिया में विश्व पर छा जाने की क्षमता है। अल्फाबेट के सीईओ के रूप में सुंदर पिचई की नियुक्ति इसका प्रमाण है। गूगल खुद को लगातार री-इनवेंट करने में ही यकीन रखता है। इन दिनों हम भविष्य की ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जो दुनियाभर के लोगों की जिंदगी को और आसान बना देगी। मेरा दोस्त सर्गेई ब्रिन हमेशा कहता है कि लीडरशिप के सिर्फ दो पिलर होते हैं- पहला यदि आप तेज चलना चाहते हो तो अकेले चलो। यदि दूर तक जाना चाहते हो तो साथ चलो। दूसरा, एक अच्छा लीडर हमेशा और लीडर तैयार करता है, फॉलोअर्स नहीं। पिचई के हाथों कंपनी की स्टीयरिंग देकर हम और निश्चिंत हुए हैं। सर्गेई पर्दे के पीछे काम करने में यकीन रखते हैं। और इसमें उन्हें आनंद आता है।

हम रोज कम से कम 8 घंटे लोगों से और वैज्ञानिकों से मिलने में ही बिताते हैं। ये लोग अलग-अलग तरह की कमाल की टेक्नोलॉजी विकसित करने में लगे हैं। मैं इनके बीच रहकर ये समझने की कोशिश करता हूं कि गूगल इनका हिस्सा कैसे बन सकता है। ऐसे लोगों के बीच खुद जाकर अनुभव प्राप्त करने को हम मूनशॉट इनोवेशन कहते हैं। इन दिनों हम हाइटेक स्टॉर्टअप कंपनियों से भी खूब मिल रहे हैं और उनमें निवेश भी कर रहे हैं। हमने फ्लाइंग कार कंपनी जी.एयरो से लेकर किटीहॉक तक में निवेश किया है। 2020 के लिए मेरा रेजोल्यूशन भी यही है कि मैं ऐसे मूनशॉट को खूब प्रमोट करूंगा। इसके अलावा मैं सामाजिक कार्यों और अपने परिवार को भी वक्त दूंगा। अब मैं अपने पिता कार्ल वेक्टर पेज के नाम पर बने फाउंडेशन के जरिए परोपकार की दुनिया को नया स्वरूप देने जा रहा हूं। आप भविष्य में इसके बारे में जल्द ही बहुत कुछ सुनेंगे। मैं भास्कर और उसके रीडर्स को नए साल की बधाई देता हूं।

(जैसा सिद्धार्थ राजहंस को बताया)



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Larry Page; Google founder Larry Page Advice On Step Towards Reinventing Yourself


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दैनिक भास्कर के कार्टूनिस्टों की नजर से बीते साल का हाल

नई दिल्ली. 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर सिटीजन (एनआरसी) लागू करने समेत कई मामले देशभर में छाए रहे। छात्रों का प्रदर्शन और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों ने आमजन का ध्यान खींचा। इन तमाम घटनाक्रमों को दैनिक भास्कर के कार्टूनिस्टों ने अपने अंदाज बयां किया।

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Dainik Bhaskar's cartoonists look at the condition of the past year
Dainik Bhaskar's cartoonists look at the condition of the past year
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296 साल बाद 5 ग्रहों के साथ नए साल की शुरुआत, अगले 500 साल नहीं बनेगा ऐसा संयोग

जीवन मंत्र डेस्क. नया साल 2020 ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति और शुभ संयोग में शुरू हो रहा है। साल का पहला सूर्योदय 2 शुभ योगों में होगा। 1 जनवरी 2020 को सूर्योदय के समय धनु लग्न रहेगा वहींपद्म और रवियोग भी बन रहे हैं। इनके साथ ही धनु राशि में सूर्य, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु भी रहेंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य पं गणेश मिश्रा के अनुसार ग्रहों की ऐसी स्थिति 296 साल पहले 1 जनवरी 1723 को बनी थी। अब अगले 500 सालों तक ग्रहों की ऐसी स्थिति नहीं बनेगी। सितारों की ये स्थिति देश में बड़े बदलाव होने का संकेत दे रही है। सितारों की ये स्थिति से देश के राजनितिक और आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ज्योतिषीय नजरिये से नया साल देश की उन्नति और मजबूती वाला रहेगा।

