
बीजिंग/नई दिल्ली/जेनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को नोवेल कोरोनावायरस का नया आधिकारिक नाम ‘कोविड-19’ रखा। को- कोरोना, वि- वायरस और डी का मतलब डिजीज है। चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत में मंगलवार को 94 लोगों की मौतों का आंकड़ा दर्ज किया गया। अब तक 1113 लोगों ने जान गंवाई है। जबकि 44,200 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है।चीन के हेल्थ कमिशन ने मंगलवार को बताया कि हुबेई में एक दिन में 1638 नए मामले दर्ज किए गए।
जेनेवा में 400 वैज्ञानिक कोरोनावायरस से निपटने और उसके संभावित टीके को कैसे इस्तेमाल करें, इस पर विचार के लिए जमा हुए। दो दिन के इस कांफ्रेंस में वायरस से बचाव के उपायों की समीक्षा की जा रही है।डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहोनम गेब्रेसिएसस ने प्रेस ब्रिफिंग में कहा-डब्ल्यूएचओ, ओआईई एनिमल हेल्थ और एफएओ के बीच सहमत दिशानिर्देशों के तहत हमें एक ऐसा नाम ढूंढना था, जो किसी भौगोलिक स्थान, एक जानवर, एक व्यक्ति या लोगों के समूह का उल्लेख न करेऔर बीमारी से संबंधित हो।
जेनेवा में कोरोनावायरस मामले को लेकर दो दिनों तक वैज्ञानिकों की बैठक होने वाली है।इस दौरान वैज्ञानिक वायरस के फैलने और इसका संभावित टीका विकसित करने को लेकर विचार करेंगे। टेड्रोस ने कहा- ‘‘चीन में वायरस के 99% मामले सामने आए हैं। यह वहां के लिए आपदा बना हुआ है,लेकिन दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए भी यह बेहद गंभीर खतरा है। सबसे ज्यादा जरूरी वायरस को फैलने से रोकना है।’’विशेषज्ञों ने कहा- 2003 में सार्स के प्रकोप के बाद वायरस के किसी भी सतह पर जिंदा रहने की अवधि का पता लगाने के लिए बहुत सारे शोध किए गए हैं। कोरोना सार्स फैमिली का ही वायरस है।
ब्रिटेश वैज्ञानिकों का टीका विकसित करने का दावा
ब्रिटेश वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस से बचाव का टीका विकसित करने का दावा किया है। उन्होंने जानवरों पर इसका परीक्षण शुरू कर दिया है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने बताया कि उनका लक्ष्य प्रभावी और सुरक्षित दवा विकसित करना है। इसे हम चूहों पर आजमा रहे हैं।
वुहान से बाहर इलाज नहीं करा सकेंगे लोग
चीन के वुहान शहर में सरकार ने प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है। वहां बुखार पीड़ितों ले कहा गया है कि वह शहर से बाहर दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए न जाएं। हुबेई प्रांत में सरकार ने महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रहे दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है।
मैसुरू में पढ़ रहे 18 चीनी छात्रों ने लौटने से मना किया
कर्नाटक की मैसुरू यूनिवर्सिटी ने बताया कि यहां पढ़ रहे चीन के 18 छात्रों ने वापस आने से मना कर दिया है। इन छात्रों मे कहा कि कोरोनावायरस से फैली दहशत के चलते वह एहतियातन अपनी छुट्टी से भारत नहीं आना चाहते। यहां कुल 120 छात्र पढ़ते हैं। उधर, केरल के त्रिशूर में भर्ती देश की पहली पीड़ित संक्रमण से मुक्त हो गई है। इस बीच, दुबई में एक भारतीय कोरोनावायरस का शिकार हो गया है।
चीन में 30 से ज्यादा शहर लॉकडाउन
जापान के योकोहामा पोर्ट पर फंसे डायमंड प्रिंसेज शिप पर संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 174 हो गया है। मंगलवार को 39 लोगोंमेंसंक्रमण का मामला दर्ज किया गया। जहाज पर करीब 3700 लोग फंसे हुए हैं, जिसमें लगभग 160 भारतीय भी हैं। सबसे पहले कोरोनावायरस का मामला 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान शहर में सामने आया था। देश के 30 से ज्यादा शहरों के 6 करोड़ से ज्यादा लोग अपने घरों में कैद है।
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