
भोपाल. मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को आज फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। सीएम हाउस में सुबह से किसी का आना-जाना नहीं है। दिग्विजय सिंह देर रात बेंगलुरु से लौटे। सुबह वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे। कहा- जो भी निर्णय होगा, वो विधायक दल की बैठक में होगा। मीडिया के सामने सारी बात रखी जाएगी।
वहीं, शुक्रवार दोपहर तक सरकार बचेगी या नहीं, यह विधानसभा में तय हो जाएगा। सदन दोपहर 2 बजे से बैठेगी। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ऐसी संभावना है कि मुख्यमंत्री इसी दौरान बड़ा ऐलान कर देंगे। इससे पहले गुरुवार देर रात स्पीकर के घर अफसर बैठे, मुख्यमंत्री से बात की। मध्यरात्रि 12 बजे कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने मंजूर कर लिए। इधर, देर रात ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीजीपी को पत्र लिखकर विधायकों की सुरक्षा की मांग की।
बसपा-सपा विधायकों पर संशय, शेरा की लाइन तय नहीं
सदन में फ्लोर टेस्ट के वक्त बसपा के दो विधायक रामबाई, संजीव कुशवाहा और सपा विधायक राजेश शुक्ला के मौजूद रहने पर संशय है। तीनों 16 मार्च को भी सदन में नहीं थे। रामबाई के पति का कहना है कि हम किसी को वोट नहीं करेंगे। संजीव का कहना है कि सुबह तय करूंगा। चार निर्दलीय विधायकों में से सुरेंद्र सिंह शेरा का कहना है कि किसे वोट देना है, ये तय नहीं किया है। एक अन्य निर्दलीय सुसनेर विधायक विक्रम सिंह राणा ने कहा है कि वे कमलनाथ को वोट करेंगे। निर्दलीय विधायक केदार डावर सरकार के पक्ष में है।
अपडेट्स
11.00 AM: सीएम हाउस में कांग्रेस विधायक की बैठक
10.25 AM: दिग्विजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे।
09.30 AM: डीजीपी और मुख्य सचिव सीएम से मुलाकात के लिए पहुंचे।
तीन सवाल जिनके जवाब फैसले में मिले
1. बहुमत किसका...दोनों दलों ने व्हिप जारी किया है। जो नहीं आएंगे, उन विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग रोकने कोर्ट ने सदन में फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया। हाथ उठाकर मतदान होगा, जिससे बहुमत या अल्पमत सिद्ध हो जाएगा।
2.इस्तीफे का क्या...अगर आपने (स्पीकर) इस्तीफा नामंजूर किया, फिर विधायक व्हिप से बंध जाएंगे। अगर उन्होंने पालन नहीं किया तो आप फिर भी उन्हें अयोग्य करार दे सकते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। - जस्टिस चंद्रचूड़
3. गवर्नर बनाम स्पीकर...गवर्नर ने मप्र सरकार और स्पीकर को कहा था कि फ्लोर टेस्ट कराएं। विधायकों की वोटिंग हो। स्पीकर ने इसे नहीं माना, सदन स्थगित कर दी। अब कोर्ट ने फैसले में गवर्नर के आदेश को ही तवज्जो दी।
इनके बयानों में सत्ता का भरोसा...
बहुमत में हैं, साबित करेंगे
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व इसके हर पहलू का हम अध्ययन करेंगे, उसके अाधार पर निर्णय लेंगे। हम बहुमत में हैं और इसे सदन में साबित कर देंगे। मैं मुख्यमंत्री हूं, जो विधायक नाराज हैं, वो लौटकर आएं, हम उन्हें पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
अन्याय की पराजय हुई
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश की जनता को अन्याय और अत्याचार से मुक्ति मिलेगी। कांग्रेस सरकार ने वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना रखा था। अल्पमत की सरकार तबादले कर रही थी। इसी अन्याय की पराजय हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- बागी विधायकों के इस्तीफे पर विचार के लिएज्यादा वक्त नहीं दे सकते
भाजपा की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने स्पीकर एनपी प्रजापति से पूछा, ‘क्या वे वीडियो लिंक के जरिए बागी विधायकों से बात कर सकते हैं और फिर उनके बारे में फैसला कर सकते हैं?’ इस पर स्पीकर की तरफ से पेश वकील अभिषेक सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- ‘नहीं, ऐसा संभव नहीं है। स्पीकर को मिले विशेषाधिकार को सुप्रीम कोर्ट भी नहीं हटा सकता।’ स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि इतना समय देना सोने की खदान जैसा होगा, इससे हॉर्स ट्रेडिंग बढ़ेगी। फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करती याचिका भाजपा ने दाखिल की थी। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने सुनवाई की।
16 बागियों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद अब ऐसी रहेगी सदन की स्थिति **
- सदन की संख्या- 228
- 22 इस्तीफे स्वीकार होने पर प्रभावी संख्या : 206
- बहुमत के लिए जरूरी : 104
- भाजपा- 106 (नारायण त्रिपाठी)
- कांग्रेस- 92 (त्रिपाठी+7 अन्य= 100)
- अन्य- 07
- बसपा 2 और सपा 1 वोटिंग में हिस्सा नहीं लेते हैं तो कांग्रेस और निर्दलीय मिलाकर : 97
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