
फिरोजपुर (कपिल सेठी). पंजाब के फिरोजपुर के पूर्व फौजी केपरिवार के लिए शुक्रवार का दिन बेहद मुश्किल भरा रहा। मां समेत पूरे परिवार ने22 साल के बेटे के अंतिम दर्शन वीडियो कॉल के जरिए अंतिम संस्कार का हिस्सा बने। दरअसल, फिरोजपुर जिले के मुदकी का रहने वाला 35 साल का सुखजीत सिंह दोधी 22 महीने पहले मनीला गया था।5 फरवरी को अज्ञात लोगों ने उसेगोलीमार दी। 7 दिन इलाज के बाद 12 फरवरी को उसकी मौत गई। परिवार के पास पैसा नहीं था कि वेशव को भारत ला पाते, इसलिए वहीं पर अंतिम संस्कार किया गया।
सुखजीत सिंह का पूरा परिवार और रिश्तेदारशुक्रवार को उसके घर पर इकट्ठाहुएऔर वीडियो कॉल के जरिए अंतिम संस्कार का हिस्सा बने। सभी की आंखें नम थी। बेसुध सी मां बार-बार कह रही थी कि बेटे को एक बार अच्छे से देख लेने दो,उसे छू लेने दो।
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं
परिवार के सदस्य ने बताया कि सुखजीत के दोस्तों ने उसके इलाज के दौरान देखभाल की और खर्च उठाया। शव को भारत लाने में खर्च ज्यादा था,इसलिए मनीला में हीअंतिम संस्कार करने का फैसला किया। सुखजीत केपिता नछतर सिंह(60) पूर्व फौजी हैं। वे1992 में फौज से रिटायर हुए थे। परिवार के पास कुल पौने दो एकड़ जमीन है, जिस पर खेती कर उनके घर का गुजारा चलता है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से उन्होंनेमनीला जाने का निर्णय लिया।
फाइनेंस कंपनी में रिकवरी का काम करता था
सुखजीत 29 अप्रैल 2018 को फिलीपींसगया था। वहां एक फाइनेंस कंपनी में रिकवरी का काम करता था। पिता ने बताया, ‘‘सुखजीत के दोस्तों ने किसी भी तरह से उसके इलाज में कमी नहीं छोड़ी, मगर वह बच नहीं पाया। उसके दोस्त बेटे का शव भेजना चाहते थे,मगर मैंने मना कर दिया। उन लोगों ने पहले ही काफी पैसा खर्च कर दिया था। मैं नहीं चाहता था कि उन पर और बोझ पड़े।जब सुखजीत मनीला गया था, तब भी पूरा खर्च दोस्तों ने ही किया था। मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इतना पैसा कहां से लाता।’’
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