
गांधीनगर. पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि नागरिकता कानून (सीएएए) के मु्द्दे पर लोग जजों पर विश्वास रखें। उन्होंने सोमवार को गुजरातनेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सीएए का मुद्दा देश के सामने है। इसका संवैधानिक रास्ते से समाधान होना चाहिए। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है। मैं यही कहना चाहूंगा कि आप अपने जजों पर भरोसा रखें। जस्टिस गोगोई ने कहा कि नागरिकों का मौलिक कर्तव्य है कि वे देश की एकता और अखंडता का सम्मान करें।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं छात्रों से अपील करता हूं कि वे न्यायपालिका के बारे में सोचे। जब तक न्यायपालिका आजाद और निर्भीक है, हमारा देश आगे बढ़ता रहेगा।’’
‘मैंने अपने राज्य में पांच दिनों तक सीएए का विरोध देखा’
जस्टिस गोगोई ने कहा कि सीएए का विरोध मेरे राज्य असम से शुरू हुआ। जब मैं रिटायर होकर गुवाहाटी पहुंचा, वहां पांच दिनों तक इसका विरोध देखा। इसका नेतृत्व छात्र संगठन कर रहे थे। पांचवे दिन शाम पांच बजे उन्होंने प्रदर्शन रोकने की घोषणा की। छठे दिन के बाद कोई हिंसा नहीं हुई। मैं देश में छात्र संगठनों की और ओर से रचनात्मक भूमिका निभाने की उम्मीद करता हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएए पर सरकार से जवाब मांगा है
अब तक सुप्रीम कोर्ट में सीएएको लेकर 143 याचिका दायर हो चुकी हैं। कोर्ट ने 22 जनवरी को सरकार से सभी याचिकाओं पर जवाब मांगा था। अटॉर्नी जनरल ने इसके लिए कोर्ट से 6 हफ्ते का समय मांगा था। सीएए के विरोध वाली याचिकाओं पर सरकार का जवाब मिलने के बाद ही कोई अंतरिम आदेश जारी होगा। अब सीएए की संवैधानिकता पर 5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी। याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और केरल सरकार शामिल हैं।
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