कई सालों में बनती है ग्रहों की ऐसी स्थिति

नए साल की शुरुआत में बुध, शनि और बृहस्पति धनु राशि में सूर्य के साथ होने से अस्त रहेंगे। जिससे इन 3 ग्रहों का शुभ और अशुभ असर कम हो जाएगा। इनके साथ ही सूर्य और केतु पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे। वहीं बुध और गुरू मूल नक्षत्र में एकसाथ हैं। इस तरह एक ही नक्षत्र में ग्रहों की युति बहुत ही कम बनती है। राहु को छोड़कर सभी ग्रह वृश्चिक से कुंभ राशि तक रहेंगे।

धनु लग्न में आरंभ होगा नया साल

धनु राशि में पांच ग्रहों के होने से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा। दलहन और तिलहन के दाम कम हो सकते हैं। देश हित के लिए कड़े कानून और फैसले होंगे, जिससे जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं। देश में उच्च पद पर स्थिति प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति असन्तोष एवं आक्रोश की स्थितियां भी बन सकती हैं, लेकिन विद्रोह नहीं होगा। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा। वहीं पश्चिमी प्रदेशों में उपद्रव की होने की संभावना बनेगी। पांच ग्रहों का योग पड़ोसी देशों में लगे सीमान्त राज्यों में उत्पात और उपद्रव बढ़ाने वाला रहेगा।

बुधवार को तिथि और नक्षत्रों का शुभ संयोग

नया साल षष्ठी तिथि को प्रारम्भ हो रहा है। षष्ठी तिथि की सामान्य संज्ञा नन्दा है, इसका विशेष नाम कीर्ति है। जिससे विश्व स्तर पर राष्ट्र का प्रभाव बढ़ेगा और पड़ोसी देशों में व्याकुलता बढ़ेगी एवं वो देश हताश होकर तनावपूर्ण स्थितियां बनाने की कोशिश करेंगे। बुधवार होने से फसलों का उत्पादन अच्छा होगा। निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी। फल एवं सब्जियों के दाम पूरे साल अनुकूल रहेंगे, क्योंकि बुध वाणिज्य और व्यापार का कारक ग्रह है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र होने से देश में जल, सिंचाई और नदियों से जुड़ी बड़ी योजनाओं पर फैसले हो सकते हैं। वहीं तैतिल करण होने से प्रशासन और सैनिको के लिए पूरा साल श्रेष्ठ रहेगा।

जब 1723 में बने थे ये ग्रह योग तो भारत में हुई थी ये घटनाएं

  • 5 ग्रहों की युति बनने से सन 1723 में देश के कई राज्यों और सीमाओं पर उथल-पुथल हुई थी। 296 साल बाद फिर उसी तरह की ग्रह-स्थिति बनने से साल 2020 में भी देश के वर्तमान राज्यों और पड़ोसी देशों से जुड़ी बड़ी घटना होने के संकेत हैं।
  • 1723 मुगल, निजाम और मराठा शासन ( वर्तमान के महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद और पंजाब ) के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 1723 में हुआ था।
  • 1723 में औरंगजेब की सेना के योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने मध्यप्रदेश के सिहोर, आष्टा, खिलचीपुर और गिन्नौर को जीता था और भोपाल में नवाबी शासन शुरू किया था।
  • इसी साल 1723 में हैदराबाद के निजाम ने भोपाल पर हमला कर दिया और औरंगजेब के दोस्त मुहम्मद खान को निजाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा। इसी साल 12 अप्रैल 1723 में मुगलवंश के 12 वें बादशाह नेकसियर का निधन हुआ था।
  • पेशवा बाजीराव ने मालवा पर आक्रमण किया था। वहीं शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास जी की मृत्यु भी इसी साल हुई थी। 1723 में पेशवा बाजीराव ने अपने सेनपतियों होल्कर, पंवार और सिंधिया को मालवा के आक्रमण पर भेजा था। जो कि सफल हुआ था।

