
वॉशिंगटन. भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति इलिनॉय प्रांत से डेमोक्रैटिक पार्टी का प्राइमरी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 80 प्रतिशत वोट हासिल किए। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए अब उनकी उम्मीदवारी तयहै। कृष्णमूर्ति के निकटतम प्रतिद्वंद्वी विलियम ओल्सन महज 13 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सके। जीत के बाद अपने समर्थकों को भेजे ईमेल में उन्होंने कहा, ‘‘ दोबारा चुनाव जीतने पर मैं आप लोगों के मुद्दे कांग्रेस(संसद)में उठाऊंगा। अभी हम कोरोनावायरस महामारी से लड़ रहे हैं। मैं आपको और सभी अमेरकियों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ भी करूंगा। यह लक्ष्य मेरी पहली प्राथमिकता होगी।’’
प्राइमरी में जीत के बाद अब कृष्णमूर्ति लगातार तीसरी बार संसदीय चुनाव लड़ेंगे। इस बीच 17 मार्च को होने वाला रिपब्लिक पार्टी का चुनाव कोरोनावायरस को देखते हुए रद्द कर दिया गया।
कृष्णमूर्ति भारत-अमेरिका संबंधों के हिमायती
कृष्णमूर्ति अमेरिकी संसद की पर्मानेंट सिलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के सदस्य हैं। पिछले साल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ लाए गए महाभियोग के दौरान उन्होंने पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा था। इससे अमेरिकी संसद में उनकी एक अलग पहचान बनी। वे इकोनॉमिक एंड कंज्यूमर पॉलिसी सब-कमेटी के चेयरमैन भी हैं। कृष्णमूर्ति भारत और अमेरिका के संबंधों के हिमायती हैं। अक्सर विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर होने वाली चर्चाओं में शामिल होते हैं।
कृष्णमूर्ति बराक ओबामा के सलाहकार रह चुके हैं
राजा कृष्णमूर्ति का जन्म 19 जुलाई 1973 को नई दिल्ली में हुआ था। वे महज तीन महीने के थे जब उनके माता-पिता अमेरिका आकर बस गए। राजा कृष्णमूर्ति 2004 और 2008 के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपतिबराक ओबामा के सलाहकार थे। कृष्णमूर्तिपेशे से वकील और इंजीनियर हैं। इलिनॉय में भारतवंशी-अमेरकियों की आबादी अच्छी खासी है। 2016 में हुए कांग्रेसनल चुनाव में कृष्णमूर्ति को 57 प्रतिशत वोट मिले थे । उनके प्रतिद्वंद्वी सीनेटर नूलैंड को 29 और देब बुलविंकेल को 13 प्रतिशत वोट मिले थे।
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