Tuesday, December 31, 2019

आतंक पर अंकुश से घाटी में नई उम्मीद, 14 हजार करोड़ के निवेश से बदलेगी फिजा

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में नए साल की सुबह अनुच्छेद 370 हटाए जाने का 150वां दिन है। इस नए केंद्रशासित प्रदेश में कारोबार को छोड़ दें तो 5 अगस्त से अब तक यहां काफी कुछ सामान्य होता दिख रहा है। स्कूल-अस्पताल पहले जैसी स्थिति में आ चुके हैं। कारोबार का केंद्र माने जाने वाले श्रीनगर के लालचौक इलाके में पर्यटकों के इंतजार में बाजार सज चुके हैं। हालांकि, पर्यटकों की आवाजाही 2018 के दिसंबर के मुकाबले 10% भी नहीं है। 5 अगस्त के बाद लगातार 100 दिन तक इक्का-दुक्का स्कूल में ही बच्चे दिखे थे, वे भी गिने-चुने। लेकिन, अब सिलेबस कवर करने की होड़ में बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। इस शैक्षणिक सत्र के कुल 90 दिन बचे हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि आधा सिलेबस बाकी है।

कारोबार की बात करें तो साल के आखिरी महीने में पीस हॉलीडे लिमिटेड के 55 वर्षीय चेयरमैन फिदा खान अपने ऑफिस में बैठे-बैठे पिछले पांच महीने मेें हुए नुकसान का गणित लगा रहे हैं। 50 से ज्यादा बुकिंग रद्द होने से उनकी कंपनी 25 लाख रु. के घाटे में है। हालांकि, 2020 से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। वे कहते हैं ‘2019 में बहुत कुछ खोया, लेकिन अब हमें इंटरनेट चाहिए। इसके बिना पर्यटक घाटी की स्थितियों को लेकर चिंतित हैं।’ अभी सिर्फ कारगिल में इंटरनेट शुरू किया गया है। इस बीच सुकून की सबसे बड़ी बात यह है कि घाटी में 43 बड़ी कंपनियों ने 14 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है, जिसमें टूरिज्म और एजुकेशन प्रमुख हैं। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो नए साल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।

जान का नुकसान कम; नए चुनाव पर संशय बरकरार...

बाजार: 18 हजार करोड़ का नुकसान, अब पूरा दिन दुकानें खुलने लगी हैं
कश्मीर चैंबर ऑफकॉमर्स का दावा है कि 150 दिन में 18 हजार करोड़ रु. का नुकसान हुआ है। जामा मार्केट जैसे व्यस्त बाजार अब भी बंद हैं। हालांकि, ज्यादातर जगह दुकानें खुल चुकी हैं।

अस्पताल: पैलेट गन से चोट के केस मामूली, पहले सैकड़ों केस आते थे
शेर-ए-कश्मीर अस्पताल की ओपीडी में रोज 3500 मरीज आ रहे हैं, जो पिछले साल जितने हैं। 150 दिन में पैलेट गन से चोट के दर्जनभर केस आए। पिछले साल ऐसे सैकड़ों केस थे।

तनाव: जहां पहले ज्यादा प्रदर्शन होते थे, 5 अगस्त से वहां शांति
सोपोर जैसे अशांत क्षेत्रों में अलगाववादियों के प्रदर्शन होते थे, पर 5 अगस्त के बाद वहां से एेसी खबरें नहीं आई हैं। लेकिन, श्रीनगर के पास सौरा में लोगों ने विरोध में सड़कें खोद दी हैं।

आवाजाही: 3,450 बसें सिर्फ श्रीनगर जिले में बंद थीं, अब चलने लगी हैं
कश्मीर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन शब्बीर अहमद ने कहा- ‘तीन महीने तक सिर्फ श्रीनगर जिले में 3,450 बसें नहीं चलीं। अब चलने लगी हैं।’ होटल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का मानना है कि पर्यटक बहुत कम हैं। लेकिन, इंडस्ट्री की तैयारियां पूरी हैं। गुलमर्ग जैसे इलाकों में अगले एक महीने तक पर्यटकों के लिए कई तरह के आयोजन होने जा रहे हैं। लोग फोन तो कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग काफी कम है।

मीडिया: अंदरूनी कश्मीर से खबरें नहीं आ रहीं, लोकल अखबार बंद हैं
कश्मीर प्रेस क्लब ने कहा- ‘इंटरनेट बंद होने से अंदरूनी कश्मीर से खबरें ही नहीं आ रही हैं। लोकल अखबारों को एडिशन टालने पड़ रहे हैं। कई जगह मीडिया बैन है, जहां पहले नहीं था।’

आतंक: 5 अगस्त के बाद दर्जनभर मुठभेड़, जिनमें 18 आतंकी मारे गए
सुरक्षा के लिहाज से घाटी ज्यादा सुरक्षित हुई है। 5 अगस्त के बाद आतंकियों के साथ दर्जनभर ही मुठभेड़ हुईं, जिनमें 18 आतंकी मारे गए। पहले हफ्तेभर में ही दर्जनों मुठभेड़ आम थीं।

...और चुनाव: इसी साल वोटिंग हो सकती है, पर स्थानीय नेता तैयार नहीं
संभव है कि इस साल चुनाव हों। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि मौजूदा हालात चुनाव के लिए सही नहीं है। उनकी पार्टी चुनाव का विरोध करेगी।



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Kashmir 2020 [Updates]; Dainik Bhaskar Ground Report Of Kashmir After 150 Days Of Article 370


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