
लंदन. यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) से बाहर होने के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जॉनसन ने डील पर हस्ताक्षर के दौरान कहा कि देश के लिए यह शानदार पल है। 2016 के जनमत संग्रह का नतीजा आखिरकार लागू होने वाला है। उम्मीद है कि इससे दोनों (यूके और ईयू) के बीच सालों से हो रही बहस और अलगाव में कमी आएगी। माना जा रहा है कि यूके की ईयू से बाहर होने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। समझौते के बाद जॉनसन सरकार 31 जनवरी तक ब्रेग्जिट डील पूरी कर सकती है।
एक दिन पहले ही यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने भी यूके को बाहर करने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। अब 29 जनवरी को ब्रिटिश संसद में यूरोप से बाहर होने के समझौतों पर चर्चा और वोटिंग होगी। यूरोप की संसद में भी इसी दिन यूके को बाहर करने पर वोटिंग होगी, हालांकि यह सिर्फ प्रतीकात्मक रहेगी। यूरोप के ज्यादातर नेता यूके को ईयू से बाहर करने के फैसले पर हामी भर चुके हैं।
Today I have signed the Withdrawal Agreement for the UK to leave the EU on January 31st, honouring the democratic mandate of the British people.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) January 24, 2020
This signature heralds a new chapter in our nation’s history. pic.twitter.com/IaGTeeL2is
ब्रेग्जिट में अब आगे क्या?
31 जनवरी के बाद 11 महीने का ट्रांजिशन पीरियड रखा गया है। इस दौरान ब्रिटेन यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं रहेगा, पर उसके नियमों का पालन करेगा और बजट में योगदान देगा। ट्रांजिशन पीरियड इसलिए रखा गया है ताकि ब्रिटेन और ईयू व्यापार समझौते समेत भविष्य में संबंधों पर बात कर सकें। ट्रांजिशन पीरियड 1 फरवरी से शुरू हो जाएगा।
यूके को ईयू से बाहर होने का भारीनुकसान
ब्रेग्जिट से ब्रिटिश इकोनॉमी को 2016 से 2020 तक 18.9 लाख करोड़ का नुकसान संभव है। फिलहाल यह 12 लाख करोड़ रु. है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक हाल के वर्षों में वैश्विक वृद्धि कमजोर रही है, पर ब्रिटेन ज्यादा ही पिछड़ गया है। इसकी सालाना ग्रोथ रेट 2% से घटकर 1% रह गई है।
यूरोपियन यूनियन ने ब्रिटेन को ट्रेन से भेजे ब्रेग्जिट के दस्तावेज
बेल्जियम के ब्रसेल्स में समझौते पर हस्ताक्षर के बाद यूरोपियन यूनियन से ब्रेग्जिट के दस्तावेज ट्रेन के जरिए भेजे गए। ट्रेन शुक्रवार को ही लंदन पहुंची, जहां से डील के दस्तावेज जॉनसन तक पहुंचाए गए। इस मौके पर बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री और ईयू समिट की अध्यक्षता करने वाले चार्ल्स मिशेल ने कहा कि यूके के बाहर होने से हमारे रिश्ते बदलेंगे, लेकिन हमारी दोस्ती कायम रहेगी। हम जल्द नए सहयोगी और मित्र राष्ट्र की तरह साथ काम करेंगे।
3 साल पहले यूके ने किया था ईयू से अलग होने का फैसला
यूके ने जून 2016 में यूरोपियन यूनियन से अलग होने का फैसला किया था। ऐतिहासिक रेफरेंडम में ब्रिटेन की जनता ने 28 देशों के यूरोपियन यूनियन से अलग होने का फैसला किया। इसके बाद ईयू ने यूके को अलग होने के लिए 31 मार्च 2018 तक का समय दिया। हालांकि, तब ब्रिटिश सांसदों ने यूरोप से बाहर होने की सरकार की शर्तों को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद ईयू ने ब्रेग्जिट की तारीख को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया। हालांकि, संसद ने इस बार भी सरकार की शर्तेंनामंजूर कर दीं और ब्रेग्जिट की तारीख 31 जनवरी कर दी गई।
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