
शाजापुर.मध्य प्रदेश में एक दिन की नवजात के शरीर पर धारदार हथियार से गंभीर घाव और फिर मौत होने के मामले में दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी मंजू ने 13 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी कराने के बाद घर पहुंचते ही फूल सी बच्चीके सीने में हंसिया घोंप दिया था। इसके बाद पेट और गर्दन पर भी वार कर किए। मासूम की चीखें सुनकर पड़ोसी आ गए। इसके बाद ही उसने वार करना बंद किया। मंजू ने यह सब बेटा नहीं होने के गुस्से में किया।
मंजू के परिजन बेटी को जिंदा देख उसे शाजापुर जिला अस्पताल ले गए। शुरुआती इलाजके बाद डॉक्टरों ने नवजात को इंदौर के एमवाय अस्पताल भेज दिया। यहां जिंदगी और मौत से जूझ रही मासूम ने इलाज के दौरान 14 फरवरी को दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक, यहां परिजन ने डॉक्टरों के सामने डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग की झूठी कहानी डॉक्टरों को बताई थी।
सख्ती से पूछताछ की तो टूट गई मंजू
शनिवार सुबह ही पुलिस ने मंजू और उसके पति समेत 4 रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया था। थाने ले जाकर सख्ती से पूछताछ की तो मंजू टूट गई। उसने कहा कि बेटा नहीं होने पर उसने वारदात को अंजाम दिया। मंजूको एक बेटी पहले से है। इसके बाद एक बार गर्भपात हो गया।
यह था मामला
मंजू ने 12 फरवरी की रात 12.25 बजे अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया था। ब्लीडिंग होने पर डॉक्टरों ने उसे शाजापुर रैफर कर दिया। 13 फरवरी की सुबह 10 बजे परिजन ने अधूरा इलाज कराकर मंजू की छुट्टी करा ली। इसके बाद 13 फरवरी की दोपहर 3.30 बजे वापस अस्पताल आए। इस दौरान नवजात पूरी तरह घायल थी।
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