
सूरत. पूणा कुंभारिया रोड स्थित सारोली में 18 मंजिला रघुवीर सीलियम टेक्सटाइल मार्केट में मंगलवार तड़के 3.30 बजे भीषण आग लगी। आग से तापमान 660 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा बढ़ गया था। इससे बिल्डिंग में लगा एल्यूमीनियम पिघलकर गिरने लगा। बिल्डिंग के बाहर इस तरह एल्यूमीनियिम का एलिवेशन लगाया गया था कि फायर फाइटर तो छोड़िए पानी भी अंदर नहीं जा पा रहा था। इसकी वजह से लगभग 250 फायर फाइटर 12 घंटे तक आग बुझाने के लिए जूझते रहे। रात 1 बजे तक आग पूरी तरह बुझ नहीं पाई थी।
आग से बिल्डिंग में स्थित दुकानों में रखा करोड़ों रुपए का कपड़ा और अन्य सामान खाक हो गया। आग पर काबू पाने के लिए शहर के सभी फायर स्टेशनों के साथ बारडोली, पलसाना, कामरेज, नवसारी, सचिन जीआईडीसी और हजीरा के एलएनटी, रिलायंस, ओएनजीसी, क्रिफ़्को जैसी कंपनियों से भी दमकलकर्मी और फायर इंजन लगे हुए थे। लगभग 100 इंजन और 128 पानी के ट्रैंकर लगे। हर फायर इंजन तीन से चार बार चक्कर लगा रही थी। इस तरह लगभग 400 गाड़ियां आग बुझाने में लगी। फायर ब्रिगेड के 250 फायर कर्मियों के साथ सीआईएसएफ, एनडीआरएफ (वड़ोदरा से), मनपा के 130 मार्शल और पुलिस दल सहित 500 से अधिक कर्मी आग पर काबू करने में लगे थे। 3 हाईड्रोलिक मशीन 2 बूम वाटर ब्राउजर मशीन 1 टीटीएल और 55 फायर फाइटर गाड़ियां लगी। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
15 दिन पहले भी इसी मार्केट में लगी थी आग, सील करेंगे
8 जनवरी को भी इसी मार्केट में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। मनपा ने बीयूसी रद्द कर दी है। इमारत सील की जाएगी। आग मंगलवार तड़के लगभग 3.30 बजे लगी। 4 बजे फायर ब्रिगेड पहुंची। आग लगने से एसी कम्प्रेशर में ब्लास्ट हो रहा था। इसके अलावा वायरिंग, फर्नीचर, फायबर आदि से भी आग तेजी से भड़की। इस मार्केट को सूडा ने 10 जून 2016 को मंजूरी दी थी।
इसलिए आग हुई बेकाबू
14 मंजिल की रघुवीर मार्केट ए बी और सी विंग में हैं। फ्रंट यानी ए विंग में आग लगी। यह विंग का बाहरी स्ट्रक्चर एल्युमिनियम और फायबर के एलिवेशन लगे हैं, जिससे पानी आग तक पहुंच ही नहीं रहा था। ऐसे में 80 से 90 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा था। पहली विंग में लगी आग दूसरी और तीसरी विंग तक फैल गई। आग इतनी भीषण थी कि फायर कर्मी इमारत के भीतर नहीं जा पा रहे थे। 8 से 10 बार बुझाने पर दोबारा अाग भड़क उठती थी। पूणा-कुंभारियां रोड बंद कर दिया गया था। बिजली विभाग ने इलाके की करंट सप्लाई बंद कर दिया था। आसपास के घरों से लोगों को बाहर निकाल दिया गया था।
करोड़ों का माल जलने से रो पड़े व्यापारी
करोड़ों का माल जलते हुए व्यापारी देखते रहे। कुछ व्यापारियों की आंखों से आंसू निकल रहे थे। कपड़ा व्यापारी चंदू भाई उत्तमानी की सांतवीं मंजिल पर 22 दुकानें हैं। शादियों की सीजन के चलते गोदाम भरा पड़ा था। सूरत शॉप ब्रोकर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि जिन व्यापारियों की दुकान में आग लगी है उनके लिए आसपास के मार्केट में निशुल्क दुकान देंगे।
70% दुकानें खाली थीं
भीषण आग से 300 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हालांकि नुकसान का कोई ऑफिशियल आंकड़ा दमकल विभाग ने नहीं बताया। इस मार्केट में 2000 वर्गफीट की करीब 500 दुकान और गोदाम हैं। इनमें से 70% खाली है। 150 से अधिक दुकानों में आग लगी थी। सबसे पहले मार्केट के अंदर प्रवेश करने वाले मार्शल जिग्नेश मकवाना ने बताया कि अंदर धुआं और आंच इतनी ज्यादा थी कि कुछ नजर नहीं आया, इसलिए बाहर आना पड़ा। अंदर जाना बहुत मुश्किल था।
मनपा बोली- यह इमारत सूडा की हद में, हमने फायर एनओसी नहीं दिया था
मनपा के फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के प्रमुख एनवी उपाध्याय ने कहा कि यह सूरत अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (सूडा) की हद का मामला है। हमारे यहां से इस इमारत का फायर एनओसी जारी नहीं किया गया था। इस बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की वजह से फायर फाइटरों को भीतर जाने में बहुत मुश्किल हुई। अगर इसे फायर एनओसी दिया गया होता तो इन सब बातों का पहले ही ध्यान रखा जाता।
सुडा बोली: रघुवीर मार्केट की इमारत प्लान के मुताबिक ही बनाई गई थी
सूडा के सीईओ चंद्रकांत नेमा ने बताया कि रघुवीर मार्केट की इमारत प्लान के मुताबिक ही बनाई गई थी। बिल्डिंग में अतिरिक्त निर्माण नहीं किया गया था। अब इसका बीयूसी रद्द कर दिया गया है। फायर एनओसी रिन्यू भी नहीं कराया था। मनपा आयुक्त बीएन पाणी ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर डॉ. धवल पटेल ने इस घटना की जानकारी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को दी।
असर: आसपास के मार्केट का काम भी दिनभर ठप रहा, व्यापारी आग देखते रहे
रघुवीर सिलियम कपड़ा मार्केट में आग से आसपास के मार्केट का काम भी प्रभावित हुआ। रघुवीर प्लेटिनम और कुबेरजी सहित कई मार्केट से लाखों लीटर पानी सप्लाई किया गया।
खतरा: रघुवीर प्लेटिनम का यही डिजाइन आग लगी तो बुझाने तक की जगह नहीं
रघुवीर सेलियम इमारते के ठीक सामने रघुवीर प्लेटिनम मार्केट भी बनाया गया है। इस मार्केट का भी डिजाइन इसी तरह का है। अगर आग लग जाए तो फायर फायटर के लिए अंदर फंसे किसी व्यक्ति को बाहर निकलना मुश्किल होगा।
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