
नई दिल्ली. द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के संस्थापकडॉ. आरके पचौरी कालंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया। वे 79 साल के थे। वे हृदय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें बुधवार को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। वे दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती थे। पिछले साल मैक्सिको में स्ट्रोक आने के बादपचौरी कीओपन हार्ट सर्जरी की गई थी। पचौरी 15 साल आईपीसीसी के चेयरमैन रहे। उन्हीं के कार्यकाल में संस्थान को नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
टेरी ने डॉ. पचौरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। एक बयान में कहा, “पूरा टेरी परिवार दुख की इस घड़ी में डॉ. पचौरी के परिवार के साथ खड़ा है।” 2015 में पचौरी के बाद टेरी प्रमुख बने डॉ. अजय माथुर ने कहा, “टेरी आज जो कुछ भी है, वह डॉ. पचौरी की अथक परिश्रम के बलबूतेही है। उन्होंने इस संस्थान को आगे बढ़ाने में बहुत ही महती भूमिका निभाई। इसके चलते यह दुनिया का सबसे प्रमुख संस्थान बनकर उभरा।” टेरी के चेयरमैन नितिन देसाई ने डॉ. पचौरी के योगदान को वैश्विकविकास के लिए अद्वितीय बताया। उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल को दिए नेतृत्व के कारण ही आज जलवायु परिवर्तन को लेकर बातचीत हो रही है।”
It is with immense sadness that we announce the passing away of Dr RK Pachauri, the Founder Director of TERI. The entire TERI family stands with the family of Dr Pachauri in this hour of grief.
— TERI (@teriin) February 13, 2020
(1/4) pic.twitter.com/zoDs9q6aEB
2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किए गए थे
2015 में उनकी एक महिला सहयोगी ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने 2015 में संस्थान से इस्तीफा दे दिया था। 2018 में दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए थे। हालांकि डॉ. पचौरी लगातार इन आरोपों से इनकार करते रहे। पचौरी2002 से 2015 तक इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के चेयरमैन भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में आईपीसीसी को नोबेल शांति पुरस्कार मिला। पर्यावरण के क्षेत्र में उनकेयोगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषणसम्मान से नवाजा।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37oLmsV
via
No comments:
Post a Comment