Wednesday, February 5, 2020

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बेंगलुरु.कर्नाटक में गुरुवार को बीएस येदियुरप्पा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। 10 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। ये सभी कुमारस्वामी सरकार के दौरान कांग्रेस और जेडीएस में थे, जिन्हें स्पीकर ने अयोग्य करार दे दिया था। बाद में इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और दिसंबर में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। आज शपथ ग्रहण के साथ ही कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 28 हो गई।

कर्नाटक में दो महीने पहले दिसंबर में 15 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। तब भाजपा ने 12 सीटें जीती थीं, 2 सीटें कांग्रेस और एक निर्दलीय के खाते में गई थीं। येदियुरप्पा ने भाजपा में आए सभी विधायकों को मंत्री बनाने का वादा किया था।

10 मंत्री, जो कांग्रेस-जेडीएस छोड़कर भाजपा में आए थे
उपचुनाव जीतकर विधायक बने रमेश जारकिहोली, एसटी सोमशेखर, अनंत सिंह, के सुधाकर, बी बासवराज, शिवराम हेब्बर, एचसी पाटिल, के गोपालैया, केसी नारायण गौड़ा और बीसी पाटिल मंत्री बने। इस विस्तार में भाजपा से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि, रविवार को ही येदियुरप्पा ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक अरविंद लिंबावली, सीपी योगेश्वरा और उमेश कट्टी को कैबिनेट में शामिल करने की बात कही थी।

महेश कुमाथल्ली विशेष प्रतिनिधि होंगे
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा विधायक महेश कुमाथल्ली को विशेष प्रतिनिधि (दिल्ली) बनाएंगे। वे उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं, इसलिए कुमाथल्ली के मंत्रिमंडल में शामिल होने में रोड़ा अटक गया। इसके अलावा विधायक आर शंकर को बाद में कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। अयोग्य ठहराए जाने के बाद येदियुरप्पा ने उन्हें मंत्री बनाने का वादा किया था। पहले शंकर रानीबेन्नूर सीट से निर्दलीय विधायक थे।



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सबसे पहले रमेश जारकिहोली ने मंत्री पद की शपथ ली।
एसटी सोमशेखर ने शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा के पैर छुए।


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