4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे 2020 में

इस बार नए साल में 6 ग्रहण लगने वाले हैं। पहला ग्रहण 2020 में 10 जनवरी को ही लगेगा। अंतिम ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। इस नए साल में 4 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण होंगे। जिन देशों या जगहों पर ग्रहण दिखाई देते हैं वहीं पर उनका असर होता है। ग्रहण के प्रभाव से राजनैतिक और भौगोलिक बदलाव तो होते ही है साथ ही आम लोगों की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी इनका असर पड़ता है।

अधिकमास होना देश के लिए शुभ

  • जिस वर्ष अधिक मास होता है वो साल देश और जनता के लिए शुभ फल वाला होता है। अधिक यानी पुरुषोत्तम मास होने से धर्म और कर्म और अर्थ यानी आर्थिक मामलों में तरक्की होती है। हिंदू कैलेंडर और पंचांग गणना के अनुसार 3 साल में एक बार आधिक मास होता है। इस माह के प्रभाव से देश में शांति होती है एवं देश प्रगति करता है। देश की जनता ईमानदारी से धर्म और अपने कर्तव्यों का पालन करती है।
  • सौरमास 365 दिन का होता है जबकि चंद्रमास 354 दिन का होता है। इससे हर साल 11 दिन का अंतर आता है, जो तीन साल में बढ़कर एक माह से कुछ अधिक हो जाता है। यह 32 माह 16 दिन के अंतराल से हर तीसरे साल में होता है। इस अंतर को सही करने के लिए अधिमास की व्यवस्था की गई है।
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस अधिमास का कोई स्वामी न होने से देवताओं ने इसे अशुद्ध माना और इसमें कोई भी मांगलिक कार्य कैसे करें, इस संशय में पड़ गए। तब वे भगवान विष्णु के पास गए तो उन्होंने कहा कि आज से मैं इस अधिमास को अपना नाम देता हूं। उन्होंने इसे पुरुषोत्तम मास कहा। तब से इस माह में भागवत कथा व अन्य मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हुआ।


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Grah Nakshatra 2020: Jyotish Astrology Grah Nakshatra Yog Predictions India World Updates On Political Crisis, Economy, Climate Change Weather


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टहनी छोड़ें, पानी में उतरें! उतरना ही चाहिए! जीतना आप तभी शुरू करते हैं

मुझे लगता है कि ज़िंदगी में कई लम्हात ऐसे भी आते हैं जब बहुत से डर, बहुत-सी दुश्वारियां सामने होती हैं। जीने का माद्दा दिखाए बिना लोग शाख़ों पर बैठे-बैठे ही सूख जाते हैं, हजारों ख़्वाहिशें लिये...सूखे बिना अपने डर, अपनी हदों से कैसे बाहर निकल सकते हैं? इस बात का मुकम्मल जवाब तो यही है- टहनी छोड़ें पानी में उतरें! उतरना ही चाहिए! जीतना आप तभी शुरू करते हैं।

मेरा ख़याल है कि री-इनवेंशन के लिए ज़रूरी है कि यह भीतर से हो तभी फ़र्क़ दिखाई देगा। मैंने ‘परिचय’, ‘आंधी’, ‘माचिस’ जैसे कई तजुर्बात किए। ख़ुद को री-इनवेंट करना आसान नहीं है, मुमकिन ज़रूर है! हालांकि न इसका कोई ग्रामर है न फ़िक्स फ़ॉर्मूला! री-इनवेंशन की शुरुआत ख़ुद के बदलाव से की जा सकती है। बाहरी बदलाव तो सिर्फ़ ज़ाहिराना है। अंदरूनी किया तो बाहर भी ज़ाहिर हो जाएगा। री-इनवेंट करने के लिए आपको सारे एंटीने खुले रखने पड़ते हैं। सोचने के लिए, समझने के लिए ताकि आप हालात को भी देखें, ज़रूरियात को भी देखें और उसी को रिसीव करें जो वक़्त की पुकार है।

वैसे आदमी जब खु़द को रिपीट करने लगता है तो मेंटल ब्लॉक आता है, यहीं ख़ुद को री-इनवेंट करने की ज़रूरत पड़ती है। ज़िंदगी को लेकर मेरा फ़लसफ़ा है कि हर चीज़ में लॉजिक ढूंढ़ेंगे तो जिएंगे कहां से? इतनी आसान होती ज़िंदगी कि ग्रामर में पढ़ी जा सकती तो ग्रामर की किताब सामने रखकर जी लेते हम सब...ज़िंदगी की खू़बसूरती ही यही है कि वह अनकही है, अनजान है। कौन जानता है अगले पल क्या होगा?

