
बेंगलुरु. बेंगलुरू के रमादा रिसॉर्ट में ठहरे काग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार कोप्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा के आरोप लगाए। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आरोप लगाए कि कैबिनेट ने सिर्फ छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ रुपए आवंटित किए। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि केवल इस पर चुनाव नहीं जीता जा सकता।जयपुर-भोपाल में ठहराए गए कांग्रेस के विधायकों को खुला छोड़ दिया तो वे भी हमारे पास बेंगलुरु में आ जाएंगे।
मजबूरी में साथ छोड़ा: राजपूत
राजपूत ने यह भी कहा, ‘‘हमें किसी ने यहां बंधक नहीं बनाया है। जिस दिन से बेंगलुरु आए हैं, मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं, इसलिए आज अपनी बात रख रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से हम मजबूर थे, इसलिए हमें सरकार का साथ छोड़ना पड़ा।’’ स्पीकर के द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर राजपूत ने कहा कि हमारी मांग है कि जैसे स्पीकर ने 6 इस्तीफे स्वीकार किए हैं। हमारे भी करें।
सरकार ने वचनपत्र पर अमल नहीं किया: इमरती
विधायक इमरती देवी ने कहा, ‘‘मैं आज जो भी हूं, सिंधिया जी की वजह से हूं। सरकार ने वचनपत्र तैयार किया था, उस पर कोई अमल नहीं हुआ। मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि जब मेरे इलाके में काम ही नहीं हुआ, तो मुझे अब आगे चुनाव नहीं लड़ना।’’
विधायकों का फिटनेस टेस्ट भी हुआ
इससे पहले सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की संभावना के चलते सभी 22 बागी विधायकों का मेडिकल फिटनेस कराया गया है। कोरोना टेस्ट की स्क्रीनिंग के लिए 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम 30 से ज्यादा किट लेकर पहुंची थी। सभी विधायकों का हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर ओर शुगर टेस्ट भी कराया गया। कुछ विधायक ने बेचैनी की शिकायत की थी। डॉक्टरों ने मेडिकल फिट घोषित कर दिया है। कोरोना नेगेटिव पाया गया है। ये सर्टिफिकेट भोपाल पहुंच गए है।
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