Tuesday, April 14, 2020

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टारा पार्कर पोप. कोरोनावायरस से पूरी दुनिया में अब तक 1.20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए सीडीसी (सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल) और डबल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) पहले दिन से ही लोगों को हर दो घंटे में हाथ धुलने और बेवजह नाक, आंख, कान को छूने से मना कर रहे हैं। लेकिन हैरीनी की बात है कि लोग अभी भी आदतन हर घंटे में 23 बार अपने चेहरे के विभिन्न अंगों (आंख, कान, नाक, गाल, माथा, ठुड्‌डी) को छू रहे हैं। इस बात का खुलासा अमेरिका की डॉ. नैन्सी सी. एल्डर, डॉ. विलियम पी. सॉयर और ऑस्ट्रेलिया की डॉ. मैक्लाव्स ने अपने अध्ययन के आधार पर किया है। तीनों ही डॉक्टर फेस टचिंग पर स्टडी कर रही हैं। इन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष बातचीत में बताया कि कोरोना से बचना है तो लोगों को बेवजह चेहरे छूने की आदत को छोड़ना होगा।

1- आंख, कान और नाक को छूना गंदी आदत है, आसानी से नहीं छूटेगी
पोर्टलैंड स्थित ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी में फेमिली मेडिसन की प्रोफेसर डॉ. नैन्सी सी एल्डर कहती हैं कि आंख, कान और नाक को छूना लोगों की गंदी आदत है। आंखों को मलना, नाक खुजाना, गाल और ठुड्‌डी पर उंगलियां फेरना यह सामान्य है। डॉ. नैन्सी ने अपने क्लीनिक स्टाफ के 79 लोगों को टॉस्क देकर एक कमरे में दो घंटे के लिए छोड़ दिया। निगरानी में यह पाया गया कि सभी ने 1 घंटे के भीतर ही अपने चेहरे के विभिन्न अंगोंे को 19 बार टच किया। नैन्सी के अनुसार कोरोना वायरस से हमारे श्वसन प्रणाली (रेस्पिरेट्री सिस्टम) में आंख, कान और नाक के माध्यम से ही प्रवेश करता है, इसलिए लोगों को चेहरे छूने की आदत को त्यागना ही होगा।


2- लोग पब्लिक प्लेस पर भी ध्यान नहीं देते और चेहरे को छूते रहते हैं
ओहियो के शेरोनविले में फेमिली फिजीसियन और Henrythehand.com के संस्थापक डॉ. विलियम पी. सायर लोगों को हाथ सैनेटाइज करने और बेवजह चेहरे के ‘टी जोन’ (माथा, आंख, नाक और ठुड्‌डी) न छूने के प्रति जागरूक कार्यक्रम चलाते हैं। उनके कार्यक्रम में बड़े से लेकर बच्चे शामिल होते हैं। वे कहते हैं, ‘हर कोई अपने चेहरे को छूता है और इसे छोड़ना एक कठिन आदत है। मैं ऑब्जर्व करता हूं कि लोग इस कोरोना जैसी महामारी में भी पब्लिक प्लेस जैसे लिफ्ट, बस, ट्रेन, मेट्रो, कैब आदि जगहों पर भी अपने चेहरे के टी जोन को बेवजह छूते रहते हैं। यदि आप अपने चेहरे के श्लेष्म झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) को कभी नहीं छूते हैं, तो आपकी सांस के संक्रमण या फिर इससे संबंधित बीमारी से ग्रसित होने की संभावना कम रहती है।’


3- कई लोग तो एक मिनट में ही 12 बार चेहरे को छू लेते हैं
सिडनी स्थित साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में महामारी और संक्रमण विषय की प्रोफेसर और 2015 में ‘फेस टचिंग’ नामक विषय पर स्टडी रिपोर्ट तैयार करने वाली डॉ. मैरी-लुईस मैक्लाव्स कहती हैं कि ‘मेरी रिपोर्ट कोरोना के इस दौर में प्रासंगिक हो गई है। मैंने यह रिपोर्ट अपने 26 स्टूडेंट्स के आधार पर बनाई थी, जिसमें हर एक घंटे के दौरान लोग औसतन 23 बार अपने चेहरे को स्पर्श करते हैं। मैं कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में दुनिया के कई हिस्सों में जाती रहती हूं। अक्सर देखती हूं कि लोग एक मिनट के भीतर ही दर्जन बार अपनी आंख, नाक, कान और माथे को बेपरवाह तरीके से स्पर्श कर लते हैं। आंखें रगड़ना, नाक खुजलाना, ठुड्‌डी के बल टेक लगाना यह बहुत कॉमन आदत है, लेकिन इसे कोरोना जैसी महामारी के चलते त्यागना ही होगा।’



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If you want to avoid corona then stop touching the face, even after 1.25 lakh deaths worldwide, people are still touching the face 23 times every hour, coronavirus-spread-transmission-face-touching-hand


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