मुझसे कई बार पूछा जाता है कि क्या आपने ज़िंदगी में सबकुछ पा लिया है? मेरा जवाब होता है-नहीं! ऐसा नहीं है। बहुत कुछ जानने की तमन्ना है। ज़िंदगी अभी भी नए-नए रास्ते खोल रही है। आपकी तरह बहुत सारी इच्छाएं मेरी भी हैं। जैसे, अब आप एस्ट्रोनॉट तो नहीं बन सकते, लेकिन क्या अंतरिक्ष में सैर करने का जी भी नहीं चाहता। स्पेस-स्टेशन में अंतरिक्ष यात्री 6 महीने रहते हैं। मैं कल्पना करता हूं कि वो वहां से नीचे ज़मीन को देख रहे हैं गोले की तरह...ये बात सोचकर भी कमाल लगती है कि आप ऐसी जगह पर हैं जहां से पूरा ग्लोब नजर आ रहा है, सूरज और सितारे भी नज़र आ रहे हैं। तो सीखने-सिखाने की कवायद तो ताउम्र चलती है। ज़िंदगी हर कदम पर आपको सिखाएगी, आपको सीखना पड़ेगा। यही री-इनवेंशन है और इसकी शुरुआत करना ही जागना और जीत की तरफ कदम बढ़ाना है।



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Gulzar: Legendary writer-poet-filmmaker गुलज़ार [Gulzar] On How to Win and Self Improvement


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सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे, उन्हें सहयोगियों की मदद की जरूरत होगी

नई दिल्ली (रिटायर्ड ले.ज.सतीश दुआ). नया साल। नई शुरुआत। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत को जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिलेगा। इस साल के अंत में सरकार ने जनरल बिपिन रावत को सीडीएस के रूप में नियुक्त कर दिया। अब सैन्य मामलों का नया विभाग बनाया गया है, जिसे सीडीएस लीड करेंगे। सीडीएस कई मामलों में गेम चेंजर साबित होंगे। इसका कारण है कि वे चार अलग स्तरों पर काम करेंगे या कहा जाए कि वे चार भूमिकाएं निभाएंगे। वे लीडरशिप के नए आयाम स्थापित करेंगे। सैन्य मामलों के विभाग प्रमुख होने के नाते समयांतराल में सशस्त्र बलों के बीच एकीकरण स्थापित करेंगे।

हालांकि, सीडीएस के पास सचिव के समान पूरे अधिकार तो नहीं होंगे लेकिन वे सचिव से सीनियर होंगे।

सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे

प्रमुख सैन्य सलाहकार होने के नाते वे शीर्षनेतृत्व को तीनों सेनाओं से संबंधित मामलों पर सलाह देंगे। इनमेंनेशनल सिक्युरिटी काउंसिल,न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी औरडिफेंस प्लानिंग कमेटी शामिल है। फिलहालसेना की तीनों अंग मतलब थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय में अपने-अपने कार्यालय बना रखे हैं। नई प्रक्रिया में अब से यह कार्यालय सैन्य विभाग के अंतर्गत होंगे, जो सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेगा। इससे निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी।

सीडीएस और रक्षा सचिव दोनों हीरक्षा मंत्री को रिपोर्ट देंगे

सीडीएस सैन्य सलाहकार होंगे। हालांकि,रक्षा सचिव और उनके रोल को लेकर संशय है। कारण कि यह दोनों ही रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। रक्षा विभाग के अंतर्गत रक्षा उत्पादन, डीआरडीओ, रिटायर्ड कर्मचारियों का कल्याण विभाग शामिल है।सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी ऑपरेशन के दौरान एकजुटता को बढ़ाना है। इसमें लॉजिस्टिक, कम्युनिकेशन, सपोर्ट सर्विस, रिपेयर और मेंटेंनेंस, ट्रेनिंग एंड ट्रांसपोर्ट जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

