
मुंबई. भारत में लड़ाकू विमान राफेल के कलपुर्जों का बनना शुरू हो गया है। फाइटर जेट्स के ट्विन इंजन को कवर करने वाले दरवाजों का पहला सेट नागपुर में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस और फ्रेंच फर्म दैसो एविएशन के संयुक्त उपक्रम वाले प्लांट पर बन रहे है।
एक अधिकारी ने न्यूज वेबसाइट को बताया कि विमान से जुड़े ज्यादातर पार्ट्स आने वाले समय में भारत में ही बनेंगे। रक्षा सूत्रों मुताबिक, भारत में इसके पार्ट्स निर्मित करने का मकसद आने वाले महीनों में राफेल के उत्पादन को बढ़ानाहै।
नागपुर आईटीआई के छात्र सीख रहे हैं राफेल के पार्ट्स जोड़ना
नागपुर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के छात्र राफेल और फाल्कन विमानों के पुर्जे जोड़ना सीख रहे हैं। फ्रांसीसी कंपनी दैसो एविएशन ने सरकार द्वारा संचालित आईटीआई नागपुर के साथ पिछले साल एक समझौताकिया था। इसके तहत संस्थान में ‘एयरोनॉटिकल स्ट्रक्चर एंड इक्विपमेंट फिटर’ पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 58 हजार करोड़ रुपए में 36 लड़ाकू विमानों का सौदा किया है। फ्रांस ने पिछले साल भारत को दशहरे के दिन पहला राफेल सौंपा था। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी फ्रांस में मौजूद थे। फिलहाल, यह विमान फ्रांस में ही है।
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