
वॉशिंगटन/तेहरान/बगदाद. ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए बुधवार सुबह इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। बताया गया है कि ईरान ने इराक के अनबर प्रांत में स्थित ऐन अल-असद बेस और इरबिल में एक ग्रीन जोन (अमेरिकी सैन्य ठिकानों) पर 12 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इसके बाद इराक के आसमान पर मिलिट्री जेट्स की हलचल देखी गई।
ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह हमले जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए किए जा रहे हैं। ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बयान जारी कर कहा, “हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दे। अगर उनके किसी भी क्षेत्र को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल किया गया, तो उसे निशाना बनाया जाएगा।”
ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी ने बताया कि रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने अमेरिकी बेसों पर हमले के लिए फतेह-313 मिसाइलें इस्तेमाल कीं। यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें हैं।
क्या ट्रम्प दे सकते हैं ईरान के खिलाफ युद्ध का आदेश?
ईरान के हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के नेतृत्व में सिक्योरिटी एजेंसियों की बैठक बुलाई। अमेरिकी संविधान के अनुसार किसी भी तरह के सीधे सैन्य कार्रवाई की ताकत राष्ट्रपति और कांग्रेस (संसद) के बीच बंटी है। जहां संसद किसी भी देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर सकती है, वहीं राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए सेना के इस्तेमाल का आदेश दे सकता है।
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