इसका परिणाम यह होगा कि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। इस स्तर पर उन्हें भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। उन्हें एक ऐसा ढांचा तैयार करना होगा जो समयसीमा में बेहतर तालमेल के साथ काम कर सके। सीडीएस सिस्टम को स्थिरता और निरंतरता देंगे। यह नए ढांचे के निर्माण और प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।

सीडीएस की मौजूदगी रक्षा के मामले में हमें अलग स्तर पर ले जाएगी

यह एक बड़ा कदम है। हमारे देश की सुरक्षा के मामले में बड़ा कदम साबित होगा। ताकत के मामले में यह हमें बेहतर स्थिति में लेकर जाएगा। नए सेटअप को स्थापित करना आसान काम नहीं होगा। यह हमारे देश के लिए कोई आसान सफर नहीं होगा। पहले सीडीएस को बेहतर नींव रखना होगी। उन्हें सहयोगियों से सहयोग की जरूरत होगी। इनमें तीनों सेना के प्रमुख के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय और प्रधान नेतृत्व भी शामिल होगा।

-लेखक पूर्व सैन्य अधिकारी हैं, जो चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के तौर पर रिटायर हुए हैं।



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सीडीएस जनरल बिपिन रावत।


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हेमंत सोरेन ने कहा- सत्ता में आने पर झामुमो ने दादागीरी नहीं की, पुरानी सरकार की अच्छी योजनाएं जारी रहेंगी

रांची. 2019 के आखिरी महीने में झारखंड ने बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखा। विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन को अप्रत्याशित जीत मिली और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने। जल-जंगल-जमीन के संरक्षण, कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता जैसे बड़े वादों को पूरा करने के अलावा सोरेन सरकार के सामने बड़ी चुनौती सरकारी खजाना है, जो अभी खाली है। भास्कर के झारखंड एडिटर मोहन बागवान ने साल की आखिरी शाम को हेमंत सोरेन से नई सरकार के लक्ष्यों और चुनौतियों पर सवाल किए।

सवाल: शहरी लोगों में डर है कि झामुमो दादागीरी करेगी, चंदा वसूली करेगी?
जवाब: हमें बदनाम करने के लिए विपक्षी दल ऐसी अफवाह उड़ाते हैं। कोई बता दे कि झारझंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कभी दादागीरी की हो, कभी सत्ता का दुरूपयोग किया हो? ऐसा कभी नहीं हुआ। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जी के गृह क्षेत्र में क्या स्थिति रही है, यह किसी से छुपा नहीं है। उनके विधायक ढुल्लो महतो हों या दूसरे लोग... ये क्या करते हैं, सभी को पता है।

सवाल: पिछली सरकार ने मर्जर के नाम पर कई स्कूल बंद कर दिए। आपने इसका विरोध किया था। क्या स्कूल दोबारा खोले जाएंगे?
जवाब: उन सभी स्कूलों को खोला जाएगा, इसमें कोई दोराय नहीं है। इन्हें बेहतर तरीके से कैसे चलाया जाए, यह देखेंगे। जिस वजह से राइट टू एजुकेशन लाया गया था, उसका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन कैसे किया जाए, इस पर काम किया जाएगा।

सवाल: चुनाव कैंपेन में आपका नारा "बदलो सरकार-पाओ अधिकार' था। लोगों को क्या अधिकार देने वाले हैं?
जवाब: अधिकार के मायने बहुत बड़े हैं। गरीब को अनाज, बच्चों को छात्रवृत्ति, नौजवानों को रोजगार, किसानों को फसल का उचित दाम, महिलाओं का सशक्तिकरण, आम लोगों को इलाज और शिक्षा के बेहतर इंतजाम हमारा लक्ष्य है।

सवाल: जल-जंगल-जमीन के संरक्षण के सिद्धांत पर काम करते हुए आप सत्ता में आए। इसकी सुरक्षा और औद्योगिक विकास दोनों साथ-साथ करना मुश्किल होता है। ऐसे में राज्य को कैसे आगे ले जा पाएंगे?
जवाब: इसमें कोई मुश्किल नहीं, बशर्ते औद्योगिक घराने भी इसमें सहयोग करें। जल्द आप देखेंगे कि किस तरीके से इस क्षेत्र में बदलाव लाए। राज्य बनने के 19 साल में पहली बार लोगों को लग रहा है कि यह उनकी सरकार है। हम हंसते, खेलते हुए रास्ते निकालेंगे। जमीन मालिकों का सहयोग लेंगे, व्यापारी-उद्योगपतियों की भूमिका रहेगी और सरकार दोनों को पूरा-पूरा संरक्षण देगी।

