
भोपाल. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आज फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है। इस पर आखिरी फैसला विधानसभा अध्यक्ष एनपी. प्रजापति को लेना है। 11 से 15 मार्च तक जयपुर में ठहरे विधायक रविवार को भोपाल लौटे। इन्हें होटल मैरियट में ठहराया गया है। सोमवार सुबह करीब 9 बजे तक यह होटल में ही मौजूद थे। बाहर बस खड़ी है। इसी बस से विधायकों को विधानसभा ले जाने की संभावना है। होटल के बाहर से रिसेप्शन काउंटर पुलिस तैनात है।
होटल में जाने के लिए पहचान पत्र जरूरी
होटल मैरियट के बाहर और अंदर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। रविवार सुबह विधायकों के जयपुर से भोपाल लौटने के बाद ही यहां सख्त सुरक्षा इंतजाम हैं। पुलिस की तैनाती है। सोमवार सुबह यह पहले से ज्यादा कड़ी कर दी गई। किसी भी अनजान शख्स को होटल के अंदर जाने की इजाजत नहीं है। सिर्फ उन्हीं लोगों को प्रवेश की अनुमति है, जिनके पास पहचान पत्र हैं।
कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का उल्लेख ही नहीं
फ्लोर टेस्ट को लेकर सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। उल्टा, रविवार को विधानसभा की कार्यसूची जारी होने के बाद सियासी हलचल बढ़ गई। कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर राज्यपाल नाराज हैं। कार्यसूची जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को खत लिखा। इसमें कहा गया था कि विश्वास मत के दौरान मतों का विभाजन हाथ उठाकर किया जाए। कमलनाथ और टंडन की राजभवन में मुलाकात भी हुई। बाहर निकलने पर कमलनाथ ने कहा, “ फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर एनपी प्रजापति लेंगे। मैंने राज्यपाल को बता दिया है कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, पर पहले बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा किया जाए। दूसरी तरफ, हरियाणा में ठहरे भाजपा के 100 से ज्यादा विधायक रविवार देर रात 2 बजे भोपाल लौट आए हैं।
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