सवाल: राजधानी रांची की ट्रैफिक समस्या से हर कोई परेशान है। इसका समाधान कैसे करेंगे?
जवाब: इसका समाधान होगा। समस्याएं कहीं न कहीं सरकार की रीति-नीति और निर्णय की वजह से ही होती हैं। इतनी सारी इमारतें बनाकर लोगों को बसा दिया गया। सुनियोजित तरीके से काम नहीं किया गया और समस्या इसीलिए खड़ी हुई।

सवाल: नक्सलवाद से निपटने के लिए भाजपा सरकार ने बंदूक का सहारा लिया? आप कैसे इसे काबू में करेंगे?
जवाब: आपके जरिए हम ऐसे लोगों और समूहों से कहना चाहते हैं कि अपना एजेंडा बताइए। आप सरकार से बात कीजिए। हमारी कोशिश होगी कि आपकी हर समस्या का समाधान हो। हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि आपके साथ अन्याय न हो। निश्चित तौर पर राज्य में नक्सलवाद खत्म करेंगे।

सवाल: आपने तीन महीने में पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव केंद्र को भेजने की बात कही थी?
जवाब: हम इस बात पर कायम हैं। तीन महीने में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजेंगे।

सवाल: पांच साल तक रघुवर सरकार का विरोध किया। क्या रघुवर सरकार की योजनाएं बंद करेंगे?
जवाब: जो अच्छी योजनाएं हैं, उन्हें हम क्यों बदलेंगे? अच्छे कामों की न सिर्फ सराहना होनी चाहिए, बल्कि उन्हें आगे भी बढ़ाया जाना चाहिए। हम ऐसा ही करेंगे। अनावश्यक योजनाओं को जरूर बंद किया जाएगा।

सवाल: सरकार की आर्थिक स्थिति खराब है। किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं कैसे पूरा करेंगे?
जवाब: हम यह काम करेंगे। अभी तो काम शुरू किया है। पुरानी सरकार ने बट्‌ठा बैठा दिया। उन्होंने जो किया सो किया। अब हम इसके लिए जल्द ही श्वेतपत्र जारी करेंगे। हम बताएंगे कि किस हाल में हमें राज्य मिला है। हमने चुनौती को स्वीकार किया है और उसका सामना भी करेंगे।

सवाल: मंत्रिमंडल में फिलहाल तीन ही मंत्री है, विस्तार कब तक करने वाले हैं?
जवाब: 8 जनवरी के बाद विस्तार भी करेंगे।

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Hemant Soren said- JMM did not give up on coming to power, good plans of old government will continue


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नए साल में अप्रैल में सबसे ज्यादा छुटि्टयां, अगस्त में बन रहे लम्बी छुट्‌टी लेने के 3 मौके

यूटिलिटी डेस्क.नया साल 2020 छुटि्टयों की भरमार लेकर आ रहा है। अधिक मास होने के कारण इस बार त्योहार बीते वर्ष की तुलना मेंकई दिन आगे जाएंगे। नए साल में होली 10 दिन पहले पड़ेगी तो दीपावली 18 दिन लेट आएगी।लीप ईयर होने के कारण भी एक दिन काफर्क पड़ेगा।

इस बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, मोहर्रम 30 अगस्त, दशहरा 25 अक्टूबर को रविवार के कारण अलग से कोई छुट्टीनहीं रहेगी। यही स्थिति संत रविदास जयंती (रविवार, 9 फरवरी), परशुराम जयंती (रविवार, 26 अप्रैल), आदिवासी दिवस (रविवार, 9 अगस्त) की रहेगी। दिवाली इस बार 14 नवंबर, शनिवार को है और इसी दिन बाल दिवस भी इसलिए बच्चों की एक छुट्‌टी यहां भी मारी जाएगी।

अप्रैल का महीना छुटि्टयों के लिए सबसे खास रहेगा क्योंकि महीने की शुरुआत में ही दो छुट्‌टियां (राम नवमी और महावीर जयंती) पड़ रही हैं। पांच दिन की लगातार छुटि्टयां लेने का बड़ा मौका भी इसी महीने बन सकता है।

अगस्त के महीने में3 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन , 15 अगस्त, शनिवार को स्वतंत्रता दिवस और 22 अगस्त, शनिवार को गणेश चतुर्थी होने के कारण तीन दिन की लगातार छुट्‌टी लेने के तीन मौके बन रहे हैं।

2020 में हर महीने त्योहार और छुट्टियों का कैलेंडर कुछ ऐसा होगा-



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New year most holidays in April, 3 chances of taking long holidays in August


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सफलता एक पड़ाव है, मंजिल नहीं; हर रोज जीतना है तो इनोवेशन को आदत बनाओ

मार्टिन लूथर किंग ने कहा है- ‘जीवन का सबसे स्थायी और अहम सवाल है- आप दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं?’ स्टीव जॉब्स का भी इस पर अटूट भरोसा था। यही मोटो एपल की नींव भी है। हमारा फोकस टेक्नोलॉजी की मदद से जिंदगी को आसान बनाना है। हमारा मकसद है कुछ नया करना और बाजार में नए बेंचमार्क स्थापित करना। रोज जीतना है तो इनोवेशन करते रहना जरूरी है। इसे आदत बनाना होगा। व्यक्तिगत और प्रोफेशनल, दोनों स्तर पर जुनून होना जरूरी है। सिर्फ इनोवेशन ही जीवन को बेहतर बना सकता है। हम हाई-एंड टेक्नोलॉजी को भी आम यूजर के इस्तेमाल लायक बनाते हैं।

मेरा मानना है कि हर कंपनी में संकट का दौर आता है। ऐसे में शांत रहकर समाधान तलाशना जरूरी हो जाता है। एपल में भी दो बड़े मौके आए, जब मैंने इन्हीं गुणों पर भरोसा किया। स्टीव के निधन से मैं टूट गया था। बतौर सीईओ मैंने सिर्फ स्टीव के विजन को आगे बढ़ाया है। स्टीव अक्सर कहते थे, यदि आपने बहुत महान काम किया है तो उस पर बैठे नहीं रहना चाहिए। उतना ही महान दूसरा लक्ष्य तलाशना और उस पर आगे बढ़ना चाहिए।

हमारे सामने बढ़ती मैन्यूफैक्चरिंग लागत बड़ा मुद्दा बनती जा रही थी। विरोध के बावजूद तय किया कि मैन्यूफैक्चरिंग नहीं करेंगे। चीन-ताइवान से कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की। हमने ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत किया। इससे शिपिंग क्षमता भी बढ़ी। यह रणनीति कारगर रही। आज दुनिया के कोने-कोने में एपल है, जो इसी विजन की सफलता है।

एपल में अकेला कोई कुछ नहीं कर सकता। मैं दो चीजों में विश्वास करता हूं। एक है ‘डिग्निटी ऑफ लेबर’। छोटे-छोटे काम आपको किसी व्यवसाय के अहम पहलू सिखा सकते हैं और लोगों के जीवन को छूने में मदद कर सकते हैं। दूसरा है- प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ में सामंजस्य बिठाना। इसके लिए मैं रोज तड़के 3ः45 बजे उठता हूं। मेडिटेशन करता हूं। एक घंटा जिम में बिताता हूं। ई-मेल्स का जवाब देता हूं, यूजर्स के फीडबैक देखता हूं ताकि नया पर्सपेक्टिव मिल सके। रोज सुबह 8ः10 बजे ऑफिस जाता हूं। दिन में 15-20 मीटिंग्स होती हैं। काम कब खत्म होगा, इसका वक्त तय नहीं है। फिर भी रात 8-9 बजे सो जाता हूं। अक्सर पूछा जाता है कि एक दिन में इतना सब कैसे कर लेते हैं, तो मेरा इतना ही जवाब है कि अपना शेड्यूल बनाएं और उसका सम्मान करें। सब कुछ संभव है।



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Tim Cook: Apple CEO Tim Cook Bhaskar Exclusive Updates On Long-Term Success and Reinvent Yourself


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